कानपुर में इंजीनियर की मौत, हेयर ट्रांसप्लांट में कितना खतरा?:शादी से पहले सर्जरी कराने वाले जवान की गई थी जान; क्या सावधानियां रखनी चाहिए…

कानपुर में इंजीनियर की मौत, हेयर ट्रांसप्लांट में कितना खतरा?:शादी से पहले सर्जरी कराने वाले जवान की गई थी जान; क्या सावधानियां रखनी चाहिए…

कानपुर में पनकी पावर प्लांट के असिस्टेंट इंजीनियर विनीत की हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौत हो गई। उनकी पत्नी जया के मुताबिक, हेयर ट्रांसप्लांट के बाद उनके चेहरे पर इतनी सूजन आ गई थी कि चेहरा गुब्बारे की तरह हो गया था। आंखें बाहर आ गई थीं। वे पहचान में नहीं आ रहे थे। पुलिस ने 54 दिन बाद FIR दर्ज की। जिस क्लिनिक पर हेयर ट्रांसप्लांट हुआ है, वहां पर डर्मेटोलॉजिस्ट या फिर प्लास्टिक सर्जन एक्सपर्ट नहीं था। इसके पहले भी हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मौतें हुई हैं। आखिर हेयर ट्रांसप्लांट से जान को कितना खतरा रहता है? मौत के पीछे की वजह क्या है? क्या सावधानी बरती चाहिए? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल 1- हेयर लॉस क्या है? कितने तरह का होता है?
जवाब- हेयर-फॉल और गंजेपन यानि एलोपेशिया के चार कारण हो सकते हैं- 1. आनुवांशिक: फैमिली हिस्ट्री भी इसके लिए जिम्मेदार
सामान्य रूप से पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरान हार्मोन एक उम्र के बाद डिहाइड्रो टेस्टोस्टेरान (DHT) हार्मोन में बदल जाता है, जो सिर के केवल आगे के बालों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन, आनुवांशिकता के चलते इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सिर के आगे के बालों की जड़ धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। बाल झड़ने व टूटने लगते हैं। इसके 95 फीसदी मामले पुरुषों में और 5 फीसदी महिलाओं में पाए जाते हैं। 2. खानपान: बालों की सेहत के लिए बायोटिन और प्रोटीन जरूरी
बालों की सेहत के लिए विटामिंस, बायोटिन, मिनरल्स और प्रोटीनयुक्त भोजन (बादाम, मूंगफली, काजू, गोभी, अलसी आदि) लेना चाहिए। ये पोषक तत्व वालों की ग्रोथ को बेहतर बनाते हैं। इनकी कमी से एलोपेशिया यानी गंजेपन की समस्या होती है। 3. लाइफ स्टाइल: अधिक तनाव और केमिकल वाले उत्पाद से बचें
अत्यधिक तनाव, लगातार केमिकल वाले हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ाता है लेकिन, बार-बार शैम्पू व ऑयल का बदलना भी इसका कारण है। इसके अलावा सिर की त्वचा का रुखा बना रहना और तेल से मालिश न करने से स्कैल्प की नमी खत्म होने से बालों की जड़े कमजोर हो जाती हैं। नतीजा, ये गिरने लगते हैं। 4. हार्मोनल बदलाव: हार्मोन में बदलाव भी एक वजह
समय से पहले या निश्चित उम्र के बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव परेशानी का सबब बनता है। महिलाओं में थायराइड हार्मोन, पीसीओडी (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), पौष्टिक तत्वों और खून की कमी की समस्या से बाल झड़ने लगते हैं। सवाल 2- कितने प्रकार से हेयर ट्रांसप्लांट होता है?
जवाब- हेयर ट्रांसप्लांटेशन में दो तकनीक अपनाई जाती हैं। जिनमें मामूली-सा फर्क है। 1- फोलिक्यूलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT): इसमें सिर के पीछे के हिस्से से दो सेंटीमीटर चौड़ी स्किन निकालते हैं। इसमें से बालों को अलग कर सिर के आगे के हिस्से पर मेडिकेटेड सुई से छेद कर इंप्लांट करते हैं। जहां से स्किन निकाली जाती है, वहां बहुत बारीक टांके लगाते हैं, जो आने वाले नए बालों से छिप जाते हैं। आजकल ट्राइकोफाइटिक क्लोजर तकनीक की मदद से भी त्वचा को टांके लगाकर जोड़ दिया जाता है। जिस पर भी बाल उगने शुरू हो जाते हैं और निशान न के बराबर दिखता है। 2- फोलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE): इस तकनीक में एक विशेष प्रकार की मशीन से सिर के पीछे के हिस्से से एक-एक बाल को निकालकर सिर के आगे के हिस्से में छेद कर इंप्लांट कर देते हैं। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई निशान नहीं आता। सवाल 3- किन्हें हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कराना चाहिए?
जवाब- इन लोगों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कराना चाहिए। 1. डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए। हाई बीपी के मरीज व्यक्ति को भी हेयर ट्रांसप्लांट से बचना चाहिए, क्योंकि इन दोनों ही रोगों में एनेस्थीसिया देना जानलेवा हो सकता है। 2. मेटाबॉलिक डिसऑर्डर वाले मरीज को भी हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि हेयर ग्राफ्टिंग के दौरान आने वाली चुनौतियां उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इस प्रक्रिया में छह से सात घंटे तक बेहोश रखा जाता है और ऐसे में इस बीमारी के मरीज की जान पर बन सकती है। 3. एलर्जी की दवा लेने वाले मरीजों को भी हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, इस सर्जरी के दौरान कई तरह के कॉम्पलिकेशन होते हैं औऱ एनेस्थीसिया के साथ साथ मरीज को जख्म सूखने की कई दवाएं भी दी जाती हैं। ये दवाएं एलर्जी से पीड़ित मरीज के लिए खतरनाक हो सकती हैं, इसलिए एलर्जी या एलर्जी की दवा ले रहे लोगों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए। 4. ऐसे रोगी जिनके ह्रदय में पेसमेकर लगा है या अन्य कोई आर्टिफिशियल उपकरण लगा है, इन्हें भी हेयर ट्रांसप्लांट का रिस्क लेने से बचना चाहिए। इस ऑपरेशन के दौरान दिया जाने वाला एनेस्थीसिया और ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया ह्रदय रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। सवाल 4- हेयर ट्रांसप्लांट कराने में मौत का कितना खतरा? दूसरे खतरे क्या हैं?
जवाब- इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि प्लास्टिक सर्जरी के बाद लोगों को होने वाली परेशानियों के कारण मौत ‘बहुत दुर्लभ’ है। यानी मौत का खतरा बहुत ही कम है। हालांकि, ऑपरेशन के शुरुआती 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान रोगियों को निगरानी में रखने की आवश्यकता है। एक ग्लोबल स्टडी के अनुसार, ऐसी सर्जरी के बाद मौत की आशंका लगभग 20 प्रति लाख है। ऐसे मामलों में मृत्यु दवाओं के रिएक्शन, किसी एंटीबायोटिक को देने के बाद हुई एलर्जी या एनेस्थीसिया के प्रभाव से होने वाली रिएक्शन के कारण हो सकती है। हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट या फिर प्लास्टिक सर्जन एक्सपर्ट होना चाहिए। यदि डॉक्टर के पास ये डिग्री नहीं है, तब प्लांटेशन नहीं करना चाहिए। हेयर ट्रांसप्लांटेशन की स्पिल्ट्स बनाना, हेयर लाइन किस तरह बनेगी, किस डायरेक्शन में बाल लगेंगे और बालों