हरियाणा के करनाल के तरावड़ी में एक निजी डबल डेकर बस का चालक प्रवासी मजदूरों को जानवरों की तरह भरकर ले जा रहा था। हंगामा होने पर पुलिस पहुंची और जब यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया तो करीब 300 यात्री बस के अंदर से बाहर निकले। कुछ महिलाएं तो बेहोश भी हो गई थीं। प्रवासियों का आरोप है कि बस संचालकों ने हमारे साथ मारपीट भी की और स्लीपर का किराया 2000 रुपये वसूला। रविवार रात लक्ष्य टूर एंड ट्रैवल की डबल डेकर बस को अंबाला से बिहार जाना था। बस अंबाला से यात्रियों से भरी हुई निकली थी। जिस बस में आमतौर पर 70 से 80 यात्री होते हैं, उसमें करीब 300 यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। बस के अंदर की स्थिति का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। करीब एक घंटे बाद बस के अंदर ठूंस दिए गए यात्रियों की तबियत खराब होने लगी। कुछ को उल्टी होने लगी तो कुछ बेहोश होने लगे। जिसके बाद यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और बस को तरावड़ी के पास रुकवाया गया। पास में मौजूद एक चौकीदार ने तरावड़ी पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हमें जानवरों की तरह ठूंस दिया गया प्रवासी प्यारे मोहन ने बताया कि हम अंबाला से लखनऊ जा रहे थे। हमसे 2 हजार रुपए लिए गए और कहा गया कि स्लीपर सीट मिलेगी, सोते हुए चले जाओ। जब हम बस के पास पहुंचे तो वहां सैकड़ों लोग थे, हमें वहां लाइन में खड़ा कर दिया गया और गाली-गलौज कर जबरन बस के अंदर ठूंस दिया गया। जिस बस में 70-80 यात्री बैठ सकते हैं, उसमें 300 यात्री भरे हुए थे। कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ बेहोश हो गए थे। वजन इतना ज्यादा था कि पहिए का शॉक एब्जॉर्बर भी टूट गया। 4 की जगह 13 लोग बैठे प्रवासी रामदुलारे ने बताया कि मुझे बिहार जाना था। हमें बताया गया था कि एक स्लीपर में चार लोग बैठेंगे, लेकिन वहां 13 लोग बैठे थे। हमें जबरन बैठाया गया और गाली-गलौज और मारपीट भी की गई। हम लाचार होकर चुपचाप बैठे रहे, ताकि हमें और नुकसान न हो। निजी ट्रांसपोर्टर वसूलते हैं भारी किराया तरवाड़ी थाना एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया कि हमें रात 2 बजे एक कॉल आई थी। जिसमें कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बस चालक उन्हें काफी परेशान कर रहे हैं और बस में सवार लोग बीमार भी पड़ गए हैं। हमने मौके पर पहुंचकर चालक को काबू किया और यात्रियों को बस से उतारा। बस के अंदर 250 से 300 यात्री सवार थे। बस को भी कब्जे में लेकर थाने भेज दिया गया है और प्रवासियों के लिए दूसरी बसें मंगवाई गई हैं। इन प्रवासियों को यहां से ले जाने में करीब 3 बसें लगी। उन्होंने बताया कि जब हमने यात्रियों को बस से बाहर निकाला तो उसके अंदर यात्री बेहोशी की हालत में मिले। उन्हें पीने के लिए पानी दिया गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बस में छोटे बच्चे और महिलाएं भी थे। हरियाणा के करनाल के तरावड़ी में एक निजी डबल डेकर बस का चालक प्रवासी मजदूरों को जानवरों की तरह भरकर ले जा रहा था। हंगामा होने पर पुलिस पहुंची और जब यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया तो करीब 300 यात्री बस के अंदर से बाहर निकले। कुछ महिलाएं तो बेहोश भी हो गई थीं। प्रवासियों का आरोप है कि बस संचालकों ने हमारे साथ मारपीट भी की और स्लीपर का किराया 2000 रुपये वसूला। रविवार रात लक्ष्य टूर एंड ट्रैवल की डबल डेकर बस को अंबाला से बिहार जाना था। बस अंबाला से यात्रियों से भरी हुई निकली थी। जिस बस में आमतौर पर 70 से 80 यात्री होते हैं, उसमें करीब 300 यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। बस के अंदर की स्थिति का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। करीब एक घंटे बाद बस के अंदर ठूंस दिए गए यात्रियों की तबियत खराब होने लगी। कुछ को उल्टी होने लगी तो कुछ बेहोश होने लगे। जिसके बाद यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और बस को तरावड़ी के पास रुकवाया गया। पास में मौजूद एक चौकीदार ने तरावड़ी पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हमें जानवरों की तरह ठूंस दिया गया प्रवासी प्यारे मोहन ने बताया कि हम अंबाला से लखनऊ जा रहे थे। हमसे 2 हजार रुपए लिए गए और कहा गया कि स्लीपर सीट मिलेगी, सोते हुए चले जाओ। जब हम बस के पास पहुंचे तो वहां सैकड़ों लोग थे, हमें वहां लाइन में खड़ा कर दिया गया और गाली-गलौज कर जबरन बस के अंदर ठूंस दिया गया। जिस बस में 70-80 यात्री बैठ सकते हैं, उसमें 300 यात्री भरे हुए थे। कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ बेहोश हो गए थे। वजन इतना ज्यादा था कि पहिए का शॉक एब्जॉर्बर भी टूट गया। 4 की जगह 13 लोग बैठे प्रवासी रामदुलारे ने बताया कि मुझे बिहार जाना था। हमें बताया गया था कि एक स्लीपर में चार लोग बैठेंगे, लेकिन वहां 13 लोग बैठे थे। हमें जबरन बैठाया गया और गाली-गलौज और मारपीट भी की गई। हम लाचार होकर चुपचाप बैठे रहे, ताकि हमें और नुकसान न हो। निजी ट्रांसपोर्टर वसूलते हैं भारी किराया तरवाड़ी थाना एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया कि हमें रात 2 बजे एक कॉल आई थी। जिसमें कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बस चालक उन्हें काफी परेशान कर रहे हैं और बस में सवार लोग बीमार भी पड़ गए हैं। हमने मौके पर पहुंचकर चालक को काबू किया और यात्रियों को बस से उतारा। बस के अंदर 250 से 300 यात्री सवार थे। बस को भी कब्जे में लेकर थाने भेज दिया गया है और प्रवासियों के लिए दूसरी बसें मंगवाई गई हैं। इन प्रवासियों को यहां से ले जाने में करीब 3 बसें लगी। उन्होंने बताया कि जब हमने यात्रियों को बस से बाहर निकाला तो उसके अंदर यात्री बेहोशी की हालत में मिले। उन्हें पीने के लिए पानी दिया गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बस में छोटे बच्चे और महिलाएं भी थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महिला ने पुलिस को बताया कि फरवरी 2022 में एक दिन वह घर पर अकेली थी। उसी दौरान भगवान सिंह घर पर आया। वहां उसने नशीला पदार्थ सुंघा कर उसके साथ रेप किया। जब वह होश में आई तो उसने विरोध किया और पुलिस में शिकायत देने की बात कही। भगवान सिंह ने उसे धमकी दी कि वह उसके भाई को जान से मार देगा। गर्भवती हुई तो शादी की
डर की वजह से वह चुप हो गई। कुछ समय बाद वह गर्भवती हो गई। उसने भगवान सिंह को इस बारे में बताया तो उसने कहा कि वह कुंवारा है, उससे शादी कर लेगा। दोनों परिवारों की सहमति से मई 2022 में एक मंदिर में उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद से ही भगवान सिंह के पिता, भाई, बहनें, जीजा ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। कहा कि दहेज के लिए ही उससे शादी की थी। सास ने सोने की चेन और बाइक की मांग की। मायके से पहली पत्नी लौटी
अक्टूबर 2022 में उसे बेटी पैदा हुई। इसके बाद ससुराल वालों के ताने और बढ़ गए। कुछ दिन पहले ही एक प्रिया नाम की महिला घर पर आई। जिसके बाद 5 साल का बेटा भी था। पूछने पर उसने बताया कि वह भगवान सिंह की पत्नी है और वह गाजियाबाद से है। उसका पति के साथ झगड़ा चल रहा था, जिसके चलते वह अपने मायका चली गई थी। लेकिन अब उसे पता लगा कि उसका पति किसी दूसरी महिला को रख रहा है, तो वह यहां आई है। जब महिला ने अपने पति और ससुराल वालों से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने उसके साथ मारपीट की। जुलाई 2024 में उसे घर से निकाल दिया।