हरियाणा के करनाल में ड्यूटी से घर लौटते समय सीआईए सब इंस्पेक्टर की कार पलट गई। हादसे में सब इंस्पेक्टर के सिर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक की पहचान कौल गांव निवासी सूबे सिंह के रूप में हुई है, जो सीआईए में सब इंस्पेक्टर थे। मृतक सब इंस्पेक्टर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कौल में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मृतक सब इंस्पेक्टर 2 बच्चों का पिता था। वह पिछले 22 साल से पुलिस में कार्यरत था। ड्यूटी से जा रहे थे घर मृतक के परिजनों ने बताया कि कौल गांव निवासी सूबे सिंह सीआईए में सब इंस्पेक्टर थे और सोमवार सुबह ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहे थे। वह चेक पोस्ट पर ड्यूटी पर थे। सीतामई गांव के पास उनकी गाड़ी अचानक असंतुलित होकर सड़क के बीचोंबीच पलट गई। सिर पर लगी थी गहरी चोट उन्होंने बताया कि सूबे सिंह के सिर पर गहरी चोट थी। उसे पहले करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लाया गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया। लेकिन परिजन उसे चंडीगढ़ फोर्टिस अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने आज सुबह उसे मृत घोषित कर दिया। सूबे सिंह के दो बेटे हैं, जिनमें से एक कनाडा में है और दूसरा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है। सूबे सिंह करीब 22 साल तक पुलिस सेवा में रहे। उनकी मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। हरियाणा के करनाल में ड्यूटी से घर लौटते समय सीआईए सब इंस्पेक्टर की कार पलट गई। हादसे में सब इंस्पेक्टर के सिर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक की पहचान कौल गांव निवासी सूबे सिंह के रूप में हुई है, जो सीआईए में सब इंस्पेक्टर थे। मृतक सब इंस्पेक्टर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कौल में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मृतक सब इंस्पेक्टर 2 बच्चों का पिता था। वह पिछले 22 साल से पुलिस में कार्यरत था। ड्यूटी से जा रहे थे घर मृतक के परिजनों ने बताया कि कौल गांव निवासी सूबे सिंह सीआईए में सब इंस्पेक्टर थे और सोमवार सुबह ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहे थे। वह चेक पोस्ट पर ड्यूटी पर थे। सीतामई गांव के पास उनकी गाड़ी अचानक असंतुलित होकर सड़क के बीचोंबीच पलट गई। सिर पर लगी थी गहरी चोट उन्होंने बताया कि सूबे सिंह के सिर पर गहरी चोट थी। उसे पहले करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लाया गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया। लेकिन परिजन उसे चंडीगढ़ फोर्टिस अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने आज सुबह उसे मृत घोषित कर दिया। सूबे सिंह के दो बेटे हैं, जिनमें से एक कनाडा में है और दूसरा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है। सूबे सिंह करीब 22 साल तक पुलिस सेवा में रहे। उनकी मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
निजामुद्दीन स्टेशन पर मध्य प्रदेश की महिला का बैग चोरी:पानीपत रेलवे पुलिस को दी शिकायत; कहा- कैश-दस्तावेज थे, जीरो FIR दर्ज
निजामुद्दीन स्टेशन पर मध्य प्रदेश की महिला का बैग चोरी:पानीपत रेलवे पुलिस को दी शिकायत; कहा- कैश-दस्तावेज थे, जीरो FIR दर्ज मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति ने हरियाणा के पानीपत रेलवे पुलिस से अपनी पत्नी का बैग ट्रेन से चोरी होने की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास दो युवक ट्रेन में चढ़े और बैग चुरा ले गए। बैग में नकदी, दस्तावेज और अन्य सामान था। घटना निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास हुई। लेकिन शिकायत पानीपत पुलिस को दी गई है। इसलिए पानीपत जीआरपी ने जीरो एफआईआर दर्ज कर अंबाला मुख्यालय के जरिए निजामुद्दीन जीआरपी को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैग चोरी कर युवक ट्रेन से उतर गए पुलिस को दी गई शिकायत में अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वह राजीव गांधी अयोध्या बाईपास, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। 7 नवंबर को वह अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहे थे। वे मालवा एक्सप्रेस में थे। उनकी पत्नी सीट नंबर 79 पर थीं, जबकि वह सीट नंबर 74 पर सो रहे थे। जब ट्रेन निजामुद्दीन स्टेशन के पास रुकने वाली थी, तभी दो युवकों ने उनकी पत्नी का हैंडबैग उनकी सीट से चुरा लिया और भाग गए। उस समय सभी सो रहे थे। सुबह करीब 4 बजे उनकी पत्नी को एहसास हुआ कि बैग चोरी हो गया है। उन्होंने तुरंत उन्हें जगाया। पति-पत्नी ने बैग की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। बैग में उनके जरूरी दस्तावेज, मोबाइल फोन, लेडीज लगेज और करीब 4 हजार कैश थे।
करनाल की बेटी से कुरुक्षेत्र में जुल्म:ससुराल वालों की प्रताड़ना से पिता को दिल का दौरा, हुई मौत, पति सहित 6 के खिलाफ केस दर्ज
करनाल की बेटी से कुरुक्षेत्र में जुल्म:ससुराल वालों की प्रताड़ना से पिता को दिल का दौरा, हुई मौत, पति सहित 6 के खिलाफ केस दर्ज हरियाणा में करनाल के सदर थाना एरिया के गांव की नवविवाहिता ने अपने ससुराल वालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने, मारपीट और जान से मारने की कोशिश के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का आरोप है कि शादी के तुरंत बाद ससुराल पक्ष ने कार और महंगे गहनों की मांग शुरू कर दी। आरोपियों के दबाव और प्रताड़ना से परेशान होकर उसके पिता को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामले में छह लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शादी के बाद शुरू हुई दहेज की मांग गांव दरड़ की पीड़िता की शादी इसी साल बीती 12 अप्रैल को हिंदू रीति-रिवाज से कुरूक्षेत्र जिला के बीर खेडी हरिपुर गांव में हुई थी। शादी में उसके माता-पिता ने 7 लाख रुपए खर्च करके फर्नीचर, गहने और अन्य दहेज का सामान दिया। इसके बावजूद ससुराल वालों ने टाटा कार और महंगे गहनों की मांग करते हुए ताने मारने शुरू कर दिए। पीड़िता ने आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने उसका पूरा स्त्री धन जब्त कर लिया। सास और ननद ने गहने अपने पास रख लिए, जबकि उसके कपड़े अलमारी और पेटी से निकालकर खुद इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। पति ने शादी में मिली सोने की अंगूठी तक फेंक दी। पिता को लगा गहरा सदमा, गई जान 24 मई को ससुराल वालों ने जान से मारने की कोशिश की। पीड़िता का आरोप है कि उसे बालों से घसीटा गया, थप्पड़ मारे गए और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की गई। शोर सुनकर पड़ोसी इकट्ठा हो गए, जिससे उसकी जान बची। ससुराल वालों की बढ़ती मांगों और बेटी की स्थिति से परेशान होकर पीड़िता के पिता ने 18 मई को 1 लाख रुपए उधार लेकर आरोपियों को दिए। इसके बावजूद, उनकी मांगें खत्म नहीं हुईं। इस मानसिक दबाव के कारण 6 जून को पीड़िता के पिता को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। पंचायत और ससुराल वालों का इनकार पिता की मृत्यु के बाद रिश्तेदारों और पंचायत ने ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की। लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे और पीड़िता को साथ ले जाने से इनकार कर दिया। पीड़िता ने 19 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। जांच अधिकारी उमेश ने बताया कि पुलिस ने पति और अन्य पांच लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट और जान से मारने की धमकी के आरोप में आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है
हिसार के अस्पताल में PHD छात्रा की मौत पर हंगामा:परिजनों ने रात को किया रोड जाम; शव उठाने से मना, लापरवाही के आरोप
हिसार के अस्पताल में PHD छात्रा की मौत पर हंगामा:परिजनों ने रात को किया रोड जाम; शव उठाने से मना, लापरवाही के आरोप हरियाणा के हिसार में दिल्ली रोड स्थित सुखदा अस्पताल में सोमवार अपेंडिक्स का ऑपरेशन के लिए भर्ती 25 वर्षीय पीएचडी छात्रा की ऑपरेशन से पहले ही मौत हो गई। परिवार वालों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए देर रात अस्पताल के बाहर हंगामा किया। परिजन रोड पर ही बैठ गए। मृतक छात्रा का नाम रिचा है और वह आदमपुर के जवाहर नगर की रहने वाली थी। छात्रा की मौत और हंगामे की सूचना मिलने के बाद अर्बन एस्टेट थाना पुलिस मौके पर पहुंची। डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर रात 1 बजे परिजनों ने सड़क जाम कर दी। सूचना पर डीएसपी विजयपाल के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा। शिकायत दर्ज करने के बाद ही परिवार वाले रोड से हटे। परिजनों ने लड़की का शव लेने से मना कर दिया है। वे पहले FIR की मांग कर रहे हैं। भाई बोला- इंजेक्शन की ओवरडोज दी गई मृतक छात्रा रिचा के भाई रोहित ने बताया कि उसकी बहन को ऑपरेशन से पहले एनेस्थेसिया का इंजेक्शन दिया गया था। इसकी ओवरडोज से उसकी बहन की मौत हुई है। इसके लिए डॉक्टर्स जिम्मेदार हैं। बहन का चेकअप भी हुआ था। उसका हार्ट कमजोर होता तो डॉक्टर ऑपरेशन का रिस्क नहीं लेते। छात्रा के परिजनों ने बताया कि जब तक आरोपी डॉक्टर व स्टाफ पर कार्रवाई नहीं होती, वे बेटी की डेड बॉडी नहीं उठाएंगे। वहीं इस मामले को लेकर आज अस्पताल के बाहर परिजन व सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोग इकट्ठा होंगे और डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई को लेकर चर्चा करेंगे। पुलिस को दी शिकायत में ये बताया… मंडी आदमपुर के आढ़ती गौरव सिंगला ने अर्बन एस्टेट थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी भांजी रिचा को अपेंडिक्स की तकलीफ थी। सोमवार दोपहर 2 बजे वह और उसका भांजा रोहित व रिचा की मां मन्नुदेवी बेटी रिचा को सुखदा अस्पताल लेकर आए थे। वहां पर डा. अमित मेहता ने रिचा के अपेंडिक्स के आपरेशन की बात की। इसके बाद आपरेशन थियेटर में इलाज के लिए लेकर गए। कुछ समय बाद डॉक्टर ने उनको ओटी के सामने बुलाया। डॉक्टर ने कहा कि रिचा की हृदय गति रुक गई है और उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। इस पर गौरव सिंगला ने कहा कि रिचा तो बिल्कुल स्वस्थ थी। इसके कुछ देर बाद डॉक्टर दीपक दास ने कहा कि रिचा की मृत्यु हो चुकी है। परिजनों के डॉक्टर पर ये आरोप गौरव सिंगला ने शिकायत में आरोप लगाया है कि रिचा की मौत डा. अमित मेहता, डा. दीपक दास व डा. मनीषा मेहता के द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने से हुई है। क्योंकि आपरेशन से पहले मरीज को किसी भी प्रकार की बेहोशी की दवा देने या अन्य कोई औपचारिकता पूरी नहीं की गई। रिचा की मौत के लिए तीनों डॉक्टर जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है।