हाथ में भाला-त्रिशूल और माथे पर भभूत। गाड़ी पर ढोल-नगाड़े। घोड़े पर तलवार लहराते संत। कुछ इस अंदाज में महाकुंभ के लिए जूना अखाड़े के साथ ही किन्नर अखाड़े ने प्रयागराज में प्रवेश किया। अब साधु-संत संगम की रेती पर जप-तप करेंगे। संतों की अगवानी करने के लिए भारी संख्या में लोग सड़कों के किनारे खड़े रहे। जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया। लोगों ने किन्नर अखाड़े के संतों के साथ सेल्फी ली। आरती भी उतारी। इतना ही नहीं, अफसरों ने भी साधु-संतों का माला पहनकर स्वागत किया। दिनभर के अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए… हाथ में भाला-त्रिशूल और माथे पर भभूत। गाड़ी पर ढोल-नगाड़े। घोड़े पर तलवार लहराते संत। कुछ इस अंदाज में महाकुंभ के लिए जूना अखाड़े के साथ ही किन्नर अखाड़े ने प्रयागराज में प्रवेश किया। अब साधु-संत संगम की रेती पर जप-तप करेंगे। संतों की अगवानी करने के लिए भारी संख्या में लोग सड़कों के किनारे खड़े रहे। जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया। लोगों ने किन्नर अखाड़े के संतों के साथ सेल्फी ली। आरती भी उतारी। इतना ही नहीं, अफसरों ने भी साधु-संतों का माला पहनकर स्वागत किया। दिनभर के अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
महाकुंभ…हाथ में भाला-त्रिशूल, माथे पर भभूत:घोड़े की सवारी, गाड़ी पर ढोल-नगाड़े; संतों ने ऐसे किया प्रयागराज में प्रवेश
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