निकालने की इस पूरी प्रोसेस एक्सपर्ट ही कर सकता है। यदि किसी ऐसे इंसान ने इस काम को नहीं किया जो इसके बारे में जानता नहीं है, तब स्किन पर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कानपुर में इंजीनियर की मौत की वजह भी यही है। अब तक जो बातें सामने आई हैं, उससे स्पष्ट होता है कि हेयर ट्रांसप्लांट के समय डर्मेटोलॉजिस्ट नहीं था। भारत में हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौतों की अधिकतर वजह यही सामने आई है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यूपी में ऐसे क्लिनिक ज्यादा हैं जहां पर डर्मेटोलॉजिस्ट नहीं हैं। वहां पर टेक्नीशियन और नर्स यह काम सीखकर कर रहे हैं। सस्ते के चक्कर में लोग यहां पहुंचते हैं और जान गंवा देते हैं। सवाल 5- हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद अगले 7-10 दिन तक इंप्लांटेड बालों को न छुएं। कुछ दिन तक हेलमेट–टोपी न लगाएं, ताकि बालों की जड़ मजबूत हो सके। कई दिनों तक एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर दिए जाते हैं, इसे जरूर लें। ट्रांसप्लांट के बाद तब तक बाल न धोएं, जब एक एक्सपर्ट्स न कहें। ट्रांसप्लांट के 6 माह बाद जब बाल घने हो जाएं, तभी कटिंग करवाएं। डाइट में सब्जियां, सलाद, अंकुरित अनाज और हाई प्रोटीन वाली चीजें खाएं। गीले बालों में कंघा करें। बालों के लिए मोटे दांत वाला कंघा इस्तेमाल करें। बिना डॉक्टर के सलाह के हेयर डाई या हेड मसाज बिल्कुल न कराएं। सवाल 6- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या बाल झड़ते हैं?
जवाब- एक्सपर्ट के मुताबिक, आम तौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के 2-3 महीने बाद कुछ लोगों में बाल झड़ने की समस्या देखी जाती है, जिसमें ट्रांसप्लांट किए गए बालों में से लगभग 10-30 फीसदी बाल झड़ जाते हैं। ऐसा शॉक लॉस के कारण होता है और सर्जरी के बाद यह सामान्य है। हालांकि, एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ट्रांसप्लांट किए गए बाल पूरी तरह से वापस आ जाते हैं, इसके लिए छह महीने से लेकर एक साल तक इंतजार करना पड़ता है। सवाल 7-पहले भी इस तरह के मौत के मामले क्या सामने आए हैं?
जवाब- देश के अलग-अलग हिस्सों में कई मामले सामने आए हैं। 1- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद बिहार पुलिस के जवान की मौत मार्च 2022 में बिहार की राजधानी पटना में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस के जवान की मनोरंजन पासवान मौत हो गई थी। मनोरंजन पासवान की 11 मई को शादी होने वाली थी। हेयर ट्रांसप्लांट के 24 घंटे बाद ही मनोरंजन पासवान को कार्डियक अरेस्ट हो गया था। मनोरंजन का का लंबे समय से पटना के बोरिंग रोड स्थित एक प्राइवेट क्ल‍िनिक में हेयर ट्रांसप्लांट का ट्रीटमेंट चल रहा था। मनोरंजन नालंदा जिले के राजगीर के रहने वाले थे। 2- मुंबई में कारोबारी की हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मौत 2019 में मुंबई के साकीनाका इलाके में रहने वाले एक कारोबारी 43 वर्षीय कारोबारी श्रवण कुमार चौधरी की भी हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मौत हो गई थी। हेयर ट्रांसप्लांट के करीब दो दिन बाद ही कारोबारी को सांस लेने में दिक्कत हुई थी। इसके बाद उसे पवई के हीरानंदानी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टरों ने मौत का कारण दवा का रिएक्शन होना बताया था। कारोबारी श्रवण चौधरी ने 5 लाख रुपए में चिंचपोकली स्थित एक प्राइवेट कॉलेज में 9500 हेयर ग्राफ्ट इंप्लांट करवाए थे। सवाल 8- हेयर ट्रांसप्लांट में कितना खर्च आता है?
जवाब- यूपी में हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक प्रति हेयर ग्राफ्ट 100 रुपए से 500 रुपए तक चार्ज करते हैं। खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बाल ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं। ट्रांसप्लांट में 50 हजार से लेकर तीन लाख रुपए तक ओवरऑल खर्च होता है।
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ये खबर भी पढ़ें… हेयर ट्रांसप्लांट से चेहरा सूजा, आंखें बाहर आईं: कानपुर में इंजीनियर की पत्नी बोली- सरप्राइज देना चाहते थे, महिला डॉक्टर ने जान ले ली विनीत कानपुर के पनकी पावर प्लांट में AE थे। हेयर ट्रांसप्लांट की दौरान उनकी मौत हो गई थी। दैनिक भास्कर टीम पहले हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक, फिर इंजीनियर के घर पहुंची। हमने महिला डॉक्टर, इंजीनियर की पत्नी और उनके चचिया ससुर से बातचीत की। पत्नी ने कहा -डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही की है, जिस वजह से जान गई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… कानपुर में पनकी पावर प्लांट के असिस्टेंट इंजीनियर विनीत की हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौत हो गई। उनकी पत्नी जया के मुताबिक, हेयर ट्रांसप्लांट के बाद उनके चेहरे पर इतनी सूजन आ गई थी कि चेहरा गुब्बारे की तरह हो गया था। आंखें बाहर आ गई थीं। वे पहचान में नहीं आ रहे थे। पुलिस ने 54 दिन बाद FIR दर्ज की। जिस क्लिनिक पर हेयर ट्रांसप्लांट हुआ है, वहां पर डर्मेटोलॉजिस्ट या फिर प्लास्टिक सर्जन एक्सपर्ट नहीं था। इसके पहले भी हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मौतें हुई हैं। आखिर हेयर ट्रांसप्लांट से जान को कितना खतरा रहता है? मौत के पीछे की वजह क्या है? क्या सावधानी बरती चाहिए? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल 1- हेयर लॉस क्या है? कितने तरह का होता है?
जवाब- हेयर-फॉल और गंजेपन यानि एलोपेशिया के चार कारण हो सकते हैं- 1. आनुवांशिक: फैमिली हिस्ट्री भी इसके लिए जिम्मेदार
सामान्य रूप से पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरान हार्मोन एक उम्र के बाद डिहाइड्रो टेस्टोस्टेरान (DHT) हार्मोन में बदल जाता है, जो सिर के केवल आगे के बालों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन, आनुवांशिकता के चलते इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सिर के आगे के बालों की जड़ धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। बाल झड़ने व टूटने लगते हैं। इसके 95 फीसदी मामले पुरुषों में और 5 फीसदी महिलाओं में पाए जाते हैं। 2. खानपान: बालों की सेहत के लिए बायोटिन और प्रोटीन जरूरी
बालों की सेहत के लिए विटामिंस, बायोटिन, मिनरल्स और प्रोटीनयुक्त भोजन (बादाम, मूंगफली, काजू, गोभी, अलसी आदि) लेना चाहिए। ये पोषक तत्व वालों की ग्रोथ को बेहतर बनाते हैं। इनकी कमी से एलोपेशिया यानी गंजेपन की समस्या होती है। 3. लाइफ स्टाइल: अधिक तनाव और केमिकल वाले उत्पाद से बचें
अत्यधिक तनाव, लगातार केमिकल वाले हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ाता है लेकिन, बार-बार शैम्पू व ऑयल का बदलना भी इसका कारण है। इसके अलावा सिर की त्वचा का रुखा बना रहना और तेल से मालिश न करने से स्कैल्प की नमी खत्म होने से बालों की जड़े कमजोर हो जाती हैं। नतीजा, ये गिरने लगते हैं। 4. हार्मोनल बदलाव: हार्मोन में बदलाव भी एक वजह
समय से पहले या निश्चित उम्र के बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव परेशानी का सबब बनता है। महिलाओं में थायराइड हार्मोन, पीसीओडी (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), पौष्टिक तत्वों और खून की कमी की समस्या से बाल झड़ने लगते हैं। सवाल 2- कितने प्रकार से हेयर ट्रांसप्लांट होता है?
जवाब- हेयर ट्रांसप्लांटेशन में दो तकनीक अपनाई जाती हैं। जिनमें मामूली-सा फर्क है। 1- फोलिक्यूलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT): इसमें सिर के पीछे के हिस्से से दो सेंटीमीटर चौड़ी स्किन निकालते हैं। इसमें से बालों को अलग कर सिर के आगे के हिस्से पर मेडिकेटेड सुई से छेद कर इंप्लांट करते हैं। जहां से स्किन निकाली जाती है, वहां बहुत बारीक टांके लगाते हैं, जो आने वाले नए बालों से छिप जाते हैं। आजकल ट्राइकोफाइटिक क्लोजर तकनीक की मदद से भी त्वचा को टांके लगाकर जोड़ दिया जाता है। जिस पर भी बाल उगने शुरू हो जाते हैं और निशान न के बराबर दिखता है। 2- फोलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE): इस तकनीक में एक विशेष प्रकार की मशीन से सिर के पीछे के हिस्से से एक-एक बाल को निकालकर सिर के आगे के हिस्से में छेद कर इंप्लांट कर देते हैं। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई निशान नहीं आता। सवाल 3- किन्हें हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कराना चाहिए?
जवाब- इन लोगों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कराना चाहिए। 1. डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए। हाई बीपी के मरीज व्यक्ति को भी हेयर ट्रांसप्लांट से बचना चाहिए, क्योंकि इन दोनों ही रोगों में एनेस्थीसिया देना जानलेवा हो सकता है। 2. मेटाबॉलिक डिसऑर्डर वाले मरीज को भी हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि हेयर ग्राफ्टिंग के दौरान आने वाली चुनौतियां उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इस प्रक्रिया में छह से सात घंटे तक बेहोश रखा जाता है और ऐसे में इस बीमारी के मरीज की जान पर बन सकती है। 3. एलर्जी की दवा लेने वाले मरीजों को भी हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, इस सर्जरी के दौरान कई तरह के कॉम्पलिकेशन होते हैं औऱ एनेस्थीसिया के साथ साथ मरीज को जख्म सूखने की कई दवाएं भी दी जाती हैं। ये दवाएं एलर्जी से पीड़ित मरीज के लिए खतरनाक हो सकती हैं, इसलिए एलर्जी या एलर्जी की दवा ले रहे लोगों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए। 4. ऐसे रोगी जिनके ह्रदय में पेसमेकर लगा है या अन्य कोई आर्टिफिशियल उपकरण लगा है, इन्हें भी हेयर ट्रांसप्लांट का रिस्क लेने से बचना चाहिए। इस ऑपरेशन के दौरान दिया जाने वाला एनेस्थीसिया और ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया ह्रदय रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। सवाल 4- हेयर ट्रांसप्लांट कराने में मौत का कितना खतरा? दूसरे खतरे क्या हैं?
जवाब- इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि प्लास्टिक सर्जरी के बाद लोगों को होने वाली परेशानियों के कारण मौत ‘बहुत दुर्लभ’ है। यानी मौत का खतरा बहुत ही कम है। हालांकि, ऑपरेशन के शुरुआती 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान रोगियों को निगरानी में रखने की आवश्यकता है। एक ग्लोबल स्टडी के अनुसार, ऐसी सर्जरी के बाद मौत की आशंका लगभग 20 प्रति लाख है। ऐसे मामलों में मृत्यु दवाओं के रिएक्शन, किसी एंटीबायोटिक को देने के बाद हुई एलर्जी या एनेस्थीसिया के प्रभाव से होने वाली रिएक्शन के कारण हो सकती है। हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट या फिर प्लास्टिक सर्जन एक्सपर्ट होना चाहिए। यदि डॉक्टर के पास ये डिग्री नहीं है, तब प्लांटेशन नहीं करना चाहिए। हेयर ट्रांसप्लांटेशन की स्पिल्ट्स बनाना, हेयर लाइन किस तरह बनेगी, किस डायरेक्शन में बाल लगेंगे और बालों निकालने की इस पूरी प्रोसेस एक्सपर्ट ही कर सकता है। यदि किसी ऐसे इंसान ने इस काम को नहीं किया जो इसके बारे में जानता नहीं है, तब स्किन पर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कानपुर में इंजीनियर की मौत की वजह भी यही है। अब तक जो बातें सामने आई हैं, उससे स्पष्ट होता है कि हेयर ट्रांसप्लांट के समय डर्मेटोलॉजिस्ट नहीं था। भारत में हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौतों की अधिकतर वजह यही सामने आई है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यूपी में ऐसे क्लिनिक ज्यादा हैं जहां पर डर्मेटोलॉजिस्ट नहीं हैं। वहां पर टेक्नीशियन और नर्स यह काम सीखकर कर रहे हैं। सस्ते के चक्कर में लोग यहां पहुंचते हैं और जान गंवा देते हैं। सवाल 5- हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद अगले 7-10 दिन तक इंप्लांटेड बालों को न छुएं। कुछ दिन तक हेलमेट–टोपी न लगाएं, ताकि बालों की जड़ मजबूत हो सके। कई दिनों तक एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर दिए जाते हैं, इसे जरूर लें। ट्रांसप्लांट के बाद तब तक बाल न धोएं, जब एक एक्सपर्ट्स न कहें। ट्रांसप्लांट के 6 माह बाद जब बाल घने हो जाएं, तभी कटिंग करवाएं। डाइट में सब्जियां, सलाद, अंकुरित अनाज और हाई प्रोटीन वाली चीजें खाएं। गीले बालों में कंघा करें। बालों के लिए मोटे दांत वाला कंघा इस्तेमाल करें। बिना डॉक्टर के सलाह के हेयर डाई या हेड मसाज बिल्कुल न कराएं। सवाल 6- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या बाल झड़ते हैं?
जवाब- एक्सपर्ट के मुताबिक, आम तौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के 2-3 महीने बाद कुछ लोगों में बाल झड़ने की समस्या देखी जाती है, जिसमें ट्रांसप्लांट किए गए बालों में से लगभग 10-30 फीसदी बाल झड़ जाते हैं। ऐसा शॉक लॉस के कारण होता है और सर्जरी के बाद यह सामान्य है। हालांकि, एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ट्रांसप्लांट किए गए बाल पूरी तरह से वापस आ जाते हैं, इसके लिए छह महीने से लेकर एक साल तक इंतजार करना पड़ता है। सवाल 7-पहले भी इस तरह के मौत के मामले क्या सामने आए हैं?
जवाब- देश के अलग-अलग हिस्सों में कई मामले सामने आए हैं। 1- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद बिहार पुलिस के जवान की मौत मार्च 2022 में बिहार की राजधानी पटना में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस के जवान की मनोरंजन पासवान मौत हो गई थी। मनोरंजन पासवान की 11 मई को शादी होने वाली थी। हेयर ट्रांसप्लांट के 24 घंटे बाद ही मनोरंजन पासवान को कार्डियक अरेस्ट हो गया था। मनोरंजन का का लंबे समय से पटना के बोरिंग रोड स्थित एक प्राइवेट क्ल‍िनिक में हेयर ट्रांसप्लांट का ट्रीटमेंट चल रहा था। मनोरंजन नालंदा जिले के राजगीर के रहने वाले थे। 2- मुंबई में कारोबारी की हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मौत 2019 में मुंबई के साकीनाका इलाके में रहने वाले एक कारोबारी 43 वर्षीय कारोबारी श्रवण कुमार चौधरी की भी हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मौत हो गई थी। हेयर ट्रांसप्लांट के करीब दो दिन बाद ही कारोबारी को सांस लेने में दिक्कत हुई थी। इसके बाद उसे पवई के हीरानंदानी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टरों ने मौत का कारण दवा का रिएक्शन होना बताया था। कारोबारी श्रवण चौधरी ने 5 लाख रुपए में चिंचपोकली स्थित एक प्राइवेट कॉलेज में 9500 हेयर ग्राफ्ट इंप्लांट करवाए थे। सवाल 8- हेयर ट्रांसप्लांट में कितना खर्च आता है?
जवाब- यूपी में हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक प्रति हेयर ग्राफ्ट 100 रुपए से 500 रुपए तक चार्ज करते हैं। खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बाल ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं। ट्रांसप्लांट में 50 हजार से लेकर तीन लाख रुपए तक ओवरऑल खर्च होता है।
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