कपूरथला में एक व्यापारी को विदेशी नंबर से फिरौती की धमकी दी गई है। गोइंदवाल साहिब रोड स्थित ग्रोसरी स्टोर के मालिक सुखबीर सिंह को 11 जनवरी को एक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप कॉल पर एक करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की गई। धमकी देने वाले ने व्यापारी के इंग्लैंड से लौटने का जिक्र करते हुए उनके पास बड़ी रकम होने की बात कही। साथ ही पैसे नहीं देने पर व्यापारी और उनके एनआरआई भतीजे को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। पीड़ित व्यापारी कुछ साल पहले दुबई से लौटकर यहां व्यवसाय कर रहे हैं। थाना कोतवाली के एसएचओ किरपाल सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। डीएसपी दीप करण सिंह के अनुसार पुलिस की टेक्निकल टीम मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी की पहचान कर ली जाएगी। कपूरथला में एक व्यापारी को विदेशी नंबर से फिरौती की धमकी दी गई है। गोइंदवाल साहिब रोड स्थित ग्रोसरी स्टोर के मालिक सुखबीर सिंह को 11 जनवरी को एक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप कॉल पर एक करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की गई। धमकी देने वाले ने व्यापारी के इंग्लैंड से लौटने का जिक्र करते हुए उनके पास बड़ी रकम होने की बात कही। साथ ही पैसे नहीं देने पर व्यापारी और उनके एनआरआई भतीजे को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। पीड़ित व्यापारी कुछ साल पहले दुबई से लौटकर यहां व्यवसाय कर रहे हैं। थाना कोतवाली के एसएचओ किरपाल सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। डीएसपी दीप करण सिंह के अनुसार पुलिस की टेक्निकल टीम मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी की पहचान कर ली जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में किसान नेता पंधेर ने भाजपा सांसद को घेरा:बोले- सांप्रदायिक दंगे भड़काते हैं, किसानों से माफी मांगे, बर्खास्त किए जाएं बीजेपी के सांसद रामचंद्र जांगड़ा की ओर से दिए गए बयान से भड़के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि बीजेपी और उसके सांसद सांप्रदायिक दंगे भड़काने का काम करते हैं। उन पर 295 की कार्रवाई करके उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। आपको बता दें कि, हरियाणा के भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किसान आंदोलन को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। जांगड़ा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान टिकरी और सिंघु बॉर्डर के गांवों से 700 लड़कियां गायब हो गई हैं और पंजाब के नशेड़ियों ने हरियाणा में नशा बढ़ा दिया। भाजपा सांसद ने नशे को बढ़ावे देने के लिए पंजाब पर आरोप लगाया और कहा कि 2021 से पहले हरियाणा में नशा नहीं था. लेकिन अब हमारे नौजवान नशे से मर रहे हैं। पंधेर ने कहा, माफी मांगे इस मामले में सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि भाजपा और उनके सांसद दंगे भड़काने के काम कर रहे हैं। वो समुदायों को लड़वाना चाहते हैं। पंधेर ने कहा कि वो यह भी कह रहे हैं कि यह धरने की जरूरत नहीं है बल्कि लोगों को भड़काया जा रहा है। मोदी सरकार आपके लिए काम कर रही है लेकिन वो जानना चाहते हैं कि कौन सा काम कर रही है। उन्होंने देशवासियों से भी अपील की कि जो सांसद इस तरह की बात कर रहे हैं और समुदायों को लड़वाना चाहते हैं उनके खिलाफ मिलकर खड़े हों और लड़ाई लड़ी जाए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस सांसद को बर्खास्त करना चाहिए। जेपी नड्डा जी को इनके खिलाफ 295 की एफ आई आर दर्ज करनी चाहिए। यह किसानों की मांग है।
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
लुधियाना में 3 महिलाओं का अपहरण:कार मांगने आए थे युवक; रंजिश में चचेरे भाइयों की पत्नियों-भतीजी को उठाया, FIR
लुधियाना में 3 महिलाओं का अपहरण:कार मांगने आए थे युवक; रंजिश में चचेरे भाइयों की पत्नियों-भतीजी को उठाया, FIR पंजाब के लुधियाना में एक चौंकाने वाली घटना में, दो भाइयों ने कथित तौर पर अपने चचेरे भाइयों की पत्नियों और उनकी भतीजी का अपहरण कर लिया। 10 दिनों से अधिक समय तक, परिवार ने अपने स्तर पर उन्हें ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन लापता महिलाओं का कोई पता नहीं लगा सके। अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायकर्ता के मुताबिक अगवा करने से कुछ दिन पहले आरोपी उनसे कहीं जाने के लिए कार मांगने आए थे। उन्होंने उन्हें मना कर दिया था। इसी रंजिश में आरोपियों ने उनके घर की महिलाओं को अगवा किया है। थाना कूमकलां पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनकी पहचान गांव सूदांवाला के रहने वाले हरदीप सिंह उर्फ मंगा, उसके भाई रविंदर सिंह उर्फ निशु और जस्सा नाम के एक साथी के रूप में हुई है। 22 अगस्त की रात हुआ महिलाओं का अपहरण पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अपहरण 22 अगस्त की रात को हुआ था। स्थिति की गंभीरता के बावजूद, परिवार ने एक सप्ताह से अधिक समय तक खोजबीन करने के बाद ही पुलिस से संपर्क किया। कथित तौर पर परिवार ने सामाजिक कलंक के कारण घटना की जल्द रिपोर्ट करने से परहेज किया। कोई सुराग न मिलने पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार का नंबर मुहैया कराया और पुलिस अब अपनी जांच के तहत टोल प्लाजा पर जांच कर रही है। किडनैपिंग के समय गहरी नींद में था परिवार शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ने कहा कि आरोपियों ने रात के दौरान उनकी दो बहूओं सिमरनजीत कौर, परविंदर कौर और सिमरनजीत की बेटी मनकीरत कौर का अपहरण कर लिया, जब परिवार सो रहा था। सुरजीत ने बताया कि अपहरण की रात 22 अगस्त के बाद से आरोपी और अपहृत महिला दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं। पुलिस उनके फोन को ट्रैक करने का प्रयास कर रही है लेकिन डिवाइस बंद होने के कारण कोई सक्रिय स्थान प्राप्त करने में असमर्थ है। मामले की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 127 (6) (गलत तरीके से किसी व्यक्ति को बंधक बनाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश की जा रही है।