लुधियाना | एक्टिवा सेवर दो भाइयों को तेज रफ्तार बस ने टक्कर मार दी। हादसे में एक भाई की मौत हो गई, जबकि दूसरे का उपचार एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है इस संबंधी थाना डेहलो की पुलिस ने सरकारी बस के ड्राइवर अमरीक सिंह पुत्र कमलजीत सिंह वासी ढिलवां, समराला को गिरफ्तार किया है। मामले में शिकायतकर्ता हरविंदर सिंह ने बताया कि वह शनिवार दोपहर को एक्टिवा पर अपने भाई गुरजीत के साथ सवार होकर जा रहा था। जब वह गांव डेहलो से होता हुआ मुख्य सड़क की ओर जा रहा था। तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार पीआरटीसी बस ने उनकी एक्टिवा को टक्कर मार दी। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल गुरजीत सिंह ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी बस चालक को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। लुधियाना | एक्टिवा सेवर दो भाइयों को तेज रफ्तार बस ने टक्कर मार दी। हादसे में एक भाई की मौत हो गई, जबकि दूसरे का उपचार एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है इस संबंधी थाना डेहलो की पुलिस ने सरकारी बस के ड्राइवर अमरीक सिंह पुत्र कमलजीत सिंह वासी ढिलवां, समराला को गिरफ्तार किया है। मामले में शिकायतकर्ता हरविंदर सिंह ने बताया कि वह शनिवार दोपहर को एक्टिवा पर अपने भाई गुरजीत के साथ सवार होकर जा रहा था। जब वह गांव डेहलो से होता हुआ मुख्य सड़क की ओर जा रहा था। तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार पीआरटीसी बस ने उनकी एक्टिवा को टक्कर मार दी। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल गुरजीत सिंह ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी बस चालक को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में सरपंच पति की मौत को लेकर SIT गठित:महिला ने बयान बदले, गोली लगने का वीडियो सामने आया था
जालंधर में सरपंच पति की मौत को लेकर SIT गठित:महिला ने बयान बदले, गोली लगने का वीडियो सामने आया था जालंधर में 17 फरवरी (सोमवार) की रात जागो पार्टी (शादी से पहले का प्रोग्राम) के दौरान हवाई फायरिंग में महिला सरपंच के 45 वर्षीय पति की मौत मामले में देहात पुलिस के एसएसपी ने स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) बना दी है। बता दें कि कल यानी रविवार को महिला सरपंच ने अपने बयान बदल लिए थे। जिसके बाद देहात पुलिस के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने आज यानी सोमवार को ये फैसला लिया। मृतक गोराया निवासी परमजीत सिंह का पोस्टमार्टम करवाने से पहले ही परिवार द्वारा अंतिम संस्कार कर दिया गया था। जब मामले का वीडियो सामने आया तो इलाके में हड़कंप मच गया। महिला सरपंच ने पति की मौत का कारण दिल का दौरा बताया था गोराया के गांव चक्क देसराज की सरपंच नीरू के पति परमजीत सिंह की मौत का कारण पहले दिल का दौरा पड़ना बताया था। सरपंच नीरू कहा था कि उसके पति की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। मगर, कल यानी रविवार को उन्होंने बयान बदल लिए और कह दिया कि पति की मौत गोली लगने से ही हुई है और पति को गोली मारने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर दी। अब इस मामले को लेकर पुलिस द्वारा श्मशान घाट से परमजीत सिंह के शव की राख भी कब्जे में ले लिया है। एसएसपी खख बोले- डीएसपी फिल्लौर की देखरेख में टीम गठित की इसे लेकर एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने कहा- मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। डांस करते वक्त एक सिख व्यक्ति गोलियां चला रहा है। इस दौरान महिला सरपंच का पति नीचे गिर जाता है। लेकिन वह 2 और फायर करता है। जिसके बाद वहां पर मौजूद लोग जमीन पर गिरे व्यक्ति की मदद करते दिखाई देते है। गोली लगी या नहीं लगी, वीडियो के आधार पर उसकी जांच हो रही है। वहीं, गठित की गई टीम में डीएसपी फिल्लौर, एसएचओ गोराया और चौकी इंचार्ज शामिल है। जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में अगली कार्रवाई की जाएगी।

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा:शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने पर कांग्रेस का वॉकआउट; गवर्नर विरोध के बीच भाषण दे रहे
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा:शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने पर कांग्रेस का वॉकआउट; गवर्नर विरोध के बीच भाषण दे रहे पंजाब सरकार का बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। जैसे ही राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया सभा को संबोधित करने लगे, विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया और कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया। किसान आंदोलन के बीच हुई पंजाब पुलिस की कार्रवाई और पटियाला में कर्नल व उनके बेटे के साथ हुई मारपीट को लेकर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ये वॉकआउट किया। कांग्रेस विधायकों ने जय जवान, जय किसान के नारे लगाने शुरू किए और बाहर निकल आए। बाहर आकर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा- पहले किसानों के धरने पर सीएम भगवंत मान खुद बैठते रहे, अरविंद केजरीवाल भी आते रहे। किसानों की मदद से ये 92 का आंकड़ा छुआ। लेकिन अब किसानों के साथ ये घटना हुई। जबकि किसान कह चुके हैं कि हमने रास्ते नहीं रोके। रास्ते हरियाणा सरकार ने रोके। किसानों ने ना ही ट्रेनें रोकी गई। बाजवा ने आरोप लगाया कि इन धरनों को लोकसभा चुनावों के पास लगवाने में भगवंत मान का अहम रोल था, लेकिन अब उन्हें ही बुलाया गया और डिटेन कर लिया गया। बाजवा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल विश्चश्याना के लिए पंजाब नहीं आए थे, वह अपनी राज्यसभा की सीट को पक्की के लिए आए थे। वह चाहते है कि संजीव अरोड़ा लुधियाना विधानसभा उपचुनाव जीते और वह खुद राज्यभा में पहुंचे। किसानों पर कार्रवाई भी व्यापारियों के वोट के लिए की गई है। शुरुआत में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, स्पीकर कुलतार सिंह संधवां और सीएम भगवंत मान समेत सभी ने खड़े होकर राष्ट्रगान गाया। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी दलों के विधायक विधानसभा पहुंच चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा हाथ में तख्ती लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने हाथों पर काली पट्टियां बांध रखी थीं। जानें क्या कहा गवर्नर ने राज्यपाल ने गुलाब चंद कटारिया ने खुशी है कि मुझे सेशन को संबोधित करने का मौका मिला है। बजट सत्र बहुत महत्पूर्ण होता है। यह सरकार के दृषिकोण का दर्शाता है। सत्र में किया गया विचार विर्मश पंजाब को प्रगति के शिखर पर पहुंचाएगा।मेरी सरकार ने सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की है। 881 आम आदमी क्लीनिक चलाए जा रहे है। 2.98 करोड़ इनका लाभ उठा चुके है। इसमें 60 हजार करोड़ की दवाईयां व सौ करोड़ के टेस्ट किए गए है। मेरी सरकार अस्पतालों के सभी रोगियों को फ्री में दवाईयां देने के लएि प्रतिबंध है। दवाओं के लिए अगले सेशन मे 200 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है। मेरी सरकार जिला व सब डिवीजन अस्पतालों में एक्सरे व अलट्रा साउंड सुविधाएं देने जा रही है। अगले 12 महीनाों में इन सेवाओं के लिए पंजाब के लोगों को 53 करोड़ का फायदा हेागा। अगले तीन सालों में अस्पतालों की इमारते सुधरेगी। 16 अस्पतालों के सुधार के लिए 150 करोड़ खर्च किए गए हैं गवर्नर ने 16 अस्पतालों के नाम गिनाकर उन पर खर्च किए जा रहे है काम गिनाया है। वहीं, पंजाब आयुष्मान व सीएम बीमा योजना 19 अगस्त शुरू की गई थी। योजना के तहत अब 48 लाख कार्ड एक्टिव है। 25.31 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। 9 हजार करोड़ का भुतगान किया जा चुका है। लॉरेंस केस की तरह हो आरोपियों पर कार्रवाई 13 तारीख को पटियाला में सेना के कर्नल पीएस बाठ और उनके बेटे पर पंजाब पुलिस के 12-13 अधिकारी (जो कथित रूप से नशे में थे) ने मारपीट की। इसके बाद सेना और अन्य दलों के दबाव के चलते सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने अब तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच किसी सेवारत जज से करवाई जाए और एक सप्ताह में जांच पूरी हो। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उसी तरह कार्रवाई होनी चाहिए, जैसे लॉरेंस बिश्नोई केस में गुरशेर सिंह संधू और अन्य अधिकारियों पर की गई गई। किसानों पर एक्शन पंजाब की परंपरा नहीं
बाजवा ने आरोप लगाया कि जब सरकार को जरूरत होती है, तो उन्होंने किसानों को बॉर्डर पर धरने देने के लिए प्रेरित किया, लेकिन जब वही किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों की से धोखा किया गया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी सुप्रीमो केजरीवाल पंजाब में ध्यान साधना (विपश्यना) के लिए नहीं, बल्कि लुधियाना चुनाव के लिए पंजाब आए थे। उन्होंने कहा कि किसानों पर की गई कार्रवाई पंजाब की परंपरा के खिलाफ है। सरकार ने पहले कभी किसानों और व्यापारियों की संयुक्त बैठक नहीं बुलाई, लेकिन अब व्यापारियों के समर्थन के लिए किसानों को हटाया जा रहा है। पंजाब पुलिस स्टेट बनकर रह गई
बाजवा ने आरोप लगाया कि कुछ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी सरकार के लिए काम कर रहे हैं और पंजाब अब एक ‘पुलिस स्टेट’ बनकर रह गया है। पहले सेना के कर्नल से मारपीट की गई, और अब किसानों पर एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार पर कई वादे पूरे न करने का आरोप लगाया, जिनमें अवैध खनन पर रोक, महिलाओं को₹1000 की पेंशन, और बेअदबी मामलों में न्याय शामिल हैं। किसानों के नाम पर केवल राजनीति जैसे पटियाला में कर्नल को पीटने के मुद्दे और फिर किसानों के मुद्दे पर बहसबाजी होगी। कांग्रेस के सस्पेंड विधायक संदीप जाखड़ ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति हो रही है। किसानों को पैरों पर खड़े करने के लिए कुछ नहीं हो रहा है। वह पंजाब सरकार की एग्रीकल्चर पॉलिसी लेकर आए हैं। लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि हफ्ता पर अब सारे यहां हो रही है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। बीजेपी विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कर्नल व किसानों के मुद्दे को सेशन में उठाएंगे। पुलिस अधिकारी हुंदल का घर क्यों नहीं गिराया
सीएलपी ने सरकार पूछा कि नशे के मामलों में शामिल पुलिस अधिकारी हुंदल का घर क्यों नहीं गिराया गया, जबकि उसे इस मामले में बर्खास्त कर दिया गया था और फिर देश से भगाया गया? इसी तरह, गुरशेर सिंह संधू के घर पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? बाजवा ने अंत में कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि पंजाब की सड़कों पर आवाजाही बाधित हो, लेकिन सरकार ने एकतरफा कार्रवाई की। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ पंजाब सरकार खनौरी में किसानों के टेंट हटवा रही थी, तो दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी किसानों पर बलप्रयोग करवा रहे थे। ऐसे चलेगा आज सेशन सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा की तरफ से सदस्यों को गाइडलाइन जारी की गई है। सभी सदस्यों को सुबह 10:50 बजे तक विधानसभा में पहुंचना होगा। सदस्य आगे की सीटों को छोड़कर कहीं भी बैठ सकते हैं, क्योंकि ये सीटें मुख्यमंत्री, मंत्रियों और महिला विधायकों के लिए आरक्षित हैं। राज्यपाल का स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद उनका अभिभाषण होगा। 26 मार्च को पेश होगा बजट जानकारी के मुताबिक, साल 2025-26 का बजट सत्र आज से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेगा। 26 मार्च को पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा बजट पेश करेंगे। इसके बाद अगले दो दिन बजट पर चर्चा होगी। वहीं, सरकार के कार्यकाल के अब दो साल शेष रह गए हैं, ऐसे में सरकार की कोशिश बजट सत्र के जरिए जनता को साधने की रहेगी

महाराष्ट्र चुनाव में दमदमी टकसाल करेगी भाजपा का समर्थन:मुखी हरचरण खालसा ने जारी किया बयान, SGPC व सिख नेताओं ने जताई आपत्ति
महाराष्ट्र चुनाव में दमदमी टकसाल करेगी भाजपा का समर्थन:मुखी हरचरण खालसा ने जारी किया बयान, SGPC व सिख नेताओं ने जताई आपत्ति महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान दमदमी टकसाल के मुखी ने बीजेपी गठबंधन सरकार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। मगर दमदमी टकसाल के मुखी हरमन सिंह खालसा द्वारा किए गए इस बयान में पंजाब की राजनीति में बवाल मच गया है। एसजीपीसी और कई सिख नेताओं द्वारा इस फैसले की काफी निंदा की गई है। बता दें कि महाराष्ट्र सिख समाज के लिए बीजेपी को समर्थन देने वाली बयान का संत हरमन सिंह खालसा द्वारा प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर बीजेपी वाली गठबंधन सरकार को वोट देने का आग्रह किया गया है। एसडीपीसी मेंबर गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा- सिख संगत के लिए खालसा द्वारा दिया गया ऐसा बयान हैरानजनक है। पूर्व अकाली नेता वलटोहा बोले- इस संस्था के मुखी संत जरनैल सिंह भिंडरावाला थे। अब उनकी जहर हर हरचरण सिंह खालसा हैं। मगर ऐसे बयान से मुझे धक्का लगा है। खालसा इस पर अपना स्पष्टीकरण जरूर दें। जिससे उनके मन की बात पता चल पाए। दमदमी टकसाल द्वारा जारी किए बयान में जानकारी साझा की गई….. जैसा दमदमी टकसाल के मुखी खालसा द्वारा जारी बयान में कहा गया दमदमी टकसाल के मुखी खालसा ने कहा- महाराष्ट्र के सिख समुदाय ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपना पूर्ण समर्थन देने की आधिकारिक घोषणा की है। पिछले 2.5 वर्षों में सरकार ने गुरु नानक नाम लेवा संगत, सिखों, हिंदू पंजाबियों, लुभाना, सिकलीगर, सिंधी और बंजारा के कल्याण और उत्थान के लिए नीतियां लागू की हैं। जिन्होंने उनकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार ने न केवल इन समुदायों के लिए लाभकारी घोषणाएं की हैं। बल्कि उनके उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम भी उठाए हैं। हाल ही में पहली बार गुरु नानक नाम लेवा संगत से नामित सदस्यों के साथ 11 सदस्यीय सिख प्रतिनिधि समिति महाराष्ट्र राज्य को अल्पसंख्यक आयोग, महाराष्ट्र सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया है। जो सिख समुदाय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक आयोग में एक सिख सदस्य की नियुक्ति की गई है, ये पहल सिख समुदाय के कल्याण और प्रगति के प्रति सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। सरकार भविष्य में ऐसे ही कल्याण कार्य करेगी आगे खालसा ने कहा- सरकार भविष्य में भी सभी समुदायों के कल्याण के लिए इसी इरादे और दृष्टि के साथ काम करना जारी रखेगी। सिख समुदाय सभी से इस महीने की 20 तारीख को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपना पूरा समर्थन देने का आग्रह करता है। इसके अतिरिक्त वे सभी से अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और परिचितों को महायुति का समर्थन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील करते हैं। क्या है दमदमी टकसाल दमदमी टकसाल भारत में एक सिख शैक्षणिक संगठन है। इसका मुख्यालय अमृतसर के मेहता चौक पर स्थित है। सिख इसे विश्वविद्यालय के रूप में मानते हैं। वर्ष 1706 में मुक्तसर की लड़ाई के बाद, गुरु गोबिंद सिंह ने तलवंडी में डेरा डाला। इस स्थान को दमदमा अर्थात एक पड़ाव स्थल (सांस लेने की जगह) के रूप में जाना जाने लगा। इस स्थान को अब दमदमा साहिब के रूप में जाना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह और बाबा दीप सिंह से इस टकसाल से जुड़े होने के कारण इसका इतिहास 300 साल से अधिक पुराने होने का दावा है।