रेवाड़ी में टाइगर की मूवमेंट:बावल एरिया में कैमरे में कैद हुआ, राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकला

रेवाड़ी में टाइगर की मूवमेंट:बावल एरिया में कैमरे में कैद हुआ, राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकला

हरियाणा में राजस्थान से लगते रेवाड़ी जिले के बावल इलाके में एक टाइगर नजर आया है। यह टाइगर राजस्थान के अलवर जिले में आने वाले सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर इस इलाके में पहुंचा है। सोमवार सुबह बावल एरिया के झाबुआ गांव स्थित मोर एवं चिंकारा प्रजनन सेंटर के पास यह टाइगर नजर आया। यहां लगे एक ट्रैप कैमरे में सुबह साढ़े 5 बजे इसकी मूवमेंट कैप्चर हुई। इस दौरान टाइगर वन एरिया में घूमता नजर आया। उधर हरियाणा में टाइगर की मूवमेंट कैप्चर होते ही ​​​​​​राजस्थान के ​सरिस्का वन क्षेत्र की टीम यहां सक्रिय हो गई। वन अधिकारियों ने इस पूरे इलाके को प्रतिबंधित एरिया घोषित कर दिया है। झाबुआ गांव के फॉरेस्ट एरिया में सरिस्का की टीमों ने 10 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। यह टाइगर तीन दिन पहले सरिस्का टाइगर रिजर्व के एरिया से बाहर निकलकर हरियाणा के एरिया में पहुंच गया था। इसके तुरंत बाद राजस्थान वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने हरियाणा वन विभाग को अलर्ट कर दिया। तीन दिनों से राजस्थान वाइल्ड लाइफ और हरियाणा वन विभाग की टीमें दोनों राज्यों के बॉर्डर एरिया में टाइगर को ढूंढने में लगी हैं। बावल का झाबुआ गांव इसी इलाके में आता है। यहां लगभग 750 एकड़ में जंगल फैला हुआ है और यह इलाका वन्य जीवों के लिए सुरक्षित स्थल के रूप में जाना जाता है। झाबुआ के पास नजर आए फुट मार्क सरिस्का वन क्षेत्र के रेंज अधिकारी शंकर शेखावत ने बताया कि सरिस्का के इलाके से बाहर निकला टाइगर लगभग ढाई से 3 साल का है। सोमवार सुबह इसकी मूवमेंट झाबुआ गांव में मिली। इस एरिया में टाइगर के पग मार्क मिले हैं। इसके बाद से उनकी टीमें यहां लगातार सक्रिय है। इस टाइगर के गले में कॉलर आईडी नहीं लगा इसलिए उसे ट्रैक करना चुनौती बना हुआ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह किसी तरह की अफवाह न फैलाएं। दोनों राज्यों के वन विभाग के अधिकारी बहुत जल्द इस टाइगर को वापस सरिस्का के सुरक्षित इलाके में पहुंचा देंगे। 7 माह पहले भी सरिस्का से भागा था यही टाइगर सात महीने पहले भी यही टाइगर सरिस्का जंगल से निकलकर रेवाड़ी पहुंच गया था। उस समय दोनों राज्यों के बॉर्डर से लगते हरियाणा के एक गांव में में उसने वनकर्मियों पर हमला भी कर दिया था। उसके पंजे की चपेट में आ जाने से एक वन कर्मचारी घायल हो गया था। इस बार यह टाइगर सरिस्का रिजर्व से कई दिनों से निकला हुआ है और राजस्थान के खैरथल कोट कासिम होते हुए रेवाड़ी में झाबुआ के जंगल तक पहुंच गया है। हरियाणा में राजस्थान से लगते रेवाड़ी जिले के बावल इलाके में एक टाइगर नजर आया है। यह टाइगर राजस्थान के अलवर जिले में आने वाले सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर इस इलाके में पहुंचा है। सोमवार सुबह बावल एरिया के झाबुआ गांव स्थित मोर एवं चिंकारा प्रजनन सेंटर के पास यह टाइगर नजर आया। यहां लगे एक ट्रैप कैमरे में सुबह साढ़े 5 बजे इसकी मूवमेंट कैप्चर हुई। इस दौरान टाइगर वन एरिया में घूमता नजर आया। उधर हरियाणा में टाइगर की मूवमेंट कैप्चर होते ही ​​​​​​राजस्थान के ​सरिस्का वन क्षेत्र की टीम यहां सक्रिय हो गई। वन अधिकारियों ने इस पूरे इलाके को प्रतिबंधित एरिया घोषित कर दिया है। झाबुआ गांव के फॉरेस्ट एरिया में सरिस्का की टीमों ने 10 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। यह टाइगर तीन दिन पहले सरिस्का टाइगर रिजर्व के एरिया से बाहर निकलकर हरियाणा के एरिया में पहुंच गया था। इसके तुरंत बाद राजस्थान वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने हरियाणा वन विभाग को अलर्ट कर दिया। तीन दिनों से राजस्थान वाइल्ड लाइफ और हरियाणा वन विभाग की टीमें दोनों राज्यों के बॉर्डर एरिया में टाइगर को ढूंढने में लगी हैं। बावल का झाबुआ गांव इसी इलाके में आता है। यहां लगभग 750 एकड़ में जंगल फैला हुआ है और यह इलाका वन्य जीवों के लिए सुरक्षित स्थल के रूप में जाना जाता है। झाबुआ के पास नजर आए फुट मार्क सरिस्का वन क्षेत्र के रेंज अधिकारी शंकर शेखावत ने बताया कि सरिस्का के इलाके से बाहर निकला टाइगर लगभग ढाई से 3 साल का है। सोमवार सुबह इसकी मूवमेंट झाबुआ गांव में मिली। इस एरिया में टाइगर के पग मार्क मिले हैं। इसके बाद से उनकी टीमें यहां लगातार सक्रिय है। इस टाइगर के गले में कॉलर आईडी नहीं लगा इसलिए उसे ट्रैक करना चुनौती बना हुआ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह किसी तरह की अफवाह न फैलाएं। दोनों राज्यों के वन विभाग के अधिकारी बहुत जल्द इस टाइगर को वापस सरिस्का के सुरक्षित इलाके में पहुंचा देंगे। 7 माह पहले भी सरिस्का से भागा था यही टाइगर सात महीने पहले भी यही टाइगर सरिस्का जंगल से निकलकर रेवाड़ी पहुंच गया था। उस समय दोनों राज्यों के बॉर्डर से लगते हरियाणा के एक गांव में में उसने वनकर्मियों पर हमला भी कर दिया था। उसके पंजे की चपेट में आ जाने से एक वन कर्मचारी घायल हो गया था। इस बार यह टाइगर सरिस्का रिजर्व से कई दिनों से निकला हुआ है और राजस्थान के खैरथल कोट कासिम होते हुए रेवाड़ी में झाबुआ के जंगल तक पहुंच गया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर