हरियाणा के करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को घरौंडा के एक परिवार ने स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। जिसके बाद शनिवार देर शाम को के लोग सिविल लाइन थाने में एकत्रित हुए और मेडिकल कॉलेज स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई और अपने बच्चे को वापस दिलाने की मांग की। परिवार ने कहा कि अगर उनका बच्चा वापस नहीं किया गया तो वे मेडिकल कॉलेज और प्रशासन के खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे। वीरवार देर रात को घरौंडा से किया था जच्चा बच्चा को करनाल रेफर घरौंडा की विग कॉलोनी निवासी कुलदीप ने बताया कि वीरवार को उसकी पत्नी ममता जो 8 माह की गर्भवती थी उसकी डिलीवरी घर पर हो गई थी। जिसको लड़का हुआ था। जच्चा और बच्चा की तबियत खराब न हो, इसके लिए दोनों को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन वहां पर मशीनों की सुविधा नहीं थी। इसलिए वहां के डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज में मां बेटे का रेफर कर दिया था। इतना हीं नहीं घरौंडा के डॉक्टरों द्वारा जो फाइल बनाई गई थी उसमें जेंडर के कॉलम में मेल भी लिखा हुआ था। उसके बाद जब मेडिकल कॉलेज में एडिमट करवाया गया उस फाइल में भी स्टॉफ द्वारा लड़का लिखा गया था। डायपर बदलते समय पता चला कुलदीप ने बताया कि शुक्रवार को जब बच्चे ने शौच किया था और उसका डायपर बदलना था, उस समय उसकी मां वहां मौजूद थी। जब मेरी मां बच्चे का डायपर बदलने गई तो उसे जिस लड़के का डायपर बदला जा रहा था, उसकी जगह लड़की मिली। जब मेरी मां ने वहां मौजूद स्टाफ से कहा कि हमारे यहां लड़का हुआ था, लेकिन यह लड़की है, तो स्टाफ ने कहा कि यह तुम्हारा बच्चा है। जब उसने इसका विरोध करना शुरू किया तो हम सभी को बाहर निकाल दिया गया। इतना ही नहीं, वहां मौजूद स्टाफ ने उसे बच्चे को चंडीगढ़ रेफर करने को कहा। जबकि हमारे यहां लड़का हुआ था, लड़की नहीं। हमारी फाइल भी नहीं दे रहे कुलदीप का आरोप है कि हम जब अस्पताल के स्टाफ से डिलीवरी की फाइल मांगी तो इन लोगों ने घरौंडा वाली फाइल दे दी। अब जबरदस्ती फाइल रख ली है। इतनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। अब बच्चे को चंडीगढ़ रेफर करने की बात की जा रही है, लेकिन हम लड़की को लेकर नहीं जाएंगे, हमारा लड़का है और हमें लड़का ही चाहिए। जिसके बाद से ही पूरे अस्पताल में हंगामा किया गया। लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें बाहर निकाल दिया गया। सिविल लाइन थाना को दी शिकायत कुलदीप ने बताया कि शनिवार देर शाम तक भी स्टॉफ द्वारा उनके लड़के को नहीं दिया गया। जिसके बाद समाज के लोगों को एकत्रित किया और उनके बच्चें का दिलाने व कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सिविल लाइन थाना में शिकायत दी गई है। अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे। हरियाणा के करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को घरौंडा के एक परिवार ने स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। जिसके बाद शनिवार देर शाम को के लोग सिविल लाइन थाने में एकत्रित हुए और मेडिकल कॉलेज स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई और अपने बच्चे को वापस दिलाने की मांग की। परिवार ने कहा कि अगर उनका बच्चा वापस नहीं किया गया तो वे मेडिकल कॉलेज और प्रशासन के खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे। वीरवार देर रात को घरौंडा से किया था जच्चा बच्चा को करनाल रेफर घरौंडा की विग कॉलोनी निवासी कुलदीप ने बताया कि वीरवार को उसकी पत्नी ममता जो 8 माह की गर्भवती थी उसकी डिलीवरी घर पर हो गई थी। जिसको लड़का हुआ था। जच्चा और बच्चा की तबियत खराब न हो, इसके लिए दोनों को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन वहां पर मशीनों की सुविधा नहीं थी। इसलिए वहां के डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज में मां बेटे का रेफर कर दिया था। इतना हीं नहीं घरौंडा के डॉक्टरों द्वारा जो फाइल बनाई गई थी उसमें जेंडर के कॉलम में मेल भी लिखा हुआ था। उसके बाद जब मेडिकल कॉलेज में एडिमट करवाया गया उस फाइल में भी स्टॉफ द्वारा लड़का लिखा गया था। डायपर बदलते समय पता चला कुलदीप ने बताया कि शुक्रवार को जब बच्चे ने शौच किया था और उसका डायपर बदलना था, उस समय उसकी मां वहां मौजूद थी। जब मेरी मां बच्चे का डायपर बदलने गई तो उसे जिस लड़के का डायपर बदला जा रहा था, उसकी जगह लड़की मिली। जब मेरी मां ने वहां मौजूद स्टाफ से कहा कि हमारे यहां लड़का हुआ था, लेकिन यह लड़की है, तो स्टाफ ने कहा कि यह तुम्हारा बच्चा है। जब उसने इसका विरोध करना शुरू किया तो हम सभी को बाहर निकाल दिया गया। इतना ही नहीं, वहां मौजूद स्टाफ ने उसे बच्चे को चंडीगढ़ रेफर करने को कहा। जबकि हमारे यहां लड़का हुआ था, लड़की नहीं। हमारी फाइल भी नहीं दे रहे कुलदीप का आरोप है कि हम जब अस्पताल के स्टाफ से डिलीवरी की फाइल मांगी तो इन लोगों ने घरौंडा वाली फाइल दे दी। अब जबरदस्ती फाइल रख ली है। इतनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। अब बच्चे को चंडीगढ़ रेफर करने की बात की जा रही है, लेकिन हम लड़की को लेकर नहीं जाएंगे, हमारा लड़का है और हमें लड़का ही चाहिए। जिसके बाद से ही पूरे अस्पताल में हंगामा किया गया। लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें बाहर निकाल दिया गया। सिविल लाइन थाना को दी शिकायत कुलदीप ने बताया कि शनिवार देर शाम तक भी स्टॉफ द्वारा उनके लड़के को नहीं दिया गया। जिसके बाद समाज के लोगों को एकत्रित किया और उनके बच्चें का दिलाने व कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सिविल लाइन थाना में शिकायत दी गई है। अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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