हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी क्षेत्र के गांव मनक माजरा जीटी रोड स्थित पूजम और मनक माजरा गांव की पंचायती जमीन पर 25 एकड़ में नई अनाज मंडी का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 19 करोड़ रुपए खर्च होंगे और निर्माण कार्य सितंबर 2026 तक पूरा होने की संभावना है। नई मंडी बनने से करनाल के ही नहीं कुरूक्षेत्र सहित अन्य जिले के किसानों को भी समस्या से निजात मिलेगी और वे अपनी फसल को सीधे मनक माजरा की मंडी में बेच सकेंगे। नीलोखेड़ी मंडी में जगह की कमी से हो रही थी परेशानी वर्तमान में नीलोखेड़ी की मंडी में जगह की कमी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहां जगह कम होने के कारण किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए करनाल या फिर कुरुक्षेत्र की मंडियों तक जाना पड़ता है, जिससे उनके समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। परिवहन लागत अधिक होने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। मनक माजरा में नई मंडी बनने के बाद किसान आसानी से अपनी फसल बेच सकेंगे और उन्हें कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी। मार्केटिंग बोर्ड ने शुरू की तैयारियां, एस्टिमेट हेड ऑफिस को भेजा मंडी के निर्माण को लेकर मार्केटिंग बोर्ड ने पूरी तैयारी कर ली है। बोर्ड के एक्शन विजेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए 19 करोड़ रुपए की एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया से पहले की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और एस्टिमेट को अप्रूवल के लिए हेड ऑफिस भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मंडी के निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा, जिससे उम्मीद की जा रही है कि अगस्त या सितंबर 2026 तक इसका काम पूरा हो जाएगा। मंडी में होंगी 110 बड़ी दुकानें, 43 मध्यम और 26 छोटे बूथ नई मंडी को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जहां व्यापारियों और किसानों की जरूरतों के अनुसार अलग-अलग साइज की दुकानें बनाई जाएंगी। मंडी में कुल 110 बड़ी दुकानें होंगी, जिनका आकार 20×50 फुट होगा। इसके अलावा, 15×37.50 फुट की 43 दुकानें बनाई जाएंगी। छोटे व्यापारियों के लिए 10×10 फुट के 26 बूथ भी बनाए जाएंगे, ताकि सभी प्रकार के व्यापारियों को यहां काम करने का अवसर मिले। मंडी तक पहुंच के लिए बनेगी फोरलेन सड़क, सुविधाओं पर रहेगा जोर किसानों को मंडी तक सुगम रास्ता उपलब्ध कराने के लिए जीटी रोड से फोरलेन सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क किसानों के लिए बड़ा फायदा साबित होगी, क्योंकि उन्हें अपनी फसल लाने-ले जाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। मंडी में बिजली, पानी, सीवर लाइन, स्ट्रोम वाटर लाइन जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, एक आधुनिक ऑफिस बिल्डिंग भी बनाई जाएगी, जहां मंडी से जुड़े प्रशासनिक कार्य संपन्न होंगे। व्यापारियों से बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अपील नई मंडी के निर्माण से व्यापारियों को भी बड़ा लाभ होगा। उन्हें अधिक जगह और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे आसानी से व्यापार कर सकेंगे। मार्केटिंग बोर्ड ने व्यापारियों से अपील की है कि वे मंडी में स्थापित होने वाली दुकानों की बोली प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और नए बाजार में अपने व्यापार को आगे बढ़ाएं। 2 करोड़ की लागत से बनेगी बाउंड्री वॉल नीलोखेड़ी की मंडी को और बेहतर बनाने के लिए भी योजनाएं तैयार की गई हैं। 2 करोड़ रुपए की लागत से यहां बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी, जिसकी अप्रूवल मिल चुकी है और टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अप्रैल महीने में बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इससे मंडी का दायरा सुरक्षित होगा और किसानों को व्यापार करने में अधिक सुविधा मिलेगी। किसानों को होगा बड़ा फायदा नई मंडी बनने से किसानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। नीलोखेड़ी मंडी के छोटे होने की वजह से किसान अपनी फसल को करनाल या फिर कुरुक्षेत्र ले जाने के लिए मजबूर थे। इससे न केवल उनका समय अधिक लगता था, बल्कि किराये की ट्राली का खर्च भी बढ़ जाता था। अब मनक माजरा में नई मंडी बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी और किसानों को अपने ही क्षेत्र में अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी। नई मंडी के निर्माण से क्षेत्र में बढ़ेगा व्यापार मंडी के निर्माण से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि स्थानीय व्यापार भी बढ़ेगा। इससे आसपास के गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। नई मंडी के जरिए क्षेत्र के किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना रहेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। मनक माजरा की मंडी से गेहूं की आवक भी होगी अधिक मंडी में बेहतर सुविधाएं होने के कारण यहां गेहूं की आवक अधिक रहेगी। वर्तमान में नीलोखेड़ी मंडी में जगह की कमी के कारण किसानों को परेशानी होती थी, लेकिन अब नई मंडी में अधिक जगह मिलने से व्यापारियों और किसानों को किसी तरह की समस्या नहीं होगी। इसके अलावा, मंडी की उचित प्लानिंग से व्यापारिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा। नई मंडी से क्षेत्र का विकास होगा, किसानों और व्यापारियों को मिलेगा लाभ विजेंद्र सिंह ने कहा कि मनक माजरा में बन रही नई अनाज मंडी से पूरे क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे न केवल कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। मंडी में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। नई मंडी के निर्माण से यह तय हो गया है कि अब किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार और मार्केटिंग बोर्ड के इस कदम से किसानों और व्यापारियों को बड़ा फायदा होगा, जिससे पूरे क्षेत्र का विकास होगा। हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी क्षेत्र के गांव मनक माजरा जीटी रोड स्थित पूजम और मनक माजरा गांव की पंचायती जमीन पर 25 एकड़ में नई अनाज मंडी का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 19 करोड़ रुपए खर्च होंगे और निर्माण कार्य सितंबर 2026 तक पूरा होने की संभावना है। नई मंडी बनने से करनाल के ही नहीं कुरूक्षेत्र सहित अन्य जिले के किसानों को भी समस्या से निजात मिलेगी और वे अपनी फसल को सीधे मनक माजरा की मंडी में बेच सकेंगे। नीलोखेड़ी मंडी में जगह की कमी से हो रही थी परेशानी वर्तमान में नीलोखेड़ी की मंडी में जगह की कमी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहां जगह कम होने के कारण किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए करनाल या फिर कुरुक्षेत्र की मंडियों तक जाना पड़ता है, जिससे उनके समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। परिवहन लागत अधिक होने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। मनक माजरा में नई मंडी बनने के बाद किसान आसानी से अपनी फसल बेच सकेंगे और उन्हें कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी। मार्केटिंग बोर्ड ने शुरू की तैयारियां, एस्टिमेट हेड ऑफिस को भेजा मंडी के निर्माण को लेकर मार्केटिंग बोर्ड ने पूरी तैयारी कर ली है। बोर्ड के एक्शन विजेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए 19 करोड़ रुपए की एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया से पहले की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और एस्टिमेट को अप्रूवल के लिए हेड ऑफिस भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मंडी के निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा, जिससे उम्मीद की जा रही है कि अगस्त या सितंबर 2026 तक इसका काम पूरा हो जाएगा। मंडी में होंगी 110 बड़ी दुकानें, 43 मध्यम और 26 छोटे बूथ नई मंडी को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जहां व्यापारियों और किसानों की जरूरतों के अनुसार अलग-अलग साइज की दुकानें बनाई जाएंगी। मंडी में कुल 110 बड़ी दुकानें होंगी, जिनका आकार 20×50 फुट होगा। इसके अलावा, 15×37.50 फुट की 43 दुकानें बनाई जाएंगी। छोटे व्यापारियों के लिए 10×10 फुट के 26 बूथ भी बनाए जाएंगे, ताकि सभी प्रकार के व्यापारियों को यहां काम करने का अवसर मिले। मंडी तक पहुंच के लिए बनेगी फोरलेन सड़क, सुविधाओं पर रहेगा जोर किसानों को मंडी तक सुगम रास्ता उपलब्ध कराने के लिए जीटी रोड से फोरलेन सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क किसानों के लिए बड़ा फायदा साबित होगी, क्योंकि उन्हें अपनी फसल लाने-ले जाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। मंडी में बिजली, पानी, सीवर लाइन, स्ट्रोम वाटर लाइन जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, एक आधुनिक ऑफिस बिल्डिंग भी बनाई जाएगी, जहां मंडी से जुड़े प्रशासनिक कार्य संपन्न होंगे। व्यापारियों से बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अपील नई मंडी के निर्माण से व्यापारियों को भी बड़ा लाभ होगा। उन्हें अधिक जगह और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे आसानी से व्यापार कर सकेंगे। मार्केटिंग बोर्ड ने व्यापारियों से अपील की है कि वे मंडी में स्थापित होने वाली दुकानों की बोली प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और नए बाजार में अपने व्यापार को आगे बढ़ाएं। 2 करोड़ की लागत से बनेगी बाउंड्री वॉल नीलोखेड़ी की मंडी को और बेहतर बनाने के लिए भी योजनाएं तैयार की गई हैं। 2 करोड़ रुपए की लागत से यहां बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी, जिसकी अप्रूवल मिल चुकी है और टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अप्रैल महीने में बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इससे मंडी का दायरा सुरक्षित होगा और किसानों को व्यापार करने में अधिक सुविधा मिलेगी। किसानों को होगा बड़ा फायदा नई मंडी बनने से किसानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। नीलोखेड़ी मंडी के छोटे होने की वजह से किसान अपनी फसल को करनाल या फिर कुरुक्षेत्र ले जाने के लिए मजबूर थे। इससे न केवल उनका समय अधिक लगता था, बल्कि किराये की ट्राली का खर्च भी बढ़ जाता था। अब मनक माजरा में नई मंडी बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी और किसानों को अपने ही क्षेत्र में अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी। नई मंडी के निर्माण से क्षेत्र में बढ़ेगा व्यापार मंडी के निर्माण से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि स्थानीय व्यापार भी बढ़ेगा। इससे आसपास के गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। नई मंडी के जरिए क्षेत्र के किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना रहेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। मनक माजरा की मंडी से गेहूं की आवक भी होगी अधिक मंडी में बेहतर सुविधाएं होने के कारण यहां गेहूं की आवक अधिक रहेगी। वर्तमान में नीलोखेड़ी मंडी में जगह की कमी के कारण किसानों को परेशानी होती थी, लेकिन अब नई मंडी में अधिक जगह मिलने से व्यापारियों और किसानों को किसी तरह की समस्या नहीं होगी। इसके अलावा, मंडी की उचित प्लानिंग से व्यापारिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा। नई मंडी से क्षेत्र का विकास होगा, किसानों और व्यापारियों को मिलेगा लाभ विजेंद्र सिंह ने कहा कि मनक माजरा में बन रही नई अनाज मंडी से पूरे क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे न केवल कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। मंडी में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। नई मंडी के निर्माण से यह तय हो गया है कि अब किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार और मार्केटिंग बोर्ड के इस कदम से किसानों और व्यापारियों को बड़ा फायदा होगा, जिससे पूरे क्षेत्र का विकास होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
