फरीदकोट में सड़क पर उतरे किसान संगठन:रोष मार्च निकाला, डीसी ऑफिस के बाहर फूंकी केंद्रीय बजट की कॉपियां

फरीदकोट में सड़क पर उतरे किसान संगठन:रोष मार्च निकाला, डीसी ऑफिस के बाहर फूंकी केंद्रीय बजट की कॉपियां

पंजाब के फरीदकोट में संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर किसान संगठनों ने केंद्रीय बजट के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला। साथ ही मिनी सचिवालय में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर बजट की कॉपियां फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। किसान संगठनों का आरोप है कि इस बार के केंद्रीय बजट में भी किसानों समेत अन्य वर्गों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है, बल्कि किसानों को कर्ज के जंजाल में फंसाने के लिए कर्ज लिमिट को बढ़ाया है, जिससे किसानों की खुदकुशी का आंकड़ा ही बढ़ने के आसार है। केंद्र सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर इकट्ठा हुए किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बजट के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला और डीसी दफ्तर के आगे नारेबाजी कर केंद्रीय बजट की कॉपियां फूंकी। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से किसान संगठनों द्वारा स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने, एमएसपी का गारंटी कानून बनाने, किसानों का सारा कर्ज माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। इस बार के बजट में भी किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चे ने इस केंद्रीय बजट की कापियां फूंकने का फैसला किया है। इस मौके पर किसान नेता शमशेर सिंह किंगरा, सुखदीप सिंह और भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में किसान व मजदूर वर्ग के अलावा छोटे दुकानदारों, व्यापारियों व कर्मचारियों के लिए भी बजट में कोई राहत नहीं दी है। किसानों का कर्ज माफ करने से साफ इनकार कर दिया है और बल्कि कर्ज की लिमिट बढ़ा दी है, जिससे किसान और कर्ज के जाल में फंस कर खुदकुशी करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को ही खुश करने में लगी हुई है और इस बार का बजट भी कॉर्पोरेट घरानों के पक्ष में ही तैयार किया गया है। पंजाब के फरीदकोट में संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर किसान संगठनों ने केंद्रीय बजट के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला। साथ ही मिनी सचिवालय में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर बजट की कॉपियां फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। किसान संगठनों का आरोप है कि इस बार के केंद्रीय बजट में भी किसानों समेत अन्य वर्गों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है, बल्कि किसानों को कर्ज के जंजाल में फंसाने के लिए कर्ज लिमिट को बढ़ाया है, जिससे किसानों की खुदकुशी का आंकड़ा ही बढ़ने के आसार है। केंद्र सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर इकट्ठा हुए किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बजट के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला और डीसी दफ्तर के आगे नारेबाजी कर केंद्रीय बजट की कॉपियां फूंकी। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से किसान संगठनों द्वारा स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने, एमएसपी का गारंटी कानून बनाने, किसानों का सारा कर्ज माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। इस बार के बजट में भी किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चे ने इस केंद्रीय बजट की कापियां फूंकने का फैसला किया है। इस मौके पर किसान नेता शमशेर सिंह किंगरा, सुखदीप सिंह और भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में किसान व मजदूर वर्ग के अलावा छोटे दुकानदारों, व्यापारियों व कर्मचारियों के लिए भी बजट में कोई राहत नहीं दी है। किसानों का कर्ज माफ करने से साफ इनकार कर दिया है और बल्कि कर्ज की लिमिट बढ़ा दी है, जिससे किसान और कर्ज के जाल में फंस कर खुदकुशी करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को ही खुश करने में लगी हुई है और इस बार का बजट भी कॉर्पोरेट घरानों के पक्ष में ही तैयार किया गया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर