हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री स्व.वीरभद्र सिंह की 91वीं जयंती पर कांग्रेस मुख्यालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा, वीरभद्र सिंह उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। आधुनिक हिमाचल के विकास में वीरभद्र सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। उनकी विकास की सोच व कार्यों को आगे बढ़ाना यह सब कांग्रेस का ध्येय है, यही उनके लिए कांग्रेस की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र राजनीति से लेकर विधायक बनने तक उन्होंने वीरभद्र सिंह से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यों को आगे बढ़ाना उनकी प्राथमिकता है। आधुनिक हिमाचल निर्माता के तौर पर याद किया जाता रहेगा: प्रतिभा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा, स्व. वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास में अहम योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर यशवंत सिंह परमार ने इस प्रदेश की नींव रखी थी, वहीं वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल के निर्माता के तौर पर जाना जाता रहेगा। ये नेता रहे मौजूद पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नंद लाल, सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान समेत कांग्रेस के बढ़ी संख्या में नेता मौजूद रहे। इस अवसर पर वीरभद्र सिंह की बेटी एवं सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश पूर्व सदस्य लोक पाल अभिलाषा सिंह ने भी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। CM बोले- रिज पर जल्द स्थापित होगी प्रतिमा मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा शिमला के रिज मैदान पर जल्द स्थापित किया जाएगा। इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा, देश की राजनीति में वीरभद्र सिंह का एक बहुत बड़ा नाम है। प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री का प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए उनकी याद में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री स्व.वीरभद्र सिंह की 91वीं जयंती पर कांग्रेस मुख्यालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा, वीरभद्र सिंह उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। आधुनिक हिमाचल के विकास में वीरभद्र सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। उनकी विकास की सोच व कार्यों को आगे बढ़ाना यह सब कांग्रेस का ध्येय है, यही उनके लिए कांग्रेस की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र राजनीति से लेकर विधायक बनने तक उन्होंने वीरभद्र सिंह से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यों को आगे बढ़ाना उनकी प्राथमिकता है। आधुनिक हिमाचल निर्माता के तौर पर याद किया जाता रहेगा: प्रतिभा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा, स्व. वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास में अहम योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर यशवंत सिंह परमार ने इस प्रदेश की नींव रखी थी, वहीं वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल के निर्माता के तौर पर जाना जाता रहेगा। ये नेता रहे मौजूद पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नंद लाल, सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान समेत कांग्रेस के बढ़ी संख्या में नेता मौजूद रहे। इस अवसर पर वीरभद्र सिंह की बेटी एवं सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश पूर्व सदस्य लोक पाल अभिलाषा सिंह ने भी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। CM बोले- रिज पर जल्द स्थापित होगी प्रतिमा मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा शिमला के रिज मैदान पर जल्द स्थापित किया जाएगा। इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा, देश की राजनीति में वीरभद्र सिंह का एक बहुत बड़ा नाम है। प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री का प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए उनकी याद में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हमीरपुर के दियोटसिद्ध मंदिर में राशन घोटाला:गाड़ी से आटे-चीनी की बोरियां बरामद, ट्रस्ट प्रशासन जांच में जुटा, पुलिस में नहीं पहुंचा मामला
हमीरपुर के दियोटसिद्ध मंदिर में राशन घोटाला:गाड़ी से आटे-चीनी की बोरियां बरामद, ट्रस्ट प्रशासन जांच में जुटा, पुलिस में नहीं पहुंचा मामला हिमाचल के हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में राशन में अनियमितताएं एक बार फिर उजागर हुई हैं। सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने यहां की आंतरिक व्यवस्था की पोल फिर खोल दी है। दोपहर को एक निजी मारुति 800 कार में आटे और चीनी की अलग-अलग बोरियां पकड़ी गईं। इससे यहां भंडारण व्यवस्था की खामियां फिर उजागर हो गई हैं। हालांकि, अभी तक स्थानीय पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई है। लेकिन ट्रस्ट प्रशासन अपने स्तर पर इसकी जांच में जुटा है। आटा और चीनी की बोरी मंदिर के लंगर के स्टोर से एक स्थानीय दुकानदार द्वारा आटे व चीनी की बोरी गाड़ी में लोड कर ली गई। इसके बाद आटे की बोरी व्यक्ति की गाड़ी से तथा चीनी की बोरी उसकी दुकान से बरामद हुई है। यह गोरख धंधा पिछले कई महीनों से लगातार चला हुआ है। लेकिन मंदिर प्रशासन ना तो इसे पकड़ पाया और ना ही इस पर अंकुश लगा पाया। जिस व्यक्ति की गाड़ी से यहां राशन पकड़ा गया है,वह स्थानीय मार्केट में ही रोट प्रसाद की दुकान करने वाला बताया जा रहा है। गाड़ी में भरकर ले जा रहे थे आरोपी बता दें कि लंगर के स्टोर से एक बोरी चीनी 50 किलो और एक बोरी आटा 50 किलो लेकर संजीव कुमार मारुति गाड़ी नम्बर एचपी 20 सी 2939 में ला रहा था। लोगों द्वारा शोर मचाने तक गाड़ी से चीनी की बोरी उसने मेन गेट के सामने अपनी दुकान में उतार ली थी। इसके बाद गाड़ी भगा कर विश्राम गृह के पास जा रही थी। वहां पकड़ ली गई। डीसी बोले सख्त कार्रवाई होगी इधर डीसी अमरजीत सिंह का कहना है की सूचना मिली है। बड़सर के एसडीएम और न्यास के अध्यक्ष को दियोटसिद्ध भेजा गया है। ताकि इस पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की जा सके। उनका कहना है कि मंदिर परिसर के अलावा ऐसी महत्वपूर्ण स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की जरूरत है और अभी तो यहां मामला उनके ध्यान में आया है इस पर कड़ी कार्रवाई होगी पूरी रिपोर्ट आने दो किसी को बक्सा नहीं जाएगा। श्रद्धालुओं के चढ़ने का यह राशन इधर-उधर चल जाए यह किसी को भी मंजूर नहीं। थोड़ा इंतजार करो सब ठीक होगा। श्रद्धालुओं के आस्था पर चोट पहुंची मंदिर से राशन चोरी का मामला सामने आने के बाद निश्चित ही श्रद्धालुओं के आस्था पर चोट पहुंची है। ऐसा नहीं की यह पहला मामला है पहले भी कई बार मंदिर कर्मचारियों पर राशन को इधर-उधर करने के आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल के अनुसार राशन चोरी के मामले की रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। ट्रस्ट के नियमों के अनुसार जो भी कार्यवाही बनेगी, की जाएगी। उनका कहना हैं कि मंदिर परिसर में एक दुकान के अदर 50 किलोग्राम चीनी की बोरी तथा 50 किलोग्राम आटे की बोरी बरामद हुई है। छानबीन जारी है दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। बड़सर के एसडीपीओ सचिन हीरामत साईं ने बताया कि न्यास से अभी इस मामले को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है।
हिमाचल सरकार का OPS बहाली वादा अधूरा:9500 कर्मचारियों को नहीं मिली पुरानी पेंशन; 22 महीने से इंतजार, 15 दिन का अल्टीमेटम
हिमाचल सरकार का OPS बहाली वादा अधूरा:9500 कर्मचारियों को नहीं मिली पुरानी पेंशन; 22 महीने से इंतजार, 15 दिन का अल्टीमेटम हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अधूरी पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू कर दी है। प्रदेश के करीब 9500 कर्मचारी 22 महीने से ओपीएस बहाली का इंतजार कर रहे हैं। अकेले बिजली बोर्ड में ही करीब 6100 कर्मचारी ओपीएस का इंतजार कर रहे हैं। इसी तरह शहरी नगर निकायों में करीब 1300 और पंचायतों में सेवाएं दे रहे करीब 2100 कर्मचारियों को ओपीएस नहीं मिल पाया है। कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी कर्मचारियों को ओपीएस देने का वादा किया था। अपने वादे के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में ओपीएस बहाली को मंजूरी दे दी। इसके बाद सरकार ने विभिन्न विभागों समेत कुछ बोर्ड-निगमों में करीब 1.36 लाख कर्मचारियों की ओपीएस बहाल कर बड़ा तोहफा दिया, लेकिन बिजली बोर्ड, शहरी और ग्रामीण नगर निकाय कर्मचारी इससे वंचित रह गए। जिन कर्मचारियों की ओपीएस बहाल हुई थी, उनकी एनपीएस में हिस्सा कटौती भी बंद हो गई है। जून में किया था विरोध
बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने OPS की बहाली को लेकर जून महीने में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था। फिर मुख्यमंत्री के आश्वासन पर उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी थी और सीएम ने बोर्ड प्रबंधन को इन कर्मचारियों को OPS देने के निर्देश दिए थे। लेकिन बोर्ड प्रबंधन उनकी मांग मानने को तैयार नहीं है। बिजली बोर्ड प्रबंधन को 15 दिन का अल्टीमेटम बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन बिजली बोर्ड प्रबंधन इन कर्मचारियों को OPS देने के पक्ष में नहीं है। इसके चलते आने वाले दिनों में इंजीनियर-कर्मचारियों और बोर्ड प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है। OPS बहाली के लिए लड़ेंगे निर्णायक लड़ाई: हीरा लाल बिजली बोर्ड इंजीनियर एवं कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बोर्ड कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार उन्हें ओपीएस देने का आश्वासन दिया गया। लेकिन ओपीएस बहाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर चक्काजाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। नगरीय निकाय कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों: आसरा राम नगरीय निकाय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष असरा राम ने कहा कि उनके करीब 1300 कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दिया गया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार से अपना वादा पूरा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस दिया गया है तो उनके 1300 कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
हिमाचल में मंत्री पद को लॉबिंग:पद एक, तलबगार अनेक; अवस्थी, सुंदर और संजय रत्न के नाम चर्चा में, कांगड़ा में सियासी चर्चाएं ज्यादा तेज
हिमाचल में मंत्री पद को लॉबिंग:पद एक, तलबगार अनेक; अवस्थी, सुंदर और संजय रत्न के नाम चर्चा में, कांगड़ा में सियासी चर्चाएं ज्यादा तेज हिमाचल प्रदेश में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द होते ही कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। CPS पद से हटाए गए 6 विधायक मंत्री पद को लॉबिंग में जुट गए हैं। पदों से हटने के बाद गुरुवार को संजय अवस्थी और एमएल ब्राक्टा दोनों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से शिमला में मुलाकात की। मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा सियासी हलचल कांगड़ा जिला में है, क्योंकि कांगड़ा के 2 CPS बाहर हुए हैं। सुक्खू सरकार में अभी सबसे बड़े कांगड़ा जिला से दो ही मंत्री है। पूर्व की जयराम, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सरकार में कांगड़ा जिला से तीन-तीन मंत्री बनते रहे है। इसलिए कांगड़ा में तीसरे मंत्री पद को लेकर ज्यादा चर्चाएं है। पदों से हटाए गए CPS में अर्की से विधायक संजय अवस्थी और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर का नाम मंत्री की रेस में आगे माना जा रहा है। संजय अवस्थी की दावेदारी से आड़े आएंगे क्षेत्रीय समीकरण संजय अवस्थी इस सरकार में CM सुक्खू के सबसे करीबी माने जाते हैं। मगर उनकी ताजपोशी में क्षेत्रीय समीकरण आड़े आ सकते हैं। सोलन जिला में कुल 5 विधानसभा सीटें है। इस जिले से पहले ही धनीराम शांडिल मंत्री है। इसी तरह अर्की विधानसभा हलका शिमला संसदीय क्षेत्र में आता है। इस संसदीय क्षेत्र से सुक्खू सरकार में 6 मंत्री है, जबकि सीएम को मिलाकर कुल 11 मंत्री है। बीते दिनों बगावत और हिमाचल सरकार पर संकट की भी यही सबसे बड़ी वजह रही, क्योंकि हिमाचल सरकार पर सियासी संकट से पहले तक कांगड़ा जिला से केवल एक ही मंत्री बनाया गया था और तब सुधीर शर्मा ने खुलकर बगावत की। इसके बाद सरकार पर सियासी संकट आया था। क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ने के डर से दोबारा विरोध की चिंगारी न सुलगे, इस वजह से संजय अवस्थी की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है। सुंदर ठाकुर की दावेदार मजबूत वहीं पूर्व CPS एवं कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर मंडी संसदीय हलके से आते हैं। कुल्लू जिला से सुक्खू सरकार में एक भी मंत्री नहीं है। इसी तरह मंडी संसदीय क्षेत्र से जगत सिंह नेगी इकलौते मंत्री है। मगर वह ट्राइबल कोटे से मंत्री बने हैं। इस वजह से सुंदर सिंह ठाकुर की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। यह अब सुक्खू पर निर्भर करेगा कि वह मंडी संसदीय हलके या फिर कांगड़ा को मंत्री पद देते हैं। ज्वालामुखी से संजय रत्न भी दावेदार प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला की बात करें तो ज्वालामुखी से विधायक संजय रत्न को कैबिनेट मंत्री का अच्छा दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि कांगड़ा जिला दो मंत्री चंद्र कुमार और यादवेंद्र गोमा पहले ही मंत्री बनाए जा चुके है। भवानी सिंह पठानिया और केवल सिंह पठनिया को सीएम सुक्खू ने कैबिनेट रैंक दे रखा है। इसलिए संजय रत्न पर सहमति बन सकती है। संजय रत्न पर सहमति नहीं बनती है तो पूर्व सीपीएस आशीष बुटेल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बगावत से बचने के लिए CM को देना होगा राजनीतिक सूझबूझ का परिचय राजनीति के जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री सुक्खू को सोच समझकर क्षेत्रीय संतुलन बिठाना होगा, क्योंकि उन पर पहले भी मित्र मंडली को खुश करने के आरोप लगते रहे है। विपक्ष को बार बार मित्रों की सरकार बोलता रहा है। हिमाचल सरकार पर संकट के दौरान इस तरह की आवाजें कांग्रेस संगठन के भीतर से भी गूंजी थी। इसलिए सीएम सुक्खू को राजनीतिक दृष्टि से सूझबूझ वाला निर्णय लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो बगावत की चिंगारी फिर से भड़क सकती है। कमलेश ठाकुर और अनुराधा भी चर्चा में सियासी गलियारों में महिला मंत्री को लेकर भी चर्चाएं है। इस सरकार में सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर और लाहौल स्पीति से अनुराधा राणा विधायक विधायक है। मगर दोनों पहली बार चुनाव जीती हैं। महिला को विधायक बनाए जाने की चर्चाएं जरूर है, लेकिन इनका अनुभव आड़े आ सकता है। यदि कमलेश ठाकुर मंत्री बनती है तो कांगड़ा जिला को तो मंत्री पद मिल जाएगा, लेकिन सीएम सुक्खू पर इससे सवाल खड़े हो सकते हैं।