हरियाणा में करनाल के नमस्ते चौक पर एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। शिमला से दिल्ली जा रही फार्चूनर गाड़ी ट्रक से जा टकराई। ट्रक चालक द्वारा अचानक ब्रेक लगाए जाने के कारण हादसा हुआ। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। गाड़ी में सवार पति-पत्नी को राहगिरों ने गाड़ी से बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया। शिमला का रहने वाला था परिवार जानकारी देते हुए फार्चूनर गाड़ी के मालिक कुलदीप सिंह ने बताया कि वह शिमला के रहने वाले है। आज वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली की यात्रा पर थे। घटना उस समय हुई जब नमस्ते चौक पर अचानक ट्रक के ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिए। फॉर्चूनर गाड़ी ट्रक से पीछे थी और अचानक ब्रेक लगाने के कारण ड्राइवर समय पर प्रतिक्रिया नहीं कर सका और गाड़ी ट्रक से टकरा गई। सीट बेल्ट ने बचाई जान हादसे के समय गाड़ी में सवार पति-पत्नी ने सीट बेल्ट पहनी हुई थी, जिससे उनकी जान बच गई। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग और राहगीर घटनास्थल पर पहुंचे और दोनों को सुरक्षित गाड़ी से बाहर निकाला। घटना की सूचना मिलते ही करनाल पुलिस मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि हादसा ट्रक द्वारा अचानक ब्रेक लगाने के कारण हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और ट्रक ड्राइवर से पूछताछ की जा रही है। पुलिस कर रही मामले की जांच घटना के बाद, करनाल सेक्टर-4 चौकी के पुलिस अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं। चौकी इंचार्ज सुमित ने बताया कि ट्रक ड्राइवर का बयान दर्ज कर लिया है और घटनास्थल का निरीक्षण किया है। ट्रक ड्राइवर से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ब्रेक अचानक क्यों लगाए गए थे। हरियाणा में करनाल के नमस्ते चौक पर एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। शिमला से दिल्ली जा रही फार्चूनर गाड़ी ट्रक से जा टकराई। ट्रक चालक द्वारा अचानक ब्रेक लगाए जाने के कारण हादसा हुआ। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। गाड़ी में सवार पति-पत्नी को राहगिरों ने गाड़ी से बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया। शिमला का रहने वाला था परिवार जानकारी देते हुए फार्चूनर गाड़ी के मालिक कुलदीप सिंह ने बताया कि वह शिमला के रहने वाले है। आज वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली की यात्रा पर थे। घटना उस समय हुई जब नमस्ते चौक पर अचानक ट्रक के ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिए। फॉर्चूनर गाड़ी ट्रक से पीछे थी और अचानक ब्रेक लगाने के कारण ड्राइवर समय पर प्रतिक्रिया नहीं कर सका और गाड़ी ट्रक से टकरा गई। सीट बेल्ट ने बचाई जान हादसे के समय गाड़ी में सवार पति-पत्नी ने सीट बेल्ट पहनी हुई थी, जिससे उनकी जान बच गई। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग और राहगीर घटनास्थल पर पहुंचे और दोनों को सुरक्षित गाड़ी से बाहर निकाला। घटना की सूचना मिलते ही करनाल पुलिस मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि हादसा ट्रक द्वारा अचानक ब्रेक लगाने के कारण हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और ट्रक ड्राइवर से पूछताछ की जा रही है। पुलिस कर रही मामले की जांच घटना के बाद, करनाल सेक्टर-4 चौकी के पुलिस अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं। चौकी इंचार्ज सुमित ने बताया कि ट्रक ड्राइवर का बयान दर्ज कर लिया है और घटनास्थल का निरीक्षण किया है। ट्रक ड्राइवर से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ब्रेक अचानक क्यों लगाए गए थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 500 करोड़ रिएल एस्टेट फ्रॉड में बड़ा खुलासा:ED ने ओरिस ग्रुप के अकाउंट फ्रीज किए; घर से मर्सिडीज, पोर्श, बीएमडब्ल्यू कारें मिलीं
हरियाणा के 500 करोड़ रिएल एस्टेट फ्रॉड में बड़ा खुलासा:ED ने ओरिस ग्रुप के अकाउंट फ्रीज किए; घर से मर्सिडीज, पोर्श, बीएमडब्ल्यू कारें मिलीं हरियाणा में 500 करोड़ के रियल एस्टेट फ्रॉड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। 25 नवंबर को ED ने दिल्ली-NCR की 14 जगहों पर रेड की थी। उस रेड में जब्त किए सामान के बारे में खुलासा करते हुए ED ने बताया है कि ओरिस ग्रुप के मालिकों के घर और ऑफिस से कई दस्तावेज मिले हैं जो अपराध की ओर इशारा करते हैं। साथ ही रेड के दौरान कुछ संपत्ति के दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले थे। इसके अलावा ED ने ओरिस ग्रुप ऑफ कंपनीज के नाम पर 31.22 करोड़ रुपए के फिक्स डिपॉजिट (FD) और बैंक गारंटी को भी फ्रीज और जब्त किया। ED ने कंपनी के प्रमोटरों से संबंधित बैंक खाते और लॉकर फ्रीज कर दिए हैं, और ओरिस ग्रुप के एक डायरेक्टर और प्रमोटर के घर से लग्जरी कारों का जखीरा पकड़ा है। ED ने उसके घर से मर्सिडीज, पोर्श, BMW सहित 4 लग्जरी कारें पकड़ी हैं, जिन्हें जब्त कर लिया है। ED की ओर से सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट… 14 जगह हुई थी रेड
बता दें कि गुरुग्राम ED ने 25 नवंबर को NCR के 14 ठिकानों पर रेड की थी। इनमें मेसर्स ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक, प्रमोटर विजय गुप्ता, अमित गुप्ता, मेसर्स थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, इसके प्रमोटर, निदेशक निर्मल सिंह उप्पल व विधुर भारद्वाज, आदि के ऑफिस और घर शामिल थे। ED ने दिल्ली-NCR में यह कार्रवाई पीएमएलए, 2002 के तहत की थी। दिल्ली और हरियाणा पुलिस कर रही कार्रवाई
धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई ED की इस कार्रवाई की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी। FIR पर संज्ञान लेने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये शिकायतें कुछ घर खरीदारों ने कीं, जिन्होंने इन कंपनियों की परियोजनाओं में निवेश किया था। यह है पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार, ED इन कंपनियों के प्रमोटरों, शेयरधारकों और निदेशकों को 500 करोड़ रुपए से अधिक के रियल एस्टेट धोखाधड़ी, दुरुपयोग और गलत लाभ के लिए धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच कर रही है। इन पर आरोप है कि कंपनियों ने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक एकत्र किए, लेकिन वास्तविक परियोजनाओं पर केवल 500 करोड़ रुपए खर्च किए, जो मंजूरी के बिना लाइसेंस प्राप्त भूमि के एक हिस्से की धोखाधड़ी बिक्री, आगे के निवेश के लिए धन के डायवर्जन के कारण रुक गए।
अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल फिर साथ-साथ:कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल, भाजपा और कांग्रेस से अभय सिंह के सामने लड़ा था चुनाव
अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल फिर साथ-साथ:कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल, भाजपा और कांग्रेस से अभय सिंह के सामने लड़ा था चुनाव हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा से 3 बार अभय चौटाला के सामने चुनाव लड़ने वाले पवन बैनीवाल ने रविवार रात इनेलो जॉइन कर ली। पवन बैनीवाल 2 बार BJP और 1 बार कांग्रेस की टिकट पर अभय चौटाला को चुनौती दे चुके हैं मगर हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मगर बरसों पुरानी दोस्ती के खातिर दोनों नेताओं ने आपसी गिले शिकवे भुलाकर एक होना बेहतर समझा। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 साल पहले राजनीतिक मतभेद पैदा हो गए थे जिसके चलते पवन बैनीवाल इनेलो छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उनको अभय सिंह चौटाला के सामने 2014 और 2019 में चुनाव लड़वाया था। इसके बाद किसान आंदोलन के समय पवन बैनीवाल ने भाजपा को अलविदा कह कांग्रेस का दामन थाम लिया था। ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर पवन ने अभय को तीसरी बार चुनौती मगर अबकी बार तीसरे नंबर पर रहे। रविवार शाम को अभय सिंह चौटाला दड़बा कलां स्थित पवन बैनीवाल के घर पर पहुंचे जहां पर पवन बैनीवाल ने अपने समर्थकों सहित उनका स्वागत किया और कांग्रेस छोड़कर इनेलो का दामन थामा। राजनीतिक रूप से दूर हुए थे सामाजिक रूप से एक थे : पवन बैनीवाल इस मौके पर पवन बैनीवाल ने कहा कि वह पहले इनेलो और अभय सिंह सिंह चौटाला के साथ रहे थे, लेकिन किसी बात को लेकर मनमुटाव के चलते उन्होंने अलग-अलग रास्ते अपना कर लिए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभय सिंह चौटाला के सामने 3 बार चुनाव भी लड़ा है लेकिन पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते कभी भी कमजोर नहीं हुए और अब समय की नजाकत को देखते हुए एक बार फिर साथ हुए हैं और अब अभय सिंह चौटाला चुनाव में जो भी ड्यूटी लगाएंगे वह पूरी तरह निभाएंगे। पवन मेरा अजीज और छोटा भाई : अभय चौटाला इस मौके पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पवन बैनीवाल उसका सदा अजीज रहा है और छोटा भाई है और किसी एक बात को लेकर उनके बीच गलत फहमियां हो गई थी और अब सारे गिले शिकवे दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पवन बैनीवाल के साथ भाजपा और कांग्रेस ने विश्वासघात किया है। इसी प्रकार आदित्य चौटाला के साथ भी नाइंसाफी हुई थी। इसी को लेकर उन्होंने पुराने साथियों को एक साथ मिलाने का फैसला किया है।
करनाल की फैक्ट्री में यूपी के बुजुर्ग की मौत:परिजन बोले- अस्पताल में छोड़कर भागे कंपनी वाले, सिर पर चोट के निशान
करनाल की फैक्ट्री में यूपी के बुजुर्ग की मौत:परिजन बोले- अस्पताल में छोड़कर भागे कंपनी वाले, सिर पर चोट के निशान हरियाणा के करनाल जिले के नगला चौक पर स्थित गुडरिच फैक्टरी में एक बुजुर्ग कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान यूपी के अजीपुर निवासी 60 वर्षीय सुभाष के रूप में हुई है। जो करीब ढाई साल से फैक्टरी में काम कर रहे थे। उनके सिर पर चोटों के निशान पाए गए हैं। परिजनों का आरोप है कि कंपनी वाले शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों का आरोप: कंपनी ने दिखाई लापरवाही मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि फैक्टरी प्रशासन ने बड़ी लापरवाही बरती है। परिजनों का कहना है कि कंपनी वाले सुभाष का शव अस्पताल में छोड़कर भाग गए। उन्हें बॉडी अस्पताल के बाहर ही मिली। सुभाष के दोस्त और परिजनों का कहना है कि अगर यह हादसा था या किसी ने मारपीट की थी, तो कंपनी को तुरंत इसकी सूचना परिजनों को देनी चाहिए थी और अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए था। मृतक का बेटा बोला- स्थिति स्पष्ट नहीं सुभाष के दो बेटे हैं, जिन्होंने बताया कि उन्हें फैक्टरी में हुए हादसे की कोई जानकारी नहीं है। बेटे ने कहा, “सिर पर चोट के निशान हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि यह हादसा कैसे हुआ।” फैक्टरी प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह का बयान नहीं आया है और न ही वे बात करने के लिए तैयार हैं। सुभाष की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। उनके दोस्त और परिचित इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। फैक्टरी प्रशासन की लापरवाही और इस हादसे के कारण पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। परिजनों ने प्रशासन से मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है। पोस्टमार्टम के बाद होगा खुलासा यूपी के जांच अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि सुभाष शाम के समय नगला फार्म पर गुडरिच कंपनी में आए थे और रात को कोई हादसा हुआ, जिसमें उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, “पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। शिकायत के अनुरूप ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।”