कानपुर में गंगा और पांडु दोनों नदियां उफान पर हैं। नदियों में पानी चढ़ने से करीब 2 हजार घर बाढ़ की जद में आ गए। यहां रहने वाले 10 हजार लोग शिफ्ट होकर हो चुके हैं। तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हैं। कानपुर के वरुण विहार, बर्रा-8 कच्ची बस्ती, मेहरबान सिंह का पुरवा समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। बाढ़ की चपेट में आकर कच्चे मकान ढह गए। पानी के बीच लोग किन हालात में रह रहे हैं। दैनिक भास्कर टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची… सुनीता बोलीं- पूरे इलाके में गर्दन तक पानी भरा
हमारी मुलाकात कानपुर देहात की सुनीता से हुई। वह तिरपाल के नीचे परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। कहा – रात में अचानक पानी बढ़ गया, सोते में जब भीग गए तो घर से भागकर बाहर निकले। पूरे घर में ही पानी भर गया। सिलेंडर तक नहीं निकाल सके। इस वजह से खाना नहीं बना पा रहे, कोई खाना दे देता है तो खा लेते हैं। बीमार भी पड़ गए हैं। पूरे इलाके में गर्दन तक पानी भरा हुआ है। खुद तिरपाल खरीद कर झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है। रूंधे गले से बोलीं- भइया हम तो भूख बर्दाश्त कर लेंगे, लेकिन बच्चे भूखे न रहे, इसलिए उन्हें अपने से अलग कर गांव भेज दिया। दो दिन से सड़क किनारे रात गुजार रहे, लेकिन अब तक कोई पूछने नहीं आया। गैस-चूल्हा न निकालते तो नसीब न होता खाना
यहीं हमारी मुलाकात शकुंतला से हुई। वह कहती हैं- मैं पति रामसेवक और दो बेटी लाडो व सौम्या के साथ रह रही हूं। क्यों आपको जिला प्रशासन से मदद मिली? उन्होंने कहा- कोई पूछने तक नहीं आया, कहां मदद मिल रही है। हमें तो पता भी नहीं। शकुंतला खाना बनाते हुए आगे कहती हैं- किसी तरह गैस-चूल्हा बाहर निकाल लाए, तो बच्चों को खाना नसीब हो रहा है। अगर चूल्हा न होता तो भूखे मरने की नौबत आ जाती। पूरी रात जगते हुए कटती है
बर्रा-8 बस्ती में रहने वाली सोना कहती हैं- बाढ़ का पानी लगातार चढ़ रहा है। बाढ़ से पहले ही हमने घर के बाहर मलबा डलवाया, नहीं तो घर डूब जाता। रात में अभी घर में ही रह रहे हैं। लेकिन पूरी रात जागते हुए ही बीत रही है। डर लगा रहता है कि रात में पानी चढ़ न जाए और घर छोड़कर जाना पड़े। अब बात गंगा में बढ़े जलस्तर की…
गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार रात गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से चंदीपुरवा के घरों के किनारे तक पानी पहुंच गया। भगवानदीन पुरवा गांव के पास तक पानी पहुंच गया। लोगों ने घर का सामान ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट किया है। रास्ते में 3-4 फीट तक पानी भरा
पूर्व प्रधान अशोक निषाद ने बताया कि पानी तेजी से गंगा की तरफ से आने वाले रास्तों में बढ़ रहा है। कहीं-कहीं करीब 3- 4 फीट तक पानी रास्ते मे भर गया। पहली बार इतनी तेजी से जलस्तर बढ़ा है कि एक ही दिन में गांव के सब्जी के खेतों और रास्ते मे पानी भरने के बाद चंदीपुरवा के घरों तक पहुंच गया। ट्रीटमेंट प्लांट से दयाल फार्म हाउस जाने वाले रास्ते पर सबसे ज्यादा पानी भर गया है। अगर इसी तरह जलस्तर बढ़ा तो सुबह तक दुर्गापुरवा, गिल्लीपुरवा, मक्कापुरवा, लक्ष्मणपुरवा गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच सकता है। फसलें डूब गई, तहसीलदार भी गांव पहुंचे
गुड्डू निषाद ने बताया निचले इलाकों की भिंडी, तरोई, लौकी बेगन कि फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों ने बाढ़ के पानी को खेतों और गांव में घुसने से रोकने के लिए गिल्लीपुरवा के पास नोन नदी के पास से आने वाले रास्ते पर जेसीबी से मिट्टी डलवाई। तहसीलदार ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को सचेत रहने और बाढ़ से निपटने के उपायों के बारे बताया। जिला प्रशासन ने क्या व्यवस्थाएं की, ये भी पढ़िए…
जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए लेखपाल अमित कुमार दीक्षित, उदयभान, राजस्व निरीक्षक प्रमोद सेंगर को तैनात किया गया। उन्होंने बताया- गुरुवार शाम कैंप में करीब 70 लोगों ने खाना खाया था। कैंप में सबके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई, लोग खाना खाकर चले जाते है। कैंप में अन्य लोगों को ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। अभी 2 हाल में लोगों को ठहराया गया है। अन्य लोगों के आने पर स्कूल के दो और हाल में व्यवस्था की जाएगी। बाढ़ का पानी कम नहीं हो रहा है
मंगलवार को भीषण बारिश से पांडु नदी का बढ़ा जलस्तर गुरुवार तक कम नहीं हुआ। लेखपाल ने बताया कि गुरुवार को सुबह जलस्तर थोड़ा कम हुआ था। वरूण विहार, बर्रा-8 कच्ची बस्ती में भरा पानी कम नहीं हुआ। बर्रा विश्वबैंक आई-ब्लॉक स्थित कंपोजिट विद्यालय में जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत कैंप में करीब पांच से सात परिवारों के करीब 30 से 40 लोग गुरुवार तक पहुंचे थे, जिनमें राजकुमार कश्यप, प्रेमचंद्र कश्यप, राजू व बाबू कश्यप के परिवार राहत कैंप में मिले। यहां लोगों को खाना दिया जा रहा है। यह भी पढ़िए… योगी बोले-यहां हापुड़ वाला जूस, थूक लगी रोटी नहीं मिलेगी: सबकुछ शुद्ध मिलेगा; गोरखपुर में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का उद्घाटन किया सीएम योगी ने गोरखपुर में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा- यहां 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं मिलेगी। फिर, कुछ पुरानी घटनाओं पर तंज भी कसा। मुस्कराते हुए कहा- कम से कम यहां हापुड़ वाला जूस नहीं मिलेगा। थूक लगी रोटी भी परोसी नहीं जाएगी। पढ़िए पूरी खबर… कानपुर में गंगा और पांडु दोनों नदियां उफान पर हैं। नदियों में पानी चढ़ने से करीब 2 हजार घर बाढ़ की जद में आ गए। यहां रहने वाले 10 हजार लोग शिफ्ट होकर हो चुके हैं। तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हैं। कानपुर के वरुण विहार, बर्रा-8 कच्ची बस्ती, मेहरबान सिंह का पुरवा समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। बाढ़ की चपेट में आकर कच्चे मकान ढह गए। पानी के बीच लोग किन हालात में रह रहे हैं। दैनिक भास्कर टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची… सुनीता बोलीं- पूरे इलाके में गर्दन तक पानी भरा
हमारी मुलाकात कानपुर देहात की सुनीता से हुई। वह तिरपाल के नीचे परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। कहा – रात में अचानक पानी बढ़ गया, सोते में जब भीग गए तो घर से भागकर बाहर निकले। पूरे घर में ही पानी भर गया। सिलेंडर तक नहीं निकाल सके। इस वजह से खाना नहीं बना पा रहे, कोई खाना दे देता है तो खा लेते हैं। बीमार भी पड़ गए हैं। पूरे इलाके में गर्दन तक पानी भरा हुआ है। खुद तिरपाल खरीद कर झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है। रूंधे गले से बोलीं- भइया हम तो भूख बर्दाश्त कर लेंगे, लेकिन बच्चे भूखे न रहे, इसलिए उन्हें अपने से अलग कर गांव भेज दिया। दो दिन से सड़क किनारे रात गुजार रहे, लेकिन अब तक कोई पूछने नहीं आया। गैस-चूल्हा न निकालते तो नसीब न होता खाना
यहीं हमारी मुलाकात शकुंतला से हुई। वह कहती हैं- मैं पति रामसेवक और दो बेटी लाडो व सौम्या के साथ रह रही हूं। क्यों आपको जिला प्रशासन से मदद मिली? उन्होंने कहा- कोई पूछने तक नहीं आया, कहां मदद मिल रही है। हमें तो पता भी नहीं। शकुंतला खाना बनाते हुए आगे कहती हैं- किसी तरह गैस-चूल्हा बाहर निकाल लाए, तो बच्चों को खाना नसीब हो रहा है। अगर चूल्हा न होता तो भूखे मरने की नौबत आ जाती। पूरी रात जगते हुए कटती है
बर्रा-8 बस्ती में रहने वाली सोना कहती हैं- बाढ़ का पानी लगातार चढ़ रहा है। बाढ़ से पहले ही हमने घर के बाहर मलबा डलवाया, नहीं तो घर डूब जाता। रात में अभी घर में ही रह रहे हैं। लेकिन पूरी रात जागते हुए ही बीत रही है। डर लगा रहता है कि रात में पानी चढ़ न जाए और घर छोड़कर जाना पड़े। अब बात गंगा में बढ़े जलस्तर की…
गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार रात गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से चंदीपुरवा के घरों के किनारे तक पानी पहुंच गया। भगवानदीन पुरवा गांव के पास तक पानी पहुंच गया। लोगों ने घर का सामान ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट किया है। रास्ते में 3-4 फीट तक पानी भरा
पूर्व प्रधान अशोक निषाद ने बताया कि पानी तेजी से गंगा की तरफ से आने वाले रास्तों में बढ़ रहा है। कहीं-कहीं करीब 3- 4 फीट तक पानी रास्ते मे भर गया। पहली बार इतनी तेजी से जलस्तर बढ़ा है कि एक ही दिन में गांव के सब्जी के खेतों और रास्ते मे पानी भरने के बाद चंदीपुरवा के घरों तक पहुंच गया। ट्रीटमेंट प्लांट से दयाल फार्म हाउस जाने वाले रास्ते पर सबसे ज्यादा पानी भर गया है। अगर इसी तरह जलस्तर बढ़ा तो सुबह तक दुर्गापुरवा, गिल्लीपुरवा, मक्कापुरवा, लक्ष्मणपुरवा गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच सकता है। फसलें डूब गई, तहसीलदार भी गांव पहुंचे
गुड्डू निषाद ने बताया निचले इलाकों की भिंडी, तरोई, लौकी बेगन कि फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों ने बाढ़ के पानी को खेतों और गांव में घुसने से रोकने के लिए गिल्लीपुरवा के पास नोन नदी के पास से आने वाले रास्ते पर जेसीबी से मिट्टी डलवाई। तहसीलदार ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को सचेत रहने और बाढ़ से निपटने के उपायों के बारे बताया। जिला प्रशासन ने क्या व्यवस्थाएं की, ये भी पढ़िए…
जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए लेखपाल अमित कुमार दीक्षित, उदयभान, राजस्व निरीक्षक प्रमोद सेंगर को तैनात किया गया। उन्होंने बताया- गुरुवार शाम कैंप में करीब 70 लोगों ने खाना खाया था। कैंप में सबके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई, लोग खाना खाकर चले जाते है। कैंप में अन्य लोगों को ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। अभी 2 हाल में लोगों को ठहराया गया है। अन्य लोगों के आने पर स्कूल के दो और हाल में व्यवस्था की जाएगी। बाढ़ का पानी कम नहीं हो रहा है
मंगलवार को भीषण बारिश से पांडु नदी का बढ़ा जलस्तर गुरुवार तक कम नहीं हुआ। लेखपाल ने बताया कि गुरुवार को सुबह जलस्तर थोड़ा कम हुआ था। वरूण विहार, बर्रा-8 कच्ची बस्ती में भरा पानी कम नहीं हुआ। बर्रा विश्वबैंक आई-ब्लॉक स्थित कंपोजिट विद्यालय में जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत कैंप में करीब पांच से सात परिवारों के करीब 30 से 40 लोग गुरुवार तक पहुंचे थे, जिनमें राजकुमार कश्यप, प्रेमचंद्र कश्यप, राजू व बाबू कश्यप के परिवार राहत कैंप में मिले। यहां लोगों को खाना दिया जा रहा है। यह भी पढ़िए… योगी बोले-यहां हापुड़ वाला जूस, थूक लगी रोटी नहीं मिलेगी: सबकुछ शुद्ध मिलेगा; गोरखपुर में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का उद्घाटन किया सीएम योगी ने गोरखपुर में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा- यहां 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं मिलेगी। फिर, कुछ पुरानी घटनाओं पर तंज भी कसा। मुस्कराते हुए कहा- कम से कम यहां हापुड़ वाला जूस नहीं मिलेगा। थूक लगी रोटी भी परोसी नहीं जाएगी। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर