कांवड़ यात्रा को लेकर 22 जुलाई से रास्ते बदल जाएंगे। दिल्ली से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश आने-जाने वाले वाहनों पर इसका असर पड़ेगा। शुरुआत में कॉमर्शियल भारी वाहन प्रभावित होंगे। कांवड़ यात्रा के आखिरी दौर में छोटे वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। गाजियाबाद बॉर्डर पर डायवर्जन 22 जुलाई की रात 12 बजे से शुरू होकर 5 अगस्त की रात 8 बजे तक लागू रहेगा। गाजियाबाद पुलिस ने ट्रैफिक प्लान पढ़िए… इन रूट पर नहीं चलेंगे वाहन कांवड़ यात्रा को लेकर 22 जुलाई से रास्ते बदल जाएंगे। दिल्ली से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश आने-जाने वाले वाहनों पर इसका असर पड़ेगा। शुरुआत में कॉमर्शियल भारी वाहन प्रभावित होंगे। कांवड़ यात्रा के आखिरी दौर में छोटे वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। गाजियाबाद बॉर्डर पर डायवर्जन 22 जुलाई की रात 12 बजे से शुरू होकर 5 अगस्त की रात 8 बजे तक लागू रहेगा। गाजियाबाद पुलिस ने ट्रैफिक प्लान पढ़िए… इन रूट पर नहीं चलेंगे वाहन उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा डेरे में गद्दी विवाद, श्रद्धालुओं को सत्संग से रोका:पुलिस बोली- लंगर खाओ और डेरा खाली करो; श्रद्धालु बोले- हमारे पास परमिशन थी
हरियाणा डेरे में गद्दी विवाद, श्रद्धालुओं को सत्संग से रोका:पुलिस बोली- लंगर खाओ और डेरा खाली करो; श्रद्धालु बोले- हमारे पास परमिशन थी हरियाणा में सिरसा के डेरा जगमाल वाली के गद्दीनशीन संत वकील साहब के निधन के बाद उठा विवाद थमा नहीं है। वकील साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए फतेहाबाद के डेरे में सत्संग का आयोजन किया गया था। मगर, ऐन मौके पर पुलिस ने सत्संग रोकने को कह दिया। इससे संगत भड़क गई। उन्होंने आरोप लगाया कि परमिशन के बावजूद उन्हें यहां सत्संग नहीं करने दिया जा रहा। उनका कहना था कि यह सब मौजूदा गद्दीनशीन वीरेंद्र सिंह के इशारों पर हो रहा है। मामला शनिवार शाम का है, जब डेरे के अंदर लंगर चल रहा था। उसके बाद श्रद्धांजलि सभा होने ही वाली थी। तब तक बाहर पुलिस की टीमें तैनात हो चुकी थी। प्रशासनिक टीमें कागजात की छानबीन में जुट गईं। हालांकि पुलिस के रोकने के बाद रात को संगत द्वारा डेरे से साइड में जाकर सत्संग का कार्यक्रम किया गया। श्रद्धालुओं ने बताया कि वे अपने दिवंगत संत को श्रद्धांजलि देने के लिए सत्संग कर रहे थे। इसके लिए 18 सितंबर को संगत द्वारा जिला प्रशासन से परमिशन ली गई थी। डबवाली, सिरसा, ऐलनाबाद सहित दूर-दराज से लोग सभा के लिए फतेहाबाद के डेरा में पहुंच गए थे और लंगर भी बना लिया गया था। इतने में पुलिस मौके पर पहुंची और बताया गया कि यहां अब सत्संग नहीं किया जा सकता। चूंकि लंगर बन गया है तो लंगर ग्रहण करके डेरा खाली कर दो। इस पर श्रद्धालुओं रोष पनप गया। उन्होंने कहा कि डेरे पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। श्रद्धालु बोले- प्रॉपर्टी संगत की है
चंडीगढ़ से आए गुरदास सिंह ने बताया कि जगमालवाली डेरा की नींव रखने वाले पहले गुरू मैनेजर साहिब उनके परनाना थे। देश में 10 से 12 डेरे संगत ने जमीन दान देकर बनवाए। यह ट्रस्ट 1980 में दिल्ली में रजिस्टर हुआ और उनके दादा ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे हैं, इसलिए यह प्रॉपर्टी साध संगत की है। अज्ञात शक्ति के कहने पर सत्संग रोका गया
दिल्ली से आए संजय गुर्जर व प्रीतम सिंह आदि ने कहा कि वीरेंद्र सिंह के कहने पर यह सब कुछ हो रहा है और प्रशासन व सरकार उनसे दब रहा है। वीरेंद्र बड़े हैं या लाखों संगत। उन्होंने कहा कि आज यहां संगत सिर्फ सत्संग कर रही थी और प्रशासन द्वारा अज्ञात शक्ति के कहने पर यह रोक दिया गया। हर महीने सत्संग होता था तो आज क्यों नहीं
उन्होंने कहा कि यह शक्ति वीरेंद्र सिंह है। उन्होंने कहा कि डेरे की गद्दी व डेरे पर वीरेंद्र सिंह कब्जा करना चाह रहे हैं। वे कहते हैं कि डेरे उनके हैं तो संगत कहां जाए। उन्होंने कहा कि हर माह पहले 21 तारीख को यहां सत्संग होता रहा है तो आज ही क्यों रोका जा रहा है। 5 राज्यों से लोग आए, सब परेशान हुए
उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सिंह व उनके साथियों का संगत द्वारा बहिष्कार किया हुआ है और उसी कारण अब सत्संग करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब कोर्ट में भी अपील की गई है। आज की सत्संग में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली से लोग आए हैं, जो अब बुरी तरह परेशान हो चुके हैं। पुलिस बोली- ज्यादा कुछ नहीं बता सकते
उधर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी पर प्रह्लाद सिंह ने बताया कि अभी तक कागजों की छानबीन जारी है और मामले की पड़ताल की जा रही है इससे ज्यादा में कुछ नहीं बता सकते। डेरे से जुडे कागजातों की जांच हो रही है। दूसरी तरफ श्रद्धालुओं में पुलिस के हस्तक्षेप से रोष है। डेरा जगमाल वाली का विवाद क्या है… 1. 1 अगस्त को हुआ डेरा मुखी का निधन, 2 पक्षों में गोलियां चलीं
सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब की एक अगस्त को मौत हो गई थी। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। यहां गोलियां भी चलीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। परिवार के लोगों ने 2 अगस्त (शुक्रवार) को मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में डेरा प्रमुख को समाधि दी गई। इस दौरान परिवार के लोग और डेरे से जुड़े लोग मौजूद रहे। 2. महात्मा ने खुद को डेरामुखी घोषित किया
समाधी वाले दिन ही सूफी गायक और महात्मा बीरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का नया प्रमुख घोषित किया। सूफी गायकी में बीरेंद्र सिंह के साथी और डेरे के अनुयायी शमशेर लहरी ने दावा किया कि महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले ही अपनी वसीयत महात्मा बीरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव में लिख दी थी। इसमें बीरेंद्र सिंह को संगत की सेवा करने का हुकुम दिया गया था। वसीयत लिखे जाने के बाद उसे महाराज जी की मौजूदगी में वकील की ओर से बाकायदा पढ़ा गया था और उसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई थी। 3. दूसरे पक्ष ने डेरामुखी मानने से इनकार किया
उधर महाराज बहादुर चंद वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और कुछ लोगों ने बीरेंद्र सिंह को नया डेरा प्रमुख मानने से इनकार कर दिया है। अमर सिंह ने कहा कि बीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर ही 1 अगस्त को डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज जी का जल्दबाजी में संस्कार करना चाहते थे। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी CBI जांच होनी चाहिए। 4. साठ साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
सिरसा के जगमालवाली स्थित मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में देकर डेरा बनाने का अनुरोध किया। इसके बाद संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले यह छोटा सा आश्रम था लेकिन उसके बाद तकरीबन 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना हुआ।
गरीबों को अन्न उपलब्ध करा रही मान सरकार
