‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पंजाब के बॉर्डर जिलों में हुए ड्रोन अटैक के कारण लेबर उत्तर प्रदेश-बिहार लौटना शुरू हो गई है। सीजफायर के बाद भी लोगों में डर बना हुआ है। इससे जालंधर, अमृतसर, लुधियाना और पठानकोट के रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों की भीड़ साफ देखी जा सकती है। माहौल खराब होने के बाद रेहड़ियां लगाने वालों और दूसरे स्टेट के स्टूडेंट्स भी पंजाब से वापस अपने घर जा रहे हैं। पंजाब में 1 जून से धान का सीजन शुरू हो रहा है। लेबर के पलायन से पंजाब में आने वाले समय में धान रोपाई के लिए लेबर का संकट खड़ा हो सकता है। खेती के साथ-साथ इंडस्ट्री के लिए भी संकट है। पंजाब से जा रहे लोगों का कहना है कि घर-परिवार के साथ रहेंगे तो सेफ रहेंगे। जब पंजाब का माहौल ठीक हो जाएगा तब वापस आ जाएंगे। दैनिक भास्कर टीम ने जब पंजाब से जा रही लेबर से बात की तो इनका साफ कहना था कि अभी तो यहां डर लग रहा है। इसलिए घर लौट रहे हैं। अमृतसर से स्टूडेंट, पर्यटक और कारीगर लौटने लगे
अमृतसर रेलवे स्टेशन पर गोंडा के रहने वाले अनिल कुमार ने कहा कि यहां का माहौल गड़बड़ है। हम 12 बंदे गांव जा रहे हैं। अमृतसर में लड्डू बनाने का काम करते हैं। अब वापसी माहौल ठीक होने पर ही करेंगे। सीतापुर के गुफरान का कहना था कि पंजाब में माहौल खराब हो रहा है। घर वाले कह कहे हैं कि वहां रहने का क्या फायदा है। इसलिए जा रहे हैं। पटना के रहने वाले सूरज कुमार ने बताया कि मैं अमृतसर से इंजीनियरिंग कर रहा हूं। यहां माहौल खराब हो रहा है। मेरे साथ के काफी स्टूडेंट्स पहले निकल गए हैं। कुछ बस से गए हैं। ट्रेन में टिकट नहीं मिल पा रही है। छत्तीसगढ़ के विजेंद्र ने बताया कि मैं अटारी-बाघा बॉर्डर घूमने का प्लान बनाकर आया था। अब यहां अचानक से आतंकी माहौल बन गया। मेरा 2 से 3 दिन रुकने का प्लान था। अब तत्काल भाग रहे हैं। अभी रिजर्वेशन का टिकट नहीं मिल पाया है। अब दिल्ली से टिकट करवाकर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगे। बठिंडा में चाय वाले ने कहा- यहां डर लग रहा
बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले इंद्रजीत ने बताया कि मैं बठिंडा में चाय का खोखा चलाता हूं। यहां का माहौल खराब हो रहा है, इसलिए मैं घर जा रहा हूं। मैं यहां अकेला हूं। डर लगता है, मम्मी-पापा के पास रहूंगा तो अच्छा लगेगा। लुधियाना में इंडस्ट्री से जुड़ी लेबर जा रही यूपी-बिहार
लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पूर्णिया बिहार के रणजीत सिंह ने कहा कि डर के चलते हम घर जा रहे हैं। पंजाब के जगराओं में सरदार जी के पास रहते हैं और खेती का काम करते हैं। इसी तरह यूपी के बलिया के रहने वाले सचिंदर साहनी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान में जो चल रहा है, उसका डर है। पंजाब में अभी दिक्कत हो रही है, ये जो ड्रोन जा रहे हैं, उससे डर लगता है। बांदा के रहने वाले गुरपाल सिंह ने बताया कि हम पेपर मिल में काम करते हैं। यहां रात को लाइट बंद करवा दी जा रही है। टॉर्च की लाइट में काम करवाया जा रहा है। मशीनों का काम है, अंधेरे में हाथ आ सकता है। पठानकोट में बिट्टू-गुलशन बोले- माहौल ठीक होगा तो लौटेंगे
बिहार के रहने वाले बिट्टू ने कहा कि पठानकोट में माहौल खराब हो रहा है। अब मम्मी-पापा खोज रहे हैं। कह रहे हैं घर आ जाओ, इसलिए जा रहे हैं। इसी तरह से गुलशन कुमार ने बताया कि बिहारी आदमी हैं, हमें तो प्रदेश में ही रोजगार मिलेगा। अब यहां का माहौल कुछ ठीक नहीं है। काम का नुकसान हो रहा है। अभी फिर दो-तीन महीने बाद आएंगे। जालंधर रेलवे स्टेशन पर भी पंजाब से जाने वालों की भीड़
जालंधर रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले संजय ने बताया कि वह पंजाब के अलग अलग जिलों में मजदूरी करते हैं। इन दिनों राज्य में वॉर जैसी स्थिति को देखते हुए गृह जिले अलीपुर लौट रहे हैं।
हरिद्वार के रहने वाले प्रत्यूष ने कहा कि वह जालंधर में बीटेक-3 का स्टूडेंट है। यूनिवर्सिटी से काफी बच्चे घर जा रहे हैं। पंजाब में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए उसने भी घर जाने का फैसला लिया है। पंजाब में 1 जून से शुरू होगा धान का सीजन
पंजाब में 1 जून से धान का सीजन शुरू हो रहा है। पंजाब के किसान खेती के लिए पूरी तरह से यूपी और बिहार से आने वाली लेबर पर ही निर्भर है। इन दिनों पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर बिहार और यूपी की तरफ से आने वाले लोगों की भीड़ रहती थी, जबकि खराब हुए माहौल में इस बार जाने वालों की भीड़ है। इससे पंजाब में धान की रोपाई के समय लेबर का संकट खड़ा हो सकता है। पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। लुधियाना की इंडस्ट्री भी लेबर पर निर्भर
पंजाब के इंडस्ट्रियल हब लुधियाना में ज्यादातर लेबर यूपी और बिहार की है। यहां की कई फैक्ट्रियों से लोग घर जा रहे हैं। इनकी लुधियाना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए भीड़ है। यहां पेपर मिल में काम करने वाले बांदा के एक व्यक्ति और उसके साथी गुरपाल सिंह ने बताया कि रात को लाइट बंद करवा दी जा रही है। टॉर्च की लाइट में काम करवाया जा रहा है। मशीनों का काम है, अंधेरे में हाथ आ सकता है। दूसरा पंजाब का माहौल खराब हो रहा, जिसके कारण हम अभी जा रहे हैं। जब ठीक होगा तो फिर आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी तरह बहुत से लोग यहां से जा रहे हैं। ****************** ये खबर भी पढ़ें :- पाकिस्तान बॉर्डर से सटे जिलों में स्कूल नहीं खुले:एहतियातन बंद रखे गए, हालात सामान्य; पुलिस ने 2 पाकिस्तानी जासूस पकड़े भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद सोमवार से पंजाब में स्कूल खुलने के आदेश हो गए हैं। रविवार को शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि सभी स्कूल और कॉलेज 12 मई से खुल जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पंजाब के बॉर्डर जिलों में हुए ड्रोन अटैक के कारण लेबर उत्तर प्रदेश-बिहार लौटना शुरू हो गई है। सीजफायर के बाद भी लोगों में डर बना हुआ है। इससे जालंधर, अमृतसर, लुधियाना और पठानकोट के रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों की भीड़ साफ देखी जा सकती है। माहौल खराब होने के बाद रेहड़ियां लगाने वालों और दूसरे स्टेट के स्टूडेंट्स भी पंजाब से वापस अपने घर जा रहे हैं। पंजाब में 1 जून से धान का सीजन शुरू हो रहा है। लेबर के पलायन से पंजाब में आने वाले समय में धान रोपाई के लिए लेबर का संकट खड़ा हो सकता है। खेती के साथ-साथ इंडस्ट्री के लिए भी संकट है। पंजाब से जा रहे लोगों का कहना है कि घर-परिवार के साथ रहेंगे तो सेफ रहेंगे। जब पंजाब का माहौल ठीक हो जाएगा तब वापस आ जाएंगे। दैनिक भास्कर टीम ने जब पंजाब से जा रही लेबर से बात की तो इनका साफ कहना था कि अभी तो यहां डर लग रहा है। इसलिए घर लौट रहे हैं। अमृतसर से स्टूडेंट, पर्यटक और कारीगर लौटने लगे
अमृतसर रेलवे स्टेशन पर गोंडा के रहने वाले अनिल कुमार ने कहा कि यहां का माहौल गड़बड़ है। हम 12 बंदे गांव जा रहे हैं। अमृतसर में लड्डू बनाने का काम करते हैं। अब वापसी माहौल ठीक होने पर ही करेंगे। सीतापुर के गुफरान का कहना था कि पंजाब में माहौल खराब हो रहा है। घर वाले कह कहे हैं कि वहां रहने का क्या फायदा है। इसलिए जा रहे हैं। पटना के रहने वाले सूरज कुमार ने बताया कि मैं अमृतसर से इंजीनियरिंग कर रहा हूं। यहां माहौल खराब हो रहा है। मेरे साथ के काफी स्टूडेंट्स पहले निकल गए हैं। कुछ बस से गए हैं। ट्रेन में टिकट नहीं मिल पा रही है। छत्तीसगढ़ के विजेंद्र ने बताया कि मैं अटारी-बाघा बॉर्डर घूमने का प्लान बनाकर आया था। अब यहां अचानक से आतंकी माहौल बन गया। मेरा 2 से 3 दिन रुकने का प्लान था। अब तत्काल भाग रहे हैं। अभी रिजर्वेशन का टिकट नहीं मिल पाया है। अब दिल्ली से टिकट करवाकर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगे। बठिंडा में चाय वाले ने कहा- यहां डर लग रहा
बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले इंद्रजीत ने बताया कि मैं बठिंडा में चाय का खोखा चलाता हूं। यहां का माहौल खराब हो रहा है, इसलिए मैं घर जा रहा हूं। मैं यहां अकेला हूं। डर लगता है, मम्मी-पापा के पास रहूंगा तो अच्छा लगेगा। लुधियाना में इंडस्ट्री से जुड़ी लेबर जा रही यूपी-बिहार
लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पूर्णिया बिहार के रणजीत सिंह ने कहा कि डर के चलते हम घर जा रहे हैं। पंजाब के जगराओं में सरदार जी के पास रहते हैं और खेती का काम करते हैं। इसी तरह यूपी के बलिया के रहने वाले सचिंदर साहनी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान में जो चल रहा है, उसका डर है। पंजाब में अभी दिक्कत हो रही है, ये जो ड्रोन जा रहे हैं, उससे डर लगता है। बांदा के रहने वाले गुरपाल सिंह ने बताया कि हम पेपर मिल में काम करते हैं। यहां रात को लाइट बंद करवा दी जा रही है। टॉर्च की लाइट में काम करवाया जा रहा है। मशीनों का काम है, अंधेरे में हाथ आ सकता है। पठानकोट में बिट्टू-गुलशन बोले- माहौल ठीक होगा तो लौटेंगे
बिहार के रहने वाले बिट्टू ने कहा कि पठानकोट में माहौल खराब हो रहा है। अब मम्मी-पापा खोज रहे हैं। कह रहे हैं घर आ जाओ, इसलिए जा रहे हैं। इसी तरह से गुलशन कुमार ने बताया कि बिहारी आदमी हैं, हमें तो प्रदेश में ही रोजगार मिलेगा। अब यहां का माहौल कुछ ठीक नहीं है। काम का नुकसान हो रहा है। अभी फिर दो-तीन महीने बाद आएंगे। जालंधर रेलवे स्टेशन पर भी पंजाब से जाने वालों की भीड़
जालंधर रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले संजय ने बताया कि वह पंजाब के अलग अलग जिलों में मजदूरी करते हैं। इन दिनों राज्य में वॉर जैसी स्थिति को देखते हुए गृह जिले अलीपुर लौट रहे हैं।
हरिद्वार के रहने वाले प्रत्यूष ने कहा कि वह जालंधर में बीटेक-3 का स्टूडेंट है। यूनिवर्सिटी से काफी बच्चे घर जा रहे हैं। पंजाब में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए उसने भी घर जाने का फैसला लिया है। पंजाब में 1 जून से शुरू होगा धान का सीजन
पंजाब में 1 जून से धान का सीजन शुरू हो रहा है। पंजाब के किसान खेती के लिए पूरी तरह से यूपी और बिहार से आने वाली लेबर पर ही निर्भर है। इन दिनों पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर बिहार और यूपी की तरफ से आने वाले लोगों की भीड़ रहती थी, जबकि खराब हुए माहौल में इस बार जाने वालों की भीड़ है। इससे पंजाब में धान की रोपाई के समय लेबर का संकट खड़ा हो सकता है। पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। लुधियाना की इंडस्ट्री भी लेबर पर निर्भर
पंजाब के इंडस्ट्रियल हब लुधियाना में ज्यादातर लेबर यूपी और बिहार की है। यहां की कई फैक्ट्रियों से लोग घर जा रहे हैं। इनकी लुधियाना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए भीड़ है। यहां पेपर मिल में काम करने वाले बांदा के एक व्यक्ति और उसके साथी गुरपाल सिंह ने बताया कि रात को लाइट बंद करवा दी जा रही है। टॉर्च की लाइट में काम करवाया जा रहा है। मशीनों का काम है, अंधेरे में हाथ आ सकता है। दूसरा पंजाब का माहौल खराब हो रहा, जिसके कारण हम अभी जा रहे हैं। जब ठीक होगा तो फिर आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी तरह बहुत से लोग यहां से जा रहे हैं। ****************** ये खबर भी पढ़ें :- पाकिस्तान बॉर्डर से सटे जिलों में स्कूल नहीं खुले:एहतियातन बंद रखे गए, हालात सामान्य; पुलिस ने 2 पाकिस्तानी जासूस पकड़े भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद सोमवार से पंजाब में स्कूल खुलने के आदेश हो गए हैं। रविवार को शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि सभी स्कूल और कॉलेज 12 मई से खुल जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर पंजाब | दैनिक भास्कर
