1976 की बात है। चौधरी देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों जिंदल ग्रुप के मालिक ओम प्रकाश जिंदल हिसार में अपना उद्योग जमा रहे थे। कुछ मुद्दों को लेकर देवीलाल से उनकी तकरार थी। एक दिन जिंदल ने कहा- ‘देवीलाल क्या कर लेंगे, मैं उनसे नहीं डरता।’ ये बात देवीलाल तक पहुंची, तो वे गुस्से से लाल हो गए। जिंदल ग्रुप की बिजली काट दी गई। प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के आरोप में जिंदल के प्लांट पर कार्रवाई भी हो गई। प्लांट में अफरातफरी मच गई। कर्मचारी यूनियन की बैठक में हिंसा भड़क गई। बचाव में सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चला दीं, जिससे एक की मौत और 17 लोग जख्मी हो गए। जिंदल पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया। कंपनी के 20 लोग गिरफ्तार कर लिए गए। ओपी जिंदल पर लिखी किताब ‘द मैन हु टॉक्ड टू मशीन्स’ में उनके भाई सीताराम जिंदल बताते हैं- ‘पुलिस ओपी को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। वे मेरे घर में छिपे रहे। छठे दिन पुलिस को कहीं से खबर मिल गई और वो दरवाजे पर आ गई। पुलिस ने दरवाजा खुलावकर अंदर तलाशी ली, लेकिन ओपी तब तक पीछे के दरवाजे से भाग निकले।’ ओपी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और गिरफ्तारी से बच गए। इस घटना के बाद ओपी को सत्ता की जरूरत महसूस होने लगी थी। उन्होंने जनता के बीच जाना शुरू कर दिया। सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने लगे। हालांकि, छोटे भाई सीताराम जिंदल उन्हें बार-बार मना करते रहे कि राजनीति के बारे में मत सोचिए, राजनीति बहुत गंदी चीज होती है। ओपी जिंदल नहीं माने और 1991 में हिसार विधानसभा से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। ओपी जिंदल तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उनकी पत्नी सावित्री जिंदल हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं। बेटा नवीन जिंदल तीन बार सांसद बन चुके हैं। आज जिंदल की दूसरी पीढ़ी राजनीति में है। हरियाणा के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के पांचवें एपिसोड में जिंदल ग्रुप के फाउंडर रहे ओपी जिंदल परिवार की कहानी… 7 अगस्त 1930, गांधी जी का सविनय अवज्ञा आंदोलन चरम पर था। इसी दिन दिल्ली से 161 किलोमीटर दूर हिसार के नलवा में नेतराम जिंदल और चंद्रावली जिंदल के घर एक बेटे का जन्म हुआ, नाम रखा गया ओम प्रकाश जिंदल। उनका परिवार मूल रूप से रोहतक जिले के कानी गांव से आता था, लेकिन परदादा मंगनीराम 1850 में नलवा आकर बस गए। ओपी ने गांव के स्कूल से महज छठी तक पढ़ाई की। उनके पिता को नलवा गांव में 200 एकड़ जमीन विरासत में मिली थी। पिता के साथ ओपी भी खेतों पर जाया करते थे। 17 साल की उम्र में जिंदल की शादी हो गई। तब उनकी पत्नी विद्या देवी 13 साल की थीं। उनके तीन बेटे पृथ्वीराज, सज्जन कुमार, रतन कुमार और चार बेटियां सरोज, निर्मला, उर्मिला और आशा हुईं। ओपी जिंदल, 20 साल के हुए तो उनके पिता ने कहा कि अगर पैसा कमाना चाहते हो, तो गांव को छोड़ दो। 1950 में जिंदल घर छोड़कर ओडिशा चले गए। यहां कटमांजी कस्बे में उन्होंने तारपीन के तेल का कारोबार शुरू किया। कुछ समय बाद वे दार्जिलिंग और फिर कोलकाता चले गए। खेत में पाइप का ढेर देखकर ओपी को सूझा बिजनेस का आइडिया इतिहासकार डॉ. एमएम जुनेजा अपनी किताब ‘शून्य से शिखर’ में लिखते हैं- ‘ 1951 की बात है। ओपी तब कोलकाता में थे। एक दिन वे खेतों में घूम रहे थे। एक खेत में उन्हें पाइप का एक ढेर दिखा। जिस पर ‘मेड इन इंग्लैंड‘ लिखा हुआ था। ओपी ने कहा कि इन पाइपों का इस्तेमाल भारत में हो रहा है, तो ये पाइप तो भारत बनाए क्यों नहीं जा सकते। इसके बाद ओपी ने कटे और पुराने पाइपों का कारोबार शुरू किया। वे असम से नीलामी में ऐसे पाइप खरीदते और कोलकाता लाकर बेच देते। दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान असम, अमेरिकी सैनिकों का बड़ा ठिकाना था। युद्ध के बाद वे लोहे और स्टील से बना बहुत सा सामान यहीं छोड़ गए थे।’ 1952 में ओपी ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। इसका नाम ‘जिंदल इंडिया लिमिटेड’ रखा गया। वे पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के टाटा ट्यूब्स और ओडिशा के कलिंगा ट्यूब्स से स्क्रैप खरीदा करते थे। करीब 8 साल कोलकाता में काम करने के बाद 1960 में वे अपने गृह जिले हिसार लौट आए। हिसार में ओपी ने दोस्तों को बताया कि वे यहां भी कोलकाता की तरह फैक्ट्री खोलेंगे, तो उनके दोस्त हंसने लगे। उन्हें लगा कि ओपी मजाक कर रहे हैं। शुरुआत में ओपी ने हिसार में बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। उनका ये बिजनेस चल गया। अच्छी आमदनी होने लगी। दो साल बाद यानी, 1962 में उन्होंने जिंदल इंडिया लिमिटेड नाम से एक फैक्ट्री खोली। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड की शुरुआत की। आज इसका नाम स्टेनलेस है। पत्नी की मौत के बाद 19 साल छोटी साली से शादी की 1964 में ओपी जिंदल की पत्नी विद्या देवी कैंसर के कारण चल बसीं। उस वक्त ओपी की उम्र 34 साल थी और उनके ऊपर 7 बच्चों की जिम्मेदारी थी। सबसे छोटी बेटी आशा तब एक साल की थीं, जिसे उनके छोटे भाई सीताराम जिंदल ने गोद ले लिया। परिवार ने तय किया कि बच्चों की देखभाल के लिए विद्या देवी की छोटी बहन सावित्री सबसे बेहतर रहेगीं। सावित्री की तब 15 साल थी। वे ओपी के बड़े बेटे पृथ्वीराज से 2 साल बड़ी थीं। सावित्री जिंदल के 3 बच्चे बेटा नवीन जिंदल और दो बेटी सारिका और सीमा का जन्म हुआ। हार का बदला लेने के लिए भजनलाल ने भी जिंदल प्लांट की बिजली कटवा दी ओपी जिंदल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल अच्छे दोस्त थे। 1991 में बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाई, तो ओपी जिंदल उसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। ओपी ने बंसीलाल की पार्टी के टिकट पर 1991 में हरियाणा विधानसभा चुनाव का चुनाव लड़ा। दूसरी तरफ कांग्रेस से ओमप्रकाश महाजन प्रत्याशी थे। चौधरी भजनलाल का उन्हें पूरा समर्थन था। भजनलाल ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था, लेकिन जिंदल चुनाव जीत गए। ओपी जिंदल के वकील रहे एडवोकेट पीके रंधीर बताते हैं- ‘ विधानसभा चुनाव में ओपी की जीत से भजनलाल को ठेस पहुंची थी। 25 अक्टूबर 1991 को भजनलाल सरकार ने जिंदल की फैक्ट्री में बिजली और पानी कटवा दिया। इसी साल उनके घर सेल्स टैक्स का छापा भी पड़ा। हालांकि, सेशन कोर्ट के आदेश पर बिजली का कनेक्शन फिर से जोड़ दिया गया।’ 1996 में ओपी जिंदल ने कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। जिंदल ने इनेलो प्रत्याशी कैलाशो देवी को हराया। 1998 के लोकसभा चुनाव में ओपी हिसार से चुनाव में उतरे, लेकिन हार गए। इसी साल चौधरी बंसीलाल और ओपी जिंदल के बीच अगरोहा मेडिकल कॉलेज को लेकर मतभेद हो गए। एक साल बाद ओपी ने बंसीलाल का साथ छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली। ओपी ने फिर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा। इस बार भी वे हार गए। इसके बाद वे 2000 में हिसार से विधायक बने। 2005 विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से हिसार टिकट मिला और वे जीतने में कामयाब रहे। प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। ओपी को ऊर्जा मंत्री बनाया गया। बीड़ी पीते थे ओपी, खाली वक्त में दोस्तों के साथ ताश खेलते थे एक बार ओपी जिंदल से मिलने कुछ वीआईपी उनके घर पहुंचे। उन लोगों ने गार्ड से कहा कि हमें ओपी जिंदल से मिलना है। गार्ड ने बगीचे की तरफ इशारा किया। बनियान और पाजामा पहने हुए एक शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा था। उस शख्स को देखर उन लोगों ने गार्ड से कहा- नहीं, नहीं, हमें सेठ से मिलना है। बड़ा सेठ, चेयरमैन साहब।’ पास खड़े ओपी के भाई सीताराम जिंदल हंसने लगे। उन्होंने कहा कि जो शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा है, वो जिंदल साहब ही हैं। ओपी जिंदल बीड़ी पीते थे। वे अपने प्लांट्स में भी बनियान पहनकर बीड़ी पीते हुए दिख जाते थे। उन्हें भूने हुए चने बहुत पसंद थे। खाली वक्त में टीवी या सिनेमा देखने के बजाय वे मन बहलाने के लिए दोस्तों के साथ ताश खेलते थे। ओपी जिंदली पर लिखी किताब ‘द मैन हू टॉक्ड टू मशीन्स’ किताब में इस किस्से का जिक्र है। मंत्री बनने के 21 दिन बाद हेलिकॉप्टर क्रैश में जिंदल की मौत 1 अप्रैल 2005, ओपी जिंदल को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना था। सुबह 11:30 में उनके हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर में जिंदल के साथ बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव सवार थे। रास्ते में सरसावा एयरबेस साफ दिखाई दे रहा था। पायलट ने 12:17 बजे सरसावा के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से आगे बढ़ने की इजाजत ले ली। दोपहर करीब 12:30 बजे यूपी के सहारनपुर के पास अचानक हेलिकॉप्टर का इंजन फेल हो गया। जिंदल ने पायलट से कहा कि हेलिकॉप्टर लैंड करा दो। इसी बीच हेलिकॉप्टर तेजी से हिलने लगा और कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में ओपी जिंदल, सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान की मौत हो गई। जबकि, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव को रीढ़ की हड्डी में चोटें आईं, लेकिन दोनों को बचा लिया गया। वेद गोयल बताते हैं, ‘जिंदल कभी सीट बेल्ट नहीं बांधते थे। उस दिन भी उन्होंने सीट बेल्ट नहीं बांधी थी। हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, तो उनका सिर जोर से खिड़की से टकराया और खून बहने लगा। मैंने भी उस दिन सीट बेल्ट नहीं बांधी थी, लेकिन मैं बीच में था इसलिए बच गया।’ पति की मौत के बाद राजनीति में उतरीं सावित्री जिंदल ओपी जिंदल 2004 में बेटे नवीन जिंदल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना चुके थे, लेकिन उनकी मौत के बाद विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सावित्री जिंदल ने उठाई। वह जिंदल की मौत के बाद खाली हुई हिसार सीट से विधायक बनीं। 2009 में दोबारा सावित्री ने हिसार विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इस बार उन्हें कांग्रेस की हुड्डा सरकार में नगर निकाय मंत्री भी बनाया गया। 2023 में एशिया वन मैंगजीन को दिए इंटरव्यू में सावित्री कहती हैं- ‘एक आम भारतीय महिला की तरह मैं घर पर रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी, लेकिन पति की मौत के बाद मुझे कारोबार और उनकी राजनीतिक विरासत संभालना पड़ा।’ सावित्री जिंदल कभी कॉलेज नहीं गईं, लेकिन पति की मौत के बाद उन्होंने बिजनेस को न सिर्फ संभाला बल्कि कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक लेकर गईं। फॉर्च्यून इंडिया की हालिया रिपोर्ट में सावित्री जिंदल देश की टॉप 10 अमीरों की सूची में चौथे स्थान पर हैं। उनके पास 2.77 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल की संपत्ति में पिछले 2 साल में भारी इजाफा हुआ है। 2020 में फोर्ब्स ने उन्हें 349वें नंबर पर रखा था। 2021 में वे 234वें और 2022 में 91वें नंबर पर पहुंच गईं। 2022 में ब्लूमबर्ग ने सावित्री को एशिया की सबसे अमीर महिला बताया था। 2004 में राजनीति मे उतरे नवीन, कोयला घोटाले के दाग लगे ओपी जिंदल ने सभी बेटों में व्यापार की हिस्सेदारी बांट दी थी। वहीं, राजनीति में उन्होंने दूसरे पत्नी से हुए इकलौते बेटे नवीन जिंदल को अपना उत्तराधिकारी बनाया। 2004 में ओपी चुनावी सभाओं में नवीन को साथ ले जाने लगे। 2004 के लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीते भी। इसके बाद 2009 में भी वे कुरुक्षेत्र से सांसद बने। साल 2012, केंद्र में यूपीए की सरकार थी। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी, CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि निजी कंपनियों को कोयले की खदानें देने से सरकार को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार पर आरोप लगा कि उसने बिना बोली लगाए कंपनियों को खदानें आवंटित की थीं। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक एसार पावर, हिंडाल्को, टाटा स्टील, टाटा पावर, जिंदल स्टील एंड पावर सहित 25 कंपनियों को विभिन्न राज्यों में ये खदानें दी गई थीं। सीबीआई ने पूरे प्रकरण की जांच की और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल पर एफआईआर दर्ज की। कोयला घोटाले में नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 2013 में जिंदल हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा और हरियाणा जनहित कांग्रेस यानी, HJP के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। तब हरियाणा में भाजपा और HJP का प्रदेश में गठबंधन था। लाठीचार्ज में दोनों दलों के करीब 25 कार्यकर्ता घायल हुए। BJP कार्यकर्ताओं ने जिंदल हाउस के गेट पर कालिख पोत दी। कोयला घोटाले का खामियाजा 2014 के लोकसभा चुनाव में जिंदल परिवार को भुगतना पड़ा। नवीन कुरुक्षेत्र से चुनाव हार गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल भी अपनी हिसार सीट हार गईं। इसके बाद जिंदल परिवार 10 साल राजनीति से दूर रहा। 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नवीन जिंदल और उसके बाद उनकी मां सावित्री जिंदल बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के टिकट पर नवीन हिसार लोकसभा सीट से संसद पहुंचे। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल को बीजेपी से टिकट नहीं मिला। अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मां का टिकट कटने के बाद एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने बताया- ‘मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं। कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। पूरा हिसार मेरा परिवार है। मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा।’ 1976 की बात है। चौधरी देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों जिंदल ग्रुप के मालिक ओम प्रकाश जिंदल हिसार में अपना उद्योग जमा रहे थे। कुछ मुद्दों को लेकर देवीलाल से उनकी तकरार थी। एक दिन जिंदल ने कहा- ‘देवीलाल क्या कर लेंगे, मैं उनसे नहीं डरता।’ ये बात देवीलाल तक पहुंची, तो वे गुस्से से लाल हो गए। जिंदल ग्रुप की बिजली काट दी गई। प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के आरोप में जिंदल के प्लांट पर कार्रवाई भी हो गई। प्लांट में अफरातफरी मच गई। कर्मचारी यूनियन की बैठक में हिंसा भड़क गई। बचाव में सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चला दीं, जिससे एक की मौत और 17 लोग जख्मी हो गए। जिंदल पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया। कंपनी के 20 लोग गिरफ्तार कर लिए गए। ओपी जिंदल पर लिखी किताब ‘द मैन हु टॉक्ड टू मशीन्स’ में उनके भाई सीताराम जिंदल बताते हैं- ‘पुलिस ओपी को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। वे मेरे घर में छिपे रहे। छठे दिन पुलिस को कहीं से खबर मिल गई और वो दरवाजे पर आ गई। पुलिस ने दरवाजा खुलावकर अंदर तलाशी ली, लेकिन ओपी तब तक पीछे के दरवाजे से भाग निकले।’ ओपी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और गिरफ्तारी से बच गए। इस घटना के बाद ओपी को सत्ता की जरूरत महसूस होने लगी थी। उन्होंने जनता के बीच जाना शुरू कर दिया। सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने लगे। हालांकि, छोटे भाई सीताराम जिंदल उन्हें बार-बार मना करते रहे कि राजनीति के बारे में मत सोचिए, राजनीति बहुत गंदी चीज होती है। ओपी जिंदल नहीं माने और 1991 में हिसार विधानसभा से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। ओपी जिंदल तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उनकी पत्नी सावित्री जिंदल हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं। बेटा नवीन जिंदल तीन बार सांसद बन चुके हैं। आज जिंदल की दूसरी पीढ़ी राजनीति में है। हरियाणा के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के पांचवें एपिसोड में जिंदल ग्रुप के फाउंडर रहे ओपी जिंदल परिवार की कहानी… 7 अगस्त 1930, गांधी जी का सविनय अवज्ञा आंदोलन चरम पर था। इसी दिन दिल्ली से 161 किलोमीटर दूर हिसार के नलवा में नेतराम जिंदल और चंद्रावली जिंदल के घर एक बेटे का जन्म हुआ, नाम रखा गया ओम प्रकाश जिंदल। उनका परिवार मूल रूप से रोहतक जिले के कानी गांव से आता था, लेकिन परदादा मंगनीराम 1850 में नलवा आकर बस गए। ओपी ने गांव के स्कूल से महज छठी तक पढ़ाई की। उनके पिता को नलवा गांव में 200 एकड़ जमीन विरासत में मिली थी। पिता के साथ ओपी भी खेतों पर जाया करते थे। 17 साल की उम्र में जिंदल की शादी हो गई। तब उनकी पत्नी विद्या देवी 13 साल की थीं। उनके तीन बेटे पृथ्वीराज, सज्जन कुमार, रतन कुमार और चार बेटियां सरोज, निर्मला, उर्मिला और आशा हुईं। ओपी जिंदल, 20 साल के हुए तो उनके पिता ने कहा कि अगर पैसा कमाना चाहते हो, तो गांव को छोड़ दो। 1950 में जिंदल घर छोड़कर ओडिशा चले गए। यहां कटमांजी कस्बे में उन्होंने तारपीन के तेल का कारोबार शुरू किया। कुछ समय बाद वे दार्जिलिंग और फिर कोलकाता चले गए। खेत में पाइप का ढेर देखकर ओपी को सूझा बिजनेस का आइडिया इतिहासकार डॉ. एमएम जुनेजा अपनी किताब ‘शून्य से शिखर’ में लिखते हैं- ‘ 1951 की बात है। ओपी तब कोलकाता में थे। एक दिन वे खेतों में घूम रहे थे। एक खेत में उन्हें पाइप का एक ढेर दिखा। जिस पर ‘मेड इन इंग्लैंड‘ लिखा हुआ था। ओपी ने कहा कि इन पाइपों का इस्तेमाल भारत में हो रहा है, तो ये पाइप तो भारत बनाए क्यों नहीं जा सकते। इसके बाद ओपी ने कटे और पुराने पाइपों का कारोबार शुरू किया। वे असम से नीलामी में ऐसे पाइप खरीदते और कोलकाता लाकर बेच देते। दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान असम, अमेरिकी सैनिकों का बड़ा ठिकाना था। युद्ध के बाद वे लोहे और स्टील से बना बहुत सा सामान यहीं छोड़ गए थे।’ 1952 में ओपी ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। इसका नाम ‘जिंदल इंडिया लिमिटेड’ रखा गया। वे पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के टाटा ट्यूब्स और ओडिशा के कलिंगा ट्यूब्स से स्क्रैप खरीदा करते थे। करीब 8 साल कोलकाता में काम करने के बाद 1960 में वे अपने गृह जिले हिसार लौट आए। हिसार में ओपी ने दोस्तों को बताया कि वे यहां भी कोलकाता की तरह फैक्ट्री खोलेंगे, तो उनके दोस्त हंसने लगे। उन्हें लगा कि ओपी मजाक कर रहे हैं। शुरुआत में ओपी ने हिसार में बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। उनका ये बिजनेस चल गया। अच्छी आमदनी होने लगी। दो साल बाद यानी, 1962 में उन्होंने जिंदल इंडिया लिमिटेड नाम से एक फैक्ट्री खोली। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड की शुरुआत की। आज इसका नाम स्टेनलेस है। पत्नी की मौत के बाद 19 साल छोटी साली से शादी की 1964 में ओपी जिंदल की पत्नी विद्या देवी कैंसर के कारण चल बसीं। उस वक्त ओपी की उम्र 34 साल थी और उनके ऊपर 7 बच्चों की जिम्मेदारी थी। सबसे छोटी बेटी आशा तब एक साल की थीं, जिसे उनके छोटे भाई सीताराम जिंदल ने गोद ले लिया। परिवार ने तय किया कि बच्चों की देखभाल के लिए विद्या देवी की छोटी बहन सावित्री सबसे बेहतर रहेगीं। सावित्री की तब 15 साल थी। वे ओपी के बड़े बेटे पृथ्वीराज से 2 साल बड़ी थीं। सावित्री जिंदल के 3 बच्चे बेटा नवीन जिंदल और दो बेटी सारिका और सीमा का जन्म हुआ। हार का बदला लेने के लिए भजनलाल ने भी जिंदल प्लांट की बिजली कटवा दी ओपी जिंदल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल अच्छे दोस्त थे। 1991 में बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाई, तो ओपी जिंदल उसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। ओपी ने बंसीलाल की पार्टी के टिकट पर 1991 में हरियाणा विधानसभा चुनाव का चुनाव लड़ा। दूसरी तरफ कांग्रेस से ओमप्रकाश महाजन प्रत्याशी थे। चौधरी भजनलाल का उन्हें पूरा समर्थन था। भजनलाल ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था, लेकिन जिंदल चुनाव जीत गए। ओपी जिंदल के वकील रहे एडवोकेट पीके रंधीर बताते हैं- ‘ विधानसभा चुनाव में ओपी की जीत से भजनलाल को ठेस पहुंची थी। 25 अक्टूबर 1991 को भजनलाल सरकार ने जिंदल की फैक्ट्री में बिजली और पानी कटवा दिया। इसी साल उनके घर सेल्स टैक्स का छापा भी पड़ा। हालांकि, सेशन कोर्ट के आदेश पर बिजली का कनेक्शन फिर से जोड़ दिया गया।’ 1996 में ओपी जिंदल ने कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। जिंदल ने इनेलो प्रत्याशी कैलाशो देवी को हराया। 1998 के लोकसभा चुनाव में ओपी हिसार से चुनाव में उतरे, लेकिन हार गए। इसी साल चौधरी बंसीलाल और ओपी जिंदल के बीच अगरोहा मेडिकल कॉलेज को लेकर मतभेद हो गए। एक साल बाद ओपी ने बंसीलाल का साथ छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली। ओपी ने फिर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा। इस बार भी वे हार गए। इसके बाद वे 2000 में हिसार से विधायक बने। 2005 विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से हिसार टिकट मिला और वे जीतने में कामयाब रहे। प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। ओपी को ऊर्जा मंत्री बनाया गया। बीड़ी पीते थे ओपी, खाली वक्त में दोस्तों के साथ ताश खेलते थे एक बार ओपी जिंदल से मिलने कुछ वीआईपी उनके घर पहुंचे। उन लोगों ने गार्ड से कहा कि हमें ओपी जिंदल से मिलना है। गार्ड ने बगीचे की तरफ इशारा किया। बनियान और पाजामा पहने हुए एक शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा था। उस शख्स को देखर उन लोगों ने गार्ड से कहा- नहीं, नहीं, हमें सेठ से मिलना है। बड़ा सेठ, चेयरमैन साहब।’ पास खड़े ओपी के भाई सीताराम जिंदल हंसने लगे। उन्होंने कहा कि जो शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा है, वो जिंदल साहब ही हैं। ओपी जिंदल बीड़ी पीते थे। वे अपने प्लांट्स में भी बनियान पहनकर बीड़ी पीते हुए दिख जाते थे। उन्हें भूने हुए चने बहुत पसंद थे। खाली वक्त में टीवी या सिनेमा देखने के बजाय वे मन बहलाने के लिए दोस्तों के साथ ताश खेलते थे। ओपी जिंदली पर लिखी किताब ‘द मैन हू टॉक्ड टू मशीन्स’ किताब में इस किस्से का जिक्र है। मंत्री बनने के 21 दिन बाद हेलिकॉप्टर क्रैश में जिंदल की मौत 1 अप्रैल 2005, ओपी जिंदल को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना था। सुबह 11:30 में उनके हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर में जिंदल के साथ बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव सवार थे। रास्ते में सरसावा एयरबेस साफ दिखाई दे रहा था। पायलट ने 12:17 बजे सरसावा के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से आगे बढ़ने की इजाजत ले ली। दोपहर करीब 12:30 बजे यूपी के सहारनपुर के पास अचानक हेलिकॉप्टर का इंजन फेल हो गया। जिंदल ने पायलट से कहा कि हेलिकॉप्टर लैंड करा दो। इसी बीच हेलिकॉप्टर तेजी से हिलने लगा और कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में ओपी जिंदल, सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान की मौत हो गई। जबकि, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव को रीढ़ की हड्डी में चोटें आईं, लेकिन दोनों को बचा लिया गया। वेद गोयल बताते हैं, ‘जिंदल कभी सीट बेल्ट नहीं बांधते थे। उस दिन भी उन्होंने सीट बेल्ट नहीं बांधी थी। हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, तो उनका सिर जोर से खिड़की से टकराया और खून बहने लगा। मैंने भी उस दिन सीट बेल्ट नहीं बांधी थी, लेकिन मैं बीच में था इसलिए बच गया।’ पति की मौत के बाद राजनीति में उतरीं सावित्री जिंदल ओपी जिंदल 2004 में बेटे नवीन जिंदल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना चुके थे, लेकिन उनकी मौत के बाद विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सावित्री जिंदल ने उठाई। वह जिंदल की मौत के बाद खाली हुई हिसार सीट से विधायक बनीं। 2009 में दोबारा सावित्री ने हिसार विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इस बार उन्हें कांग्रेस की हुड्डा सरकार में नगर निकाय मंत्री भी बनाया गया। 2023 में एशिया वन मैंगजीन को दिए इंटरव्यू में सावित्री कहती हैं- ‘एक आम भारतीय महिला की तरह मैं घर पर रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी, लेकिन पति की मौत के बाद मुझे कारोबार और उनकी राजनीतिक विरासत संभालना पड़ा।’ सावित्री जिंदल कभी कॉलेज नहीं गईं, लेकिन पति की मौत के बाद उन्होंने बिजनेस को न सिर्फ संभाला बल्कि कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक लेकर गईं। फॉर्च्यून इंडिया की हालिया रिपोर्ट में सावित्री जिंदल देश की टॉप 10 अमीरों की सूची में चौथे स्थान पर हैं। उनके पास 2.77 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल की संपत्ति में पिछले 2 साल में भारी इजाफा हुआ है। 2020 में फोर्ब्स ने उन्हें 349वें नंबर पर रखा था। 2021 में वे 234वें और 2022 में 91वें नंबर पर पहुंच गईं। 2022 में ब्लूमबर्ग ने सावित्री को एशिया की सबसे अमीर महिला बताया था। 2004 में राजनीति मे उतरे नवीन, कोयला घोटाले के दाग लगे ओपी जिंदल ने सभी बेटों में व्यापार की हिस्सेदारी बांट दी थी। वहीं, राजनीति में उन्होंने दूसरे पत्नी से हुए इकलौते बेटे नवीन जिंदल को अपना उत्तराधिकारी बनाया। 2004 में ओपी चुनावी सभाओं में नवीन को साथ ले जाने लगे। 2004 के लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीते भी। इसके बाद 2009 में भी वे कुरुक्षेत्र से सांसद बने। साल 2012, केंद्र में यूपीए की सरकार थी। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी, CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि निजी कंपनियों को कोयले की खदानें देने से सरकार को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार पर आरोप लगा कि उसने बिना बोली लगाए कंपनियों को खदानें आवंटित की थीं। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक एसार पावर, हिंडाल्को, टाटा स्टील, टाटा पावर, जिंदल स्टील एंड पावर सहित 25 कंपनियों को विभिन्न राज्यों में ये खदानें दी गई थीं। सीबीआई ने पूरे प्रकरण की जांच की और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल पर एफआईआर दर्ज की। कोयला घोटाले में नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 2013 में जिंदल हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा और हरियाणा जनहित कांग्रेस यानी, HJP के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। तब हरियाणा में भाजपा और HJP का प्रदेश में गठबंधन था। लाठीचार्ज में दोनों दलों के करीब 25 कार्यकर्ता घायल हुए। BJP कार्यकर्ताओं ने जिंदल हाउस के गेट पर कालिख पोत दी। कोयला घोटाले का खामियाजा 2014 के लोकसभा चुनाव में जिंदल परिवार को भुगतना पड़ा। नवीन कुरुक्षेत्र से चुनाव हार गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल भी अपनी हिसार सीट हार गईं। इसके बाद जिंदल परिवार 10 साल राजनीति से दूर रहा। 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नवीन जिंदल और उसके बाद उनकी मां सावित्री जिंदल बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के टिकट पर नवीन हिसार लोकसभा सीट से संसद पहुंचे। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल को बीजेपी से टिकट नहीं मिला। अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मां का टिकट कटने के बाद एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने बताया- ‘मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं। कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। पूरा हिसार मेरा परिवार है। मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा।’ हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा में खालिस्तानी कह दुकानदार पर हमला; पंजाब 102 लोगों से 28 लाख ठगने वाले 2 पुलिसकर्मी गिरफ्तार
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा में खालिस्तानी कह दुकानदार पर हमला; पंजाब 102 लोगों से 28 लाख ठगने वाले 2 पुलिसकर्मी गिरफ्तार हरियाणा के कैथल में दो युवकों ने फर्नीचर शोरूम संचालक को खालिस्तानी कह उस पर ईंटों से हमला कर दिया। यह घटना सोमवार देर शाम की है। यह शोरूम संचालक ने बताया कि वह रात के समय करनाल रोड से बस स्टैंड की तरफ जा रहा था, तो रेलवे फाटक के पास दो युवकों ने उसे खालिस्तानी कहा। उसने विरोध किया तो उसे ईंटे मारी गई। ईंटे मारने के बाद युवक मौके से ही भाग गए। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी मारपीट को लेकर सूचना मिली है। बाकी पूरे मामले की जांच की जा रही है। वहीं इस हमले के बाद पंजाब में भाजपा विरोधी पार्टियों ने सवाल खड़े किए हैं। अकाली नेता सुखबीर बादल, सांसद हरसिमरत बादल ने दुकानदार का वीडियो पोस्ट करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- हरियाणा सरकार आरोपियों की जल्द जांच कर उन्हें सजा दे ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। वहीं पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि ये सब कंगना रनोट की बयानबाजी की वजह से हो रहा है। (पूरी खबर पढ़ें) पंजाब में 2 पुलिसकर्मियों ने नौकरी के नाम पर 102 लोगों को ठगा, गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पुलिस में दर्जा चार की नौकरी लगवाने के नाम 102 लोगों को ठगने वाले दो लोगों को काबू किया है। दोनों ही पुलिसकर्मी है। इन्होंने ऐसा कर 26 लाख रुपये की ठगी की है। यह खुलासा खुद सीएम भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर जनता के नाम पर संदेश में दिया है। उन्होंने बताया कि यह लोग 2021 से इस काम में लगे हुए थे। इन्होंने लोगों से अलग-अलग खातों में पैसे डलवाए । अब यह लोग पकड़े गए हैं। साथ ही पूछताछ में कई खुलासे होने की उम्मीद है। सीएम ने बताया कि उनकी तरफ से एंटी करप्शन हेल्पलाइन जारी की हुई है। उस पर इस संबंधी शिकायत आई थी कि उनके साथ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी हुई है। इसके बाद विजिलेंस हरकत में आई। साथ ट्रैप लगाकर उक्त शातिरों को काबू किया है। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन पर पहले भी आई शिकायतें आई थी। साथ ही कई लोगों को काबू किया गया था। पलवल में DFSC का क्लर्क 14 हजार रुपए लेते काबू हरियाणा के पलवल में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) कार्यालय में तैनात क्लर्क दीपक कुमार को 14 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उसने राशन डिपो की पासिंग कराने के बदले में कमीशन के तौर पर रिश्वत की मांग की थी। एसीबी टीम उससे पूछताछ कर रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो फरीदाबाद के इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह ने बताया कि भिडूकी गांव निवासी डिपो होल्डर रविंद्र ने शिकायत दी कि खाद्य आपूर्ति विभाग का क्लर्क दीपक कुमार डिपो की पासिंग करने के बदले रिश्वत के तौर पर 14 हजार रुपए की मांग कर रहा है। इस पर एंटी करप्शन ब्यूरो फरीदाबाद की टीम ने मामले में जांच पड़ताल करने के उपरांत आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आरोपी क्लर्क ने पैसे लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में न लेकर बाहर पैसे लेने की बात कही (पूरी खबर पढ़ें) जींद में AC गैस के सिलेंडर में ब्लास्ट हरियाणा के जींद के सफीदों में मंगलवार दोपहर बाद एसी व फ्रीज सर्विस की दुकान में एसी की गैस का सिलेंडर फट गया। इस हादसे में एक व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया। वह चाय देने के लिए दुकान में आया था। तभी ब्लास्ट हो गया। घायल को गंभीर हालत में रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार सफीदों शहर में महात्मा गांधी रोड पर श्रीराम सर्विस सेंटर की दुकान का मालिक चाय की दुकान चलाने वाले सुभाष सैनी को चाय बोल कर कहीं पर चला गया। कुछ देर में सुभाष चाय बनाकर सर्विस सेंटर पर देने के लिए गया। वह सर्विस सेंटर पर चाय रखकर वापस लौटने लगा तो अचानक से वहां पर एसी में काम आने वाली गैस का सिलेंडर तेज धमाके के साथ फट गया। सिलेंडर में मौजूद गैस का प्रेशर इतना अधिक था कि सुभाष की दोनों टांगे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। वह एकदम दुकान से बाहर आकर गिरा। बुरी तरह से लहूलुहान सुभाष के पैर की हड्डियां इधर-उधर बिखर गई (पूरी खबर पढ़ें) खन्ना में दिन दहाड़े बैंक में डकैती, नकाबपोश बदमाशों ने 2 मिनट में 15 लाख लूटे खन्ना के नजदीकी गांव बगली कलां में दिन दहाड़े बैंक में डाका डाला गया। मोटरसाइकिल सवार तीन डकैत पिस्तौल की नोंक पर दो मिनट में करीब 15 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। इसका वीडियो भी सामने आया है। घटना के बाद पुलिस जांच में जुट गई। जानकारी के अनुसार, आज दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर मोटरसाइकिल पर सवार तीन नकाबपोश बैंक के बाहर आकर रुकते हैं। इसके बाद बैंक के अंदर जाते ही गनमैन जब उन्हें नकाब नीचे करने को कहता है तो तीनों डकैत अपने पिस्तौल तान लेते हैं। एक गोली चलाता है तो स्टाफ काउंटर छोड़कर छिप जाता है। जिसके बाद बदमाश गनमैन की बंदूक छीन लेते हैं और काउंटर से करीब 15 लाख रुपए लेकर फरार हो जाते हैं। बदमाश पूरी वारदात को को मात्र 2 मिनट में अंजाम देते हैं। पूर्व क्रिकेटर हरभजन ने पाकिस्तानी क्रिकेटर कामरान को फटकारा पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पंजाब में आप के लोकसभा सांसद हरभजन सिंह और पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर कामरान अकमल आमने सामने हैं। बीते दिन भारत पाकिस्तान के बीच हुए मैच के दौरान मिली हार से तलमिलाए कामरान अकमल ने भारतीय टीम के गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर आपत्ति जनक टिप्पणी की थी। इस पर गुस्साए हरभजन सिंह ने कहा- लख दी लानत तेरे ते कामरान अकमल, अपना गंदा मुंह खोलने से पहले आपको सिखों का इतिहास जानना चाहिए। जब हमलावरों ने अपहरण किया तो हम सिखों ने अपनी मां-बहनों को बचाया, समय रात के 12 बजे थे। तुम्हें शर्म आनी चाहिए, किसी चीज के लिए आभारी रहो (पूरी खबर पढ़ें) झज्जर में रोड एक्सीडेंट में पिता की मौत, बेटा घायल हरियाणा के झज्जर के गांव कुलाना के पास तेज रफ्तार कार ने मोटरसाइकिल को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। उसके बेटे की हालत गंभीर है और उसे इलाज के लिए रेवाड़ी के अस्पताल में भर्ती कराया गया l सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भिजवाया गया l जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 50 वर्षीय राज सिंह निवासी गांव कुलाना जिला झज्जर के रूप में की गई है l राज सिंह अपने बेटे घनश्याम के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर गांव से कुलाना चौक की तरफ निजी काम से जा रहे थे। इस दौरान तेज रफ्तार कार ने मोटरसाइकिल को पीछे से टक्कर मार दी। इसके कारण राज सिंह और उसका बेटा घनश्याम सड़क हादसे का शिकार हो गए (पूरी खबर पढ़ें) करनाल में बैंक मैनेजर सहित 4 पर केस, फर्जी साइन कर 49.99 लाख 84 लाख बनाया हरियाणा के करनाल में अंबेड़कर चौक स्थित उत्कर्ष स्मॉल फाईनेंस बैंक के ब्रांच मैनेजर और कर्मचारियों ने आपसी मिलीभगत कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी की। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों और हस्ताक्षरों का इस्तेमाल कर घरौंडा की एक फर्म का लोन 49.99 लाख से 84 लाख कर दिया। पीड़ित अपनी बैंक किस्तें 49.99 लाख वाले लोन के अनुसार अदा करता आ रहा था, लेकिन जब वह बैंक में अपनी NOC लेने गया तो उसे 84 लाख रुपए के लोन के हिसाब से किस्ते भरने के लिए बाध्य किया गया (पूरी खबर पढ़ें) पंजाब-हरियाणा में सांसद बने 5 विधायकों को देना होगा इस्तीफा लोकसभा चुनाव जीतने वाले पंजाब के चार और पड़ोसी राज्य हरियाणा के एक विधायक को 20 जून से पहले अपने विधायक पद से इस्तीफा देना होगा। यह कानूनी तौर पर जरूरी है। क्योंकि सभी लोकसभा सांसदों के चुनाव से जुड़ी अधिसूचना 6 जून 2024 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित हो चुकी है। इनके इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग उपचुनाव के लिए आगे की कार्रवाई शुरू करेगा। जानकारी के मुताबिक, इस बार लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर से कांग्रेस के दो विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा और लुधियाना से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वंडिंग चुनाव जीते हैं। ये दोनों क्रमश: डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा से विधायक हैं। इसी तरह संगरूर से चुनाव जीतने वाले आप के मंत्री गुरमीत सिंह मीत बरनाला से विधायक हैं। जबकि कांग्रेस छोड़कर आप के टिकट पर होशियारपुर से चुनाव लड़ने वाले राज कुमार चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना होगा। इसी तरह पड़ोसी राज्य हरियाणा में अंबाला जिले के मुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के वरुण चौधरी विधायक हैं। जबकि अब वे लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। ऐसे में उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना होगा (पूरी खबर पढ़ें) अमृतसर में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के 2 गुर्गे गिरफ्तार अमृतसर देहात पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हर्षदीप सिंह और शुभम कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों से पुलिस ने एक 30 बोर की पिस्तौल, जिंदा कारतूस और 2 ग्लॉक पिस्तौल बरामद की। दोनों आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। आरोपी राजस्थान के गैंगस्टर भूपिंदर सिंह से उक्त हथियार लेकर आए थे। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि अमृतसर देहात पुलिस की टीम को गुप्त सूचना मिली थी, जिसमें बताया गया था कि उक्त आरोपी अमृतसर देहात एरिया में मूव हुए हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया (पूरी खबर पढ़ें) मोगा में कार की टक्कर से 5 साल के बच्चे की मौत
पंजाब के मोगा के गांव दारापुर अपने पिता के साथ जा रहे 5 साल के बच्चे की कार की टक्कर लगने से मौत हो गई। हादसे के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। बच्चे के पिता ने अज्ञात कार चालक के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जानकारी देते हुए जांच अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने कहा बताया कि गांव दारापुर के रहने वाले कमलेश कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई है कि वह अपने बेटे के साथ दारापुर में सड़क पर पैदल घर जा रहा है। इस दौरान मोगा की तरफ से आ रही तेज रफ्तार कार ने उसके 5 वर्षीय बेटे मोहित को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
कीटनाशक का नमूना निम्न स्तर का पाए जाने पर लगाया जुर्माना
कीटनाशक का नमूना निम्न स्तर का पाए जाने पर लगाया जुर्माना भास्कर न्यूज | फतेहाबाद कृषि विभाग के गुण नियंत्रण निरीक्षक द्वारा वर्ष 2020 में मैसर्ज बेस्ट क्रॉप साइंस, गोविंदसर, कठुआ द्वारा निर्मित कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजो एटे 5 प्रतिशत एसजी का नमूना मैसर्ज श्रीराम पेस्टीसाइड, अनाज मंडी फतेहाबाद से लिया गया था जोकि जांच उपरांत मिस ब्रांड पाया गया। जांच रिपोर्ट में कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजो एटे 5 प्रतिशत एसजी की मात्रा निम्न स्तर की पाई गई जिस पर विभाग द्वारा उपरोक्त कंपनी तथा डीलर के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए घटिया किस्म की कीटनाशक बनाने व बेचने के आरोप में उपरोक्त निर्माता कंपनी मैसर्ज बेस्ट क्रॉप साइंस, गोविंदसर, कठुवा, इंडो-स्वीस केमिकल लिमिटेड, सेक्टर 3 सी मध्य मार्ग, चंडीगढ़ मार्केटिंग फर्म व डीलर मैसर्ज श्रीराम पेस्टीसाइड, अनाज मंडी फतेहाबाद को दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
हरियाणा अपडेट्स:HBSE ने 10वीं-12वीं की परीक्षाओं का शेड्यूल जारी किया, डेटशीट भी जल्द आएगी
हरियाणा अपडेट्स:HBSE ने 10वीं-12वीं की परीक्षाओं का शेड्यूल जारी किया, डेटशीट भी जल्द आएगी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने 10वीं और 12वीं के एग्जाम का शेड्यूल जारी किया है। डेटशीट बाद में बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। बोर्ड की तरफ से शुक्रवार को बताया गया कि 10वीं कक्षा की परीक्षा 27 फरवरी 2025 से शुरू होंगी, जो 15 मार्च तक चलेगी। 12वीं कक्षा की परीक्षा 26 फरवरी 2025 से शुरू होंगी, जो 28 मार्च तक चलेगी। छात्रों को हरियाणा बोर्ड की तरफ से जारी एडमिट कार्ड के बाद ही एग्जाम सेंटर में एंट्री मिलेगी। इसके अलावा वह आवश्यक स्टेशनरी आइटम ही एग्जाम सेंटर के अंदर ले जा सकेंगे। हरियाणा की ये खबरें भी पढ़ें… हिसार में चलती कार में आग, ड्राइवर ने छलांग लगाई हरियाणा के हिसार में शुक्रवार शाम को डाबड़ा पुल पर अचानक चलती कार में आग लग गई। धुआं निकलता देख ड्राइवर तुरंत कार से बाहर निकल गया। जिससे उसकी जान बच गई। कुछ ही देर में आग ने पूरी कार को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पुल पर वाहनों को डायवर्ट कर दिया। (पढ़ें पूरी खबर..) गुरुग्राम में LED टीवी फटने से व्यक्ति की मौत हरियाणा के गुरुग्राम में गुरुवार शाम शॉर्ट सर्किट के बाद घर में लगा LED टीवी में ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घर में आग लग गई। जिसमें चारपाई पर सो रहा व्यक्ति झुलस गया। इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत हो गई। जिस समय घर में आग लगी, तब व्यक्ति के अलावा कोई मौजूद नहीं था। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल में व्यक्ति का शव कब्जे में ले लिया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। मृतक की पहचान पटौदी के जाटौली गांव के रहने वाले सतबीर के रूप में हुई है। वह वार्ड नंबर 12 में अपने 2 बेटों के साथ रहता था। उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है। सतबीर को 2 साल पहले लकवा हो गया था। (पढ़ें पूरी खबर..) नूंह हिंसा का फरार आरोपी डेढ़ साल बाद गिरफ्तार नूंह में साइबर थाना पुलिस ने नूंह हिंसा के एक आरोपी को करीब डेढ़ साल बाद काबू किया है। उसकी पहचान अरमान निवासी गांव जलालपुर थाना नगीना के रूप में हुई है। आरोपी पर नूंह हिंसा के दौरान अफवाह फैलाने सहित अन्य धाराओं में में साइबर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। नूंह पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 31 जुलाई 2023 को नूंह में शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। उस दौरान आरोपी अरमान ने अपने साथियों को सिम कार्ड भेज कर गलत अफवाह फैलाने में अहम भूमिका निभाई थी (पढ़ें पूरी खबर…) फरीदाबाद में बिजली के खंभे से टकराई कार हरियाणा के जिले फरीदाबाद के बड़खल सूरज कुंड रोड पर एक बेकाबू बलेनो कार बिजली के खंभे से जा टकराई। जिसके चलते कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि कार चला रहे 15-16 वर्षीय किशोर को ज्यादा गंभीर चोट नहीं आई, उसकी जान बच गई। चश्मदीदों ने बताया कि कार दिल्ली की ओर से आ रही थी, लेकिन टक्कर लगने के बाद दूसरी साइड जा पहुंची (पढ़ें पूरी खबर..) हिसार में कैंची घोंपकर बुजुर्ग की हत्या; उपले फेंकने के विवाद में पिता-पुत्र ने किया हमला हिसार में पिता-पुत्र ने एक बुजुर्ग की छाती में कैंची घोंपकर हत्या कर दी। दोनों के बीच उपले उठाकर फेंकने को लेकर शुक्रवार सुबह ही झगड़ा हुआ था। परिजनों का आरोप है कि इसी वजह से आरोपी अमित और उसके पिता ने बुजुर्ग पर कैंची से हमला किया। नारनौंद के गांव भैणी अमीरपुर में हुई वारदात के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मृतक बलबीर की पत्नी ने बताया कि वह उपले बनाकर रखती थी। पड़ोसियों ने उनके उपले उठाकर फेंक दिए। इसी बात को लेकर दोनों परिवारों में झगड़ा हुआ। जिसके बाद पति को कैंची घोंप दी गई। जिसके बाद बलबीर को गंभीर हालत में नारनौंद अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे हिसार रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया (पढ़ें पूरी खबर…) पलवल में वेतन लेकर लेडी टीचर गायब; पति को मैसेज भेजा- बाय-बाय.. टेक केयर पलवल में घर से स्कूल गई एक टीचर वेतन लेने के बाद लापता हो गई। उसने पति के मोबाइल पर मैसेज भेजा कि उसको आज के बाद हमेशा के लिए छोड़ दिया है। उसने बाय टेक केयर लिखा और इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। पुलिस ने पति की शिकायत पर गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। पलवल कैंप थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी निवासी युवक ने सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसकी पत्नी बामनीखेडा गांव स्थित एक निजी स्कूल में अध्यापिका की नौकरी करती थी। घर से सुबह करीब आठ बजे उसकी पत्नी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए निकली थी। लेकिन स्कूल संस्थापक से करीब 11 बजे अपनी तनख्वाह लेकर चली गई। उसने जाते-जाते अपने मोबाइल से उसके (अपने पति) के मोबाइल फोन पर टैक्स्ट मैसेज किया कि मैंने तुम्हें आज के बाद हमेशा के लिए छोड़ दिया है, बाय टेक केयर लिख दिया। इस मैसेज को पढ़ने के बाद उसने पत्नी को फोन किया तो उसका फोन स्विच ऑफ आया। इसके बाद वह उसके पिता के पास गया और पता किया तो उसके पिता ने भी उसके बारे मे कोई जानकारी होने से मना कर दिया (पढ़ें पूरी खबर.. सोनीपत का कुख्यात बदमाश फर्जी पासपोर्ट बना विदेश भागा हरियाणा के सोनीपत में एक कुख्यात बदमाश फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भाग गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के SI ने इसको लेकर पुलिस को शिकायत दी है। पासपोर्ट दिल्ली के एड्रेस से बनवाने की जानकारी मिली है (पढ़ें पूरी खबर..)