हरियाणा के करनाल के बलजीतपुर में एक प्रवासी मजदूर को सांप ने डस लिया। मजदूर खेत के ट्यूबवेल के कमरे में सो रहा था। सांप ने उसके हाथ पर डस लिया था। मजदूर को तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया गया, लेकिन चार दिन बाद प्रवासी की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बिहार का रहने वाला था रामनाथ मृतक रामनाथ सिंह बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला था। वह एक महीने पहले ही काम करने के लिए बिहार से करनाल आया था। परिवार में कमाने वाला इकलौता था। 6 जून की रात को रामनाथ काम के बाद ट्यूबवेल के कमरे में सो गया। तभी वहां सांप घुस आया और उसके हाथ पर डस लिया। जिससे रामनाथ डर गया और उसने अपने परिजनों और खेत मालिक को घटना के बारे में बताया। जिसके बाद रामनाथ को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप मृतक रिश्तेदार विनोद सिंह ने बताया कि जब रामनाथ को अस्पताल में भर्ती करवाया था, तो वह 24 घंटे तक बेहोश रहा था। जिसके बाद उसके बाद उसे होश आया। जिसके बाद ट्रीटमेंट भी दिया गया, लेकिन उसके बाद डॉक्टरों ने उस पर ध्यान देना छोड़ दिया। इसके बाद रविवार को रामनाथ का कोई ईलाज नहीं हुआ। लापरवाही बरती गई। जिसके बाद तबियत बिगड़ती चली गई और 10 जून की शाम रामनाथ ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा सोमवार की शाम को ही पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया था। मंगलवार को पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा के करनाल के बलजीतपुर में एक प्रवासी मजदूर को सांप ने डस लिया। मजदूर खेत के ट्यूबवेल के कमरे में सो रहा था। सांप ने उसके हाथ पर डस लिया था। मजदूर को तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया गया, लेकिन चार दिन बाद प्रवासी की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बिहार का रहने वाला था रामनाथ मृतक रामनाथ सिंह बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला था। वह एक महीने पहले ही काम करने के लिए बिहार से करनाल आया था। परिवार में कमाने वाला इकलौता था। 6 जून की रात को रामनाथ काम के बाद ट्यूबवेल के कमरे में सो गया। तभी वहां सांप घुस आया और उसके हाथ पर डस लिया। जिससे रामनाथ डर गया और उसने अपने परिजनों और खेत मालिक को घटना के बारे में बताया। जिसके बाद रामनाथ को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप मृतक रिश्तेदार विनोद सिंह ने बताया कि जब रामनाथ को अस्पताल में भर्ती करवाया था, तो वह 24 घंटे तक बेहोश रहा था। जिसके बाद उसके बाद उसे होश आया। जिसके बाद ट्रीटमेंट भी दिया गया, लेकिन उसके बाद डॉक्टरों ने उस पर ध्यान देना छोड़ दिया। इसके बाद रविवार को रामनाथ का कोई ईलाज नहीं हुआ। लापरवाही बरती गई। जिसके बाद तबियत बिगड़ती चली गई और 10 जून की शाम रामनाथ ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा सोमवार की शाम को ही पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया था। मंगलवार को पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में CM आवास के बाहर व्यक्ति की मौत:प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आया था सोनीपत से, दो बच्चों के सिर उठा पिता का साया हरियाणा में करनाल के पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के कर्मचारियों के प्रदर्शन में शामिल होने आए व्यक्ति की CM आवास के बाहर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। व्यक्ति अपने साथी जो PWD विभाग में कर्मचारी है उसके साथ करनाल में CM आवास का घेराव करने के लिए आए थे।लेकिन प्रेम नगर में मुख्यमंत्री के आवास के बाहर जब वह अपने साथी के साथ प्रदर्शन में शामिल था तो उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी वहीं पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। सोनीपत की दया कॉलोनी को रहने वाला था व्यक्ति देर शाम को पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचे दया कॉलोनी सोनीपत निवासी मृतक सुशील (39) के साथी ने बताया कि वह उनकी मदद के लिए करनाल के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए था। सुशील सोनीपत कोर्ट में टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत था। लेकिन यहां पर उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। दो बच्चों के सिर उठा पिता का साया सुशील मूल रूप से सोनीपत का ही रहने वाला था, घर में वह इकलौता ही कमाने वाला था। सुशील के पास दो छोटे छोटे बच्चें है। सुशील की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। अब परिवार में उसकी पत्नी व दो छोटे छोटे बच्चें रहे गए है। परिवार को अब चिंता है कि उसके बच्चों का अब पालन पोषण कौन करेगा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद होगा मौत का खुलासा सूचना के बाद मौके पर पहुंचे रामनगर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया है। आज शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। रिपोर्ट के बाद ही सुशील की मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा।
हरियाणा में भर्ती का जिम्मा दागी पर:HCS वत्सल वशिष्ठ को HSSC में OSD किया नियुक्त, एसीबी ने हिसार कोर्ट में की चार्जशीट दाखिल
हरियाणा में भर्ती का जिम्मा दागी पर:HCS वत्सल वशिष्ठ को HSSC में OSD किया नियुक्त, एसीबी ने हिसार कोर्ट में की चार्जशीट दाखिल हरियाणा की चौटाला सरकार में हरियाणा सिविल सेवा (HCS) भर्ती में अनियमितताओं के मामले में चार्जशीटेड एचसीएस अधिकारी वत्सल वशिष्ठ को हरियाणा सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। हरियाणा सरकार ने 2002 बैच के एचसीएस अधिकारी वत्सल वशिष्ठ को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के ओएसडी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। इस नियुक्ति को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि “सरकार ने बिल्ली को ही रखवाली के लिए दूध सौंप दिया है”। बता दें कि 22 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के शासनकाल में हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) के 66 पदों की भर्ती में अनियमितताओं के मामले में पंचकूला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हिसार के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की अदालत में 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें एचसीएस अधिकारी वत्सल वशिष्ठ का नाम भी शामिल है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 11 नवंबर को हिसार कोर्ट में होगी। जजपा नेता केसी बांगड़ा का भी नाम
ACB की ओर से हिसार कोर्ट में दायर चार्जशीट में हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं इस समय जजपा नेता केसी बांगड़ के अलावा आयोग के सचिव सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हरदीप सिंह के नाम शामिल हैं। इसके अलावा HPSC के 5 पूर्व सदस्यों, 9 एक्जामिनर के अलावा 13 चयनित HCS को भी आरोपी बनाया गया था। ACB ने आयोग के सदस्य पूर्व सदस्य महेंद्र सिंह शास्त्री, एनएन यादव, जगदीश राय, नरेंद्र विद्यालंकार, दयाल सिंह और एक्जामिनर पैनल में शामिल प्रोफेसर जेसी कैरिरयन कैप्पन, डॉ. महेश्वरी प्रसाद, प्रोफेसर चंद्र मोउली, डॉ. आरके बाॉस, पुष्पेंद्र कुमार, जगदीश सिंह, एसके वर्मा, प्रेम सागर चतुर्वेदी, दर्वेश गोपाल को भी आरोपी बनाया गया है। 13 चयनित अभ्यर्थी में थे वत्सल वशिष्ठ
इसी प्रकार 13 चयनित अभ्यर्थी वत्सल वशिष्ठ, कुलधीर सिंह, रणजीत कौर, कमलेश कुमार, सरिता मलिक, अशोक कुमार, राकेश कुमार, पूनम नाड़ा, दिलबाग सिंह, वीना हुड्डा, जग निवास, सुरेंद्र कुमार व जगदीप को भी आरोपी बनाया है। जांच के दौरान जिन तीन सदस्यों सुरेश कुमार गुप्ता, गुलशन भारद्वाज और मेहर सिंह सैनी की मृत्यु हो चुकी है, उनको आरोपी नहीं बनाया गया है। परीक्षा नियंत्रक बनवारी लाल के अलावा एक्जामिनर डॉ केडी पांडे, डॉ. विवेक पांडे, आरके पूनिया, देवेंद्र गोपाल को भी आरोपी नहीं बनाया गया है। इनमें डॉ. केडी पांडे की मृत्यु को चुकी है और बाकियों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। बिना उत्तर लिखे भी दे दिए थे अंक
जिस मामले में ACB ने चार्जशीट दाखिल की थी उसमें उत्तर पुस्तिका में कटिंग, ओवर राइटिंग, अंकों को बढ़ाना व घटना और साक्षात्कार में टॉपर को कम और कम अंक वालों को ज्यादा अंक देने की अनियमितताएं सामने आई थी। कई अभ्यर्थी तो ऐसे भी थे जिनकों मेरिट के आधार पर साक्षात्कार में नहीं बुलाया जा सकता था तो उनकी उत्तर पुस्तिका में अंकों को बढ़ा दिया गया। ACB की जांच रिपोर्ट के अनुसार 1 मार्च, 1999 को एचसीएस के कुल 66 पदों पर आवेदन मांगे गए थे और 21 हजार से अधिक व्यक्तियों ने आवेदन किया था। 3 मई, 2002 को परिणाम घोषित किया गया। जांच के दौरान साक्षात्कार के लिए बुलाए गए 195 अभ्यर्थियों में से 117 की 696 उत्तर पुस्तिका को जांचा गया तो 101 अभ्यर्थियों की 198 उत्तर पुस्तिका में अनियमितताएं मिली। इन अनियमितताओं में ओवरराइटिंग, अंकों को बढ़ाना व घटाना, अलग-अलग स्याही का प्रयोग करना, पेज खाली छोड़ देना, प्रश्नों के उत्तर न लिखने वालों को भी अंक दे देना शामिल थी। जांच एजेंसी ने 98 उत्तर पुस्तिकाओं को जांच के लिए एफएसएल में भेजा तो उनमें बड़े पैमाने पर टैंपरिंग साबित हुई। जांच के दौरान एक्जामिनर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जांच के दौरान कुल 15 अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ दिया जाना पाया गया। कांग्रेस नेता कर्ण सिंह दलाल 78 अभ्यर्थियों की 465 उत्तर पुस्तिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की और इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसकी जांच की और 35 अभ्यर्थियों की 54 उत्तर पुस्तिका में अंकों को घटना व बढ़ाना पाया गया गयाा। इसके बाद विजिलेंस जांच की अनुमति मिली थी।
हरियाणा से BJP सांसद सुर्खियों में:राज्यसभा में कहा- सुंदर नर्स ने हाथ पकड़ा तो मरीज बोला- मुझे कोई तकलीफ नहीं
हरियाणा से BJP सांसद सुर्खियों में:राज्यसभा में कहा- सुंदर नर्स ने हाथ पकड़ा तो मरीज बोला- मुझे कोई तकलीफ नहीं हरियाणा से BJP के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वह राज्यसभा में नर्स पर दिए बयान के बाद सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुंदर नौजवान नर्स के हाथ पकड़ने के बाद मरीज बोला कि मुझे कोई तकलीफ नहीं है। उनके इस बयान की वीडियो भी वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजरों ने इसे घटिया चुटकुला बताया है। हरियाणा में इन दिनों नर्सिंग स्टाफ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। इसको लेकर वह प्रदर्शन कर चुकी हैं। उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। वह केंद्र सरकार की तर्ज पर 7200 रुपए नर्सिंग अलाउंस देने, स्टाफ नर्सों को ग्रुप C से B में लाने और DHS में नर्सिंग डायरेक्टर की पोस्ट भरने की मांग कर रही हैं। राज्यसभा सांसद के बयान को इसी से जोड़ा जा रहा है। अब पढ़िए सांसद का पूरा बयान…
रामचंद्र जांगड़ा ने राज्यसभा में कहा कि हरियाणा में एक आदमी बीमार हो गया। उसको शरीर में तकलीफ थी। वह हॉस्पिटल में बेड पर लेटा हुआ था। नर्स आई, नौजवान थी, बड़ी सुंदर थी। हाथ पकड़कर कहने लगी कि ताऊ क्या तकलीफ है? तो मरीज बोला- हाथ पकड़े रह मेरा बस, मुझे कोई तकलीफ नहीं। यानी मोदी जी हमारा हाथ पकड़े रहो, फिर हमें कोई तकलीफ नहीं। इसके साथ उन्होंने कहा कि हरियाणा का आदमी वैसे ज्यादा आंकड़े जानता भी नहीं है। क्योंकि, हरियाणा के घर में एक चोर बढ़ (घुस) गया था तो घर का आदमी थाने में गया और कहा कि जी मैं चोर को बांध कर आया हूं पैरों से। जल्दी मेरे घर पर चलो और उसे पकड़ो। थानेदार बोला कि तू अच्छा आदमी है, पैर बांधकर आया है, हाथ से वह पैर खोल नहीं लेगा? आदमी बोला कि चोर भी हरियाणा का है, उसे भी ध्यान नहीं आएगी ऐसी कोई बात। यूजर बोला- हरियाणा वालों से इतनी नफरत क्यों
इस पर सोशल मीडिया X (पूर्व ट्विटर) पर यूजर अशोक दनोदा ने सांसद की वीडियो के साथ पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा कि हरियाणा वालों से इतनी नफरत क्यों है? हरियाणा की नर्सें कई दिन से हड़ताल पर बैठी हैं। संसद में उनकी आवाज उठाने की बजाए BJP सांसद रामचंद्र जांगड़ा नर्सों पर घटिया चुटकुला सुना रहे हैं। जिस हरियाणा के बच्चे UPSC टॉप कर रहे हैं। शूटिंग जैसे खेलों में मेडल ला रहे हैं। जिस हरियाणा ने 2014 से पहले मोदी के गुजरात को प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, खेल-खिलाड़ी, MSP, पेंशन समेत विकास हर पैमाने पर लाख दर्जे पीछे छोड़ दिया था, लेकिन BJP के सांसद को लगता है कि उस हरियाणा के लोगों को आंकड़े समझ नहीं आते। उन्होंने आगे लिखा- इनके गुरू मनोहर लाल खट्टर को भी लगता था कि हरियाणा के तो लोग कंधे से ऊपर कमजोर होते हैं। यानी मानसिक-वैचारिक-बौद्धिक तौर पर कमजोर। BJP के प्रभारी रहे बिप्लब देव ने भी कहा था कि हरियाणवी में तो दिमाग ही नहीं होता। यानी ये भाजपाई हरियाणवियों को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। अब यहीं लोग हरियाणा वालों से वोट मांगने के लिए आएंगे। इनको जरूरी जवाब मिलेगा। पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान 1. जांगड़ा ने कहा था- मुसलमान कारीगर अवैध हथियार बनाते हैं
लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुसलमान कारीगर देश में अवैध हथियार बनाते हैं। अगर कांग्रेस उनकी स्किल पहचान लेती तो वह AK-47 बना रहे होते। 1947 के बाद अब कांग्रेस देश में स्किल डेवलपमेंट की बात कर रही है। कांग्रेस को स्किल पहचानते हुए यह काम पहले करना चाहिए था। अगर कांग्रेस PM नरेंद्र मोदी की तरह मेक इन इंडिया का नारा देती तो मुस्लिम कारीगर क्या इस देश में AK-47 नहीं बना सकते थे। कांग्रेस ने सारा सामान विदेशों से मंगवाया। 2. हिंदू देवी देवताओं पर विवादित बयान देकर फंसे
सांसद पिछले साल हिंदू देवी देवताओं पर बयान देकर सुर्खियों में रहे थे। उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह हिंदू देवी देवताओं की पूजा ना करने व तीर्थ स्थलों पर ना जाने के बारे में बोलते दिखे थे। जिसके बाद बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठन रामचंद्र जांगड़ा के विरोध में उतरे थे। 3. किसानों पर विवादित बयान, दारूबाज तक कह डाला था
इससे पहले 2021 में कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन करने वाले किसानों के संबंध में जांगड़ा ने विवादित बयान दिया था। जांगड़ा ने किसानों को बैड-एलिमेंट के साथ निठल्ले, निकम्मे और दारूबाज तक कहा था।