कानून व्यवस्था नहीं सुधरी तो इंडस्ट्री को नहीं मिलेंगे मजदूर

कानून व्यवस्था नहीं सुधरी तो इंडस्ट्री को नहीं मिलेंगे मजदूर

भास्कर न्यूज| लुधियाना एपेक्स चैंबर के सदस्यों की बैठक बुधवार को की गई। इसमें उन्होंने कारोबार में आ रही दिक्कतों के बारे में विचार किया। चैम्बर के प्रधान रजनीश आहूजा ने बताया कि पंजाब में लगभग 90% उद्योग सूक्ष्म और लघु उद्योगों से संबंधित हैं, जो खराब बिजली और दिन में 10 बार ट्रिपिंग की समस्या से जूझ रहे हैं। बार-बार ट्रिपिंग से सीएनसी मशीनें खराब हो रहीं हैं। इससे उद्योगों को जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। डीजल की कीमतों में वृद्धि ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। जीएस काहलों ने बताया कि इस समय कानून व्यवस्था की समस्याओं के कारण प्रवासी श्रमिक पंजाब नहीं आ रहे हैं और कई वापस चले गए हैं। अगर ऐसा ही रहा तो पंजाब में मजदूरों की समस्या बढ़ जाएगी है और इंडस्ट्री को लेबर नहीं मिलेगी। इस वजह से प्रोडक्शन में भी बहुत कमी आ रही है। उद्योग विभाग के पास मुख्यमंत्री होने के बावजूद, सूक्ष्म और लघु इकाइयों की समस्याओं को नहीं सुना जा रहा है। रोबारी एलएस ढिल्लों ने कहा कि शहर की सभी सड़कें टूटी पड़ी है, जो दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। सरकार शहर में कोई विकास कार्य नहीं कर रही। कारोबारी दर्शन डावर ने कहा कि पंजाब सरकार इंडस्ट्री को एक रुपये भी सब्सिडी नहीं दे रही है। जबकि दूसरे राज्यों की सरकारें इंडस्ट्री की मदद कर रही है और उनको आगे बढ़ा रही है। इस बैठक में जोगिन्द्र जैन, वाईपी बजाज, अजीत लाकरा, केके गर्ग, जसविंदर सिंह विर्दी, एमसी कुमार भी शामिल थे। एपेक्स चैंबर की स्थापना 1993 में स्वर्गीय पीडी शर्मा ने की गई थी। यह चैंबर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और निर्यातकों के लिए मूल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भी अधिकृत है। 2022 में, रजनीश आहूजा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया और उनके नेतृत्व में चैंबर के सदस्यों की संख्या 428 से बढ़कर 570 हो गई, जिसमें 142 नए सदस्य शामिल हुए। एपेक्स चैंबर ने डिप्टी कमिश्नर, कमिश्नर पुलिस और कमिश्नर निगम के साथ कई बैठकें कीं। इन बैठकों में समस्याओं और समाधानों पर चर्चा की गई। उद्योग और निवासियों के कल्याण के लिए विधायकों और जिला प्रशासन के साथ संयुक्त बैठकें भी की गईं। भास्कर न्यूज| लुधियाना एपेक्स चैंबर के सदस्यों की बैठक बुधवार को की गई। इसमें उन्होंने कारोबार में आ रही दिक्कतों के बारे में विचार किया। चैम्बर के प्रधान रजनीश आहूजा ने बताया कि पंजाब में लगभग 90% उद्योग सूक्ष्म और लघु उद्योगों से संबंधित हैं, जो खराब बिजली और दिन में 10 बार ट्रिपिंग की समस्या से जूझ रहे हैं। बार-बार ट्रिपिंग से सीएनसी मशीनें खराब हो रहीं हैं। इससे उद्योगों को जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। डीजल की कीमतों में वृद्धि ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। जीएस काहलों ने बताया कि इस समय कानून व्यवस्था की समस्याओं के कारण प्रवासी श्रमिक पंजाब नहीं आ रहे हैं और कई वापस चले गए हैं। अगर ऐसा ही रहा तो पंजाब में मजदूरों की समस्या बढ़ जाएगी है और इंडस्ट्री को लेबर नहीं मिलेगी। इस वजह से प्रोडक्शन में भी बहुत कमी आ रही है। उद्योग विभाग के पास मुख्यमंत्री होने के बावजूद, सूक्ष्म और लघु इकाइयों की समस्याओं को नहीं सुना जा रहा है। रोबारी एलएस ढिल्लों ने कहा कि शहर की सभी सड़कें टूटी पड़ी है, जो दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। सरकार शहर में कोई विकास कार्य नहीं कर रही। कारोबारी दर्शन डावर ने कहा कि पंजाब सरकार इंडस्ट्री को एक रुपये भी सब्सिडी नहीं दे रही है। जबकि दूसरे राज्यों की सरकारें इंडस्ट्री की मदद कर रही है और उनको आगे बढ़ा रही है। इस बैठक में जोगिन्द्र जैन, वाईपी बजाज, अजीत लाकरा, केके गर्ग, जसविंदर सिंह विर्दी, एमसी कुमार भी शामिल थे। एपेक्स चैंबर की स्थापना 1993 में स्वर्गीय पीडी शर्मा ने की गई थी। यह चैंबर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और निर्यातकों के लिए मूल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भी अधिकृत है। 2022 में, रजनीश आहूजा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया और उनके नेतृत्व में चैंबर के सदस्यों की संख्या 428 से बढ़कर 570 हो गई, जिसमें 142 नए सदस्य शामिल हुए। एपेक्स चैंबर ने डिप्टी कमिश्नर, कमिश्नर पुलिस और कमिश्नर निगम के साथ कई बैठकें कीं। इन बैठकों में समस्याओं और समाधानों पर चर्चा की गई। उद्योग और निवासियों के कल्याण के लिए विधायकों और जिला प्रशासन के साथ संयुक्त बैठकें भी की गईं।   पंजाब | दैनिक भास्कर