कानपुर हादसा…सिर की हड्‌डी टूटी, पसलियां फेफड़ों में धंसीं:नाबालिग की कार की टक्कर से 20 मीटर दूर गिरी; बेटी को नहीं पता मां मर गई

कानपुर हादसा…सिर की हड्‌डी टूटी, पसलियां फेफड़ों में धंसीं:नाबालिग की कार की टक्कर से 20 मीटर दूर गिरी; बेटी को नहीं पता मां मर गई

कानपुर में नाबालिग छात्र की कार से कुचली भावना मिश्रा की मेडिकल रिपोर्ट दर्दनाक मौत का खुलासा करती है। 120 KMPH की रफ्तार में लगे धक्के से भावना करीब 20 मीटर दूर जा गिरीं। हेलमेट लगे होने के बावजूद उसके सिर की हड्‌डी टूट गई। पसलियां टूटकर फेफड़े में धंस गईं। पैर फ्रैक्चर के साथ 6 जानलेवा चोटें लगी हैं। उनकी बेटी मेधावी अस्पताल में एडमिट है। उसको गंभीर चोटें आई हैं। परिवार ने अब तक उसको यह नहीं बताया कि एक्सीडेंट में उसकी मां का देहांत हो चुका है। एक तरफ, शुक्रवार दोपहर बाद भावना मिश्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दूसरी तरफ, कार चलाने वाले 16 साल के स्टूडेंट को इटावा के बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है। उसके पिता अशोक कुमार मौर्य को थाने से जमानत दे दी गई। खबर में आगे बढ़ने से पहले हादसा पढ़िए… दवा लेने निकली मां-बेटी को कार से मारी टक्कर
2 अगस्त की दोपहर 3.15 बजे भावना और बेटी मेधावी स्कूटी से दवा लेने क्लिनिक जा रहे थे। साकेतनगर में तेज रफ्तार कार ने स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी। इसमें पत्नी और बेटी घायल हो गए। भावना ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। बेटी के हाथ-पैर और कूल्हे की हड्‌डी टूट गई, उसका इलाज जारी है। अब भावना की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जानिए… भावना के शरीर पर 18 चोट और रगड़ने के निशान
भावना मिश्रा का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा- उनके सिर की हड्‌डी टूटने से ब्रेन हैमरेज हो गया। उनकी छाती की पसलियां टूटकर फेफड़े में धंसी मिलीं। जांघ और घुटने की हड्‌डी टूट गई। इस तरह 6 जगह की हड्‌डी टूटने से मौत हुई है। वहीं, पूरी शरीर में करीब 18 जगह चोट और रगड़ के निशान मिले हैं। इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद हमने पुलिस से सवाल किया कि कार आखिर कंट्रोल क्यों नहीं हुई? कानपुर पुलिस ने कहा कि बयान में नाबालिग छात्र का कहना है कि उसने ब्रेक लगाया था। उसके बाद कार एक तरफ मुड़ गई। इसको तकनीकी भाषा में हॉरिजेंटल ट्रिप कहते हैं। गाड़ी से सामने से नहीं, साइड से स्कूटी में जोरदार टक्कर मारी है। इससे भावना की मौत हो गई। मेधावी के पैर का ऑपरेशन हो गया, जान को खतरा नहीं
13 साल की मेधावी मिश्रा 8वीं में पढ़ती है। वह गोविंदनगर के रिजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती है। शनिवार देर शाम उसके पैर का सफल ऑपरेशन हुआ। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। मेधावी के पिता बैंक मैनेजर अनूप मिश्रा ने बताया कि हादसे में बेटी के जांघ की हड्‌डी टूट गई है। सिर में चोट और दाहिने हाथ में फ्रैक्चर है। मेधावी बोली- मम्मी को बुलाओ…
ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकलते ही होश में आने पर मेधावी मां-मां करके रोने लगी। पत्नी का अंतिम संस्कार करके अस्पताल पहुंचे पिता ने मेधावी को इस बात की भनक भी नहीं लगने दी कि मां का निधन हो गया है। पिता ने बताया- मां के भी चोट लगी है। इसलिए वह अस्पताल नहीं आ सकती हैं। यह कहकर रोते हुए पिता बेटी से लिपट गए। हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ पिता और बेटी के इस भावुक पल को देखकर मायूसी से भर गया। बैराज जा रहे थे मस्ती करने, कार में मिली आपत्तिजनक वस्तुएं
