कोलकाता में महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की नर्सों के बाद अब जूनियर डॉक्टर भी 2 दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओटी, ओपीडी, वार्ड, लैब, फील्ड, टीचिंग ड्यूटी समेत अन्य सेवाएं बाधित हुई हैं। मेडिकल कॉलेज में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि पिछले दिनों कोलकाता के अस्पताल के उस हिस्से में अज्ञात हथियारबंद लोगों ने तोड़फोड़ की, जहां पिछले हफ्ते महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद डॉक्टरों का गुस्सा और बढ़ गया है। सुरक्षा की मांग
डॉक्टर अब संस्थानों और अस्पतालों में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। सबसे ज्यादा असर ओपीडी और सर्जरी के मरीजों पर पड़ सकता है। क्या है मामला
गौरतलब है कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन की एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा के साथ बेरहमी से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने मेडिकल बिरादरी और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इसके बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आईएमए की ओर से देशभर में विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च भी निकाले गए हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने अपराध की स्थिति को बहुत खराब तरीके से संभाला और पहले दिन के बाद पुलिस जांच ठप हो गई। जांच सीबीआई को सौंपने की मांग
डॉ. मंदीप व अन्य ने बताया कि 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अब तक की जांच पर असंतोष जताते हुए राज्य पुलिस से मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य पुलिस अपनी जांच जारी रखती है तो सबूत नष्ट हो सकते हैं। 15 अगस्त को एक बड़ी भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और अस्पताल के कई हिस्सों को नष्ट कर दिया, जिसमें पीड़िता का शव मिलने वाला क्षेत्र भी शामिल है। प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों पर भी हमला किया गया। डॉक्टरों की मांगें
1. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग है कि ऐसे अपराधों की जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। 2. ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर की सुरक्षा में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने वाले प्रिंसिपल, एमएसवीपी, डीन, पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पुलिस चौकी के एसीपी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा लिया जाए। 3. पीड़िता के शोक संतप्त परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। 4. कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। (जिसमें 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी और पर्याप्त संख्या में पुरुष और महिला सुरक्षा गार्डों की तैनाती शामिल है)। कोलकाता में महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की नर्सों के बाद अब जूनियर डॉक्टर भी 2 दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओटी, ओपीडी, वार्ड, लैब, फील्ड, टीचिंग ड्यूटी समेत अन्य सेवाएं बाधित हुई हैं। मेडिकल कॉलेज में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि पिछले दिनों कोलकाता के अस्पताल के उस हिस्से में अज्ञात हथियारबंद लोगों ने तोड़फोड़ की, जहां पिछले हफ्ते महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद डॉक्टरों का गुस्सा और बढ़ गया है। सुरक्षा की मांग
डॉक्टर अब संस्थानों और अस्पतालों में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। सबसे ज्यादा असर ओपीडी और सर्जरी के मरीजों पर पड़ सकता है। क्या है मामला
गौरतलब है कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन की एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा के साथ बेरहमी से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने मेडिकल बिरादरी और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इसके बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आईएमए की ओर से देशभर में विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च भी निकाले गए हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने अपराध की स्थिति को बहुत खराब तरीके से संभाला और पहले दिन के बाद पुलिस जांच ठप हो गई। जांच सीबीआई को सौंपने की मांग
डॉ. मंदीप व अन्य ने बताया कि 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अब तक की जांच पर असंतोष जताते हुए राज्य पुलिस से मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य पुलिस अपनी जांच जारी रखती है तो सबूत नष्ट हो सकते हैं। 15 अगस्त को एक बड़ी भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और अस्पताल के कई हिस्सों को नष्ट कर दिया, जिसमें पीड़िता का शव मिलने वाला क्षेत्र भी शामिल है। प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों पर भी हमला किया गया। डॉक्टरों की मांगें
1. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग है कि ऐसे अपराधों की जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। 2. ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर की सुरक्षा में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने वाले प्रिंसिपल, एमएसवीपी, डीन, पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पुलिस चौकी के एसीपी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा लिया जाए। 3. पीड़िता के शोक संतप्त परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। 4. कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। (जिसमें 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी और पर्याप्त संख्या में पुरुष और महिला सुरक्षा गार्डों की तैनाती शामिल है)। हरियाणा | दैनिक भास्कर