<p style=”text-align: justify;”><strong>Nikant Jain News:</strong> सोलर प्लांट लगाने के लिए कमीशन मांगने के मामले में एसआईटी ने सोमवार को मुख्य आरोपी निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी की इकाई लगवाने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोपी निकांत जैन के खिलाफ एसआईटी ने करीब 1600 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वादी विश्वजीत दत्ता ने निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश का भी नाम लिया है. हालांकि अभी इस संबंध में और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और साक्ष्य के आधार पर केस में आगे और भी नाम बढ़ाए जाएंगे. वादी ने बताया है कि इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश ने निकांत से संपर्क के लिए उसका मोबाइल नंबर दिया था. SIT निकांत और अभिषेक प्रकाश के कनेक्शन के साक्ष्य एकत्र कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिना कस्टडी रिमांड के दाखिल करना पड़ा आरोप पत्र<br /></strong>आपको बता दें कि चार्ज शीट में निकांत को आरोपी बनाया गया है. वहीं चार्ज शीट में वादी विश्वजीत दत्ता और इन्वेस्ट यूपी के अधिकारी कर्मचारियों सहित करीब आधा दर्जन गवाहों को शामिल किया गया है. इनके बयानों के जरिए एफआईआर में लगाए गए आरोपों और पूरे घटनाक्रम को चार्जशीट में कनेक्ट किया गया है. एसआईटी ने अपनी चार्ज शीट में कहा है कि, अभिषेक से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका. फिर से अभिषेक से संपर्क करने का प्रयास किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>SIT ने इस मामले में निकांत को बिना कस्टडी रिमांड में लिए आरोप पत्र दाखिल किया. आपको बता दें कि जिस भ्रष्टाचार निवारण के केस में निकांत को गिरफ्तार किया गया है, ऐसे आरोपों में अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है और कानून के मुताबिक जिन मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है, उसमें अगर आरोपी जेल में है तो पुलिस को अधिकतम 60 दिनों में चार्जशीट दायर करनी होती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्यायाधीश सत्येंद्र जैन ने कस्टडी रिमांड की अर्जी की खारिज<br /></strong>ऐसे मामले में पुलिस 40 दिन के भीतर पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है लेकिन इस मामले में विवेचक एसीपी विनय कुमार ने आरोपी की गिरफ्तारी के लगभग 44 दिन बाद कस्टडी रिमांड की अर्जी दी. जिसकी वजह से भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र जैन ने उसे खारिज कर दिया था. इस वजह से निकांत से कस्टडी रिमांड पर पूछताछ नहीं हो सकी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-sc-st-commission-will-probe-ram-gopal-yadav-casteist-remark-on-vyomika-singh-2947261″>WC व्योमिका सिंह पर जातीय टिप्पणी कर बुरे फंसे अखिलेश के चाचा रामगोपाल! आयोग पहुंचा मामला</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Nikant Jain News:</strong> सोलर प्लांट लगाने के लिए कमीशन मांगने के मामले में एसआईटी ने सोमवार को मुख्य आरोपी निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी की इकाई लगवाने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोपी निकांत जैन के खिलाफ एसआईटी ने करीब 1600 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वादी विश्वजीत दत्ता ने निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश का भी नाम लिया है. हालांकि अभी इस संबंध में और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और साक्ष्य के आधार पर केस में आगे और भी नाम बढ़ाए जाएंगे. वादी ने बताया है कि इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश ने निकांत से संपर्क के लिए उसका मोबाइल नंबर दिया था. SIT निकांत और अभिषेक प्रकाश के कनेक्शन के साक्ष्य एकत्र कर रही है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>SIT ने इस मामले में निकांत को बिना कस्टडी रिमांड में लिए आरोप पत्र दाखिल किया. आपको बता दें कि जिस भ्रष्टाचार निवारण के केस में निकांत को गिरफ्तार किया गया है, ऐसे आरोपों में अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है और कानून के मुताबिक जिन मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है, उसमें अगर आरोपी जेल में है तो पुलिस को अधिकतम 60 दिनों में चार्जशीट दायर करनी होती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्यायाधीश सत्येंद्र जैन ने कस्टडी रिमांड की अर्जी की खारिज<br /></strong>ऐसे मामले में पुलिस 40 दिन के भीतर पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है लेकिन इस मामले में विवेचक एसीपी विनय कुमार ने आरोपी की गिरफ्तारी के लगभग 44 दिन बाद कस्टडी रिमांड की अर्जी दी. जिसकी वजह से भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र जैन ने उसे खारिज कर दिया था. इस वजह से निकांत से कस्टडी रिमांड पर पूछताछ नहीं हो सकी थी.</p>
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