एपी फैनी कंपाउंड चुन्नीगंज में 500 करोड़ की जमीन के मामले में डीएम को रिपोर्ट सौंप दी गई है। ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय, स्कूल के लिए पट्टे पर दिया गया एपी फैनी कंपाउंड कई बार बिका। अलग-अलग मिशनरी के लोग इस पर दावा करते रहे। अनाथालय के लिए ये जमीन दी गई थी, लेकिन इसमें एक भी अनाथालय का संचालन नहीं हुआ। लीज रेंट जमा नहीं हुआ और नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। जांच में खाली मिली जमीन
5 अरब रुपये की 20 हजार वर्गमीटर जमीन खाली मिली है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की ओर से सदर एसडीएम एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित टीम की रिपोर्ट से ये बात सामने आई है। 30 हजार वर्ग मीटर दी गई थी जमीन
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर, तहसीलदार रितेश कुमार सिंह, एसीएम सप्तम की टीम ने जिलाधिकारी को एपी फैनी कंपाउंड चुन्नीगंज की नजूल जमीन की रिपोर्ट जिलाधिकारी को दे दी। रिपोर्ट के मुताबिक, 1861 में पहली बार ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय के लिए लेडी सुप्रिटेंडेंट सोसाइटी फॉर प्रापगेशन (एसपीजी) मिशन को लगभग 30 हजार वर्गमीटर जमीन 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। अनाथालय के लिए दी गई थी जमीन इसका उद्देश्य मिशन गर्ल्स आर्फनेज अर्थात बालिका अनाथालय, स्कूल था। 1877 में फिर कल्लूमल आदि ने एसपीजी मिशन को बैनामा कर दिया। 1945 में लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन (एलडीटीए) को दी गई। सलीम बिरयानी का मिला प्लॉट
2008 में एलडीटीए ने चर्च आफ इंडिया ट्रस्ट को 100 रुपये के स्टांप पर जमीन लिख दी। फिर 2019 में एलडीटीए ने ही 19 हजार वर्ग मीटर खाली जमीन बेच दी। इसमें ही सलीम बिरयानी का भी 450 वर्गमीटर का प्लॉट मिला है। 100 वर्ग मीटर की मिली प्लाटिंग
100-100 वर्ग मीटर की और प्लाटिंग है। पास ही पुरानी रेलवे की जमीन पर भी रिहायश है। बिना डीएम की अनुमति के जमीन बेची-खरीदी जाती रही। कुछ जमीन ग्वालटोली में भी है, जिसके नाम पर खेल किया गया। मामले में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम सदर के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट मिल गई है। बुधवार को परीक्षण करने के बाद सरकारी खाते में दर्ज करने समेत अन्य पहलुओं पर मंथन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एपी फैनी कंपाउंड चुन्नीगंज में 500 करोड़ की जमीन के मामले में डीएम को रिपोर्ट सौंप दी गई है। ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय, स्कूल के लिए पट्टे पर दिया गया एपी फैनी कंपाउंड कई बार बिका। अलग-अलग मिशनरी के लोग इस पर दावा करते रहे। अनाथालय के लिए ये जमीन दी गई थी, लेकिन इसमें एक भी अनाथालय का संचालन नहीं हुआ। लीज रेंट जमा नहीं हुआ और नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। जांच में खाली मिली जमीन
5 अरब रुपये की 20 हजार वर्गमीटर जमीन खाली मिली है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की ओर से सदर एसडीएम एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित टीम की रिपोर्ट से ये बात सामने आई है। 30 हजार वर्ग मीटर दी गई थी जमीन
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर, तहसीलदार रितेश कुमार सिंह, एसीएम सप्तम की टीम ने जिलाधिकारी को एपी फैनी कंपाउंड चुन्नीगंज की नजूल जमीन की रिपोर्ट जिलाधिकारी को दे दी। रिपोर्ट के मुताबिक, 1861 में पहली बार ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय के लिए लेडी सुप्रिटेंडेंट सोसाइटी फॉर प्रापगेशन (एसपीजी) मिशन को लगभग 30 हजार वर्गमीटर जमीन 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। अनाथालय के लिए दी गई थी जमीन इसका उद्देश्य मिशन गर्ल्स आर्फनेज अर्थात बालिका अनाथालय, स्कूल था। 1877 में फिर कल्लूमल आदि ने एसपीजी मिशन को बैनामा कर दिया। 1945 में लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन (एलडीटीए) को दी गई। सलीम बिरयानी का मिला प्लॉट
2008 में एलडीटीए ने चर्च आफ इंडिया ट्रस्ट को 100 रुपये के स्टांप पर जमीन लिख दी। फिर 2019 में एलडीटीए ने ही 19 हजार वर्ग मीटर खाली जमीन बेच दी। इसमें ही सलीम बिरयानी का भी 450 वर्गमीटर का प्लॉट मिला है। 100 वर्ग मीटर की मिली प्लाटिंग
100-100 वर्ग मीटर की और प्लाटिंग है। पास ही पुरानी रेलवे की जमीन पर भी रिहायश है। बिना डीएम की अनुमति के जमीन बेची-खरीदी जाती रही। कुछ जमीन ग्वालटोली में भी है, जिसके नाम पर खेल किया गया। मामले में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम सदर के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट मिल गई है। बुधवार को परीक्षण करने के बाद सरकारी खाते में दर्ज करने समेत अन्य पहलुओं पर मंथन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर