करनाल में भाकियू की बैठक में सरकार पर हमला:प्रदेश अध्यक्ष रतनमान बोले- गोहाना में होगी महापंचायत, CM कर रहे जनता को गुमराह

करनाल में भाकियू की बैठक में सरकार पर हमला:प्रदेश अध्यक्ष रतनमान बोले- गोहाना में होगी महापंचायत, CM कर रहे जनता को गुमराह

हरियाणा के करनाल में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान की अध्यक्षता में किसानों की बैठक हुई। बैठक में 4 जनवरी को टोहाना में किसान महापंचायत और 9 जनवरी को मोगा में हरियाणा-पंजाब के किसानों की संयुक्त बैठक को लेकर निर्देश दिए गए। रतनमान ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत पर चिंता जताते हुए सरकार की बातचीत न करने की नीति की आलोचना की। बैठक में किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और समाधान के लिए बातचीत की मांग की। सरकार किसानों से बात करे प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थित विकट परिस्थितियों में है। वे पूरी किसान कौम के हितों के लिए आमरण अनशन पर है। बहुत चिंता का विषय है कि सरकार बात तक नहीं कर रही है और न ही बात करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि, आज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया और सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पास किया गया और मांग भी की गई कि सरकार किसानों से बात करें, क्योंकि बातचीत से ही रास्ता निकलेगा, समाधान निकलेगा। 4 जनवरी व 9 जनवरी की बैठक देगी जवाब रतनमान ने कहा कि देश में प्रजातंत्र है, देश में मोदीशाही नहीं है, वे देश के प्रधानमंत्री है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने सारी मांगे और डल्लेवाल का विषय लेकर दो मुख्य कार्यक्रम तय किए है। जिसमें 4 जनवरी को टोहाना में एक किसान महापंचायत होगी। जिसमें पंजाब और हरियाणा के संयुक्त मोर्चा के किसान शामिल होंगे। इसी प्रकार 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में हरियाणा-पंजाब के किसानों की संयुक्त बैठक होगी। हरियाणा और पंजाब को अलग थलग समझने वालों को खुद ही जवाब मिल जाएगा। मुख्यमंत्री जनता को कर रहे है गुमराह मान ने कहा कि किसान अपने हकों के लिए खड़ा है, अपने आंदोलन पर खड़ा है। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम करते है कि हरियाणा में आंदोलन नहीं है। मान ने कहा कि बीती 23 दिसंबर को किसानों ने सरकार का पुतला फूंका था और ज्ञापन भी दिए थे। अगर हरियाणा में आंदोलन नहीं होता तो किसान पुतला क्यों फूंकते। जब जब शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों पर सरकार व प्रशासन ने अत्याचार किए है, तब तब संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है और प्रदर्शन किए हैं। हर बार हम किसानों के साथ खड़े रहे है। मान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के 4 जनवरी और 9 जनवरी के कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दौरा किया जा रहा है और किसानों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं। हरियाणा के करनाल में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान की अध्यक्षता में किसानों की बैठक हुई। बैठक में 4 जनवरी को टोहाना में किसान महापंचायत और 9 जनवरी को मोगा में हरियाणा-पंजाब के किसानों की संयुक्त बैठक को लेकर निर्देश दिए गए। रतनमान ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत पर चिंता जताते हुए सरकार की बातचीत न करने की नीति की आलोचना की। बैठक में किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और समाधान के लिए बातचीत की मांग की। सरकार किसानों से बात करे प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थित विकट परिस्थितियों में है। वे पूरी किसान कौम के हितों के लिए आमरण अनशन पर है। बहुत चिंता का विषय है कि सरकार बात तक नहीं कर रही है और न ही बात करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि, आज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया और सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पास किया गया और मांग भी की गई कि सरकार किसानों से बात करें, क्योंकि बातचीत से ही रास्ता निकलेगा, समाधान निकलेगा। 4 जनवरी व 9 जनवरी की बैठक देगी जवाब रतनमान ने कहा कि देश में प्रजातंत्र है, देश में मोदीशाही नहीं है, वे देश के प्रधानमंत्री है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने सारी मांगे और डल्लेवाल का विषय लेकर दो मुख्य कार्यक्रम तय किए है। जिसमें 4 जनवरी को टोहाना में एक किसान महापंचायत होगी। जिसमें पंजाब और हरियाणा के संयुक्त मोर्चा के किसान शामिल होंगे। इसी प्रकार 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में हरियाणा-पंजाब के किसानों की संयुक्त बैठक होगी। हरियाणा और पंजाब को अलग थलग समझने वालों को खुद ही जवाब मिल जाएगा। मुख्यमंत्री जनता को कर रहे है गुमराह मान ने कहा कि किसान अपने हकों के लिए खड़ा है, अपने आंदोलन पर खड़ा है। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम करते है कि हरियाणा में आंदोलन नहीं है। मान ने कहा कि बीती 23 दिसंबर को किसानों ने सरकार का पुतला फूंका था और ज्ञापन भी दिए थे। अगर हरियाणा में आंदोलन नहीं होता तो किसान पुतला क्यों फूंकते। जब जब शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों पर सरकार व प्रशासन ने अत्याचार किए है, तब तब संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है और प्रदर्शन किए हैं। हर बार हम किसानों के साथ खड़े रहे है। मान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के 4 जनवरी और 9 जनवरी के कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दौरा किया जा रहा है और किसानों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर