हिमाचल प्रदेश के ऊना में साइकिल बेकाबू होकर दीवार से टकरा गई। हादसे में 16 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई। जो स्कूल से घर जा रही थी। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। हादसा अजनोली गांव में मंगलवार की शाम को हुआ है। मृतक की पहचान 16 वर्षीय छात्रा शीतल गुप्ता के नाम से हुई है। शीतल सीनियर सेकेंडरी स्कूल समूर कला में दसवीं कक्षा की छात्रा थी, शाम के समय साइकिल से घर लौट रही थी। ढलान पर उतरते समय साइकिल नियंत्रित हो गई और दीवार से जा टकराई, जिससे शीतल को गंभीर चोटें आईं। गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन घटना के बाद गंभीर रूप से घायल शीतल को तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के पिता का नाम राजीव गुप्ता हैं। ऊना के एसपी राकेश सिंह के ने घटना की पुष्टि की है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में साइकिल बेकाबू होकर दीवार से टकरा गई। हादसे में 16 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई। जो स्कूल से घर जा रही थी। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। हादसा अजनोली गांव में मंगलवार की शाम को हुआ है। मृतक की पहचान 16 वर्षीय छात्रा शीतल गुप्ता के नाम से हुई है। शीतल सीनियर सेकेंडरी स्कूल समूर कला में दसवीं कक्षा की छात्रा थी, शाम के समय साइकिल से घर लौट रही थी। ढलान पर उतरते समय साइकिल नियंत्रित हो गई और दीवार से जा टकराई, जिससे शीतल को गंभीर चोटें आईं। गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन घटना के बाद गंभीर रूप से घायल शीतल को तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के पिता का नाम राजीव गुप्ता हैं। ऊना के एसपी राकेश सिंह के ने घटना की पुष्टि की है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा में पहली बार लागू होगा नेवा:घर बैठे देखी जा सकेगी सदन की कार्रवाई, गाइडेट टूट योजना होगी शुरु हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के धर्मशाला तपोवन विधानसभा परिसर में जल्द ही विधान भवन की तस्वीर बदलने वाली है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें विधान भवन का गाइडेड टूर शुरू करने की योजना है। इसके तहत लोग टिकट लेकर विधान भवन की खूबियों का दीदार कर सकेंगे। तपोवन विधानसभा परिसर के गलियारों में अब आम लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की भी आसानी से एंट्री हो सकेगी। कॉलेज, विश्वविद्यालय और स्कूलों के विद्यार्थियों को विधानसभा मंडप और दीर्घा का भ्रमण करवाते हुए उसकी कार्य प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। विधानसभा सचिवालय इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजने जा रहा है, जिससे सरकार को आय भी होगी और साफ-सफाई भी बनी रहेगी। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से नेवा लागू तपोवन विधानसभा परिसर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए साल भर ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, युवा संसद के आयोजन, पंचायती राज संस्थाएं और शहरी निकाय भी अपने सम्मेलनों के लिए इसका उपयोग कर सकेंगे। पहली बार आठ करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) का प्रयोग किया जा रहा है। नेवा के माध्यम से सदन के सदस्य संसद और देश की अन्य विधानसभाओं के उत्कृष्ट व्यवहार से सीख सकते हैं और उन्हें अपना सकते हैं। इससे आम आदमी घर बैठे सदन की कार्रवाई देख सकेगा। सदन के कामकाज को कागज रहित बनाने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से नेवा को लागू किया गया है। इसे और सुदृढ़ बनाने के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए के बजट की मांग की गई है। तपोवन परिसर के पास चिन्हित की गई जमीन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि तपोवन परिसर के पास जमीन चिन्हित की गई है, जिस पर हॉस्टल कम होटल का निर्माण किया जाएगा। इससे हर वर्ष विधानसभा सदस्यों, स्टाफ और अधिकारियों को ठहराने पर होने वाले लाखों रुपए के खर्च को बचाया जा सकेगा। सत्र के दौरान यह हॉस्टल विधानसभा द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा और बाकी समय में इसे कॉमर्शियल होटल के रूप में संचालित किया जाएगा।
धर्मशाला में 750 किलोवाट का सोलर प्लांट शुरू:सीएम सुक्खू ने किया उद्घाटन, 1 रुपए प्रति यूनिट सस्ती होगी बिजली
धर्मशाला में 750 किलोवाट का सोलर प्लांट शुरू:सीएम सुक्खू ने किया उद्घाटन, 1 रुपए प्रति यूनिट सस्ती होगी बिजली हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को धर्मशाला में एक महत्वपूर्ण सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। धर्मशाला स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्थापित 750 किलोवाट की यह परियोजना बिजली उपभोक्ताओं को राहत देगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सौर ऊर्जा के विस्तार से प्रदेश में बिजली दरों में प्रति यूनिट एक रुपए की कमी की जाएगी। वहीं 4.74 करोड़ की लागत से निर्मित परियोजना को 8,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित किया गया है। अक्तूबर 2023 में शुरू हुआ यह निर्माण कार्य नवंबर 2024 में पूरा हुआ। यह सोलर प्लांट प्रतिदिन लगभग 2 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा। जिससे मासिक 2.80 लाख रुपए की आय अनुमानित है। 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के साथ हुए समझौते के अनुसार उत्पादित बिजली 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी। इससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को वार्षिक 28 से 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। धर्मशाला में एक दर्जन से अधिक सरकारी भवनों की छतों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जो कार्यालयों के बिजली खर्च को कम करने में मदद कर रहे हैं। यह पर्यावरण अनुकूल परियोजना सालाना 9 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी। राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक योजना पर काम कर रही है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का प्रयास जारी है। हरित ऊर्जा का दोहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सर्वेक्षण और अध्ययन चल रहे कार्य 72 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली सात सौर ऊर्जा परियोजनाएं जल्द ही आवंटित की जाएंगी, जबकि 325 मेगावाट क्षमता वाली आठ परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण और अध्ययन कार्य चल रहे हैं। 200 किलोवाट के ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्लांट लगाकर 200 पंचायतों को ‘ग्रीन पंचायत’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऊना जिले में 32 मेगावाट की पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना 15 अप्रैल 2024 को जनता को समर्पित की गई थी। इस परियोजना से छह महीने में 34.19 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई। जिससे 10.16 करोड़ रुपए की कमाई हुई। हरित ऊर्जा राज्य बनाने का प्रयास जारी ऊना जिले के भंजाल में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना 30 नवंबर 2024 से शुरू की गई और 10 मेगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण शीघ्र ही पूर्ण होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का प्रयास जारी है। हरित ऊर्जा का दोहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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हिमाचल के बिस्मिल्लाह खां सूरजमणि नहीं रहे:AIIMS बिलासपुर में आखिरी सांस ली; क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस बीमारी से जूझ रहे थे मशहूर शहनाई वादक देश में छोटे विस्मिल्ला खां के नाम से मशहूर शहनाई वादक सूरजमणी का देर रात बिलासपुर के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया। 63 साल सूरजमणी ने AIIMS अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस बीमारी से जूझ रहे थे। सूरजमणी मंडी जिले के नाचन क्षेत्र के चच्योट गांव से संबंध रखते थे। सूरजमणि कुछ दिन पहले चंडीगढ़ किसी रिकॉर्डिंग के लिए गए थे, वहां से लौटने के बाद वह बीमारी पड़ गए। इसके बाद उन्हें मंडी के एक अस्पताल में भर्ती किया गया। एक दिन पहले ही उन्हें मंडी से AIIMS बिलासपुर रेफर किया गया। देर रात उनकी माैत हो गई। सूचना के अनुसार, आज ही उनका अंतिम संस्कार चच्योट में पैतृक गांव में किया जाएगा। सूरजमणि के देहांत की खबर से हिमाचल में शोक की लहर दौड़ गई है। सूरजमणी ने बचपन से ही शहनाई वादन शुरू किया। अपनी लगन और मेहनत से आज उन्होंने पूरे देश मे अपनी पहचान बना ली थी। सूरजमणि की धुन से होती थी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्व की शुरुआत प्रदेश में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेलों की शुरुआत सूरजमणि की धुन होती थी। मंडी के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि पर्व, कुल्लू के दशहरा, चंबा के मिंजर और रामपुर के अंतरराष्ट्रीय लवी मेला समेत प्रदेश के ज्यादातर पारंपरिक मेलों में रात्रि सांस्कृतिक संध्याओं के कार्यक्रम की शुरुआत सूरजमणी की शहनाई के वादन के बाद ही होती थी। ओमान, दुबई व सऊदी अरब समेत कई देशों में किए कार्यक्रम दूरदर्शन और आकाशवाणी पर भी सूरजमणी अपनी शहनाई के स्वरों से लोगों को मंत्रमुग्ध करते रहे हैं। हिमाचली गाने उनकी शहनाई के बगैर अधूरे से लगते हैं। उन्होंने अधिकतर पहाड़ी गानों में अपनी शहनाई के स्वरों को बिखेरा है। अमेरिका, ओमान, दुबई व सऊदी अरब समेत खाड़ी के अनेक देशों में सूरजमणी अपना कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं। शहनाई वादन में हिमाचल के बिस्मिल्लाह खां के नाम से जाने जाते थे शहनाई वादन में सूरजमणी हिमाचल के बिस्मिल्लाह खां के नाम से जाने जाते थे। हिमाचल की लोक संस्कृति को संजोने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा। नेता प्रतिपक्ष ने जताया शोक सूरजमणि अपने पीछे पत्नी और दो बेटे छोड़ गए हैं। हिमाचल के सैकड़ों कलाकारों, संगीतकारों और कला संगीत से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सूरजमणि के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि प्रदेश ने एक बहुत बड़े कलाकार को खोया है जिनकी भरपाई असंभव है। सूरजमणि के निधन की खबर पिछले कल भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी। मगर कल उनका निधन नहीं हुआ। उन्होंने देर AIIMS में अंतिम सांस ली। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी बीते कल निधन का पोस्ट सोशल मीडिया में शेयर किया था। बाद में जिसे डिलिट किया गया।