<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को इस साल 80 नए विशेषज्ञ डॉक्टर मिलने जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी. सरकार की ओर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में 400 एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कोर्स करने की अनुमति दी गई थी. अब जैसे-जैसे ये डॉक्टर अपना पीजी कोर्स पूरा करेंगे, उन्हें पर्वपतीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पदों की तुलना में 50 प्रतिशत पद अभी भी खाली हैं. हालांकि, एमबीबीएस डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने 2027 तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के सभी रिक्त पदों को भरने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को पीजी कोर्स के लिए भेजा गया था, ताकि वे विशेषज्ञता प्राप्त कर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहाड़ी जिलों में 80 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती<br /></strong>प्रदेश सरकार का विशेष जोर पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने पर है. पहाड़ी जिलों में डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को इलाज के लिए मैदानी इलाकों में आना पड़ता है. इससे न सिर्फ मरीजों को कठिनाई होती है, बल्कि गंभीर बीमारियों के मामलों में समय पर इलाज नहीं मिलने से कई बार जान का खतरा भी बना रहता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस साल 80 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा. वर्तमान में, कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और जिला अस्पताल विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपलब्धता के कारण रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं. लेकिन अब सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड में 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज <br /></strong>प्रदेश में वर्तमान में पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जो देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और हरिद्वार में स्थित हैं. इन मेडिकल कॉलेजों में हर साल एमबीबीएस की कुल 650 सीटें उपलब्ध हैं. हालांकि, एमबीबीएस डॉक्टर बनने के बाद कई चिकित्सक या तो सरकारी नौकरी में नहीं आते या फिर पीजी करने के लिए अन्य राज्यों में चले जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया कि जो भी एमबीबीएस डॉक्टर पीजी करेंगे, उन्हें राज्य में सेवाएं देनी होंगी. अब 400 एमबीबीएस डॉक्टर पीजी कर रहे हैं, जिनमें से 80 डॉक्टर इस साल विशेषज्ञ बनकर लौटेंगे. इन्हें सीधे पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, ताकि ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों के मरीजों को भी विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकें</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/dVLqiu–BJc?si=a8xLICkqP1l06u36″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीजी करने वाले डॉक्टरों को राज्य में सेवाएं देनी होंगी<br /></strong>स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार 2027 तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के सभी रिक्त पदों को भरने की कार्य योजना पर काम कर रही है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने, नए मेडिकल कॉलेज खोलने और डॉक्टरों को राज्य में सेवाएं देने के लिए प्रोत्साहित करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने पहले ही पीजी करने वाले डॉक्टरों के लिए अनिवार्य सेवा बंधन लागू किया है, जिसके तहत वे राज्य में अपनी सेवाएं देंगे. इसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को विशेष भत्ते देने की योजना भी बनाई जा रही है, ताकि वे लंबे समय तक इन इलाकों में सेवा देने के लिए प्रेरित हो सकें. प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होने से स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार होने की उम्मीद है. खासकर पहाड़ी जिलों में मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिलेगा और उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर करने की जरूरत कम पड़ेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार का महत्वपूर्ण कदम<br /></strong>राज्य सरकार का मानना है कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है तो विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ानी होगी. इसी दिशा में कदम उठाते हुए 400 एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी की अनुमति दी गई थी, जिनमें से पहले 80 डॉक्टर इस साल सेवाएं देने के लिए तैयार हो जाएंगे. सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ आमजन को राहत देने वाला साबित होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-public-holiday-on-mahashivratri-2025-school-government-offices-closed-2891830″>UP Public Holiday: यूपी में महाशिवरात्रि पर छुट्टी का ऐलान, स्कूल-कॉलेज समेत सभी सरकारी दफ्तर रहेंगे बंद</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को इस साल 80 नए विशेषज्ञ डॉक्टर मिलने जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी. सरकार की ओर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में 400 एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कोर्स करने की अनुमति दी गई थी. अब जैसे-जैसे ये डॉक्टर अपना पीजी कोर्स पूरा करेंगे, उन्हें पर्वपतीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पदों की तुलना में 50 प्रतिशत पद अभी भी खाली हैं. हालांकि, एमबीबीएस डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने 2027 तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के सभी रिक्त पदों को भरने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को पीजी कोर्स के लिए भेजा गया था, ताकि वे विशेषज्ञता प्राप्त कर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहाड़ी जिलों में 80 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती<br /></strong>प्रदेश सरकार का विशेष जोर पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने पर है. पहाड़ी जिलों में डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को इलाज के लिए मैदानी इलाकों में आना पड़ता है. इससे न सिर्फ मरीजों को कठिनाई होती है, बल्कि गंभीर बीमारियों के मामलों में समय पर इलाज नहीं मिलने से कई बार जान का खतरा भी बना रहता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस साल 80 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा. वर्तमान में, कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और जिला अस्पताल विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपलब्धता के कारण रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं. लेकिन अब सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड में 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज <br /></strong>प्रदेश में वर्तमान में पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जो देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और हरिद्वार में स्थित हैं. इन मेडिकल कॉलेजों में हर साल एमबीबीएस की कुल 650 सीटें उपलब्ध हैं. हालांकि, एमबीबीएस डॉक्टर बनने के बाद कई चिकित्सक या तो सरकारी नौकरी में नहीं आते या फिर पीजी करने के लिए अन्य राज्यों में चले जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया कि जो भी एमबीबीएस डॉक्टर पीजी करेंगे, उन्हें राज्य में सेवाएं देनी होंगी. अब 400 एमबीबीएस डॉक्टर पीजी कर रहे हैं, जिनमें से 80 डॉक्टर इस साल विशेषज्ञ बनकर लौटेंगे. इन्हें सीधे पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, ताकि ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों के मरीजों को भी विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकें</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/dVLqiu–BJc?si=a8xLICkqP1l06u36″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीजी करने वाले डॉक्टरों को राज्य में सेवाएं देनी होंगी<br /></strong>स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार 2027 तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के सभी रिक्त पदों को भरने की कार्य योजना पर काम कर रही है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने, नए मेडिकल कॉलेज खोलने और डॉक्टरों को राज्य में सेवाएं देने के लिए प्रोत्साहित करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने पहले ही पीजी करने वाले डॉक्टरों के लिए अनिवार्य सेवा बंधन लागू किया है, जिसके तहत वे राज्य में अपनी सेवाएं देंगे. इसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को विशेष भत्ते देने की योजना भी बनाई जा रही है, ताकि वे लंबे समय तक इन इलाकों में सेवा देने के लिए प्रेरित हो सकें. प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होने से स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार होने की उम्मीद है. खासकर पहाड़ी जिलों में मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिलेगा और उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर करने की जरूरत कम पड़ेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार का महत्वपूर्ण कदम<br /></strong>राज्य सरकार का मानना है कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है तो विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ानी होगी. इसी दिशा में कदम उठाते हुए 400 एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी की अनुमति दी गई थी, जिनमें से पहले 80 डॉक्टर इस साल सेवाएं देने के लिए तैयार हो जाएंगे. सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ आमजन को राहत देने वाला साबित होगा.</p>
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