कतर की राजधानी दोहा में पुलिस द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दो पवित्र स्वरूपों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। जिस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने ऐतराज जताया है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री और भारतीय राजदूत से अनुरोध किया है कि दोनों स्वरूपों को सम्मान सहित पास के गुरुद्वारे में सुशोभित किया जाए। SGPC प्रधान एडवोकेट धामी ने इस मामले में तुरंत हस्ताक्षेप की मांग रखी है। एडवोकेट धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब का सम्मान सिख समुदाय के लिए सबसे ऊपर है। पुलिस द्वारा गुरु साहिब की पवित्र छवि को रखना एक बड़ा अपमान है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह मामला हाल ही में ब्रिटिश सिख संगठन भाई घन्हैया ह्यूमैनिटेरियन एड द्वारा जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में लाया गया था। जिन्होंने शिरोमणि समिति को इस मामले को आगे बढ़ाने के आदेश जारी किए थे। विदेश मंत्री व भारतीय राजदूत को भेजा पत्र
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा दिए गए आदेश के बाद शिरोमणि कमेटी ने भारत के विदेश मंत्री और कतर के दोहा में भारतीय राजदूत को पत्र भी लिखा है। एडवोकेट धामी ने कहा कि इस मामले के संबंध में, यह भाई घन्हैया ह्यूमैनिटेरियन एड के ध्यान में लाया गया था कि एक सिख को दिसंबर 2023 में कतर में दोहा पुलिस ने गिरफ्तार किया गया और बाद में रिहा कर दिया गया था। वकार पुलिस स्टेशन में रखे हैं स्वरूप एसजीपीसी प्रधान ने बताया कि पकड़े गए सिख के पास से श्री गुरु ग्रंथ की 2 पवित्र स्वरूप मिले थे। जिसे स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा थाने में रखा गया है। ये स्वरूप वकार पुलिस स्टेशन में रखे गए हैं। ये गुरु साहिब का बहुत बड़ा अपमान है। उन्होंने कहा कि दोहा में गिरफ्तार किया गया सिख बिरकत अल-अवामेर में अपनी संपत्ति में स्थापित गुरुद्वारा साहिब में निजी तौर पर गुरु साहिब की पूजा करता था। दैनिक मानदंडों के अनुसार स्थानीय सिखों के साथ मेलजोल रखता था। लेकिन, कतर सरकार की गैर-जिम्मेदारी के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सम्मान सहित गुरुद्वारा साहिब में पहुंचाने की मांग एडवोकेट धामी ने कहा कि इस मामले को लेकर भारत के विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर और दोहा में भारत के राजदूत विपुल को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह दोहा के अल वकारा पुलिस स्टेशन से सिख रीति-रिवाजों के अनुसार पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को पास के गुरुद्वारा साहिब में रखवाया जाए। ऐसा करने के लिए तत्कालीन कार्रवाई की जानी चाहिए। कतर की राजधानी दोहा में पुलिस द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दो पवित्र स्वरूपों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। जिस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने ऐतराज जताया है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री और भारतीय राजदूत से अनुरोध किया है कि दोनों स्वरूपों को सम्मान सहित पास के गुरुद्वारे में सुशोभित किया जाए। SGPC प्रधान एडवोकेट धामी ने इस मामले में तुरंत हस्ताक्षेप की मांग रखी है। एडवोकेट धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब का सम्मान सिख समुदाय के लिए सबसे ऊपर है। पुलिस द्वारा गुरु साहिब की पवित्र छवि को रखना एक बड़ा अपमान है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह मामला हाल ही में ब्रिटिश सिख संगठन भाई घन्हैया ह्यूमैनिटेरियन एड द्वारा जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में लाया गया था। जिन्होंने शिरोमणि समिति को इस मामले को आगे बढ़ाने के आदेश जारी किए थे। विदेश मंत्री व भारतीय राजदूत को भेजा पत्र
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा दिए गए आदेश के बाद शिरोमणि कमेटी ने भारत के विदेश मंत्री और कतर के दोहा में भारतीय राजदूत को पत्र भी लिखा है। एडवोकेट धामी ने कहा कि इस मामले के संबंध में, यह भाई घन्हैया ह्यूमैनिटेरियन एड के ध्यान में लाया गया था कि एक सिख को दिसंबर 2023 में कतर में दोहा पुलिस ने गिरफ्तार किया गया और बाद में रिहा कर दिया गया था। वकार पुलिस स्टेशन में रखे हैं स्वरूप एसजीपीसी प्रधान ने बताया कि पकड़े गए सिख के पास से श्री गुरु ग्रंथ की 2 पवित्र स्वरूप मिले थे। जिसे स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा थाने में रखा गया है। ये स्वरूप वकार पुलिस स्टेशन में रखे गए हैं। ये गुरु साहिब का बहुत बड़ा अपमान है। उन्होंने कहा कि दोहा में गिरफ्तार किया गया सिख बिरकत अल-अवामेर में अपनी संपत्ति में स्थापित गुरुद्वारा साहिब में निजी तौर पर गुरु साहिब की पूजा करता था। दैनिक मानदंडों के अनुसार स्थानीय सिखों के साथ मेलजोल रखता था। लेकिन, कतर सरकार की गैर-जिम्मेदारी के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सम्मान सहित गुरुद्वारा साहिब में पहुंचाने की मांग एडवोकेट धामी ने कहा कि इस मामले को लेकर भारत के विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर और दोहा में भारत के राजदूत विपुल को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह दोहा के अल वकारा पुलिस स्टेशन से सिख रीति-रिवाजों के अनुसार पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को पास के गुरुद्वारा साहिब में रखवाया जाए। ऐसा करने के लिए तत्कालीन कार्रवाई की जानी चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर