करनाल में बीजेपी की हैट्रिक या कांग्रेस की वापसी?:घरौंडा में 32 साल से हार झेल रही कांग्रेस के सामने बीजेपी को चुनौती देने का मौका

करनाल में बीजेपी की हैट्रिक या कांग्रेस की वापसी?:घरौंडा में 32 साल से हार झेल रही कांग्रेस के सामने बीजेपी को चुनौती देने का मौका

हरियाणा में करनाल की घरौंडा विधानसभा सीट पर 2024 का चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। कांग्रेस को यहां 32 साल से जीत नसीब नहीं हुई है, जबकि बीजेपी लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर चुकी है। अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी यहां से हैट्रिक बना पाएगी या कांग्रेस अपने लंबे सूखे को खत्म करेगी?, इस सीट पर भाजपा के अलावा अन्य किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा। हरविंद्र कल्याण को तीसरी बार टिकट बीजेपी ने इस बार फिर हरविंद्र कल्याण पर भरोसा जताते हुए उन्हें तीसरी बार घरौंडा से टिकट दी है। 2014 और 2019 में हरविंद्र कल्याण ने घरौंडा से जीत दर्ज की थी, और पार्टी को उम्मीद है कि वह इस बार भी जीत का परचम लहराएंगे। हालांकि, एंटी इंकम्बेंसी की लहर कल्याण के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि जनता के कुछ हिस्सों में असंतोष देखा जा रहा है। लेकिन कल्याण की मजबूत पकड़ और पार्टी का भरोसा उन्हें एक बार फिर जीत का मजबूत दावेदार बना रहा है। कांग्रेस की 32 साल से वापसी की कोशिश 1991 के बाद से कांग्रेस घरौंडा विधानसभा में जीत का इंतजार कर रही है। पार्टी ने कई बार कोशिशें की, लेकिन हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा। 2019 में कांग्रेस ने अनिल राणा को मैदान में उतारा था, लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार हरविंद्र कल्याण से 17,000 वोटों से हार गए। अब 2024 में कांग्रेस सही उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है, हालांकि अभी तक कांग्रेस पार्टी ने किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस के प्रमुख दावेदार ​​​​​​​इस बार कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में नरेंद्र सांगवान, वीरेंद्र राठौर, सतीश राणा, अनिल राणा, भूपेंद्र लाठर व रघुबीर संधू जैसे प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इन नेताओं में से किस चेहरे पर दांव खेलती है। इन सभी नेताओं का क्षेत्र में अपनी-अपनी पकड़ है, और सही उम्मीदवार का चुनाव कांग्रेस के लिए इस सीट पर 32 साल बाद वापसी का मौका बन सकता है। एंटी इंकम्बेंसी से कांग्रेस को फायदा? इस बार बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी की हवा बह रही है। राजनीतिक विशेषज्ञ आर.पी सैनी की माने तो जनता के बीच असंतोष और नाराजगी कांग्रेस के पक्ष में जा सकती है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस किस चेहरे पर दांव खेलती है, जो न सिर्फ एंटी इंकम्बेंसी का फायदा उठा सके, बल्कि बीजेपी को कड़ी चुनौती भी दे सके। कांग्रेस के पास सही उम्मीदवार चुनने का यह एक बड़ा मौका है, जिससे वह 32 साल का सूखा खत्म कर सकती है। 2024 का चुनाव क्यों है खास? 2024 का चुनाव घरौंडा विधानसभा के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। बीजेपी के लिए अपनी जीत की हैट्रिक बनाना अहम है, जबकि कांग्रेस के लिए 32 साल का सूखा खत्म करने का बड़ा मौका है। कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिससे सस्पेंस बना हुआ है। चुनावी नतीजे 8 अक्टूबर को यह साफ करेंगे कि जनता किसे मौका देती है – बीजेपी को तीसरी बार या कांग्रेस को लंबे समय बाद वापसी का। हरियाणा में करनाल की घरौंडा विधानसभा सीट पर 2024 का चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। कांग्रेस को यहां 32 साल से जीत नसीब नहीं हुई है, जबकि बीजेपी लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर चुकी है। अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी यहां से हैट्रिक बना पाएगी या कांग्रेस अपने लंबे सूखे को खत्म करेगी?, इस सीट पर भाजपा के अलावा अन्य किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा। हरविंद्र कल्याण को तीसरी बार टिकट बीजेपी ने इस बार फिर हरविंद्र कल्याण पर भरोसा जताते हुए उन्हें तीसरी बार घरौंडा से टिकट दी है। 2014 और 2019 में हरविंद्र कल्याण ने घरौंडा से जीत दर्ज की थी, और पार्टी को उम्मीद है कि वह इस बार भी जीत का परचम लहराएंगे। हालांकि, एंटी इंकम्बेंसी की लहर कल्याण के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि जनता के कुछ हिस्सों में असंतोष देखा जा रहा है। लेकिन कल्याण की मजबूत पकड़ और पार्टी का भरोसा उन्हें एक बार फिर जीत का मजबूत दावेदार बना रहा है। कांग्रेस की 32 साल से वापसी की कोशिश 1991 के बाद से कांग्रेस घरौंडा विधानसभा में जीत का इंतजार कर रही है। पार्टी ने कई बार कोशिशें की, लेकिन हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा। 2019 में कांग्रेस ने अनिल राणा को मैदान में उतारा था, लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार हरविंद्र कल्याण से 17,000 वोटों से हार गए। अब 2024 में कांग्रेस सही उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है, हालांकि अभी तक कांग्रेस पार्टी ने किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस के प्रमुख दावेदार ​​​​​​​इस बार कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में नरेंद्र सांगवान, वीरेंद्र राठौर, सतीश राणा, अनिल राणा, भूपेंद्र लाठर व रघुबीर संधू जैसे प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इन नेताओं में से किस चेहरे पर दांव खेलती है। इन सभी नेताओं का क्षेत्र में अपनी-अपनी पकड़ है, और सही उम्मीदवार का चुनाव कांग्रेस के लिए इस सीट पर 32 साल बाद वापसी का मौका बन सकता है। एंटी इंकम्बेंसी से कांग्रेस को फायदा? इस बार बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी की हवा बह रही है। राजनीतिक विशेषज्ञ आर.पी सैनी की माने तो जनता के बीच असंतोष और नाराजगी कांग्रेस के पक्ष में जा सकती है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस किस चेहरे पर दांव खेलती है, जो न सिर्फ एंटी इंकम्बेंसी का फायदा उठा सके, बल्कि बीजेपी को कड़ी चुनौती भी दे सके। कांग्रेस के पास सही उम्मीदवार चुनने का यह एक बड़ा मौका है, जिससे वह 32 साल का सूखा खत्म कर सकती है। 2024 का चुनाव क्यों है खास? 2024 का चुनाव घरौंडा विधानसभा के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। बीजेपी के लिए अपनी जीत की हैट्रिक बनाना अहम है, जबकि कांग्रेस के लिए 32 साल का सूखा खत्म करने का बड़ा मौका है। कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिससे सस्पेंस बना हुआ है। चुनावी नतीजे 8 अक्टूबर को यह साफ करेंगे कि जनता किसे मौका देती है – बीजेपी को तीसरी बार या कांग्रेस को लंबे समय बाद वापसी का।   हरियाणा | दैनिक भास्कर