हरियाणा के करनाल के रतन गढ़ गांव में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया, जहां एक महिला और उसकी वकील पर घर में घुसकर जानलेवा हमला किया गया। मामला तब शुरू हुआ, जब महिला को उसके ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया, क्योंकि वह संतान को जन्म नहीं दे पा रही थी। महिला के ससुराल वाले बहाने बना रहे थे और उसके चरित्र पर भी सवाल उठा रहे थे। इस पर महिला ने अपनी वकील से मदद मांगी। वकील, जो महिला को रतन गढ़ में छोड़ने के लिए आई थी, पर इसी दौरान हमला कर दिया गया। घायल वकील ने मेडिकल करवाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस और एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 10 साल पहले हुई थी शादी समालखा एडवोकेट सुमन छौक्कर ने बताया कि लगभग तीन महीने पहले समालखा के बिहोली गांव की एक महिला ने घरेलू हिंसा के मामले में उनसे संपर्क किया था। महिला की शादी करनाल के रतन गढ़ निवासी राधेश्याम से लगभग 10 साल पहले हुई थी। लेकिन, पिछले साढ़े पांच सालों से वह अपने मायके में रह रही थी क्योंकि उसका पति उसे वापस ले जाने के लिए तैयार नहीं था। इस दौरान, वकील सुमन छौक्कर ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन मामला सुलझ नहीं पाया। हमले की रात 24 अगस्त की शाम को, एडवोकेट सुमन छौक्कर महिला को लेकर रतन गढ़ के उस मकान में पहुंची, जहां महिला का पति राधेश्याम उन्हें मिलने के लिए बुलाया था। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने खाना बनाने की तैयारी शुरू कर दी। उसी समय, तीन लड़के घर में झांक कर गए, और थोड़ी ही देर बाद दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया। इस पर वकील ने तुरंत 1091 पर कॉल किया, लेकिन इससे पहले कि कोई मदद पहुंच पाती, करीब सवा आठ बजे सात लोग कमरे में घुस आए और जबरदस्ती करने लगे। इसमें राधेश्याम के बड़े भाई और कुछ अन्य लोग शामिल थे। उन्होंने वकील सुमन पर गंडासी से हमला किया, जिससे उनके सिर में चोट आई। जब उन्होंने महिला पर हमला किया, तो वकील ने अपना हाथ अड़ाया, जिससे उनका हाथ भी कट गया। पीड़िता की व्यथा महिला प्रवेश ने बताया कि वह अपने घर वापस जाना चाहती थी, लेकिन उसका पति उसे घर नहीं ले जा रहा था क्योंकि वह बांझ थी और उसके चरित्र पर भी शक किया जा रहा था। ससुराल वालों ने गांव में यह प्रचारित कर दिया था कि वह लेने के लिए गए थे, लेकिन वह उनके साथ नहीं आई। इसी वजह से उसकी वकील उसे ससुराल छोड़ने के लिए रतन गढ़ आई थी, लेकिन यहां उनके ऊपर हमला कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि 24 अगस्त को हुए इस हमले में वकील और महिला दोनों घायल हुए हैं। महिला और उसके पति के बीच पहले से घरेलू विवाद चल रहा था, जिसके कारण यह घटना हुई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बीती रात पुलिस और एफएसएल की टीम ने घटनास्थल का मुआयना कर साक्ष्य जुटाए हैं, और आगे की कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा के करनाल के रतन गढ़ गांव में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया, जहां एक महिला और उसकी वकील पर घर में घुसकर जानलेवा हमला किया गया। मामला तब शुरू हुआ, जब महिला को उसके ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया, क्योंकि वह संतान को जन्म नहीं दे पा रही थी। महिला के ससुराल वाले बहाने बना रहे थे और उसके चरित्र पर भी सवाल उठा रहे थे। इस पर महिला ने अपनी वकील से मदद मांगी। वकील, जो महिला को रतन गढ़ में छोड़ने के लिए आई थी, पर इसी दौरान हमला कर दिया गया। घायल वकील ने मेडिकल करवाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस और एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 10 साल पहले हुई थी शादी समालखा एडवोकेट सुमन छौक्कर ने बताया कि लगभग तीन महीने पहले समालखा के बिहोली गांव की एक महिला ने घरेलू हिंसा के मामले में उनसे संपर्क किया था। महिला की शादी करनाल के रतन गढ़ निवासी राधेश्याम से लगभग 10 साल पहले हुई थी। लेकिन, पिछले साढ़े पांच सालों से वह अपने मायके में रह रही थी क्योंकि उसका पति उसे वापस ले जाने के लिए तैयार नहीं था। इस दौरान, वकील सुमन छौक्कर ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन मामला सुलझ नहीं पाया। हमले की रात 24 अगस्त की शाम को, एडवोकेट सुमन छौक्कर महिला को लेकर रतन गढ़ के उस मकान में पहुंची, जहां महिला का पति राधेश्याम उन्हें मिलने के लिए बुलाया था। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने खाना बनाने की तैयारी शुरू कर दी। उसी समय, तीन लड़के घर में झांक कर गए, और थोड़ी ही देर बाद दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया। इस पर वकील ने तुरंत 1091 पर कॉल किया, लेकिन इससे पहले कि कोई मदद पहुंच पाती, करीब सवा आठ बजे सात लोग कमरे में घुस आए और जबरदस्ती करने लगे। इसमें राधेश्याम के बड़े भाई और कुछ अन्य लोग शामिल थे। उन्होंने वकील सुमन पर गंडासी से हमला किया, जिससे उनके सिर में चोट आई। जब उन्होंने महिला पर हमला किया, तो वकील ने अपना हाथ अड़ाया, जिससे उनका हाथ भी कट गया। पीड़िता की व्यथा महिला प्रवेश ने बताया कि वह अपने घर वापस जाना चाहती थी, लेकिन उसका पति उसे घर नहीं ले जा रहा था क्योंकि वह बांझ थी और उसके चरित्र पर भी शक किया जा रहा था। ससुराल वालों ने गांव में यह प्रचारित कर दिया था कि वह लेने के लिए गए थे, लेकिन वह उनके साथ नहीं आई। इसी वजह से उसकी वकील उसे ससुराल छोड़ने के लिए रतन गढ़ आई थी, लेकिन यहां उनके ऊपर हमला कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि 24 अगस्त को हुए इस हमले में वकील और महिला दोनों घायल हुए हैं। महिला और उसके पति के बीच पहले से घरेलू विवाद चल रहा था, जिसके कारण यह घटना हुई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बीती रात पुलिस और एफएसएल की टीम ने घटनास्थल का मुआयना कर साक्ष्य जुटाए हैं, और आगे की कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा 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JJP नेता की हत्या के लिए 5 दिन की रैकी:15 दिन पहले बनाई प्लानिंग, एक दूसरे को फोन करना कर दिया था बंद हरियाणा के हिसार में JJP नेता रविंद्र सैनी की हत्या के लिए कई साल तक प्लानिंग चली। वारदात को अंजाम देने से पहले बदमाशों ने रविंद्र सैनी की 5 दिन तक रैकी की। इस दौरान रविंद्र सैनी की हर छोटी से छोटी जानकारी नोट की गई। वह कब शोरूम आता है और शोरूम से कब बाहर निकलता है। रविंद्र शोरूम बंद होने से पहले बाहर आकर खड़ा हो जाता है और अकसर फोन पर बात करता था। बदमाशों ने रैकी के बाद इसलिए शाम का समय चुना। यह खुलासा गुजरात से पकड़े गए 4 आरोपियों के पहले दिन की रिमांड की गई पूछताछ से हुआ है। रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि जेल में बैठकर विकास नेहरा ने हत्या की योजना बनाई थी। विकास को सजा होने के बाद से वह रविंद्र सैनी की हत्या करना चाहता था। विकास ने अपने भाई प्रवीण के जरिये प्लानिंग की। इस काम को अंजाम देने के लिए 2 टीमें बनाई गई। एक टीम घटना की प्लानिंग और दूसरी टीम में शूटर थे, जिनको घटना को अंजाम देना था। यह था मामला
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जजपा नेता रवींद्र सैनी की हत्या के मामले में हांसी पुलिस व एसटीएफ की टीम ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान वकील कालोनी हांसी निवासी प्रवीन 32 साल, राजस्थान के खिवाड़ा पानी निवासी प्रवीन 40 साल, रविंदर 29 साल निवासी सिसाय कालीरामण हांसी, रमेश उर्फ योगी शिवनाथ 40 साल निवासी गामड़ा थाना नारनौंद हाल निवासी पाली राजस्थान के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया है। यह सभी मुख्य आरोपित से जुड़े हुए थे। हत्या के इस मामले में कुल 5 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। कई दिनों तक फोन न करने की बनाई थी प्लानिंग
सैनी की हत्या के लिए बहुत पहले से प्लानिंग की जा रही थी। प्लानिंग में पहले से ही तय किया गया था कि सैनी की हत्या के बाद सभी आरोपित हांसी से ही अलग-अलग फरार होंगे। साथ ही यह भी प्लानिंग की गई थी कि सभी अपने ठिकाने खुद चुनेंगे और बाद में एक-दूसरे को अपनी लोकेशन की ना तो जानकारी देंगे और ना ही फोन पर बात करेंगे। पहले से ही प्लान बनाया गया था कि वारदात के करीब 15-20 दिन ही वे फोन पर एक दूसरे से बात करेंगे। परंतु 5 दिन ही बाद ही हत्या की प्लानिंग करने वाले आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए। योगी शिवनाथ ने साधुओं की तरह रखे थे कान
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपितों पर पहले कोई बड़ा आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। इस प्लानिंग में गिरफ्तार किया गया आरोपित रमेश उर्फ योगी शिवनाथ साधु बना हुआ था। हालांकि वह किसी डेरे से नहीं जुड़ा था। रमेश उर्फ योगी शिवनाथ ने साधु बनने के लिए साधुओं की तरह ही कान भी बिंदवाए हुए हैं। पुलिस के अनुसार, योगी शिवनाथ पहले से ही क्रिमिनल तरह का युवक था।
राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे
राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में घमासान मचा हुआ है। BJP के गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल बेल्ट में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के मामले में खुद को पूरी तरह एक्टिव किया हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीटों पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। BJP शीर्ष नेतृत्व जिन्हें मजबूत कैंडिडेट मानकर चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार है वह अहीरवाल की 3 सीटें हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी पसंद और संगठन दोनों को तवज्जो मिले। अहीरवाल बेल्ट से विरोधियों को निपटाना है असली लड़ाई
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी की पहली वजह उनकी बेटी आरती राव की टिकट को लेकर मानी जा रही थी, लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी नेतृत्व ने शुरू से ही आरती राव को टिकट देने में कोई संकोच नहीं रखा। राव इंद्रजीत सिंह की असली लड़ाई अहीरवाल बेल्ट में अपने राजनीतिक विरोधियों को निपटा कर ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की रही है। BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी नहीं होती तो 27 या 28 अगस्त को ही कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी हो सकती थी। कई सीटों पर राव ने दी जीत की गारंटी
राव की नाराजगी को BJP ने पहले से ही भांप लिया था। उसके बाद राव को तवज्जो दी गई। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगी उन पर उन्होंने जीत की गारंटी भी पार्टी नेतृत्व को दी है। अहीरवाल बेल्ट की 2 सीटें उनकी साख का सवाल बनी हुई हैं। इनमें एक पटौदी और दूसरी बावल सीट है। ये दोनों ही सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं और इन पर रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है। इन चार सीटों में राव की खास रुचि
नारनौल, बावल, कोसली, पटौदी ऐसी सीट हैं, जहां पर मौजूदा विधायकों की टिकट कटना लगभग तय ही माना जा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह की इन चारों ही सीटों पर खास रुचि है। पिछले दिनों गुरुग्राम में हुई BJP की मीटिंग में 90 सीटों के कैंडिडेट को लेकर लंबी चर्चा हुई थी, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों का पैनल में नाम ही नहीं होने से नाराज हो गए थे। जिसके बाद पूरे मामले में शीर्ष नेतृत्व ने हस्ताक्षेप किया। वीटो का इस्तेमाल कर पैनल में शामिल कराए नाम
राव इंद्रजीत सिंह ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर न केवल अपने समर्थित नेताओं के नाम पैनल में शामिल कराए बल्कि एक दिन पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा भी हुई। BJP की तरफ से हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार के नाम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं। इनमें अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के कुछ कैंडिडेट भी शामिल हैं। हालांकि उम्मीदवारों की लिस्ट को अमित शाह की रैली के चलते रोका गया है। बादशाहपुर में सुधा टॉप पर
गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी अहीरवाल बेल्ट में ही आती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान सीएम नायब सैनी के सबसे करीबी राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव, मनीष यादव भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह इस सीट पर खुद के समर्थक नेता को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में हैं। गुरुग्राम में 4 दिन पहले हुई बैठक में BJP पार्लियामेंट्री बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव द्वारा सीनियर नेताओं के सामने राव नरबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। BJP सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ाना चाहता था, जिस पर राव इंद्रजीत सिंह ने भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इससे साफ ही कि राव नरबीर का टिकट काटकर BJP सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 2019 के चुनाव में भी BJP ने राव नरबीर सिंह की टिकट काट दी थी। नरबीर सिंह उस वक्त मनोहर लाल की कैबिनेट में तीसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे। नरबीर सिंह के समर्थकों ने टिकट कटवाने का आरोप राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया था। 2019 में भी इस्तेमाल की थी वीटो पावर राव इंद्रजीत सिंह 2014 में BJP में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में BJP की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद मनोहर लाल से उनके रिश्तों में खटास बनी रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर जिन्हें चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन पर वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट ही कटवा दी थी। इसमें बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास, अटेली से संतोष यादव के अलावा कुछ अन्य नेता थे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी पसंद के मुताबिक रेवाड़ी और बादशाहपुर में प्रत्याशी उतारे, लेकिन इन दोनों ही सीट पर BJP को हार मिली। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।
हिसार के युवक की ‘डोली’ लूटी:बिहार में हुई शादी; रास्ते में लड़की वालों ने की लूट, दुल्हन-कैश-मोबाइल ले गए
हिसार के युवक की ‘डोली’ लूटी:बिहार में हुई शादी; रास्ते में लड़की वालों ने की लूट, दुल्हन-कैश-मोबाइल ले गए हरियाणा के हिसार के गांव जुगलान के रहने वाले युवक को बिहार की युवती से शादी करना भारी पड़ गया। परदेसी दुल्हन के चक्कर में वह ठगी का शिकार हो गया। युवक शादी के बाद दुल्हन को लेकर जैसे ही बिहार के त्रिवेणगंज से चला तो सुनसान रास्ते मे दुल्हन के परिजनों ने युवक के परिजनों को घेर लिया। पिस्तौल दिखाकर 30 हजार रुपए और मोबाइल फोन भी छीन लिया। इस मामले में बिहार के जदिया पुलिस थाने मे केस दर्ज कराया गया है। हिसार के गांव जुगलान के रहने वाले कुलदीप ने बताया कि उसकी 8 साल पहले बिहार के जिला मधेपुरा के गांव लक्ष्मीपुर की रहने वाली युवती से शादी हुई थी। उसकी गृहस्थी ठीक चल रही है। बिहार के जदिया निवासी पवन मंडल ने उससे कहा कि वह मेरे भाई हंसराज की बिहार में शादी करा देगा। परिवार इसके लिए राजी हो गया। उसने बताया कि 30 अक्टूबर 2024 को पवन मंडल ने कहा कि युवती की मां बीमार है, उसके इलाज के लिए 7 हजार रुपए भेज दो। इसके बाद उसने कहा कि 31 अक्टूबर को हंसराज की शादी करवा देगा। इसके बाद वे परिवार के साथ बिहार के त्रिवेणगंज पहुंचे। वहां पर युवती को देखा तो वह पसंद आ गई। लड़की के कपड़ों और जेवरात के लिए उन्होंने 91 हजार 600 रुपए दे दिए। उसने बताया कि रात को भाई हंसराज की शादी युवती से करवा दी गई। आधी रात को लड़की के परिजनों ने दुल्हन और उन्हें एक कार में बैठाया और बाइकों पर साथ-साथ चलने लगे। जब सुनसान जगह पर पहुंचे तो लड़की के परिजनों ने पिस्तौल दिखाकर उनको रोक लिया। इसके बाद उन्होंने उनसे 30 हजार रुपए व मोबाइल फोन छीन लिया। भाई की नव नवेली दुल्हन को भी वे साथ ले गए। अब कुलदीप ने बिहार के जदिया पुलिस थाना में धोखाधड़ी की शिकायत दी है।