करनाल जिले के कुंजपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव से संदिग्ध हालात में एक युवती लापता हो गई। युवती सिलाई सेंटर पर दूसरे गांव में गई थी। लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों ने आसपास के एरिया में तलाश की, उसका कोई भी सुराग नहीं लग पाया। परेशान परिजनों ने मामले की शिकायत कुंजपुरा थाना पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नलवीपार गांव में सीखती थी सिलाई शिकायतकर्ता मां ने पुलिस को बताया है कि उसकी बेटी 19 साल की है और 12वीं पास है। सिलाई कढ़ाई का काम सिखाने के लिए बेटी नलवीपर गांव में एक सेंटर पर पर भेजा। वह कई महीनों से सेंटर पर जा रही थी। वह समय पर घर से निकलती और समय पर घर आ जाती थी, लेकिन 1 सितंबर को वह सेंटर के लिए घर से तो निकली, लेकिन घर वापस नहीं लौटी। शुरू की गई तलाश, नहीं लगा सुराग शिकायतकर्ता ने बताया है कि जब बेटी घर नहीं लौटी तो घर वालों को जानकारी दी। उसके बाद घर वालों ने तलाश शुरू की। सबसे पहले सिलाई सेंटर पर पता किया गया। लेकिन वह वहां पर नहीं थी। फिर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों, रिश्तेदारियों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल व अन्य जगहों पर तलाश की गई। बेटी का कोई भी सुराग नहीं लगा। जिससे फैमिली की चिंता ओर भी ज्यादा बढ़ती चली गई। पुलिस ने किया मामला दर्ज बेटी की तलाश के बाद परिजन कुंजपुरा थाना में पहुंचे। जहां पर उन्होंने बेटी के लापता होने की शिकायत दी। जिसमें उन्होंने बेटी के हुलिए का भी जिक्र किया है। परिजनों ने बताया है कि उनकी बेटी की हाइट 5 फुट 6 इंच है। जांच अधिकारी एएसआई नरेंद्र ने बताया कि युवती के लापता होने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है। तलाश जारी है। जल्द ही युवती को खोज लिया जाएगा। करनाल जिले के कुंजपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव से संदिग्ध हालात में एक युवती लापता हो गई। युवती सिलाई सेंटर पर दूसरे गांव में गई थी। लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों ने आसपास के एरिया में तलाश की, उसका कोई भी सुराग नहीं लग पाया। परेशान परिजनों ने मामले की शिकायत कुंजपुरा थाना पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नलवीपार गांव में सीखती थी सिलाई शिकायतकर्ता मां ने पुलिस को बताया है कि उसकी बेटी 19 साल की है और 12वीं पास है। सिलाई कढ़ाई का काम सिखाने के लिए बेटी नलवीपर गांव में एक सेंटर पर पर भेजा। वह कई महीनों से सेंटर पर जा रही थी। वह समय पर घर से निकलती और समय पर घर आ जाती थी, लेकिन 1 सितंबर को वह सेंटर के लिए घर से तो निकली, लेकिन घर वापस नहीं लौटी। शुरू की गई तलाश, नहीं लगा सुराग शिकायतकर्ता ने बताया है कि जब बेटी घर नहीं लौटी तो घर वालों को जानकारी दी। उसके बाद घर वालों ने तलाश शुरू की। सबसे पहले सिलाई सेंटर पर पता किया गया। लेकिन वह वहां पर नहीं थी। फिर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों, रिश्तेदारियों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल व अन्य जगहों पर तलाश की गई। बेटी का कोई भी सुराग नहीं लगा। जिससे फैमिली की चिंता ओर भी ज्यादा बढ़ती चली गई। पुलिस ने किया मामला दर्ज बेटी की तलाश के बाद परिजन कुंजपुरा थाना में पहुंचे। जहां पर उन्होंने बेटी के लापता होने की शिकायत दी। जिसमें उन्होंने बेटी के हुलिए का भी जिक्र किया है। परिजनों ने बताया है कि उनकी बेटी की हाइट 5 फुट 6 इंच है। जांच अधिकारी एएसआई नरेंद्र ने बताया कि युवती के लापता होने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है। तलाश जारी है। जल्द ही युवती को खोज लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में HCS मीनाक्षी दहिया रिश्वत केस में बड़ा खुलासा:चौकीदार को स्कूटी से रिश्वत लेने भेजा; जमानत खारिज, 29 मई से अंडर ग्राउंड हरियाणा के मत्स्य विभाग में ज्वाइंटर सेक्रेटरी के पद पर तैनात HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ा खुलासा किया है। एसीबी ने कहा है कि दहिया ने अपनी स्कूटी से चौकीदार को जिला मत्स्य अधिकारी से 1 लाख रुपए रिश्वत लेने के लिए भेजा था। 29 मई से अंडर ग्राउंड चल रहीं मीनाक्षी दहिया हालांकि अभी तक एसीबी की पकड़ से दूर हैं। उनका फोन स्विच ऑफ और उनकी लोकेशन के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सबसे अहम बात यह है कि पंचकूला की आदलत ने एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है नियुक्ति HSVP में, काम कर रहा दहिया के साथ एसीबी ने अभी तक की जांच में कोर्ट में दावा किया है कि स्कूटी अधिकारी के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। मत्स्य विभाग के चपरासी सतिंदर सिंह को लेकर भी एसीबी ने बड़ा खुलासा किया है। कहा है कि गिरफ्तार चपरासी ने खुलासा किया है कि वह शहरी स्थानीय निकाय विभाग का कर्मचारी है, लेकिन वह दहिया के घर पर काम करता था। उसकी नियुक्ति 2020 में एचएसवीपी में हुई थी। उसने यह भी दावा किया है कि उसने उसे जिला मत्स्य अधिकारी राजन खोरा से किसी आधिकारिक काम के लिए पैसे लेने के लिए भेजा था। उसके साथ जुड़े स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह को भी बिचौलिए के तौर पर काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। खोरा के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग भी ACB के पास मीनाक्षी दहिया के साथ खोरा की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी एसीबी के पास मौजूद है। दरअसल, काम हो जाने के बाद दहिया ने खोरा को व्हाट्सएप कॉल किया था, जिसने उसे आश्वासन दिया कि उसी दिन आदेश जारी किए जाएंगे। चार्जशीट वापस लेने के बाद, जब वह 19 अप्रैल को आभार व्यक्त करने के लिए दहिया के कार्यालय गया और उनकी बातचीत रिकॉर्ड की। अदालत को सौंपी गई प्रतिलिपि में, उसने जोगिंदर के साथ खोरा द्वारा तय की गई 1 लाख रुपये की राशि पर चर्चा की, और कहा कि वह अपनी सुविधानुसार इसका प्रबंध कर सकता है क्योंकि उसे कोई जल्दी नहीं है। ACB दहिया को जारी कर चुकी नोटिस सबूतों के आधार पर एसीबी ने इस मामले में दहिया को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि वह इस भ्रष्टाचार के केस में उससे पूछताछ करना चाह रही है। नोटिस दहिया के घर भी एसीबी के द्वारा लेकर भेजा गया है, लेकिन घर से वह फरार बताई जा रही हैं। साथ ही अभी तक भी एसीबी के किसी भी नोटिस का दहिया के द्वारा जवाब नहीं दिया गया है। ये खबरें भी पढ़ें…।
हरियाणा में ACB की FIR में खुलासा:HCS अफसर मीनाक्षी दहिया ने 1 महीना रिश्वत का इंतजार किया, पर्ची पर सेवादार का नाम लिखा हरियाणा के मत्स्य विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी मीनाक्षी दहिया के खिलाफ दर्ज एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की FIR में बड़े खुलासे सामने आए हैं। रिश्वत केस में फरार चल रही मीनाक्षी दहिया ने एक पर्ची में अपने सेवादार सत्येंद्र का नाम लिखकर दिया था। उन्होंने शिकायतकर्ता को यह भी कहा था कि मुझे फोन करने के बाद पर्ची पर लिखे नाम वाले व्यक्ति को रिश्वत के एक लाख रुपए दे देना। इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी ACB को दी और तय समय के तहत रिश्वत की राशि सेवादार सत्येंद्र व स्टेनोग्राफर जोगेंद्र को देते हुए ACB ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया (पूरी खबर पढ़ें ) हरियाणा में रिश्वत केस में फंसी HCS अफसर:CMO के साथ 2 बड़े IAS अधिकारी बचाने में जुटे, हुड्डा सरकार में भर्ती हुई थीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में भर्ती हुई HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया को बचाने की प्लानिंग शुरू हो गई है। मीनाक्षी दहिया मत्स्य विभाग की जॉइंट सेक्रेटरी हैं। रिश्वत लेने से जुड़े केस में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पंचकूला में FIR दर्ज की है। इस केस में सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं। FIR में मीनाक्षी दहिया का भी नाम है। चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) के साथ 2 बड़े IAS अफसर मीनाक्षी को बचाने में जुट गए हैं। ACB की टीम मीनाक्षी दहिया की तलाश कर रही है (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा के 46 लाख परिवारों को 500 में मिलेगा सिलेंडर:CM सैनी ने की घोषणा; समूह सखी का मानदेय 500 किया, पहले 150 मिलता था
हरियाणा के 46 लाख परिवारों को 500 में मिलेगा सिलेंडर:CM सैनी ने की घोषणा; समूह सखी का मानदेय 500 किया, पहले 150 मिलता था हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 1.80 लाख वार्षिक आय वाले 40 लाख परिवारों को बड़ी राहत दी है। सीएम सैनी ने घोषणा की है कि इन परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। इसके अलावा 5105 बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 20 करोड़ 28 लाख रुपए का श्रण भी सरकार देगी। सीएम सैनी ने यह घोषणा जींद में हरियाणा तीज पर आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में की। सीएम ने सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं का रिवॉल्विंग फंड 20000 से बढ़ाकर 30000 किया। साथ ही सेल्फ हेल्प ग्रुप की समूह सखी का मानदेय 150 से बढ़ाकर 500 रुपए किए जाने का सीएम ने ऐलान किया। उन्होंने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि आप सब यहां इस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं। मैं आज आप सभी की कोथली देकर बहुत आनंदित महसूस कर रहा हूं। कोथली की परंपरा हरियाणा में बहुत पुरानी है, जो बरसों से चली आ रही है। हरियाणा में फर्स्ट फेज में बनेगी 62 हजार लखपति दीदी सीएम ने कहा कि प्रथम चरण में हमारा लक्ष्य 62 हजार लखपति दीदी बनाने का है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 10 सालों में 32 कन्या महाविद्यालय खोले, ताकि बेटियों को उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। आइटीआइ में पढ़ने वाली बेटियों को 500 रुपये प्रति माह स्कालरशिप की जा रही है। बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। राजनीति के क्षेत्र में भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। CM ने ये भी घोषणाएं की – सीएम सैनी द्वारा 100 करोड़ की धनराशि स्वयं सहायता समूह को आवंटित की गई – 10 सबसे कम लिंगनुपात वाले जिलों में जागरूकता के लिए मोबाइल वैन की शुरुआत – 1.80 लाख रुपए वार्षिक आय वाले परिवार की लड़कियों को स्नातक तक फ्री शिक्षा – स्वयं सहायता समूह कि महिलाओं को बस अड्डा परिसर में शॉप आवंटन – 1581 गरीब विधवाओं को 9 करोड़ 38 लाख ब्याज रहित ऋण देने का भरोसा – 487 महिला उद्यमियों को 8 करोड़ 70 लाख का ऋण 7% ब्याज पर दिया – मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में 41000 से बढ़ाकर 71000 तक – महिला पुलिस कर्मियों कि संख्या 15% तक बढ़ाने का फैसला – PM मातृत्व योजना में 8 लाख 45000 गर्भवतियों को 346 करोड़ रुपए की सहायता राशि – मुख्यमंत्री डूंगर उपहार योजना में 10 लाख बच्चों को फॉर्टफाइड दूध – 3 लाख महिला एवं किशोरी योजना में छात्राओं को सैनेटरी पैड देगी सरकार – मिशन इंद्रधनुष अभियान में 3 लाख 33000 महिलाएं टीकाकरण करने का काम करेंगी
हरियाणा के SDO की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला:इमरजेंसी में जीवन बचाना प्राथमिकता, सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में दिया अहम निर्णय
हरियाणा के SDO की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला:इमरजेंसी में जीवन बचाना प्राथमिकता, सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में दिया अहम निर्णय हरियाणा एंड पंजाब हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने यह साफ किया है कि इमरजेंसी में ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल की सूची को प्राथमिकता देना अनुचित है। कोर्ट का कहना है कि ऐसे हालात में जीवन बचाने का फैसला सबसे पहले होना चाहिए, न कि हॉस्पिटल की लिस्ट की खोज। करनाल के आरके गर्ग की याचिका पर यह फैसला आया है। आरके गर्ग हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड से रिटायर्ड SDO हैं। आरके गर्ग को जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में रहते समय कार्डियक इमरजेंसी फेस करनी पड़ी। उन्हें इंदौर के एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। उनकी बाईपास सर्जरी में 22 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च आया। हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड ने केवल 5.36 लाख रुपए की छोटी सी राशि की प्रतिपूर्ति दी। जिसे आरके गर्ग ने कोर्ट में चैलेंज कर दिया। बोर्ड की नीति पर कोर्ट की टिप्पणी हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड ने अपनी नीति का हवाला देते हुए कहा था कि इलाज एक गैर-अनुमोदित अस्पताल में हुआ था, इसलिए पूरी प्रतिपूर्ति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने इस तर्क को रिजेक्ट करते हुए कहा कि इमरजेंसी की सिचुएशन में अस्पताल का चयन करना कर्मचारी के लिए व्यावहारिक नहीं है। जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जीवन बचाने की स्थिति में अस्पताल की सूची पर ध्यान देना अमानवीय और अव्यावहारिक है। संविधान के अनुच्छेद 21 का दिया गया हवाला जस्टिस पुरी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि जीवन का अधिकार सभी को प्राप्त है। इसे सीमित करने वाली नीतियां संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने साफ किया कि आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिकता जीवन बचाने की होनी चाहिए, न कि अस्पताल की स्वीकृत सूची की जांच करने की। इस फैसले के बाद सरकारी कर्मचारियों में संतोष का माहौल है, क्योंकि यह उनके हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। ऐसे में कर्मचारी को भविष्य में इमरजेंसी के दौरान किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।