हरियाणा के करनाल के कुंजपुरा गांव में गंदा पानी पीने से गांव में हैजा और डायरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं। जिसके चलते गांव के 44 लोग फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले तीन महीने से उनके गांव में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। इसे पीकर लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले दो महीने में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। कल भी यही पानी पीने से 6 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इसके विरोध में आज ग्रामीणों ने कुंजपुरा गांव से करनाल आने वाली सड़क पर जाम लगा दिया। जिसके बाद सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जाम खुलवाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि जब तक उनके गांव में साफ पानी की सप्लाई नहीं हो जाती, तब तक वे सड़क से हटने वाले नहीं हैं। एक बेड पर दो मरीज ग्रामीण मनोज, सहदेव, श्याम सिंह और राजेश ने बताया कि सोमवार से गांव में कीड़े और गंदा पीला पानी सप्लाई हो रहा है। सोमवार से गांव के 50 से ज्यादा लोग हैजा और डायरिया के शिकार हो चुके हैं। कुंजपुरा अस्पताल में कोई भी बेड खाली नहीं है। एक बेड पर दो से तीन मरीजों को ड्रिप लगाई गई है। गांव के इस अस्पताल में करीब 44 मरीज भर्ती हैं। जबकि कई लोगों को करनाल अस्पताल रेफर किया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। सरपंच से लेकर अधिकारियों तक सभी से मिल चुके हैं ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आ रहे गंदे पानी की सप्लाई को लेकर वे गांव के सरपंच से लेकर सभी बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं। पिछले दो महीने में वे करीब 10 बार डीसी और अन्य अधिकारियों का ध्यान इस ओर दिला चुके हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सीवरेज का काम चल रहा है, इसलिए पाइप लीकेज हो रही पंचायत सदस्य राममेहर ने बताया कि जब से सीवरेज का काम चल रहा है, तब से पानी की पाइप लाइन लीक हो रही है और गांव में गंदा पानी आ रहा है। इस पानी को पीकर लोग हर दिन बीमार पड़ रहे हैं। ग्रामीणों के साथ सड़क जाम कर धरने पर बैठे पूर्व विधायक राकेश कंबोज ने बताया कि पानी मूलभूत सुविधा है, लेकिन स्थिति दयनीय हो गई है। कीड़ों वाला गंदा पानी आ रहा है, लेकिन इसे ठीक करने वाला कोई नहीं है। एसएमओ बोले गंदे पानी से लोग हो रहे बीमार स्वास्थ्य विभाग के एसएमओ संदीप कुमार ने बताया कि गांव में गंदा पानी आ रहा है। सोमवार से गांव के लोग ज्यादा बीमार हो रहे हैं। इस समय अस्पताल में करीब 44 मरीज भर्ती हैं। कुछ लोगों की तबीयत खराब हो गई थी, जिन्हें करनाल रेफर किया गया है। बीमारी से हुई मौतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी मौत के कारणों की रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेंगे। फिलहाल लोगों को उपचार दिया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर दवाइयां भी दे रही है। हरियाणा के करनाल के कुंजपुरा गांव में गंदा पानी पीने से गांव में हैजा और डायरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं। जिसके चलते गांव के 44 लोग फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले तीन महीने से उनके गांव में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। इसे पीकर लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले दो महीने में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। कल भी यही पानी पीने से 6 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इसके विरोध में आज ग्रामीणों ने कुंजपुरा गांव से करनाल आने वाली सड़क पर जाम लगा दिया। जिसके बाद सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जाम खुलवाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि जब तक उनके गांव में साफ पानी की सप्लाई नहीं हो जाती, तब तक वे सड़क से हटने वाले नहीं हैं। एक बेड पर दो मरीज ग्रामीण मनोज, सहदेव, श्याम सिंह और राजेश ने बताया कि सोमवार से गांव में कीड़े और गंदा पीला पानी सप्लाई हो रहा है। सोमवार से गांव के 50 से ज्यादा लोग हैजा और डायरिया के शिकार हो चुके हैं। कुंजपुरा अस्पताल में कोई भी बेड खाली नहीं है। एक बेड पर दो से तीन मरीजों को ड्रिप लगाई गई है। गांव के इस अस्पताल में करीब 44 मरीज भर्ती हैं। जबकि कई लोगों को करनाल अस्पताल रेफर किया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। सरपंच से लेकर अधिकारियों तक सभी से मिल चुके हैं ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आ रहे गंदे पानी की सप्लाई को लेकर वे गांव के सरपंच से लेकर सभी बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं। पिछले दो महीने में वे करीब 10 बार डीसी और अन्य अधिकारियों का ध्यान इस ओर दिला चुके हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सीवरेज का काम चल रहा है, इसलिए पाइप लीकेज हो रही पंचायत सदस्य राममेहर ने बताया कि जब से सीवरेज का काम चल रहा है, तब से पानी की पाइप लाइन लीक हो रही है और गांव में गंदा पानी आ रहा है। इस पानी को पीकर लोग हर दिन बीमार पड़ रहे हैं। ग्रामीणों के साथ सड़क जाम कर धरने पर बैठे पूर्व विधायक राकेश कंबोज ने बताया कि पानी मूलभूत सुविधा है, लेकिन स्थिति दयनीय हो गई है। कीड़ों वाला गंदा पानी आ रहा है, लेकिन इसे ठीक करने वाला कोई नहीं है। एसएमओ बोले गंदे पानी से लोग हो रहे बीमार स्वास्थ्य विभाग के एसएमओ संदीप कुमार ने बताया कि गांव में गंदा पानी आ रहा है। सोमवार से गांव के लोग ज्यादा बीमार हो रहे हैं। इस समय अस्पताल में करीब 44 मरीज भर्ती हैं। कुछ लोगों की तबीयत खराब हो गई थी, जिन्हें करनाल रेफर किया गया है। बीमारी से हुई मौतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी मौत के कारणों की रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेंगे। फिलहाल लोगों को उपचार दिया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर दवाइयां भी दे रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
चरखी दादरी में ग्रामीणों ने किया स्कूल का गेट बंद:प्राचार्य को हटाने की मांग; सरपंच पर लगाया था रिश्वत का आरोप
चरखी दादरी में ग्रामीणों ने किया स्कूल का गेट बंद:प्राचार्य को हटाने की मांग; सरपंच पर लगाया था रिश्वत का आरोप चरखी दादरी जिले में सरपंच की अगुवाई में ग्रामीणों ने स्कूल की व्यवस्थाओं को लेकर जमकर बवाल काटा। ग्रामीणों ने स्कूल का गेट बंद कर हंगामा किया। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर डटे रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि मोड़ी गांव के शहीद राजबीर सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। ग्रामीण स्कूल प्राचार्य के तबादले की मांग कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी ने मौके पर जाकर प्राचार्य व ग्रामीणों से बात की। शिक्षा मंत्री व सीएम से बात करेगा ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल प्राचार्य को दूसरी जगह भेजकर विभागीय जांच करने के आश्वासन पर ग्रामीण सहमत हुए। हालांकि ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री व सीएम से मिलकर मामले के बारे अवगत करवाएगा। प्राचार्य के तबादले की मांग मोड़ी गांव के ग्रामीण सरपंच अनिल कुमार की अगुवाई में घसोला, संतोखपुरा, मोड़ी, गोठड़ा सहित आधा दर्जन गांव के सरपंचों के साथ ग्रामीण सरकारी स्कूल में पहुंचे थे। स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर काफी हंगामा किया। ग्रामीणों ने स्कूल प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाये और तबादले की मांग उठाई। सरपंच पर लगाया था रिश्वत का आरोप सरपंच अनिल कुमार ने बताया कि प्राचार्य द्वारा उन पर रिश्वत के आरोप लगाए हैं, जबकि उनका रवैया खराब होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। ग्रामीणों के रुख को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी राजबाला फोगाट मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से बात की। साथ ही आश्वस्त किया कि प्राचार्य को दूसरी जगह भेजा जाएगा। प्राचार्य के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर विभागीय जांच की जाएगी।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले BJP काे झटका:पानीपत में सीनियर नेता ने पार्टी छोड़ी; प्रधान को वॉट्सऐप पर भेजा इस्तीफा, कांग्रेस में शामिल
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले BJP काे झटका:पानीपत में सीनियर नेता ने पार्टी छोड़ी; प्रधान को वॉट्सऐप पर भेजा इस्तीफा, कांग्रेस में शामिल हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले पानीपत में BJP को बड़ा झटका लगा है। यहां वरिष्ठ नेता और वार्ड 26 से पूर्व पार्षद विजय जैन ने अपनी प्राथमिक सदस्यता समेत तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने वॉट्सऐप पर अपने इस्तीफे की कॉपी जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को भेजी है। इसके बाद विजय जैन रोहतक पहुंचे। जहां वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस में शामिल हो गए। विजय जैन पानीपत ग्रामीण विधानसभा से टिकट के दावेदार थे। उन्होंने उनके वार्ड-26 में विकास कार्यों में भेदभाव के भी आरोप लगाए हैं। इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट ने कहा कि विजय जैन का इस्तीफा मिला है। पार्टी नेतृत्व को इसकी जानकारी दी गई है। इसको लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। इस्तीफे में वार्ड के विकास कार्यों में अनदेखी के लगाए आरोप
विजय जैन ने सोमवार को अपना एक पेज का इस्तीफा भाजपा जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को वॉट्सऐप पर भेजा है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि उनके हलके और वार्ड में विकास कार्यों में अनदेखी बरती जा रही है। वह इससे आहत हैं और अपनी प्राथमिक सदस्यों समेत सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। विदित है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पानीपत शहर की पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने भी इसी तरह भाजपा छोड़ी थी। उन्होंने भी जिलाध्यक्ष के वॉट्सऐप पर अपना इस्तीफा भेजा था। वे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस में शामिल हुई थी। उनके साथ उनके पति सुरेंद्र रेवड़ी भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। विजय जैन करीब डेढ़ सौ गाड़ियों का काफिला लेकर सोमवार रोहतक गए। निगम पार्षद बन शुरू की राजनीति
विजय जैन शहरी स्थानीय निकाय के 2019 के चुनाव भाजपा के टिकट पर जीतकर वार्ड-26 से निगम पार्षद बने थे। उन्होंने अपने वार्ड में विकास कार्यों को लेकर सदन में कई बार आवाज उठाई। उन्होंने उस समय भी अनदेखी बरतने के आरोप लगाए थे। उन्होंने इसके बाद निगम के साथ पानीपत ग्रामीण विधानसभा में प्रचार प्रसार शुरू कर दिया था। वे गांवों के साथ बाहरी कॉलोनियों में लगातार जनसंपर्क कर रहे थे। उन्होंने पिछले दिनों सेक्टर-13-17 में कार्यालय का शुभारंभ किया था।
हरियाणा BJP की हार-जीत पर समीक्षा बैठक आज से:42 सीटों पर हारे कैंडिडेटों के साथ मंथन, इंटरनल रिपोर्ट तैयार होगी
हरियाणा BJP की हार-जीत पर समीक्षा बैठक आज से:42 सीटों पर हारे कैंडिडेटों के साथ मंथन, इंटरनल रिपोर्ट तैयार होगी हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर BJP की आज से दो दिन की समीक्षा बैठक शुरू होगी। पहले दिन की बैठक पंचकूला के पंचकमल कार्यालय में होगी। पहले दिन 4 अलग-अलग बैठकें होंगी, जिसमें हार जीत के कारण तलाशे जाएंगे और एक आंतरिक रिपोर्ट बनाई जाएगी। पहले दिन की बैठक की शुरुआत हरियाणा में हारे हुए नेताओं से की जाएगी। 42 हारे हुए कैंडिडेटों को पंचकूला बुलाया गया है। यह कैंडिडेट हार के कारणों को पार्टी फोरम पर रखेंगे। इसकी एक कंपाइल रिपोर्ट तैयार होगी। हर विधानसभा वाइज हार के विलेन तलाशे जाएंगे। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे चुनाव प्रबंधन कमेटी की बैठक होगी। हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई चुनाव प्रबंधन कमेटी के संयोजक बने थे, मगर वह 4 विधानसभा तक ही सीमित थे। इस पर कुलदीप बिश्नोई से भी सवाल जवाब किए जा सकते हैं। इसके अलावा विधायक दल की बैठक में जीत के कारण और कम अंतर पर जीत के कारणों के बारे में पूछा जाएगा। वहीं अंत में सदस्यता अभियान को लेकर बैठक होगी। हरियाणा में स्पीकर सहित 9 मंत्री चुनाव हारे थे
सैनी सरकार के 8 मंत्री और विधानसभा स्पीकर चुनाव हार गए थे। सिर्फ 2 ही मंत्री चुनाव जीत पाए थे। जीतने वाले मंत्रियों में पानीपत ग्रामीण सीट से महिपाल ढांडा और बल्लभगढ़ सीट से मूलचंद शर्मा शामिल रहे। पंचकूला में ज्ञानचंद गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा। नूंह से संजय सिंह, जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर, हिसार से डॉ. कमल गुप्ता, रानियां से रणजीत चौटाला को हार का सामना करना पड़ा था। कुलदीप बिश्नोई और भव्य भी हो सकते हैं शामिल
भाजपा की होने वाली बैठकों में कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई दोनों हिस्सा ले सकते हैं। भव्य हार को लेकर होने वाली बैठक में शामिल होंगे तो वहीं कुलदीप बिश्नोई प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक होने के नाते मीटिंग में शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई को प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया था। मगर वह कुछ ही सीटों पर प्रचार कर पाए। चुनाव प्रबंधन समिति में मोहनलाल बड़ौली को अध्यक्ष, कुलदीप बिश्नोई को संयोजक, कृष्ण पंवार और वेदपाल एडवोकेट सहसंयोजक थे। वहीं ओमप्रकाश धनखड़, सुनीता दुग्गल, विपुल गोयल, कृष्णमूर्ति हुड्डा, जवाहर यादव, अजय बंसल, संदीप जोशी, जीएल शर्मा, सुनीता दांगी, रेणु डाबला, कैप्टन भूपेंद्र, उषा प्रियदर्शी, अरविंद यादव, मानस डेका, वरिंद्र गर्ग, मेयर मदन चौहान, मदन गोयल, उमेश शर्मा, नागेंद्र शर्मा, प्रवीन जैन, राजीव जेटली, अरूण यादव, आदित्य चावला, सुनील राव, मनोज शर्मा, संचित नांदल, डॉ. बलवान और कर्नल राजेंद्र सुहाग को मेंबर बनाया गया था। BJP की रिपोर्ट में हार के 5 बड़े कारण… 1. पुराने नेताओं की अनदेखी
भाजपा ने कई सीटों पर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव से ऐन वक्त पहले पार्टी में शामिल करवाया गया और टिकट दी, जिससे कई महीनों से फील्ड में तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा और वह पूरे चुनाव में दूरी बनाकर रहे। उम्मीदवारों और संघ की रिपोर्ट में उन नेताओं के बाकायदा नाम भी लिखकर दिए गए हैं। 2. एंटी इनकंबेंसी
चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी की चर्चा रही। चर्चा यह भी थी कि भाजपा चुनाव हार रही है और कांग्रेस जीत रही है, जिसके कारण 5 प्रतिशत स्विंग वोटर्स कांग्रेस की तरफ चला गया। यही वजह रही कि कड़े मुकाबलों वाली सीटों पर भी भाजपा हार गई। रोहतक, सिरसा और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा वोट स्विंग हुए। सिरसा और फतेहाबाद में भाजपा विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। 3. किसानों और जाटों में नाराजगी
किसानों और जाटों की नाराजगी का भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में जाट और किसान एग्रेसिव होकर भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 4. टिकट वितरण में गड़बड़ी
कुछ सीटों पर टिकटों का वितरण सही तरीके से नहीं हुआ। यहां पार्टी का सर्वे विफल रहा। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जिसमें हिसार, गन्नौर जैसी सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा सिरसा जिले में सबसे ज्यादा टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई। मजबूत चेहरों को दरकिनार किया गया। रणजीत सिंह, आदित्य चौटाला, मीनू बेनीवाल जैसे चेहरों को पार्टी ने दरकिनार किया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। 5. मेवात में मुसलमानों ने भाजपा को नकारा
मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में BJP के खिलाफ नाराजगी दिखी। लोगों ने BJP सरकार पर क्षेत्र में विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाया था। BJP इन मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 5 जिलों में खाता नहीं खोल पाई पार्टी
भाजपा प्रदेश के 5 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इन जिलों में नूंह, सिरसा, झज्जर, रोहतक और फतेहाबाद शामिल हैं। अगर बेल्ट के हिसाब से देखें तो ये जिले बागड़, देशवाल और नूंह बेल्ट में आते हैं। इन जिलों में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं। बागड़ बेल्ट में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती। वहीं, 2019 में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 4, JJP ने 5, इनेलो ने 1 और निर्दलीय ने 2 सीटें जीती थीं। 700 भाजपा कार्यकर्ताओं संग कल सीएम हाउस पर बैठक
भाजपा कल सीएम हाउस पर प्रदेश के 700 भाजपा वर्करों संग बैठक करेगी। इसमें मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, प्रवासी प्रभारी तक शामिल होंगे। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्यकर्ताओं से वादा किया था। इसके अलावा विधानसभा विस्तारकों और कोर ग्रुप व सांसदों की जॉइंट बैठक भी सीएम आवास पर रखी गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर शामिल हो सकते हैं।