कानपुर में बुधवार सुबह एक मकान धंस गया। दीवार भरभराकर गिर गई। आस-पास के मकानों में भी बड़ी दरारें आ गई हैं। रविवार को इस मकान के एक कमरे की फर्श 20 फीट धंस गई थी। अब पूरा मकान ही धंस गया। मकान के 52 फीट नीचे से मेट्रो टनल गुजर रही है। हादसे की वजह टनल की खुदाई बताई जा रही है। स्थानीय लोगों ने मेट्रो के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया। इसके बाद लोग धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। अभी मेट्रो प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। घटना हरबंश मोहाल मोहल्ले की है। गिरने की कगार पर पहुंचे मकान
कुछ महीने पहले मेट्रो ने इस क्षेत्र के नीचे से अंडरग्राउंड टनल बनाने का काम पूरा किया है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि मेट्रो की वजह से ही अब इस इलाके की जमीन धंसने लगी है। हरबंश मोहाल क्षेत्र में पुराने बने मकान अब गिरने की कगार पर पहुंच रहे हैं। इस एरिया में करीब 40 से 50 मकान इसकी जद में हैं। क्षेत्रीय पार्षद रजत बाजपेई ने बताया कि मकान गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। मकान के जिस कमरे की फर्श धंस गई थी, उसकी अब पूरी दीवार गिर गई है। मेट्रो सिर्फ कंक्रीट मसाला भरकर चला गया। इसके साथ ही मकान में जगह-जगह दरारें आ गईं। अगल-बगल के मकानों में आई दरारें अब बढ़ती जा रही हैं। पार्षद भी क्षेत्रीय लोगों के साथ धरने पर बैठे हैं। लोग बोले जगह-जगह से चटक गई हैं छतें
जिस मकान की फर्श धंसी, ठीक उसके पड़ोस में रहने वाले पचमेश कश्यप के मुताबिक उनके पूरे मकान में दरारें हैं। कुछ माह पहले भी टनल खुदाई के दौरान दरारें आई थीं, जिसे मेट्रो ने ठीक कर दिया। लेकिन अब मकान की छतें तक जगह-जगह से चटक गई हैं। डर बना रहता है कि कब छत गिर जाए। घर रहने लायक रहा नहीं। कई बार मेट्रो अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। कानपुर में बुधवार सुबह एक मकान धंस गया। दीवार भरभराकर गिर गई। आस-पास के मकानों में भी बड़ी दरारें आ गई हैं। रविवार को इस मकान के एक कमरे की फर्श 20 फीट धंस गई थी। अब पूरा मकान ही धंस गया। मकान के 52 फीट नीचे से मेट्रो टनल गुजर रही है। हादसे की वजह टनल की खुदाई बताई जा रही है। स्थानीय लोगों ने मेट्रो के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया। इसके बाद लोग धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। अभी मेट्रो प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। घटना हरबंश मोहाल मोहल्ले की है। गिरने की कगार पर पहुंचे मकान
कुछ महीने पहले मेट्रो ने इस क्षेत्र के नीचे से अंडरग्राउंड टनल बनाने का काम पूरा किया है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि मेट्रो की वजह से ही अब इस इलाके की जमीन धंसने लगी है। हरबंश मोहाल क्षेत्र में पुराने बने मकान अब गिरने की कगार पर पहुंच रहे हैं। इस एरिया में करीब 40 से 50 मकान इसकी जद में हैं। क्षेत्रीय पार्षद रजत बाजपेई ने बताया कि मकान गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। मकान के जिस कमरे की फर्श धंस गई थी, उसकी अब पूरी दीवार गिर गई है। मेट्रो सिर्फ कंक्रीट मसाला भरकर चला गया। इसके साथ ही मकान में जगह-जगह दरारें आ गईं। अगल-बगल के मकानों में आई दरारें अब बढ़ती जा रही हैं। पार्षद भी क्षेत्रीय लोगों के साथ धरने पर बैठे हैं। लोग बोले जगह-जगह से चटक गई हैं छतें
जिस मकान की फर्श धंसी, ठीक उसके पड़ोस में रहने वाले पचमेश कश्यप के मुताबिक उनके पूरे मकान में दरारें हैं। कुछ माह पहले भी टनल खुदाई के दौरान दरारें आई थीं, जिसे मेट्रो ने ठीक कर दिया। लेकिन अब मकान की छतें तक जगह-जगह से चटक गई हैं। डर बना रहता है कि कब छत गिर जाए। घर रहने लायक रहा नहीं। कई बार मेट्रो अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर