अनिल विज ने शोकॉज नोटिस का क्या जवाब भेजा:CM-अध्यक्ष ने कार्रवाई नहीं की; चुनाव हरवाने-मरवाने की साजिश समेत 8 खुलासे हरियाणा की BJP सरकार में CM नायब सैनी के बाद नंबर टू बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने पार्टी को भेजे शोकॉज नोटिस का 8 पन्नों का जवाब भेजा है। विज से जुड़े टॉप सोर्सेज के मुताबिक इसमें उन्होंने 8 अहम खुलासे किए हैं। विज ने हाईकमान को टिकट की अफवाह फैलाने से लेकर उन्हें हरवाने-मरवाने की साजिश के बारे में भी बताया है। विज ने यह भी बताया कि कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद अधिकारी उनके गृह क्षेत्र में ही उनके आदेशों को लागू नहीं कर रहे। इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने CM नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को भी शिकायत दी। इसके बावजूद 100 दिन बीतने के बाद भी कुछ नहीं किया गया। विज के जवाब में उस कैबिनेट मीटिंग का भी जिक्र बताया जा रहा है, जिसमें उनकी एक अधिकारी से बहस हुई थी। हालांकि CM ने विज की जगह अधिकारी का पक्ष लिया था। हालांकि अनिल विज ने जवाब के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बुधवार (12 फरवरी) को अंबाला में पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उनके जवाब में क्या है, इस पर अनिल विज ने कहा- मैंने उस चिट्ठी को भेजने के बाद डिस्ट्रॉय कर टुकड़े जेब में रखे हैं। जिसे घर जाकर जला दूंगा। उन्हें कुछ और चाहिए होगा तो वह भी दे दूंगा। विज के पार्टी हाईकमान को भेजे जवाब में ये 9 खुलासे…. 1. भ्रम फैलाया, मुझे टिकट नहीं मिलेगी
टॉप सोर्सेज के मुताबिक विज ने हाईकमान को बताया कि 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले कई लोगों ने भ्रम फैलाया कि विज को टिकट नहीं मिलेगी। अगर टिकट मिल भी गई तो वह जीतेगा नहीं। अगर जीत भी गया तो सरकार नहीं आएगी। इसके बाद पार्टी के ही कुछ लोग मेरे विरोधियों से मिल गए। ये सब मेरा चुनाव प्रभावित करने के मकसद से साजिश के तहत किया गया। 2. मुझे मरवाने की साजिश रची, मेरी सुरक्षा घटाई
मुझे टिकट मिल गई। फिर चुनाव में मुझे मरवाने की साजिश रची गई। इसमें पार्टी के ही कुछ लोगों के साथ प्रशासन से जुड़े कुछ अधिकारी भी शामिल थे। मुझे खतरे का इनपुट होने के बावजूद मेरी सिक्योरिटी में कमी की गई। मैंने प्रचार के दौरान हर बार चुनाव आयोग से अनुमति ली। उनके संज्ञान में होने के बावजूद प्रचार के दौरान किसानों-ग्रामीणों ने मुझे घेर लिया। वहां कुछ भी हो सकता था। इसमें पुलिस पूरी तरह से फेल साबित हुई। 3. जानबूझकर मेरे हलके में विकास कार्य रोक दिए गए
मुझे चुनाव हराने के लिए प्रशासन ने साजिश रची। चुनाव के दौरान जानबूझकर मेरे हलके में विकास कार्य रोक दिए गए। नगर पालिका ने मेरे खिलाफ लोगों को नाराज करने के लिए मंजूरशुदा सड़कें तक नहीं बनवाईं। विकास कार्यों की वजह से मेरे चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की गई। इस वजह से मुझे प्रचार के दौरान लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। इनकी कोशिश थी कि मैं चुनाव हार जाऊं। 4. CM-पार्टी अध्यक्ष को सूचना दी थी
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मेरे द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को दी गई। मुझे आश्वासन दिया गया कि सरकार के 100 दिन पूरे होते ही इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि 100 दिन के बाद भी मेरी शिकायत पर न सरकार ने कोई एक्शन लिया और न ही संगठन के स्तर पर कोई कार्रवाई की गई। 5. मेरे कहने पर भी SHO सस्पेंड नहीं किया, मेरी राजनीतिक किरकिरी हुई
जनता दरबार के दौरान अंबाला कैंट सदर थाने के SHO को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। मैंने DGP शत्रुजीत कपूर को भी फोन कर कहा कि मुझे सस्पेंशन ऑर्डर चाहिए। इसके बावजूद उसे सस्पेंड नहीं किया गया। ये फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई। गृह मंत्रालय CM नायब सैनी के अधीन है। गृह जिले में ही मेरे आदेश लागू न होने से उनकी राजनीतिक तौर पर काफी किरकिरी हुई। 6. कोषाध्यक्ष के खिलाफ सबूत दिए, कार्रवाई नहीं की
अंबाला जिले के कोषाध्यक्ष आशीष तायल के बारे में मैंने पार्टी और सरकार को सबूत दिए थे। जिसमें वे विरोधी निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा की मदद कर रहे थे। मैंने भाजपा नेता का चित्रा सरवारा के साथ वीडियो भी दिए, जिसमें वह विपक्षी नेताओं के साथ खड़ा होकर मेरे खिलाफ चुनाव प्रचार कर रहा है। इसके बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 7. मेरे खिलाफ लड़ी निर्दलीय उम्मीदवार को पार्टी में ला रहे थे
चुनाव जीतने के बाद पार्टी में ही मेरे विरोधियों ने एक और साजिश रची थी। उन्होंने प्रयास किया था कि चुनाव में उनके खिलाफ लड़ने वाली एक विपक्षी महिला उम्मीदवार को बीजेपी जॉइन करा दी जाए। हालांकि वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। केंद्रीय नेतृत्व चाहे तो इस मामले की ग्राउंड लेवल से जांच भी करा सकता है। 8. नोटिस जानबूझकर लीक किया गया
अनिल विज ने नोटिस की कॉपी मीडिया में कैसे आई इसको लेकर भी सवाल उठाए हैं? उन्होंने अपने जवाब में लिखा- यह भी जांच का विषय है, 2 लोगों के बीच की सीक्रेट कम्युनिकेशन थी, इसे कौन लीक कर रहा है? पार्टी चाहे तो उसकी भी जांच करा सकती है। न चाहे तो पार्टी की मर्जी है। विज ने कहा कि मुझे मीडिया से ही पता चला और मैंने नोटिस भी मीडिया में ही पढ़ा। कैबिनेट मीटिंग में भी विज ने विरोध जताया था
CM नायब सैनी की अगुआई वाली सरकार को 25 जनवरी को 100 दिन हुए थे। इससे एक दिन पहले 24 जनवरी को कैबिनेट मीटिंग हुई थी। सोर्सेज के मुताबिक यहां विज की एक वरिष्ठ अधिकारी से बहस हो गई थी। जिसके बाद विज ने प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी के बेलगाम होने का मुद्दा उठाया। हालांकि सीएम ने अफसर को मीटिंग में ही बैठने के लिए कहा था। इसके बाद जब सीएम नायब सैनी की 27 फरवरी को 100 दिन की उपलब्धियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो इसमें अचानक अनिल विज भी पहुंच गए थे। हालांकि उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की थी। क्यों नाराज हुए अनिल विज… विधानसभा चुनाव में चित्रा सरवारा ने टक्कर दी
अनिल विज ने BJP के टिकट पर अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा। पहली बार यहां विज कड़े मुकाबले में फंसे। उन्हें पूर्व कांग्रेसी मंत्री निर्मल सिंह की निर्दलीय उम्मीदवार बेटी चित्रा सरवारा टक्कर दे रहीं थी। विज ने 2019 के चुनाव में चित्रा को 20,165 वोटों से हराया था, लेकिन इस बार यह मार्जिन महज 7,277 रह गया। ऐसे में विज ने शक जाहिर किया था कि उन्हीं की पार्टी के लोगों ने उन्हें हराने के लिए चित्रा सरवारा का साथ दिया। जीत के बाद पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए
अनिल विज चुनाव जीतने के बाद मंत्री भी बन गए। इसके बाद अंबाला कैंट के धन्यवादी दौरे में अनिल विज ने अधिकारियों से लेकर अपनी पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए। विज ने कहा कि अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए। उनकी हत्या की साजिश रची गई। उन्हें हराने के लिए लोगों को चित्रा सरवारा का कैंप जॉइन कराया गया। विज ने सरकार से अंबाला DC पार्थ गुप्ता पर कार्रवाई की मांग की, जो चुनाव के वक्त जिला चुनाव अधिकारी थे, मगर सरकार ने 100 दिन के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया। सरकार और पार्टी ने क्या एक्शन लिया… अंबाला DC हटाया, हैफेड मैनेजर चार्जशीट किया
अनिल विज ने जब ग्रीवेंस कमेटी में जाने से इनकार किया तो सरकार ने अचानक अंबाला के DC पार्थ गुप्ता को हटा दिया। हालांकि गुप्ता को अंबाला से हटाकर यमुनानगर में DC लगा दिया। माना जा रहा है कि अधिकारी को फिर DC की कुर्सी देने की वजह से ही विज की नाराजगी बरकरार है। इसके अलावा सिरसा में उनके आदेश के करीब 2 महीने बाद हैफेड के मैनेजर मुकेश कुमार को DC शांतनु ने चार्जशीट करने के आदेश जारी कर दिए। पार्टी ने अंबाला कोषाध्यक्ष निकाला
अनिल विज ने जिस भाजपा नेता आशीष तायल की फोटो जारी कर गद्दार कहा था, पार्टी ने उन्हें अंबाला जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया था। इसका लेटर 4 फरवरी को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया की विज से 2 घंटे मीटिंग के बाद सामने आया था। हालांकि उस पर 30 जनवरी की डेट लिखी हुई थी। ———————————- अनिल विज से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अनिल विज बोले- शोकॉज नोटिस लीक किया, 2 लोगों के बीच सीक्रेट कम्युनिकेशन था हरियाणा के परिवहन एवं बिजली मंत्री अनिल विज ने पार्टी अध्यक्ष मोहन बड़ौली के भेजे शोकॉज नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि शोकॉज नोटिस लीक किया। 2 लोगों के बीच सीक्रेट कम्युनिकेशन था। विज ने कहा कि उन्हें कुछ और चाहिए होगा तो वह भी दे दूंगा। पूरी खबर पढ़ें…