किदवई नगर पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी छात्र काफी बिगड़ैल था। आए दिन दोस्तों के साथ हुक्का-बार जाना और लड़कियों के साथ पार्टी करना उसका शौक बन चुका था। हादसे के दिन भी वह स्कूल बंक करके अपने दोस्त के साथ अपनी और उसकी गर्लफ्रेंड को लेकर गंगा बैराज घूमने के लिए निकला था। लड़कियों ने अपनी स्कूल की ड्रेस बदलकर घरेलू कपड़े पहन लिए थे। कार में 2 जोड़ी लड़कियों के कपड़े मिले। लड़कियां तो मौके से भाग निकली थीं, लेकिन पब्लिक ने कार चला रहे छात्र और उसके साथी को पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था। कोर्ट नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह भेजने को नहीं था तैयार
किदवई नगर पुलिस ने हादसे के मुख्य आरोपी नाबालिग छात्र को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। पिता को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया। थाने से जमानत देने पर सवाल पूछने पर DCP साउथ रवींद्र कुमार ने बताया कि बेटे पर केस में मुख्य धारा BNS की 105 यानी गैर इरादतन हत्या की है। पिता पर BNS की धारा-106 के तहत यानी लापरवाही से किसी की मृत्यु होना लगी है। पिता को जिस धारा में आरोपी बनाया गया है, उसमें अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है। इसके चलते थाने से जमानत दी गई है। DCP ने बताया कि बेटे को भी जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजने के पक्ष में कोर्ट नहीं था। कोर्ट में कानपुर में अब तक हुए 4 बड़े हादसों में मौतों का जिक्र किया गया। नाबालिग की बेपरवाही समेत अन्य जानकारी दी गई, तब जाकर कोर्ट ने उसे इटावा की बाल संप्रेक्षण गृह भेजा है। अक्सर कार से स्कूल जाता था छात्र
पुलिस की जांच में सामने आया कि हादसा करने का मुख्य आरोपी सागरपुरी निवासी अशोक कुमार मौर्य पेट्रोल पंप की मशीन बनाने का काम करते हैं। मौजूदा समय में जिस कंपनी में काम करते हैं, उसकी ओर से कानपुर देहात में तैनाती है। पिता ने अपने इंटर में पढ़ने वाले 16 साल के बेटे को इतनी छूट दे रखी थी कि अक्सर वो कार से स्कूल जाता था। वह कोयलानगर के मदर टेरेसा हायर सेकेंड्री स्कूल का छात्र है। परिजनों के साथ स्कूल ने भी कभी कोई आपत्ति नहीं किया। इसी का नतीजा है कि इतना भयानक हादसा हुआ कि एक परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे के बाद 25 मिनट तक पुलिस नहीं पहुंची
हादसे में किदवईनगर पुलिस की लापरवाही सामने आई है। साकेतनगर टेलीफोन एक्सचेंज के पास जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां पर रहने वाले सुनील मिश्रा और राम सिंह ने बताया कि हादसे के दौरान तेज आवाज होने पर पूरे मोहल्ले के लोग घर के बाहर आ गए। उन्होंने कार सवार नाबालिग दोनों छात्रों को दबोच लिया और किदवईनगर थाने पर सूचना दी। उधर मोहल्ले के कुछ लोग दोनों को लेकर हॉस्पिटल की तरफ भागे। इधर आक्रोशित भीड़ ने छात्रों को पीटा और सूचना देने के 25 मिनट बाद भी पुलिस नहीं पहुंची तो ई-रिक्शा से दोनों को लेकर किदवईनगर थाने पहुंचे और पुलिस को सौंपा। यह खबर भी पढ़ें लखनऊ में युवती से बैड टच, दोस्त ने बताई आपबीती; बोला- हम जानवरों के बीच फंस गए थे मैं जंगली जानवरों के बीच फंस गया था। गिड़गिड़ाया। हाथ जोड़े, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। अगर मेरी दोस्त के साथ कुछ हो जाता तो मैं खुद को जिंदगी भर माफ नहीं कर पाता। ये शब्द उस युवती के दोस्त के हैं, जिसके साथ लखनऊ के गोमती नगर में बारिश के दौरान बदसलूकी हुई। दैनिक भास्कर सबसे पहले उस घटना के पीड़ित तक पहुंचा। नाम उजागर न करने की शर्त पर युवक ने भास्कर रिपोर्टर को पूरी आपबीती बताई। पूरी खबर पढ़ें कानपुर में नाबालिग छात्र की कार से कुचली भावना मिश्रा की मेडिकल रिपोर्ट दर्दनाक मौत का खुलासा करती है। 120 KMPH की रफ्तार में लगे धक्के से भावना करीब 20 मीटर दूर जा गिरीं। हेलमेट लगे होने के बावजूद उसके सिर की हड्‌डी टूट गई। पसलियां टूटकर फेफड़े में धंस गईं। पैर फ्रैक्चर के साथ 6 जानलेवा चोटें लगी हैं। उनकी बेटी मेधावी अस्पताल में एडमिट है। उसको गंभीर चोटें आई हैं। परिवार ने अब तक उसको यह नहीं बताया कि एक्सीडेंट में उसकी मां का देहांत हो चुका है। एक तरफ, शुक्रवार दोपहर बाद भावना मिश्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दूसरी तरफ, कार चलाने वाले 16 साल के स्टूडेंट को इटावा के बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है। उसके पिता अशोक कुमार मौर्य को थाने से जमानत दे दी गई। खबर में आगे बढ़ने से पहले हादसा पढ़िए… दवा लेने निकली मां-बेटी को कार से मारी टक्कर
2 अगस्त की दोपहर 3.15 बजे भावना और बेटी मेधावी स्कूटी से दवा लेने क्लिनिक जा रहे थे। साकेतनगर में तेज रफ्तार कार ने स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी। इसमें पत्नी और बेटी घायल हो गए। भावना ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। बेटी के हाथ-पैर और कूल्हे की हड्‌डी टूट गई, उसका इलाज जारी है। अब भावना की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जानिए… भावना के शरीर पर 18 चोट और रगड़ने के निशान
भावना मिश्रा का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा- उनके सिर की हड्‌डी टूटने से ब्रेन हैमरेज हो गया। उनकी छाती की पसलियां टूटकर फेफड़े में धंसी मिलीं। जांघ और घुटने की हड्‌डी टूट गई। इस तरह 6 जगह की हड्‌डी टूटने से मौत हुई है। वहीं, पूरी शरीर में करीब 18 जगह चोट और रगड़ के निशान मिले हैं। इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद हमने पुलिस से सवाल किया कि कार आखिर कंट्रोल क्यों नहीं हुई? कानपुर पुलिस ने कहा कि बयान में नाबालिग छात्र का कहना है कि उसने ब्रेक लगाया था। उसके बाद कार एक तरफ मुड़ गई। इसको तकनीकी भाषा में हॉरिजेंटल ट्रिप कहते हैं। गाड़ी से सामने से नहीं, साइड से स्कूटी में जोरदार टक्कर मारी है। इससे भावना की मौत हो गई। मेधावी के पैर का ऑपरेशन हो गया, जान को खतरा नहीं
13 साल की मेधावी मिश्रा 8वीं में पढ़ती है। वह गोविंदनगर के रिजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती है। शनिवार देर शाम उसके पैर का सफल ऑपरेशन हुआ। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। मेधावी के पिता बैंक मैनेजर अनूप मिश्रा ने बताया कि हादसे में बेटी के जांघ की हड्‌डी टूट गई है। सिर में चोट और दाहिने हाथ में फ्रैक्चर है। मेधावी बोली- मम्मी को बुलाओ…
ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकलते ही होश में आने पर मेधावी मां-मां करके रोने लगी। पत्नी का अंतिम संस्कार करके अस्पताल पहुंचे पिता ने मेधावी को इस बात की भनक भी नहीं लगने दी कि मां का निधन हो गया है। पिता ने बताया- मां के भी चोट लगी है। इसलिए वह अस्पताल नहीं आ सकती हैं। यह कहकर रोते हुए पिता बेटी से लिपट गए। हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ पिता और बेटी के इस भावुक पल को देखकर मायूसी से भर गया। बैराज जा रहे थे मस्ती करने, कार में मिली आपत्तिजनक वस्तुएं
किदवई नगर पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी छात्र काफी बिगड़ैल था। आए दिन दोस्तों के साथ हुक्का-बार जाना और लड़कियों के साथ पार्टी करना उसका शौक बन चुका था। हादसे के दिन भी वह स्कूल बंक करके अपने दोस्त के साथ अपनी और उसकी गर्लफ्रेंड को लेकर गंगा बैराज घूमने के लिए निकला था। लड़कियों ने अपनी स्कूल की ड्रेस बदलकर घरेलू कपड़े पहन लिए थे। कार में 2 जोड़ी लड़कियों के कपड़े मिले। लड़कियां तो मौके से भाग निकली थीं, लेकिन पब्लिक ने कार चला रहे छात्र और उसके साथी को पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था। कोर्ट नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह भेजने को नहीं था तैयार
किदवई नगर पुलिस ने हादसे के मुख्य आरोपी नाबालिग छात्र को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। पिता को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया। थाने से जमानत देने पर सवाल पूछने पर DCP साउथ रवींद्र कुमार ने बताया कि बेटे पर केस में मुख्य धारा BNS की 105 यानी गैर इरादतन हत्या की है। पिता पर BNS की धारा-106 के तहत यानी लापरवाही से किसी की मृत्यु होना लगी है। पिता को जिस धारा में आरोपी बनाया गया है, उसमें अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है। इसके चलते थाने से जमानत दी गई है। DCP ने बताया कि बेटे को भी जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजने के पक्ष में कोर्ट नहीं था। कोर्ट में कानपुर में अब तक हुए 4 बड़े हादसों में मौतों का जिक्र किया गया। नाबालिग की बेपरवाही समेत अन्य जानकारी दी गई, तब जाकर कोर्ट ने उसे इटावा की बाल संप्रेक्षण गृह भेजा है। अक्सर कार से स्कूल जाता था छात्र
पुलिस की जांच में सामने आया कि हादसा करने का मुख्य आरोपी सागरपुरी निवासी अशोक कुमार मौर्य पेट्रोल पंप की मशीन बनाने का काम करते हैं। मौजूदा समय में जिस कंपनी में काम करते हैं, उसकी ओर से कानपुर देहात में तैनाती है। पिता ने अपने इंटर में पढ़ने वाले 16 साल के बेटे को इतनी छूट दे रखी थी कि अक्सर वो कार से स्कूल जाता था। वह कोयलानगर के मदर टेरेसा हायर सेकेंड्री स्कूल का छात्र है। परिजनों के साथ स्कूल ने भी कभी कोई आपत्ति नहीं किया। इसी का नतीजा है कि इतना भयानक हादसा हुआ कि एक परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे के बाद 25 मिनट तक पुलिस नहीं पहुंची
हादसे में किदवईनगर पुलिस की लापरवाही सामने आई है। साकेतनगर टेलीफोन एक्सचेंज के पास जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां पर रहने वाले सुनील मिश्रा और राम सिंह ने बताया कि हादसे के दौरान तेज आवाज होने पर पूरे मोहल्ले के लोग घर के बाहर आ गए। उन्होंने कार सवार नाबालिग दोनों छात्रों को दबोच लिया और किदवईनगर थाने पर सूचना दी। उधर मोहल्ले के कुछ लोग दोनों को लेकर हॉस्पिटल की तरफ भागे। इधर आक्रोशित भीड़ ने छात्रों को पीटा और सूचना देने के 25 मिनट बाद भी पुलिस नहीं पहुंची तो ई-रिक्शा से दोनों को लेकर किदवईनगर थाने पहुंचे और पुलिस को सौंपा। यह खबर भी पढ़ें लखनऊ में युवती से बैड टच, दोस्त ने बताई आपबीती; बोला- हम जानवरों के बीच फंस गए थे मैं जंगली जानवरों के बीच फंस गया था। गिड़गिड़ाया। हाथ जोड़े, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। अगर मेरी दोस्त के साथ कुछ हो जाता तो मैं खुद को जिंदगी भर माफ नहीं कर पाता। ये शब्द उस युवती के दोस्त के हैं, जिसके साथ लखनऊ के गोमती नगर में बारिश के दौरान बदसलूकी हुई। दैनिक भास्कर सबसे पहले उस घटना के पीड़ित तक पहुंचा। नाम उजागर न करने की शर्त पर युवक ने भास्कर रिपोर्टर को पूरी आपबीती बताई। पूरी खबर पढ़ें   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर