एमपी और महाराष्ट्र ने ‘ताप्ती बेसिन परियोजना’ के लिए MOU पर किए हस्ताक्षर, देवेंद्र फडणवीस बोले- ‘नागपुर कभी…’

एमपी और महाराष्ट्र ने ‘ताप्ती बेसिन परियोजना’ के लिए MOU पर किए हस्ताक्षर, देवेंद्र फडणवीस बोले- ‘नागपुर कभी…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Latest News:</strong> मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को &lsquo;ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना&rsquo; को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. उसके बाद सीएम फडणवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव संवाददाताओं सम्मेलन को संबोधित किया. अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा भूजल पुनर्भरण कार्यक्रम है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से दोनों राज्यों के लोगों को लाभ मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना विदर्भ के अकोला, बुलढाणा और अमरावती जिलों में खारे भूजल की समस्या को दूर करने में मदद करेगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’दोनों स्टेट के लोगों को मिलेगा इसका लाभ'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र कफडणवीस ने कहा, &ldquo;इस परियोजना से दोनों राज्यों को लाभ होगा. यह महाराष्ट्र के लिए आवश्यक है. खासकर उन जगहों के लिए जहां खारे पेयजल की समस्या है. इससे अकोला बुलढाणा और अमरावती (पूर्वी महाराष्ट्र में) के &lsquo;खारे पानी वाले क्षेत्र&rsquo; की संरचना बदल जाएगी.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम देवेंद्र फडणवीस ने याद दिलाया कि पूर्वी महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र कभी मध्य प्रदेश का हिस्सा था. उन्होंने कहा, &ldquo;मैं नागपुर से हूं जो कभी मध्य प्रदेश की राजधानी हुआ करता था. तब इसे &lsquo;मध्य प्रांत और बरार&rsquo; कहा जाता था. हमारा पुराना रिश्ता है.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बोर्ड की 25 साल बाद हुई बैठक&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि करार पर हस्ताक्षर करने से पहले जल मुद्दों पर मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक 25 &zwj;वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हुई. उन्होंने कहा कि बैठक में दोनों राज्यों ने कन्हान नदी पर जामघाट परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जो नागपुर की जल आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की सीएम फडणवीस ने कहा कि उन्होंने 27 वर्ष पहले 1998 में मध्य प्रदेश में अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक में भाग लिया था. अगली अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक अक्टूबर में होगी. उन्होंने कहा, &ldquo;मैं (तत्कालीन नागपुर महापौर के रूप में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ आया था और हमने इस योजना पर चर्चा की थी. अब वे चर्चाएं फलदायी हो रही हैं.&rdquo;&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार से ताप्ती परियोजना को केंद्रीय योजना के तहत लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि वह और यादव फिर से केंद्र से संपर्क करेंगे और केन-बेतवा परियोजना के लिए इस्तेमाल किए गए सूत्र के तहत वित्तीय सहायता का अनुरोध करेंगे. फडणवीस ने कहा कि ताप्ती परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्भरण योजना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसे, कितना मिलेगा पानी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का उद्देश्य पीने के लिए नागपुर सहित उत्तर-पूर्वी महाराष्ट्र और सिंचाई के लिए दक्षिणी मध्य प्रदेश विशेष रूप से छिंदवाड़ा जिले में पर्याप्त पानी पहुंचाना है.&nbsp;अधिकारियों ने बताया कि &lsquo;ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना&rsquo; का कुल जल उपयोग 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक (टीएमसी) फीट होगा, जिसमें से 11.76 टीएमसी मध्य प्रदेश और 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र को आवंटित किया गया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Latest News:</strong> मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को &lsquo;ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना&rsquo; को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. उसके बाद सीएम फडणवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव संवाददाताओं सम्मेलन को संबोधित किया. अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा भूजल पुनर्भरण कार्यक्रम है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से दोनों राज्यों के लोगों को लाभ मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना विदर्भ के अकोला, बुलढाणा और अमरावती जिलों में खारे भूजल की समस्या को दूर करने में मदद करेगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’दोनों स्टेट के लोगों को मिलेगा इसका लाभ'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र कफडणवीस ने कहा, &ldquo;इस परियोजना से दोनों राज्यों को लाभ होगा. यह महाराष्ट्र के लिए आवश्यक है. खासकर उन जगहों के लिए जहां खारे पेयजल की समस्या है. इससे अकोला बुलढाणा और अमरावती (पूर्वी महाराष्ट्र में) के &lsquo;खारे पानी वाले क्षेत्र&rsquo; की संरचना बदल जाएगी.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम देवेंद्र फडणवीस ने याद दिलाया कि पूर्वी महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र कभी मध्य प्रदेश का हिस्सा था. उन्होंने कहा, &ldquo;मैं नागपुर से हूं जो कभी मध्य प्रदेश की राजधानी हुआ करता था. तब इसे &lsquo;मध्य प्रांत और बरार&rsquo; कहा जाता था. हमारा पुराना रिश्ता है.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बोर्ड की 25 साल बाद हुई बैठक&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि करार पर हस्ताक्षर करने से पहले जल मुद्दों पर मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक 25 &zwj;वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हुई. उन्होंने कहा कि बैठक में दोनों राज्यों ने कन्हान नदी पर जामघाट परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जो नागपुर की जल आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की सीएम फडणवीस ने कहा कि उन्होंने 27 वर्ष पहले 1998 में मध्य प्रदेश में अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक में भाग लिया था. अगली अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक अक्टूबर में होगी. उन्होंने कहा, &ldquo;मैं (तत्कालीन नागपुर महापौर के रूप में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ आया था और हमने इस योजना पर चर्चा की थी. अब वे चर्चाएं फलदायी हो रही हैं.&rdquo;&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार से ताप्ती परियोजना को केंद्रीय योजना के तहत लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि वह और यादव फिर से केंद्र से संपर्क करेंगे और केन-बेतवा परियोजना के लिए इस्तेमाल किए गए सूत्र के तहत वित्तीय सहायता का अनुरोध करेंगे. फडणवीस ने कहा कि ताप्ती परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्भरण योजना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसे, कितना मिलेगा पानी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का उद्देश्य पीने के लिए नागपुर सहित उत्तर-पूर्वी महाराष्ट्र और सिंचाई के लिए दक्षिणी मध्य प्रदेश विशेष रूप से छिंदवाड़ा जिले में पर्याप्त पानी पहुंचाना है.&nbsp;अधिकारियों ने बताया कि &lsquo;ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना&rsquo; का कुल जल उपयोग 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक (टीएमसी) फीट होगा, जिसमें से 11.76 टीएमसी मध्य प्रदेश और 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र को आवंटित किया गया है.</p>  महाराष्ट्र यूपी को हरा-भरा बनाने में जुटी योगी सरकार, जुलाई तक लगेंगे 35 करोड़ पौधे, जानें क्या है प्लान?