पंजाब के कपूरथला जिले की सबडिवीजन फगवाड़ा में एक एसबीआई के एटीएम को चोरों ने निशाना बनाकर 25.27 लाख की नगदी लूट कर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। वहीं एसपी फगवाड़ा रुपिंदर भट्टी ने चोरों को जल्द काबू किए जाने का दावा किया है। एटीएम से लाखों की लूट फगवाड़ा शहर के पलाही रोड पर स्थित एसबीआई के एटीएम को निशाना बनाते हुए अज्ञात चोर ने नगदी लेकर मौके से फरार हो गए। मौके पर मिली जानकारी अनुसार चोरों ने गैस कटर से एटीएम से कटकर इस घटना को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि चोरों ने एटीएम में रखे 25.27 लाख रूपए चुराए हैं। जिसकी सूचना मिलते ही एसपी फगवाड़ा रुपिंदर कौर भट्टी ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। घटनास्थल के नजदीक लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। लोगों ने की पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग बता दें कि एक दिन पहले ही शुगर मिल चौक पर स्थित एक टायर की दुकान मालिक से बाइक सावर 2 बदमाशों ने धारदार हथियारों के बल पर लूट की घटना को अंजाम दिया था।इस मामले में अभी तक कोई भी व्यक्ति पुलिस की हिरासत में नहीं आया। दूसरी तरफ एटीएम की वारदात सामने आ गई। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि शहर में गश्त बढ़ाई जाए ताकि चोरी और लूट की वारदातों को नकेल कसी जा सके। पंजाब के कपूरथला जिले की सबडिवीजन फगवाड़ा में एक एसबीआई के एटीएम को चोरों ने निशाना बनाकर 25.27 लाख की नगदी लूट कर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। वहीं एसपी फगवाड़ा रुपिंदर भट्टी ने चोरों को जल्द काबू किए जाने का दावा किया है। एटीएम से लाखों की लूट फगवाड़ा शहर के पलाही रोड पर स्थित एसबीआई के एटीएम को निशाना बनाते हुए अज्ञात चोर ने नगदी लेकर मौके से फरार हो गए। मौके पर मिली जानकारी अनुसार चोरों ने गैस कटर से एटीएम से कटकर इस घटना को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि चोरों ने एटीएम में रखे 25.27 लाख रूपए चुराए हैं। जिसकी सूचना मिलते ही एसपी फगवाड़ा रुपिंदर कौर भट्टी ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। घटनास्थल के नजदीक लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। लोगों ने की पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग बता दें कि एक दिन पहले ही शुगर मिल चौक पर स्थित एक टायर की दुकान मालिक से बाइक सावर 2 बदमाशों ने धारदार हथियारों के बल पर लूट की घटना को अंजाम दिया था।इस मामले में अभी तक कोई भी व्यक्ति पुलिस की हिरासत में नहीं आया। दूसरी तरफ एटीएम की वारदात सामने आ गई। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि शहर में गश्त बढ़ाई जाए ताकि चोरी और लूट की वारदातों को नकेल कसी जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं पंजाब में पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के बेटे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बड़ी बगावत हो गई है। अकाली दल का बागी गुट सोमवार को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें 4 पॉइंट पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इस दौरान बागी गुट ने तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों को बैठकर इसका हल निकालने के लिए कहा। वहीं बागी गुट का अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधान बनाने के लिए किसी ने पहुंच नहीं की है। अगर समूची पार्टी उन्हें इस पद के लिए चुनेगी तो वे इस पर विचार करेंगे। अन्यथा गुटबाजी का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। अकाल तख्त पर पेश होने के बाद बागी गुट के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- ”आज हम सिर्फ हाजिरी देकर व माफी लेने आए हैं। पार्टी से जो गलतियां हुई हैं, लिखित में उसके लिए माफी मांगने आए हैं। अकाली दल को जो तगड़ा करने के लिए काम कर सकता है, उस तक एप्रोच किया गया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह तक भी जाएंगे। श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगना और गुरु साहिब के आगे पार्टी को मजबूत करने के लिए अरदास करना बागीपन नहीं है। सुखबीर बादल के अकाल तख्त साहिब पर माफी मांगने के लिए आने की बात पर चंदूमाजरा ने कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने आए हैं। उन्होंने माफी मांगनी है या नहीं, ये उन पर डिपेंड करता है। हमसे से माफी मांगने में जो देरी हुई, उसके लिए ही माफी मांगने आए हैं। वहीं, बीबी जगीर कौर ने कहा कि हम जल्द ही सब कुछ बताएंगे। एक बार श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हो जाएं। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट
सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। जाने क्या लिखा था झूंदा रिपोर्ट में
झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा
शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। जाने कब बना अकाली दल
14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह 4 साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4 हजार लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। ज्यादातर नेता सुखबीर बादल के साथ अकाली दल में एक तरफ बगावत तेज हो रही है तो दूसरी तरफ सुखबीर भी अपने ग्रुप को मजबूत करने में जुटे हैं। फिलहाल पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं।
बठिंडा में ट्रेन की चपेट में आया युवक:फोन पर सुनते वक्त हुआ हादसा, पत्नी छोड़कर जाने से परेशान
बठिंडा में ट्रेन की चपेट में आया युवक:फोन पर सुनते वक्त हुआ हादसा, पत्नी छोड़कर जाने से परेशान बठिंडा में ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान बीरबल बस्ती नरुआना रोड निवासी संजू शर्मा (27) के तौर पर हुई है। लाल सिंह बस्ती के पास रेलवे लाइन पर उनका शव टुकड़ों में मिला। मृतक के भाई दीपू ने बताया कि संजू पिछले कुछ समय से गंभीर डिप्रेशन में था। उसकी पत्नी 2-3 साल पहले अपनी छोटी बच्ची के साथ उसे छोड़कर रूस चली गई थी। जीआरपी थाना प्रभारी जसवीर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसे के समय युवक फोन पर गाना सुन रहा था, जिसके चलते वह ट्रेन की चपेट में आ गया। पुलिस ने मामले में धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। सहारा जन सेवा संस्था के कार्यकर्ता विक्की ने बताया कि उनके कंट्रोल रूम पर सूचना मिलने के बाद मृतक के शव को सिविल अस्पताल के शवगृह में पहुंचाया गया। मृतक के भाई ने बताया कि जब भी परिवार वाले उससे बात करते थे, वह गुस्सा हो जाता था और उल्टा जवाब देता था। पारिवारिक कलह के चलते वह पिछले काफी समय से मानसिक तनाव में था।
फतेहगढ़ साहिब में आंधी से बिजली का खंभा गिरा:नीचे दबने से एक व्यक्ति की मौत, लेट पहुंची एंबुलेंस, परिजनों ने जताया रोष
फतेहगढ़ साहिब में आंधी से बिजली का खंभा गिरा:नीचे दबने से एक व्यक्ति की मौत, लेट पहुंची एंबुलेंस, परिजनों ने जताया रोष पंजाब में फतेहगढ़ साहिब के सरहिंद रेलवे स्टेशन के पास गत रात्रि आंधी में एक पेड़ बिजली के खंभे ऊपर गिरा। जिससे खंभा टूट गया और इसके नीचे एक व्यक्ति दब गया। इस शख्स की मौत हो गई। मृतक की पहचान 40 वर्षीय सतपाल कुमार के तौर पर हुई। मां की दवा लेने जा रहा था सतपाल
मृतक के भाई चरणजीत ने बताया कि गत रात्रि सतपाल मां की दवा लेने घर से बाहर गया था। इसी बीच आंधी चल पड़ी। पीपल का एक बड़ा पेड़ टूटकर बिजली के खंभे ऊपर गिरा और खंभा टूटकर सतपाल के ऊपर गिर गया। लोगों ने बड़ी मुश्किल से सतपाल को खंभे के नीचे से निकाला और फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल पहुंचाया। एंबुलेंस देरी से आने का आरोप
चरणजीत ने कहा कि घटना के बाद वे लगातार 108 पर फोन करते रहे लेकिन एंबुलेंस बहुत लेट आई। उसके भाई की मौत की वजह यह भी रही। जब उसके भाई को फतेहगढ़ साहिब से चंडीगढ़ रेफर किया गया तो वहां पहुंचने से पहले रास्ते में मौत हो गई। चरणजीत ने प्रशासन से मांग की कि एंबुलेंस को हादसे वाली जगह तुरंत पहुंचना यकीनी बनाया जाए।