हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा की लोकसभा सांसद चुनी गईं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को थप्पड़ मारने का मामला गरमा गया है। पंजाब के किसान संगठन कंगना को थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल कुलविंदर के समर्थन में उतर आए हैं। किसान भवन में किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया है कि वे इस मामले में डीजीपी पंजाब गौरव यादव से मिलेंगे। किसानों ने कहा कि डीजीपी से मिलकर मांग करेंगे कि महिला कांस्टेबल के साथ अन्याय न हो। वहीं, 9 तारीख को किसान संगठन मोहाली में गुरुद्वारा अंब साहिब से एसएसपी ऑफिस तक इंसाफ मार्च निकालेंगे। किसान नेता ने बताई विवाद की वजह दल्लेवाल ने कहा कि भाजपा नेता ने चैनल पर उनके साथ हुई बहस में माना है कि विवाद असल में मोबाइल और पर्स की चेकिंग को लेकर हुआ था। लेकिन कंगना चेकिंग के लिए लगेज निकालकर सांसद होने के कारण खुद को वीआईपी समझ रही थीं। ऐसे में मुझे लगता है कि लड़की की कोई गलती नहीं है। उसने अपना फर्ज निभाया है। इसी वजह से झगड़ा हुआ। हालांकि, यह अभी जांच का विषय है। वहीं उन्होंने कहा कि कंगना के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है। लेकिन उसमें अभी तक कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा जिस तरह से कंगना ने पंजाब में आतंकवाद को लेकर बयान दिया है। इस तरह से जहर उगला है। पंजाब में ऐसा कुछ नहीं है। 400 पार करने का दावा करने वाले अब 240 पर आ गए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि पिछले दो कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह का बहुमत मिल रहा है। इस बहुमत के बल पर उन्होंने पूरे देश पर कब्जा करने की कोशिश की, लोगों को धकेला। इसका नतीजा क्या है। वे दावा करते थे कि इस बार 400 पार करेंगे, लेकिन अब वे 240 पर आ गए हैं। पूरे देश ने भाजपा को एहसास करा दिया कि अब वे कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा भाजपा ने ध्रुवीकरण की कोशिश की। पंजाब में भी ऐसी कोशिशें की गईं। लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। आंदोलन के कारण हर जगह नुकसान किसान नेता दल्लेवाल ने कहा कि पिछले चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा के 236 सांसद जीते थे। लेकिन इस बार 73 सांसद हार गए, जबकि 165 रह गए। किसानों और मजदूरों के साथ जो किया है, उसका यह नतीजा है। किसान शुभकरण की कलश यात्रा ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया। इसके कारण हरियाणा में उन्हें सिर्फ पांच सीटें मिलीं। यूपी में उन्हें आधी सीटें ही मिलीं। राजस्थान और दक्षिण के राज्यों में भी इसी तरह का नुकसान हुआ है। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा की लोकसभा सांसद चुनी गईं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को थप्पड़ मारने का मामला गरमा गया है। पंजाब के किसान संगठन कंगना को थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल कुलविंदर के समर्थन में उतर आए हैं। किसान भवन में किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया है कि वे इस मामले में डीजीपी पंजाब गौरव यादव से मिलेंगे। किसानों ने कहा कि डीजीपी से मिलकर मांग करेंगे कि महिला कांस्टेबल के साथ अन्याय न हो। वहीं, 9 तारीख को किसान संगठन मोहाली में गुरुद्वारा अंब साहिब से एसएसपी ऑफिस तक इंसाफ मार्च निकालेंगे। किसान नेता ने बताई विवाद की वजह दल्लेवाल ने कहा कि भाजपा नेता ने चैनल पर उनके साथ हुई बहस में माना है कि विवाद असल में मोबाइल और पर्स की चेकिंग को लेकर हुआ था। लेकिन कंगना चेकिंग के लिए लगेज निकालकर सांसद होने के कारण खुद को वीआईपी समझ रही थीं। ऐसे में मुझे लगता है कि लड़की की कोई गलती नहीं है। उसने अपना फर्ज निभाया है। इसी वजह से झगड़ा हुआ। हालांकि, यह अभी जांच का विषय है। वहीं उन्होंने कहा कि कंगना के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है। लेकिन उसमें अभी तक कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा जिस तरह से कंगना ने पंजाब में आतंकवाद को लेकर बयान दिया है। इस तरह से जहर उगला है। पंजाब में ऐसा कुछ नहीं है। 400 पार करने का दावा करने वाले अब 240 पर आ गए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि पिछले दो कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह का बहुमत मिल रहा है। इस बहुमत के बल पर उन्होंने पूरे देश पर कब्जा करने की कोशिश की, लोगों को धकेला। इसका नतीजा क्या है। वे दावा करते थे कि इस बार 400 पार करेंगे, लेकिन अब वे 240 पर आ गए हैं। पूरे देश ने भाजपा को एहसास करा दिया कि अब वे कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा भाजपा ने ध्रुवीकरण की कोशिश की। पंजाब में भी ऐसी कोशिशें की गईं। लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। आंदोलन के कारण हर जगह नुकसान किसान नेता दल्लेवाल ने कहा कि पिछले चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा के 236 सांसद जीते थे। लेकिन इस बार 73 सांसद हार गए, जबकि 165 रह गए। किसानों और मजदूरों के साथ जो किया है, उसका यह नतीजा है। किसान शुभकरण की कलश यात्रा ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया। इसके कारण हरियाणा में उन्हें सिर्फ पांच सीटें मिलीं। यूपी में उन्हें आधी सीटें ही मिलीं। राजस्थान और दक्षिण के राज्यों में भी इसी तरह का नुकसान हुआ है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में 20 अक्तूबर से पहले होंगे पंचायत चुनाव:पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन किया जारी, जल्द लगेगी आचार संहिता
पंजाब में 20 अक्तूबर से पहले होंगे पंचायत चुनाव:पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन किया जारी, जल्द लगेगी आचार संहिता पंजाब सरकार ने राज्य में पंचायत चुनाव करवाने का फैसला ले लिया है। सरकार की तरफ से चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। चुनाव 20 अक्तूबर से पहले करवाए जाएंगे। पंचायत विभाग इस नोटिफिकेशन को स्टेट इलैक्शन कमीशन के पास भेजेगा। इलैक्शन कमीशन इसी हिसाब से पंचायतों के चुनाव का शेड्यूल जारी करेगा। माना जा रहा है कि 23 सितंबर के बाद चुनाव आचार संहिता लग सकती है। हालांकि नगर निगम और नगर काउंसिल के इसके बाद चुनाव होंगे। सीएम की तरफ से फाइल को दी गई मंजूरी सरकारी सूत्रों की माने तो चुनाव 13 अक्तूबर को हो सकते हैं। ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की तरफ से गत दिनों पंचायत चुनाव के लिए फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी थी। जिसे मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। राज्य सरकार के कानूनी और वैधानिक मामलों के विभाग के प्रमुख सचिव ने 16 सितंबर को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। वहीं, अब ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से प्रक्रिया शुरू किए जाने से साफ हो गया कि चुनाव 20 अक्तूबर से पहले होंगे। ब्लॉक को इकाई मानकर होगी रिजर्वेशन की प्रक्रिया सभी जिलों में डिप्टी कमिश्नरों ने नियमों से सरपंचों के पदों को रिजर्व करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनकी तरफ अपने एरिया के अधीन आती पंचायतों पंचायतों में एससी आबादी के आंकड़े को खंगाला जा रहा है। साथ ही ब्लॉक को इकाई मानकर सरपंचों के पदों के रिजर्व करने का रोस्टर तैयार किया जा रहा है। पार्टी निशान पर नहीं होंगे पंच व सरपंच के चुनाव पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विधानसभा के मानसून सेशन में पास किए गए पंजाब पंचायती राज बिल 2024 को एक दिन पहले ही मंजूरी दी थी। इसके साथ ही पंचायत चुनावों में आरक्षण की पुरानी प्रथा बहाल हो गई है। अब पार्टी निशान पर पंच सरपंच चुनाव नहीं होंगे। हालांकि सीएम ने बताया 2018 में भी किसी भी व्यक्ति ने पार्टी निशान पर पंचायती चुनाव नहीं लड़ा था। दिसंबर में खत्म हुआ था कार्यकाल पंजाब में साल 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे। इस दौरान 13276 सरपंच और 83831 पंचों काे चुना गया था। दिसंबर में लगभग सभी पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी पंचायतों की कमान सीनियर अफसर प्रशासनिक अधिकारी लगाए गए हैं। हालांकि चुनाव में हो रही देरी का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा था। इस दौरान सरकार ने अदालत में कहा था कि हम जल्दी ही चुनाव करवाने की तैयारी में है।
कपूरथला में गोली मारकर किसान की हत्या:पूर्व फौजी ने चलाई गोलियां, घर के बाहर खड़ा था, पानी निकासी को लेकर हुआ विवाद
कपूरथला में गोली मारकर किसान की हत्या:पूर्व फौजी ने चलाई गोलियां, घर के बाहर खड़ा था, पानी निकासी को लेकर हुआ विवाद कपूरथला के सब डिवीज़न सुल्तानपुर लोधी के गांव सरूपवाल में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि किसान अपने घर के बाहर खड़ा होकर अपने मकान का निर्माण कार्य देख रहा था। तभी उसके पडोसी से नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया। पडोसी पूर्व फौजी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से किसान पर अंधाधुंध गोलियां चला दी, जिससे किसान की मौत हो गई। वारदात की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची थाना कबीरपुर की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। DSP विपन कुमार ने बताया कि मृतक की पहचान मलकीत सिंह पुत्र अर्जन सिंह (65) निवासी गांव सरूपवाल के रूप में हुई है। इस मामले में 2 आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। देख रहा था मकान का निर्माण कार्य मलकीत सिंह शनिवार की दोपहर अपने घर के निर्माण कार्य को लेकर बाहर खड़ा था, तभी उसके पडोसी तरसेम सिंह सोनी और उसकी पत्नी संदीप कौर के साथ नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद पूर्व फौजी तरसेम सिंह ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से मलकीत सिंह पर गोलियां चला दी। जिससे मलकीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। DSP सुल्तानपुर लोधी विपन कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद उनकी टीम ने मौके पर पहुंच मृतक का शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। 2 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से मलकीत सिंह 6 गोलियां चलाई है। मृतक के परिजनों के बयान कलमबंद किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोपी दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
SGPC की कंगना के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग:HP सरकार को चेताया, पंजाबियों को ना करें परेशान; योगा गर्ल को नहीं मिलेगी माफी
SGPC की कंगना के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग:HP सरकार को चेताया, पंजाबियों को ना करें परेशान; योगा गर्ल को नहीं मिलेगी माफी अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की बैठक में हिमाचल प्रदेश (HP) से नवनिर्वाचित सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौट के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग रखी है। SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कंगना के खिलाफ चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुए विवाद के बाद सिखों के बारे में कहे शब्दों के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए। SGPC प्रधान ने कहा कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट विवाद के बाद CISF जवान सिख युवती का तो ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन कंगना रनौट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, हिमाचल प्रदेश में पंजाबियों व सिखों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर सरकार को सोचना चाहिए। इससे उनका तो कोई नुकसान नहीं होगा, टूरिस्ट कम हो जाएंगे। इस बात से ही हिमाचल प्रदेश सरकार को सीख लेनी चाहिए कि पंजाबियों ने इस बार हिमाचल प्रदेश की जगह जम्मू-कश्मीर का रुख कर लिया है। योगा गर्ल की गलती माफी लायक नहीं SGPC प्रधान ने बताया कि बीते दिनों गोल्डन टेंपल परिसर में योग का मुद्दा सामने आया था। युवती ने माफी भी मांगी, लेकिन कई बातें माफ करने योग्य नहीं होती। जबकि गोल्डन टेंपल परिसर के बाहर स्क्रीन लगी है और बार-बार सचेत भी किया जाता है कि मर्यादा का ध्यान रखा जाए। लेकिन ऐसा नहीं होता। अगर इसी तरह गलतियों पर माफ किया जाता रहा तो सही संदेश नहीं जाएगा। राजस्थान में ज्यूडिशियरी पेपर विवाद पर लीगल एक्शन की तैयारी प्रधान एडवोकेट धामी ने बताया कि बीते दिनों राजस्थान में ज्यूडिशियरी परीक्षा के दौरान दो सिख युवतियों को इसलिए परीक्षा केंद्र में नहीं जाने दिया, क्योंकि उन्होंने श्री साहिब व कड़ा पहन रखा था। जबकि ये उनका मौलिक अधिकार है। देखा गया है कि देश के एयरपोर्ट्स पर व विभिन्न परीक्षाओं में सिखों के ककारों को लेकर परेशान किया जाता है। ऐसे में SGPC माहिरों की राय ले रही है, जिसके बाद लीगल एक्शन लिया जाएगा। गोल्डन टेंपल में फिल्मों की प्रमोशन नहीं कर पाएंगे स्टार बीते कुछ समय में देखा गया है कि पंजाब व बॉलीवुड स्टार फिल्मों की प्रमोशन के लिए गोल्डन टेंपल आते हैं। वे माथा टेकते हैं और अपने साथ कैमरा मैन लेकर पहुंचते हैं। इस पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की तरफ से भी ऐतराज उठाया गया था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। SGPC का कहना है कि गोल्डन टेंपल आस्था का केंद्र है। ऐसे में स्टार्स को सिर्फ श्रद्धालु बन माथा टेकने की अनुमति होगी, वे फिल्म की प्रमोशन नहीं कर पाएंगे।