हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंडी से सांसद कंगना रनोट पर तीखा हमला बोला। जगत नेगी ने कहा कि, प्रदेश में जब आपदा आई तब कंगना रनोट ने कहा कि उन्हें अधिकारियों ने सलाह दी है कि अभी येलो अलर्ट है। इसलिए प्रदेश मत आना। यदि वो आती तो मेकअप धुल जाता। जगत नेगी ने कहा, कंगना हिमाचल तब पहुंची, जब यहां सब कुछ ठीक हो गया था और घड़ियाली आंसू बहाकर वापस चली गई। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई की रात आपदा में मंडी संसदीय क्षेत्र के 54 लोग लापता हो गए थे। राज्य सरकार दिन रात रेस्क्यू में जुटी रही। यह सब कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र में हुआ। बीजेपी सांसद कंगना सब कुछ सामान्य होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचती हैं। आपदा पर चर्चा का जवाब दे रहे थे जगत नेगी राजस्व मंत्री जगत नेगी विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को आपदा पर 4 दिन चली चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कंगना को भी निशाने पर लिया। जगत नेगी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा को लेकर सदन में चर्चा की शुरुआत की। इस पर 30 विधायकों ने अपनी-अपनी बात रखी है। मगर, आज नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं और सबको साथ लेकर चले गए। 31 जुलाई की रात आपदा, 6 अगस्त को पहुंची थी कंगना बता दें कि, प्रदेश में बीते 31 जुलाई की आधी रात मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर के समेज, कुल्लू के बाघीपुल, मंडी की चौहारघाटी, श्रीकंड के रास्ते में सिंघगाड़ में बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई थी। 3 जगह 54 लोग बाढ़ में बह गए और लैंडस्लाइड में दब गए थे। तब कंगना रनोट ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अभी हिमाचल नहीं आने की सलाह दी गई है। इसके बाद कंगना का सोशल मीडिया में जबरदस्त विरोध भी हुआ। PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी तंज कसा था। आपदा के छठें दिन प्रदेश आई कंगना कंगना रनोट प्रदेश में आपदा के छठें दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची। सबसे पहले वह रामपुर के समेज गई, जहां 36 लोग बाढ़ में बह गए थे। इसके बाद वह बाघीपुल और चौहारघाटी भी पहुंची। इस पर राज्य के राजस्व मंत्री ने तंज कसा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंडी से सांसद कंगना रनोट पर तीखा हमला बोला। जगत नेगी ने कहा कि, प्रदेश में जब आपदा आई तब कंगना रनोट ने कहा कि उन्हें अधिकारियों ने सलाह दी है कि अभी येलो अलर्ट है। इसलिए प्रदेश मत आना। यदि वो आती तो मेकअप धुल जाता। जगत नेगी ने कहा, कंगना हिमाचल तब पहुंची, जब यहां सब कुछ ठीक हो गया था और घड़ियाली आंसू बहाकर वापस चली गई। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई की रात आपदा में मंडी संसदीय क्षेत्र के 54 लोग लापता हो गए थे। राज्य सरकार दिन रात रेस्क्यू में जुटी रही। यह सब कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र में हुआ। बीजेपी सांसद कंगना सब कुछ सामान्य होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचती हैं। आपदा पर चर्चा का जवाब दे रहे थे जगत नेगी राजस्व मंत्री जगत नेगी विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को आपदा पर 4 दिन चली चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कंगना को भी निशाने पर लिया। जगत नेगी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा को लेकर सदन में चर्चा की शुरुआत की। इस पर 30 विधायकों ने अपनी-अपनी बात रखी है। मगर, आज नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं और सबको साथ लेकर चले गए। 31 जुलाई की रात आपदा, 6 अगस्त को पहुंची थी कंगना बता दें कि, प्रदेश में बीते 31 जुलाई की आधी रात मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर के समेज, कुल्लू के बाघीपुल, मंडी की चौहारघाटी, श्रीकंड के रास्ते में सिंघगाड़ में बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई थी। 3 जगह 54 लोग बाढ़ में बह गए और लैंडस्लाइड में दब गए थे। तब कंगना रनोट ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अभी हिमाचल नहीं आने की सलाह दी गई है। इसके बाद कंगना का सोशल मीडिया में जबरदस्त विरोध भी हुआ। PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी तंज कसा था। आपदा के छठें दिन प्रदेश आई कंगना कंगना रनोट प्रदेश में आपदा के छठें दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची। सबसे पहले वह रामपुर के समेज गई, जहां 36 लोग बाढ़ में बह गए थे। इसके बाद वह बाघीपुल और चौहारघाटी भी पहुंची। इस पर राज्य के राजस्व मंत्री ने तंज कसा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सोलन में स्क्रैप डीलर की फर्म को नोटिस:बोर्ड ने 7 दिन के अंदर मांगा जवाब, ड्रम धोकर नाले में फेंका केमिकल
सोलन में स्क्रैप डीलर की फर्म को नोटिस:बोर्ड ने 7 दिन के अंदर मांगा जवाब, ड्रम धोकर नाले में फेंका केमिकल हिमाचल प्रदेश के सोलन के नालागढ़ में साजिश के तहत खुद पर फायरिंग करवाने वाले स्क्रैप डीलर का एक और कारनामा सामने आया है। आरोपी की रियल एंटरप्राइस नामक फर्म को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस देते हुए सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है, तो बिजली काटी जा सकती है। नाले में फेंका जा रहा केमिकल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास पुख़्ता सबूत थे कि यह फर्म भटोली कलां की नामी मल्टी नेशनल कंपनी से आने वाले केमिकल ड्रमों को खुले में धोता था, जिसका सारा केमिकल नाले में फेंका जा रहा था। जिससे एरिया में प्रदूषण फैलाया जा रहा था। ऐसे में कंपनी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है कि आख़िर किस आधार पर उक्त फ़र्म को वेंडर बनाया गया था। भारी जुर्माने का भी प्रावधान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर उक्त फ़र्म पर एन्वायर्नमेंट कॉम्पेनसेशन के तहत भारी जुर्माना भी लग सकता है। जिसमें 10 हज़ार से 15 लाख तक के जुर्माने का भारी प्रावधान भी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी द्वारा पत्र में इस बात का हवाला दिया है कि 23 सिंतबर 2024 को आपके यूनिट का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें मौके पर पाया था कि यूनिट में लाए केमिकल ड्रम बाहर खुले में धोकर केमिकल फेंक रहे है। लंबे समय से बंद था प्लांट इन ड्रमों को प्लांट के बाहर खुले स्थान पर धोया जा रहा था और इस गंदे व जहरीले कैमिकल युक्त पानी को नाले में फेंका जा रहा था। हैरानी तो तब हुई, जब विभागीय अधिकारियों ने यह पाया कि रीयल स्क्रैप एंटरप्राइजिज का ट्रिटमैंट प्लांट लंबे समय से बंद था और उसकी लोग बुक भी मेंटेन नहीं की गई थी। गांव के नाले में बिना अनुमति जहरीला बिना शोधित जल निपटारा करने पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी ने 5 अक्टूबर को नोटिस भी उपरोक्त यूनिट को दिया था। 23 सितंबर को जो सैंपल लिए गए थे, उसके नतीजे नहीं थे। उस समय विभाग ने उक्त यूनिट को दोषी मानते हुए व पर्यावरण को दूषित करने के आरोप में बिजली काटने की बात कही थी। अवहेलना पर काटी जाएगी बिजली वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि मलपुर के रीयल स्क्रैप एंटरप्राइजिज को प्रदूषण बोर्ड नियमों की अवहेलना करने पर नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा एन्वायर्नमेंट कंपनसेशन के रूप में भारी जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अवहेलना पर बिजली भी काटी जा सकती है।