गरीबों को अन्न उपलब्ध करा रही मान सरकार <p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब ऐतिहासिक बदलाव की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. अपना पंजाब और पंजाब के नागरिक चहुंओर शानदार काम कर रहे हैं. राज्य में लगातार युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं. सरकारी स्कूलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है. आम आदमी क्लीनिक पर जांच के साथ इलाज मिल रहा है. पंजाब में उ‌द्योग लग रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है. मान सरकार पंजाब की उन्नति और खुशहाली के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. पंजाब अब खुशखबरी बांटने वाला राज्य बन गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर घर पहुंच रहा राशन</strong><br />पंजाब में गरीबों तक आसानी से राशन पहुंचाने और राशन वितरण प्रणाली में होने वाले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के उद्देश्य से मान सरकार ‘घर-घर राशन योजना’ का संचालन कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस योजना से आमलोगों को बहुत लाभ मिल रहा है. अब पंजाब में लोगों को राशन के लिए लाइन नहीं लगानी पड़ रही है. राशन के लिए दुकानदारों से होने वाले लड़ाई-झगड़े बंद हो गए हैं. सरकारी राशन के काले कारोबार पर लगाम लगी है. पंजाब में 6.36 लाख से अधिक राशन कार्ड को इस योजना से जोड़ा गया है, जिससे 25 लाख से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कामयाब है मान सरकार का मॉडल</strong><br />पंजाब में मान सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि गरीबों के हिस्से का राशन उन तक पहुंच सके. पंजाब में मार्कफेड मॉडल-एफपीएस की 800 दुकानें हैं. इन दुकानों के माध्य के माध्यम से पंजाब के लोगों तक घर-घर राशन पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही इस कार्य में पारदर्शिता रहे, इसके लिए एडवास ईपीओएस मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा हुआ. इसके साथ ही इस योजना से जुड़ी किसी भी तरह की सहायता, शिकायत या प्रतिक्रिया के लिए टोल-फ्री नंबर 1100 जारी किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डिस्क्लेमर: ये फीचर आर्टिकल है. एबीपी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड और/या एबीपी लाइव किसी भी तरह से इस लेख की सामग्री और/या इसमें व्यक्त विचारों का समर्थन नहीं करता है. हम किसी भी तरह से इस लेख में कही गई सभी बातों और/या इसमें बताए गए/प्रदर्शित विचारों, राय, घोषणाओं आदि की पुष्टि नहीं करते. एबीपी न्यूज़ इसके लिए जिम्मेदार और/या उत्तरदायी नहीं होगा. दर्शकों को सलाह दी जाती है कि वह अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए फैसला लें.</p>
नारनौल में ट्रक की टक्कर से युवक की मौत:2 लोग घायल, कार से जा रहे थे भिवानी, मृतक पंजाब का रहने वाला
नारनौल में ट्रक की टक्कर से युवक की मौत:2 लोग घायल, कार से जा रहे थे भिवानी, मृतक पंजाब का रहने वाला नारनौल में नेशनल हाईवे नंबर 152 डी पर ट्रक ने कार को टक्कर मार दी, जिसमें कार सवार एक युवक की मौत हो गई और 2 गंभीर रूप से घायल है। घायल को इलाज के लिए नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वहीं पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक पंजाब के अबोहर का रहने वाला था, जबकि घायल हरियाणा के भिवानी का है। घटना सदर थाना क्षेत्र में हुई। पंजाब के अबोहर निवासी करीब 46 वर्षीय सुभाष चंद्र भाखर और भिवानी निवासी सत्यवान जयपुर किसी बिजनेस के सिलसिले में गए थे। वहां पर मीटिंग करने के बाद वे दोनों शाम को जयपुर से इटोस कार में सवार होकर भिवानी के लिए चले। रात को करीब 10 बजे वे नेशनल हाईवे नंबर 152 डी के टोल प्लाजा के पास पहुंचे। गाड़ी दो ट्रकों के बीच में फस गई
घायल सत्यवान ने बताया कि टोल के पास आगे तीन ट्रक चल रहे थे। वहीं उनके पीछे एक एक्सयूवी भी चल रही थी। एक्सयूवी के पीछे तेज रफ्तार से आए एक ट्रक ड्राइवर ने पहले एक्सयूवी को टक्कर मारी। एक्सयूवी ने पीछे से इटोस कार को टक्कर मार दी। जिसके चलते इटोस गाड़ी दो ट्रकों के बीच में फस गई। डॉक्टरों ने सुभाष चंद्र को मृत घोषित कर दिया, जबकि सत्यवान को इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया। हादसे में एक्सयूवी में सवार व्यक्ति को भी हल्की-फुल्की चोट लगी।