कपूरथला के स्टेट बैंक घोटाले में 2 गिरफ्तार:3.71 करोड़ के गबन किया, फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिया लोन

कपूरथला के स्टेट बैंक घोटाले में 2 गिरफ्तार:3.71 करोड़ के गबन किया, फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिया लोन

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हुए करोड़ों के घोटाले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सतनाम सिंह और सरबजीत सिंह नंबरदार शामिल हैं, जो गांव सरूपवाल के रहने वाले हैं। विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार, यह मामला सात साल पहले दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर 14 फर्जी ऋण फाइलों के जरिए 3 करोड़ 71 लाख रुपए का गबन किया। घोटाले में आरोपियों ने पंजाब सरकार की जमीन को निजी संपत्ति दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और बैंक से लोन हासिल किया। गिरफ्तार किए गए सतनाम सिंह और सरबजीत सिंह को कल अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा ताकि आगे की पूछताछ की जा सके। इस मामले की अगली जांच जारी है। बैंक प्रबंधक और फील्ड अफसर भी शामिल मुख्य आरोपी सतनाम सिंह ने कृषि लोन के लिए फर्जी जमाबंदी और गिरदावरी के दस्तावेज बैंक प्रबंधक सुलिंदर सिंह को दिए। बैंक प्रबंधक ने फील्ड अफसर सुरिंदर पाल और पैनल वकील तारा चंद के साथ मिलकर यह घोटाला किया। मामले में विजिलेंस टीम अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) व 13(2) के तहत दर्ज किया गया है। आरोपियों ने फर्जी और गलत रिपोर्ट तैयार कीं, जिसके बाद बैंक प्रबंधक ने सतनाम सिंह के साथ मिलीभगत कर 16 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत कर दिया, जबकि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार गांव लोहियां की उक्त जमाबंदी का रिकॉर्ड से कोई मेल नहीं था, क्योंकि संबंधित खेवट-खतौनी और खसरा नंबर माल रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं थे और इस संबंध में कोई आधिकारिक इंद्राज भी नहीं किया गया। कुल 33 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस इसी तरह, मॉर्टगेज डीड की पुष्टि करवाने पर पाया गया कि बैंक प्रबंधक द्वारा सतनाम सिंह और मॉर्टगेज डीड पर गवाही देने वाले व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी नंबर लगाया गया था। इस पर गवाह के रूप में आरोपी सरबजीत सिंह नंबरदार, निवासी सरूपवाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। गौरतलब है कि इस विजिलेंस जांच की पड़ताल के आधार पर कुल 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिनमें से 28 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 3 आरोपियों को अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रहा है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हुए करोड़ों के घोटाले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सतनाम सिंह और सरबजीत सिंह नंबरदार शामिल हैं, जो गांव सरूपवाल के रहने वाले हैं। विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार, यह मामला सात साल पहले दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर 14 फर्जी ऋण फाइलों के जरिए 3 करोड़ 71 लाख रुपए का गबन किया। घोटाले में आरोपियों ने पंजाब सरकार की जमीन को निजी संपत्ति दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और बैंक से लोन हासिल किया। गिरफ्तार किए गए सतनाम सिंह और सरबजीत सिंह को कल अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा ताकि आगे की पूछताछ की जा सके। इस मामले की अगली जांच जारी है। बैंक प्रबंधक और फील्ड अफसर भी शामिल मुख्य आरोपी सतनाम सिंह ने कृषि लोन के लिए फर्जी जमाबंदी और गिरदावरी के दस्तावेज बैंक प्रबंधक सुलिंदर सिंह को दिए। बैंक प्रबंधक ने फील्ड अफसर सुरिंदर पाल और पैनल वकील तारा चंद के साथ मिलकर यह घोटाला किया। मामले में विजिलेंस टीम अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) व 13(2) के तहत दर्ज किया गया है। आरोपियों ने फर्जी और गलत रिपोर्ट तैयार कीं, जिसके बाद बैंक प्रबंधक ने सतनाम सिंह के साथ मिलीभगत कर 16 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत कर दिया, जबकि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार गांव लोहियां की उक्त जमाबंदी का रिकॉर्ड से कोई मेल नहीं था, क्योंकि संबंधित खेवट-खतौनी और खसरा नंबर माल रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं थे और इस संबंध में कोई आधिकारिक इंद्राज भी नहीं किया गया। कुल 33 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस इसी तरह, मॉर्टगेज डीड की पुष्टि करवाने पर पाया गया कि बैंक प्रबंधक द्वारा सतनाम सिंह और मॉर्टगेज डीड पर गवाही देने वाले व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी नंबर लगाया गया था। इस पर गवाह के रूप में आरोपी सरबजीत सिंह नंबरदार, निवासी सरूपवाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। गौरतलब है कि इस विजिलेंस जांच की पड़ताल के आधार पर कुल 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिनमें से 28 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 3 आरोपियों को अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रहा है।   पंजाब | दैनिक भास्कर