हरियाणा में नगर निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस ने निकाय चुनावों को लेकर इंचार्ज व कंविनर की नियुक्तियां कर दी है। करनाल का इंचार्ज थानेसर के विधायक अशोक अरोडा का बनाया गया है, जबकि प्रियंका हुड्डा पानीपत को को-इंचार्ज नियुक्त किया गया है, लेकिन हरियाणा के करनाल में असंध से कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने निकाय चुनावों के इंचार्ज व कंविनर की लिस्ट पर सवाल खड़े कर दिए है। गद्दारों को मिला गद्दारी का फायदा उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए है और कहा कि जिन नेताओं ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान गद्दारी की और सत्ता पक्ष का साथ दिया, उन नेताओं को भी इंचार्ज, को-इंचार्ज, कंविनर और को-कंविनर की लिस्ट में शामिल किया गया है। ऐसे में गद्दारों को गद्दारी करने का लाभ मिला है। लिस्ट में शामिल किया जाना ही एक तरह से गद्दारों के लिए इनाम है। गोगी ने कहा कि किसी को भी इंचार्ज या फिर अन्य पद दिया जा सकता है, लेकिन ऐसे लोगों को तो लिस्ट में शामिल न करे, जिन लोगों ने पार्टी का नुकसान किया और इलेक्शन के दौरान पार्टी का विरोध किया। गद्दारों को तरजीह देना पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं गोगी ने कहा कि मैं इसका विरोध करता हूं और इसमें सुधार होना चाहिए था। ध्यान रखना चाहिए था। इस तरह की लिस्ट आने से वफादार नेता और कार्यकर्ताओं में मायूसी आती है। जिनको लिस्ट में शामिल किया गया है, कांग्रेस में इनसे भी बेहतर लोग है, जिनको जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी। हालांकि जो लिस्ट है, वे टेंपरेरी है, लेकिन फिर भी गद्दारों को तरजीह देना पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं है। गोगी ने कांग्रेस पर ही छोड़े सवालों के तीर गोगी ने कहा कि इस लिस्ट को लेकर सचिव जितेंद्र बघेल से बातचीत की है और इस पूरे मामले को लेकर वेणु गोपाल जी को एक चिट्ठी भी लिखी जाएगी। उसमें सवाल किया जाएगा कि आखिर लिस्ट बनाते समय ध्यान क्यों नहीं रखा गया? क्या कांग्रेस आला कमान के पास गद्दारों के नाम नहीं है? अगर नाम थे तो लिस्ट कैसे क्लियर हो गई? मैं तो यहां तक कहता हूं कि इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर इन लोगों को लिस्ट में जगह कैसे मिल गई और किसकी रिक्मेंडेशन पर दी गई और किस वजह से मिली? यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है, क्योंकि चार महीने पहले जिन लोगों ने चुनावों में खिलाफत की है, वे ही लोग उन लिस्टों में है। गोगी ने कहा कि लिस्ट बनाने वालों या फिर सलाह देने वालों में मैं नहीं हूं, अगर मैं सलाह देने वालों में भी हो जाता हूं तो गद्दारों के नाम नहीं मिलेगा। यमुना में जहर की बयानबाजी पर गोगी की टिप्पणी भाजपा और आप पार्टी के बीच यमुना के पानी में जहर की बयानबाजी को लेकर छिड़ी जंग के सवाल पर गोगी ने कहा कि यमुना के पानी में जहर नहीं है। सीएम नायब सैनी हो, या आप पार्टी का कोई नेता हो या फिर भाजपा-आरएसएस का कोई नेता हो, अगर पूरे देश में भी नजर डाली जाए तो उनकी वाणी में, विचारों में और विचारधारा में ही जहर है, तो उनका जहर तो बाहर निकलेगा ही। अगर आप पानी पीने लगोगे तो आपके अंदर ही जहर है, पानी का क्या दोष है। उन्होंने कहा कि पानी में जहर नहीं है, एक तरफ तो महाकुंभ के दौरान संगम में आस्था की डूबकी लगाई जा रही है और दूसरी तरफ ऐसी बयानबाजी की जा रही है, यह तो यमुना का भी अपमान है। गद्दारों की लिस्ट में हम नहीं होंगे गोगी ने कहा कि हम पार्टी के सच्चे सिपाही है। हमने पार्टी के सामने अपनी बात रख दी है। पार्टी के अंदर अगर हमारे विचारों की कोई वैल्यू होगी तो हमारी पूछ हो जाएगी, अन्यथा हमें तो पार्टी में ही रहना है और पार्टी के साथ ही रहना है। गद्दारों की लिस्ट में हम कभी नहीं होंगे। पार्टी में कुछ स्लीपर सैल है, वे पार्टी से जाएंगे तो हमारी पूछ हो जाएगी। अगर ये स्लीपर सैल नहीं गए तो अपना कुछ नहीं है, हमें तो तिरंगे में जाना है। हम राजनीति छोड़ सकते है लेकिन पार्टी नहीं छोड़ेंगे। निशान पर होना चाहिए चुनाव गोगी ने कहा कि कांग्रेस को हाथ के निशान पर ही निकाय चुनाव लड़ना चाहिए। सिर्फ मेयर या फिर वाइस चेयरमैन का ही नहीं बल्कि पार्षद का भी निशान पर लड़ा जाना चाहिए। अगर एमसी का चुनाव बिना निशान के करवाया गया तो मेयर का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाता है। निशान पर चुनाव होगा तो पार्टी के वफादार अपने कैंडिडेट को ही वोट डालेंगे और जो वफादार नहीं है, वे उसी तरह से वोट डलवाएंगे, जैसे पहले डलवाते थे। हरियाणा में नगर निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस ने निकाय चुनावों को लेकर इंचार्ज व कंविनर की नियुक्तियां कर दी है। करनाल का इंचार्ज थानेसर के विधायक अशोक अरोडा का बनाया गया है, जबकि प्रियंका हुड्डा पानीपत को को-इंचार्ज नियुक्त किया गया है, लेकिन हरियाणा के करनाल में असंध से कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने निकाय चुनावों के इंचार्ज व कंविनर की लिस्ट पर सवाल खड़े कर दिए है। गद्दारों को मिला गद्दारी का फायदा उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए है और कहा कि जिन नेताओं ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान गद्दारी की और सत्ता पक्ष का साथ दिया, उन नेताओं को भी इंचार्ज, को-इंचार्ज, कंविनर और को-कंविनर की लिस्ट में शामिल किया गया है। ऐसे में गद्दारों को गद्दारी करने का लाभ मिला है। लिस्ट में शामिल किया जाना ही एक तरह से गद्दारों के लिए इनाम है। गोगी ने कहा कि किसी को भी इंचार्ज या फिर अन्य पद दिया जा सकता है, लेकिन ऐसे लोगों को तो लिस्ट में शामिल न करे, जिन लोगों ने पार्टी का नुकसान किया और इलेक्शन के दौरान पार्टी का विरोध किया। गद्दारों को तरजीह देना पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं गोगी ने कहा कि मैं इसका विरोध करता हूं और इसमें सुधार होना चाहिए था। ध्यान रखना चाहिए था। इस तरह की लिस्ट आने से वफादार नेता और कार्यकर्ताओं में मायूसी आती है। जिनको लिस्ट में शामिल किया गया है, कांग्रेस में इनसे भी बेहतर लोग है, जिनको जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी। हालांकि जो लिस्ट है, वे टेंपरेरी है, लेकिन फिर भी गद्दारों को तरजीह देना पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं है। गोगी ने कांग्रेस पर ही छोड़े सवालों के तीर गोगी ने कहा कि इस लिस्ट को लेकर सचिव जितेंद्र बघेल से बातचीत की है और इस पूरे मामले को लेकर वेणु गोपाल जी को एक चिट्ठी भी लिखी जाएगी। उसमें सवाल किया जाएगा कि आखिर लिस्ट बनाते समय ध्यान क्यों नहीं रखा गया? क्या कांग्रेस आला कमान के पास गद्दारों के नाम नहीं है? अगर नाम थे तो लिस्ट कैसे क्लियर हो गई? मैं तो यहां तक कहता हूं कि इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर इन लोगों को लिस्ट में जगह कैसे मिल गई और किसकी रिक्मेंडेशन पर दी गई और किस वजह से मिली? यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है, क्योंकि चार महीने पहले जिन लोगों ने चुनावों में खिलाफत की है, वे ही लोग उन लिस्टों में है। गोगी ने कहा कि लिस्ट बनाने वालों या फिर सलाह देने वालों में मैं नहीं हूं, अगर मैं सलाह देने वालों में भी हो जाता हूं तो गद्दारों के नाम नहीं मिलेगा। यमुना में जहर की बयानबाजी पर गोगी की टिप्पणी भाजपा और आप पार्टी के बीच यमुना के पानी में जहर की बयानबाजी को लेकर छिड़ी जंग के सवाल पर गोगी ने कहा कि यमुना के पानी में जहर नहीं है। सीएम नायब सैनी हो, या आप पार्टी का कोई नेता हो या फिर भाजपा-आरएसएस का कोई नेता हो, अगर पूरे देश में भी नजर डाली जाए तो उनकी वाणी में, विचारों में और विचारधारा में ही जहर है, तो उनका जहर तो बाहर निकलेगा ही। अगर आप पानी पीने लगोगे तो आपके अंदर ही जहर है, पानी का क्या दोष है। उन्होंने कहा कि पानी में जहर नहीं है, एक तरफ तो महाकुंभ के दौरान संगम में आस्था की डूबकी लगाई जा रही है और दूसरी तरफ ऐसी बयानबाजी की जा रही है, यह तो यमुना का भी अपमान है। गद्दारों की लिस्ट में हम नहीं होंगे गोगी ने कहा कि हम पार्टी के सच्चे सिपाही है। हमने पार्टी के सामने अपनी बात रख दी है। पार्टी के अंदर अगर हमारे विचारों की कोई वैल्यू होगी तो हमारी पूछ हो जाएगी, अन्यथा हमें तो पार्टी में ही रहना है और पार्टी के साथ ही रहना है। गद्दारों की लिस्ट में हम कभी नहीं होंगे। पार्टी में कुछ स्लीपर सैल है, वे पार्टी से जाएंगे तो हमारी पूछ हो जाएगी। अगर ये स्लीपर सैल नहीं गए तो अपना कुछ नहीं है, हमें तो तिरंगे में जाना है। हम राजनीति छोड़ सकते है लेकिन पार्टी नहीं छोड़ेंगे। निशान पर होना चाहिए चुनाव गोगी ने कहा कि कांग्रेस को हाथ के निशान पर ही निकाय चुनाव लड़ना चाहिए। सिर्फ मेयर या फिर वाइस चेयरमैन का ही नहीं बल्कि पार्षद का भी निशान पर लड़ा जाना चाहिए। अगर एमसी का चुनाव बिना निशान के करवाया गया तो मेयर का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाता है। निशान पर चुनाव होगा तो पार्टी के वफादार अपने कैंडिडेट को ही वोट डालेंगे और जो वफादार नहीं है, वे उसी तरह से वोट डलवाएंगे, जैसे पहले डलवाते थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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