कानपुर में मुस्लिमों ने भी खेली होली:25 हजार हुरियारे ऊंट, ट्रैक्टर-ट्रॉली और भैंसा ठेले पर निकले; जमकर डांस किया

कानपुर में मुस्लिमों ने भी खेली होली:25 हजार हुरियारे ऊंट, ट्रैक्टर-ट्रॉली और भैंसा ठेले पर निकले; जमकर डांस किया

कानपुर में आज भी होली खेली जा रही है। हटिया बाजार में रज्जन बाबू पार्क से आज गंगा मेले की शुरुआत हुई। यह अकेली होली है, जो राष्ट्रगान के बाद शुरू हुई। पार्क से हुरियारे भैंसा ठेला, ऊंट, घोड़ा, ट्रैक्टर ट्रॉली, थार, ठेला पर सवार होकर शहर की गलियों में निकले। इन पर रंगों की जमकर बौछार की गई। एक-दूसरे के कपड़े फाड़ दिए। 60 हजार लीटर रंग की व्यवस्था की गई है। मुस्लिमों ने भी हुरियारों का स्वागत माला पहनाकर किया। बिरहाना रोड पर 30 फीट ऊंची मटकी को पीली बिल्डिंग के गोविंदा की टोली ने तोड़ी। इस आयोजन में गोविंदा की 12 टोलियों ने हिस्सा लिया। पीली बिल्डिंग की टोली को मटकी फोड़ने पर 5100 रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया। होली की 3 तस्वीरें- कानपुर की इस खास होली का इतिहास 1942 में ब्रिटिश शासन से जुड़ा है, जब कानपुर के 47 क्रांतिकारियों को जेल में बंद किया गया था। करीब 25 हजार हुरियारे जगह-जगह रुक कर जमकर डांस कर रहे और होली खेल रहे। कानपुर में आज भी होली खेली जा रही है। हटिया बाजार में रज्जन बाबू पार्क से आज गंगा मेले की शुरुआत हुई। यह अकेली होली है, जो राष्ट्रगान के बाद शुरू हुई। पार्क से हुरियारे भैंसा ठेला, ऊंट, घोड़ा, ट्रैक्टर ट्रॉली, थार, ठेला पर सवार होकर शहर की गलियों में निकले। इन पर रंगों की जमकर बौछार की गई। एक-दूसरे के कपड़े फाड़ दिए। 60 हजार लीटर रंग की व्यवस्था की गई है। मुस्लिमों ने भी हुरियारों का स्वागत माला पहनाकर किया। बिरहाना रोड पर 30 फीट ऊंची मटकी को पीली बिल्डिंग के गोविंदा की टोली ने तोड़ी। इस आयोजन में गोविंदा की 12 टोलियों ने हिस्सा लिया। पीली बिल्डिंग की टोली को मटकी फोड़ने पर 5100 रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया। होली की 3 तस्वीरें- कानपुर की इस खास होली का इतिहास 1942 में ब्रिटिश शासन से जुड़ा है, जब कानपुर के 47 क्रांतिकारियों को जेल में बंद किया गया था। करीब 25 हजार हुरियारे जगह-जगह रुक कर जमकर डांस कर रहे और होली खेल रहे।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर