कड़ाके की ठंड में आधी रात को तैयार होती है सर्दियों की यह खास मिठाई, खरीदने के लिए लगती है लाइन

कड़ाके की ठंड में आधी रात को तैयार होती है सर्दियों की यह खास मिठाई, खरीदने के लिए लगती है लाइन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर अपने महल हवेलियों व किले की भव्यता और अपने स्वाद को लेकर देश दुनिया में अलग ही पहचान रखता है. जोधपुर के बारे में कहा जाता है. यहां की एक कहावत “खंडे और खावण खंडे” बहुत मशहूर है. खंडो का तात्पर्य पत्थरों की नगरी से है क्योंकि यहां पर सभी मकान पत्थरों के बने हुए हैं और खावण खंडों का तात्पर्य यहां के लोगों के जायके से है. आज आपको जोधपुर की एक खास मिठाई फीणी के बारे में बताने जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मिठाई सिर्फ सर्दियों में आधी रात को ही बनती है और इसे सर्दियों में ही खाया जाता है. इसकी शुरुआत जोधपुर के एक मशहूर हलवाई पदम जी स्वीट वालों ने आज से 64 साल पहले की थी. हलवाई मोती सिंह राजपूरोहित ने बताया कि हमारे यहां पर फीणी बनाई जाती है.&nbsp;<br /><br /><strong>कई फ्लेवर में तैयार की जाती है फीणी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जोधपुर में फीणी बनाने का काम हमारे पूर्वजों ने शुरू किया था. जो लगातार चल रहा है. हम क्वालिटी में किसी भी तरह का कंप्रोमाइज नहीं करते हैं. यह मिठाई कड़ाके की सर्दी जब पड़ती है तब आधी रात को बनाए जाती है. इस मिठाई को कड़ाके की ठंड में मैदे और शुद्ध देसी घी से बनाई जाता है. यह इतनी स्वादिष्ट होती है. इसे दूध में मिलाकर या ऐसे ही खाया जा सकता है. हमारे यहां फीकी फीणी, मीठी फीणी, मावा फीणी, केसर फीणी, और भी कई फ्लेवर में तैयार की जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जोधपुर शहर की संकड़ी गलियों गुजर कर पदम जी हलवाई के फीणी के कारखाने में पहुंचते है जहां पर इस फीणी को बनाया जाता है. इस फीणी को कड़ाके की ठंड पड़ने के दौरान ही तैयार किया जाता है. इसका स्वाद ऐसा है कि जिसने भी एक बार इसका स्वाद चखा भले देश-विदेश में कहीं पर भी है. वो यह स्वाद भूल नहीं पता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की लगती है लाइन</strong><br /><br />दुकान पर फीणी की खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की लाइन लगती है. फीणी खरीदने वालों से हमने पूछा कि आप लोग यहां से ही यह फीणी क्यों खरीदते हैं. वैसे तो शहर में सब जगह मिल रही हैं. ग्राहकों का कहना है कि इस दुकान के जैसा स्वाद कहीं पर भी नहीं है. यह पुराने हलवाई है इन्हक पूर्वजों ने ही फीणी का निर्माण किया था. जिसके चलते यह दुकान इतनी मशहूर है कि हमारे रिश्तेदार देश-विदेश में रहते हैं. वह भी हमसे फीणी की डिमांड करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”राजस्थान: 450 स्कूल बंद किए जाने पर सियासी बवाल! कांग्रेस का आरोप- ‘BJP शिक्षा को निजी हाथों में…'” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-450-schools-to-close-congress-claims-privatization-is-bjp-government-policy-2865317″ target=”_self”>राजस्थान: 450 स्कूल बंद किए जाने पर सियासी बवाल! कांग्रेस का आरोप- ‘BJP शिक्षा को निजी हाथों में…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर अपने महल हवेलियों व किले की भव्यता और अपने स्वाद को लेकर देश दुनिया में अलग ही पहचान रखता है. जोधपुर के बारे में कहा जाता है. यहां की एक कहावत “खंडे और खावण खंडे” बहुत मशहूर है. खंडो का तात्पर्य पत्थरों की नगरी से है क्योंकि यहां पर सभी मकान पत्थरों के बने हुए हैं और खावण खंडों का तात्पर्य यहां के लोगों के जायके से है. आज आपको जोधपुर की एक खास मिठाई फीणी के बारे में बताने जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मिठाई सिर्फ सर्दियों में आधी रात को ही बनती है और इसे सर्दियों में ही खाया जाता है. इसकी शुरुआत जोधपुर के एक मशहूर हलवाई पदम जी स्वीट वालों ने आज से 64 साल पहले की थी. हलवाई मोती सिंह राजपूरोहित ने बताया कि हमारे यहां पर फीणी बनाई जाती है.&nbsp;<br /><br /><strong>कई फ्लेवर में तैयार की जाती है फीणी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जोधपुर में फीणी बनाने का काम हमारे पूर्वजों ने शुरू किया था. जो लगातार चल रहा है. हम क्वालिटी में किसी भी तरह का कंप्रोमाइज नहीं करते हैं. यह मिठाई कड़ाके की सर्दी जब पड़ती है तब आधी रात को बनाए जाती है. इस मिठाई को कड़ाके की ठंड में मैदे और शुद्ध देसी घी से बनाई जाता है. यह इतनी स्वादिष्ट होती है. इसे दूध में मिलाकर या ऐसे ही खाया जा सकता है. हमारे यहां फीकी फीणी, मीठी फीणी, मावा फीणी, केसर फीणी, और भी कई फ्लेवर में तैयार की जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जोधपुर शहर की संकड़ी गलियों गुजर कर पदम जी हलवाई के फीणी के कारखाने में पहुंचते है जहां पर इस फीणी को बनाया जाता है. इस फीणी को कड़ाके की ठंड पड़ने के दौरान ही तैयार किया जाता है. इसका स्वाद ऐसा है कि जिसने भी एक बार इसका स्वाद चखा भले देश-विदेश में कहीं पर भी है. वो यह स्वाद भूल नहीं पता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की लगती है लाइन</strong><br /><br />दुकान पर फीणी की खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की लाइन लगती है. फीणी खरीदने वालों से हमने पूछा कि आप लोग यहां से ही यह फीणी क्यों खरीदते हैं. वैसे तो शहर में सब जगह मिल रही हैं. ग्राहकों का कहना है कि इस दुकान के जैसा स्वाद कहीं पर भी नहीं है. यह पुराने हलवाई है इन्हक पूर्वजों ने ही फीणी का निर्माण किया था. जिसके चलते यह दुकान इतनी मशहूर है कि हमारे रिश्तेदार देश-विदेश में रहते हैं. वह भी हमसे फीणी की डिमांड करते हैं.</p>
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