मेरे परिवार के बड़े लोगों ने मेरे पिता को एक ही बात समझाई, ‘बालकिशन’, लड़की वालों से कुछ भी मत मांगियो। जैसी दूल्हे का रंग-रूप है, उसमें तो कुछ देकर ही ब्याह हो सकता है! मेरे दादाजी तीन भाई थे। उन तीनों के परिवारों में मैं सबसे बड़ा पोता हूं। इसलिए मेरे बाकी दो दादाओं ने पिता को आदेश दिया, ‘बालकिशन, ये देख ले कि ये पहला पोता है। अगर इसका ब्याह ढंग के परिवार में नहीं हुआ ना, तो हमारे बाकी के बच्चों के भी रिश्ते अच्छे घरों में नहीं हो पाएंगे। इसलिए अपने छोरे को समझा दियो कि जैसे-तैसे रिश्ता पक्का हुआ है। भूल के भी कोई चिट्ठी-पत्री उस छोरी को नहीं भेजेगा।’ उन्हें डर था कि मैं चिट्ठी लिखूंगा तो रिश्ता टूट सकता है। मेरी काबिलियत पर उन्हें इतना भरोसा था, इसीलिए रिश्ता इतनी दूर बलरामपुर से किया था। क्योंकि आसपास का रिश्ता होता तो मेरे कारनामे उन तक पहुंच सकते थे। एक दादाजी ने परंपरा समझाते हुए कहा, ‘बड़े घरों में होने वाले पति-पत्नी को एक-दूसरे की शक्ल ब्याह में तो क्या, शादी के बाद भी सबसे आखिर में ही दिखाई देती है और बालकिशन, यदि पहले शक्ल दिखा दी जाती, तो हमारे बाकी के छोरे कंवारे ही रह जाते।’ वैसे मेरे पिता की शादी दिल्ली के एक सम्पन्न घराने में हुई थी। मेरी ननिहाल की संपन्नता का पता इसी बात से चलता है कि उस जमाने में उनके घर में एक मर्सिडीज थी और एक रोल्स-रॉयस भी। मैं आज तक ये समझ नहीं पाता कि उन्हें उस नांगल चौधरी गांव में ऐसा क्या दिखाई दिया, जहां पहुंचने के लिए रेलगाड़ी से उतरकर भी बैलगाड़ी या घोड़ा गाड़ी से पहुंचने में भी चार घंटे लग जाते थे। शायद उन्हें समझ आ गया होगा कि इस घर में मेरे जैसे दिव्य पुरुष का अवतार होने वाला है। बहरहाल, मेरा विवाह तय हो चुका था और मेरे ससुराल से मेरा टीका भेजा गया। मेरे टीके के समारोह में उस समय के महान कवि श्री गोपाल प्रसाद व्यास भी पधारे थे। यूं तो उस समय दहेज मांगने की प्रथा थी, लेकिन मेरे परिवार के बड़े लोगों ने मेरे पिता को एक ही बात समझाई, ‘बालकिशन, कुछ भी मत मांगियो। जैसी लड़के की रूपरेखा है, उसमें तो कुछ देकर ही ब्याह हो सकता है। इसलिए जितना वो दे दें, सिर-माथे रख लियो। समझ लियो कि हमारे खानदान के बच्चों के ब्याह की बोहनी शुरू हो गई।’ हमारे जैसे बड़े खानदान के छोरे का 25 साल की उम्र में ब्याह हो रहा था। गांव वाले एक ही बात कहते कि इस उम्र में खानदान के नाम पर ब्याह हो गया, वरना छोरा तो इस लायक नहीं था कि उसका ब्याह होता। खारी बावली की जिस चिमनलाल धर्मशाला में मेरा बापू 50 रुपए महीने की नौकरी करता था, उसी धर्मशाला में टीका आया। मेरे ससुराल वाले और भी ऊंची चीज थे। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि हम दहेज का दिखावा नहीं करना चाहते। इसलिए, एक-एक रुपए की इक्यावन गड्डियां थाली में सजाकर, उसके ऊपर मखमल का कपड़ा ढंककर दिया गया। कपड़े से ढके थाल में इतनी सारी गड्डियां देखकर मैं मन ही मन सोच रहा था कि उस दिन नई सड़क पर जिन तीन लड़कियों को देखा था, उनमें से चाहे जिसके साथ ब्याह हो। अब वो तीनों ही लड़कियां इतनी सारी गड्डियों के साथ मुझे सुंदर लगने लगी थीं। तब से अब तक स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं आया है। आज भी कोई लड़की अपने मायके से संस्कार लाए या न लाए, लेकिन वह कार कैसी ला रही है, इस बात पर उसकी सुंदरता निर्भर करती है। ————————————- यह कॉलम भी पढ़िए… राजनीति हो या नरक, एक जैसी है मार्केटिंग रणनीति:कांग्रेस की आपदा में भाजपा ने तलाश लिया अवसर, आधे दाम पर खरीदे लड्डू मेरे परिवार के बड़े लोगों ने मेरे पिता को एक ही बात समझाई, ‘बालकिशन’, लड़की वालों से कुछ भी मत मांगियो। जैसी दूल्हे का रंग-रूप है, उसमें तो कुछ देकर ही ब्याह हो सकता है! मेरे दादाजी तीन भाई थे। उन तीनों के परिवारों में मैं सबसे बड़ा पोता हूं। इसलिए मेरे बाकी दो दादाओं ने पिता को आदेश दिया, ‘बालकिशन, ये देख ले कि ये पहला पोता है। अगर इसका ब्याह ढंग के परिवार में नहीं हुआ ना, तो हमारे बाकी के बच्चों के भी रिश्ते अच्छे घरों में नहीं हो पाएंगे। इसलिए अपने छोरे को समझा दियो कि जैसे-तैसे रिश्ता पक्का हुआ है। भूल के भी कोई चिट्ठी-पत्री उस छोरी को नहीं भेजेगा।’ उन्हें डर था कि मैं चिट्ठी लिखूंगा तो रिश्ता टूट सकता है। मेरी काबिलियत पर उन्हें इतना भरोसा था, इसीलिए रिश्ता इतनी दूर बलरामपुर से किया था। क्योंकि आसपास का रिश्ता होता तो मेरे कारनामे उन तक पहुंच सकते थे। एक दादाजी ने परंपरा समझाते हुए कहा, ‘बड़े घरों में होने वाले पति-पत्नी को एक-दूसरे की शक्ल ब्याह में तो क्या, शादी के बाद भी सबसे आखिर में ही दिखाई देती है और बालकिशन, यदि पहले शक्ल दिखा दी जाती, तो हमारे बाकी के छोरे कंवारे ही रह जाते।’ वैसे मेरे पिता की शादी दिल्ली के एक सम्पन्न घराने में हुई थी। मेरी ननिहाल की संपन्नता का पता इसी बात से चलता है कि उस जमाने में उनके घर में एक मर्सिडीज थी और एक रोल्स-रॉयस भी। मैं आज तक ये समझ नहीं पाता कि उन्हें उस नांगल चौधरी गांव में ऐसा क्या दिखाई दिया, जहां पहुंचने के लिए रेलगाड़ी से उतरकर भी बैलगाड़ी या घोड़ा गाड़ी से पहुंचने में भी चार घंटे लग जाते थे। शायद उन्हें समझ आ गया होगा कि इस घर में मेरे जैसे दिव्य पुरुष का अवतार होने वाला है। बहरहाल, मेरा विवाह तय हो चुका था और मेरे ससुराल से मेरा टीका भेजा गया। मेरे टीके के समारोह में उस समय के महान कवि श्री गोपाल प्रसाद व्यास भी पधारे थे। यूं तो उस समय दहेज मांगने की प्रथा थी, लेकिन मेरे परिवार के बड़े लोगों ने मेरे पिता को एक ही बात समझाई, ‘बालकिशन, कुछ भी मत मांगियो। जैसी लड़के की रूपरेखा है, उसमें तो कुछ देकर ही ब्याह हो सकता है। इसलिए जितना वो दे दें, सिर-माथे रख लियो। समझ लियो कि हमारे खानदान के बच्चों के ब्याह की बोहनी शुरू हो गई।’ हमारे जैसे बड़े खानदान के छोरे का 25 साल की उम्र में ब्याह हो रहा था। गांव वाले एक ही बात कहते कि इस उम्र में खानदान के नाम पर ब्याह हो गया, वरना छोरा तो इस लायक नहीं था कि उसका ब्याह होता। खारी बावली की जिस चिमनलाल धर्मशाला में मेरा बापू 50 रुपए महीने की नौकरी करता था, उसी धर्मशाला में टीका आया। मेरे ससुराल वाले और भी ऊंची चीज थे। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि हम दहेज का दिखावा नहीं करना चाहते। इसलिए, एक-एक रुपए की इक्यावन गड्डियां थाली में सजाकर, उसके ऊपर मखमल का कपड़ा ढंककर दिया गया। कपड़े से ढके थाल में इतनी सारी गड्डियां देखकर मैं मन ही मन सोच रहा था कि उस दिन नई सड़क पर जिन तीन लड़कियों को देखा था, उनमें से चाहे जिसके साथ ब्याह हो। अब वो तीनों ही लड़कियां इतनी सारी गड्डियों के साथ मुझे सुंदर लगने लगी थीं। तब से अब तक स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं आया है। आज भी कोई लड़की अपने मायके से संस्कार लाए या न लाए, लेकिन वह कार कैसी ला रही है, इस बात पर उसकी सुंदरता निर्भर करती है। ————————————- यह कॉलम भी पढ़िए… राजनीति हो या नरक, एक जैसी है मार्केटिंग रणनीति:कांग्रेस की आपदा में भाजपा ने तलाश लिया अवसर, आधे दाम पर खरीदे लड्डू उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मोहाली पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़:हाईवे लुटेरों का सरगना सतप्रीत सत्ती गिरफ्तार; पंजाब और हरियाणा में की कई वारदात
मोहाली पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़:हाईवे लुटेरों का सरगना सतप्रीत सत्ती गिरफ्तार; पंजाब और हरियाणा में की कई वारदात पंजाब की मोहाली पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ हुई है। जिसमें गोली लगने से घायल हुए एक बदमाश को पुलिस ने पकड़ने में सफलता हासिल की है। बदमाश से हथियार बरामद किए गए हैं। ये बड़ी कार्रवाई गांव लेहली के पास हुई। पकड़े गए बदमाश की पहचान हाईवे लुटेरों के गिरोह के सरगना सतप्रीत सिंह उर्फ सत्ती के तौर पर हुई है। डीजीपी पंजाब ने जानकारी दी कि गांव लेहली के पास पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ हुई। जिसमें सतप्रीत सिंह ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक गोली सतप्रीत सिंह के लगी और उसे पुलिस उसे गिरफ्तार करने में सफल रही। ये गिरोह खासतौर पर अंबाला-डेराबस्सी हाईवे पर सक्रिय था और पंजाब एवं हरियाणा में कई डकैती की वारदातों को अंजाम दे चुका था। एक सप्ताह में दो वारदातों को दिया अंजाम गिरोह ने 3 और 10 नवंबर की रात को हाईवे पर दो बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था। इन वारदातों में बंदूक की नोक पर नकदी, मोबाइल फोन और सोने के गहने लूट लिए गए थे। इस गिरोह की गतिविधियां लंबे समय से पुलिस के रडार पर थी। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने सतप्रीत सिंह से एक .32 कैलिबर की पिस्तौल और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। यह हथियार सतप्रीत सिंह लूट की वारदातों को अंजाम देने के लिए करता था। पुलिस ने कार्रवाई की शुरू पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं और गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के पकड़े जाने से पंजाब और हरियाणा के हाईवे पर यात्रियों में सुरक्षा का माहौल बनेगा। मोहाली पुलिस के अनुसार- यह गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है और जनता को हाईवे पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम है।
इंदौर: होटल में प्रेमी जोड़े को निशाना बनाते थे पुलिसकर्मी, ब्लैकमेल कर करते थे वसूली, CCTV से खुलासा
इंदौर: होटल में प्रेमी जोड़े को निशाना बनाते थे पुलिसकर्मी, ब्लैकमेल कर करते थे वसूली, CCTV से खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>SAF Jawans Arrested:</strong> इंदौर के होटल में युवक ज्योति को ब्लैकमेल करने के साथ-साथ अवैध वसूली करने वाले दो जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. दोनों ही जवान खाकी वर्दी पहनकर होटल में वसूली करते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खजराना थाना प्रभारी मनोज कुमार सेंधव ने बताया कि होटल में युवक और युवती से वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थी. यह बताया जा रहा था कि खाकी वर्दी में जवान होटल पहुंचकर रजिस्टर चेक करते हैं. इसके बाद युवक और युवती होटल में पाए जाने पर उनसे वसूली भी करते हैं.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>इंदौर की होटल में आने वाले युवक युवतियों को ब्लैकमेल करने वाले दो जवान गिरफ्तार, दोनों को जेल भेजा <a href=”https://twitter.com/abplive?ref_src=twsrc%5Etfw”>@abplive</a> <a href=”https://twitter.com/ABPNews?ref_src=twsrc%5Etfw”>@ABPNews</a> <a href=”https://t.co/qoFe7xYNhO”>pic.twitter.com/qoFe7xYNhO</a></p>
— vikram Singh jat (@vikramsinghjat7) <a href=”https://twitter.com/vikramsinghjat7/status/1831719635630059750?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 5, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने लगातार निगाह रखी. इसके बाद थाना क्षेत्र की एक होटल से पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी मिला, जिसके आधार पर पुलिस ने एसएएफ बटालियन में पदस्थ अभय मनोरी और जितेंद्र सिंह कुशवाहा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोबाइल और पैसे छीने</strong><br />दोनों ने बताया कि 2 और 3 सितंबर की रात दोनों बाइक पर सवार होकर स्कीम 94 स्थित होटल आरव के पास नाश्ता करने पहुंचे थे. इस दौरान दोनों ने होटल में युवक और युवती को जाते हुए देख लिया. इसके बाद में पीछे-पीछे होटल पहुंच गए. दोनों ने युवक से मोबाइल फोन और 2000 रुपये की नगदी छीन ली. इस मामले की शिकायत मिलने पर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीड़ित युवक ने पुलिस थाने में की शिनाख्त </strong><br />पुलिस ने बताया कि इस मामले में जब थाने पर शिकायत पहुंची तो पीड़ित युवक को बुलाकर पुलिस थाने के जवानों और अधिकारियों के फोटो दिखाए गए. पीड़ित युवक ने थाने के फोर्स को लेकर इनकार किया. इसके बाद पुलिस की परेशानी और बढ़ गई. पुलिस ने होटल से सीसीटीवी फुटेज निकले इसके बाद जवानों की पहचान हो पाई<strong>.</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><a title=”सीहोर के कपिल परमार ने पैरालम्पिक में जीता कांस्य, जानें उनके संघर्ष की कहानी” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/kapil-parmar-wins-bronze-at-paris-paralympics-2024-pm-modi-and-cm-yogi-congratulated-ann-2777368″ target=”_self”><strong>सीहोर के कपिल परमार ने पैरालम्पिक में जीता कांस्य, जानें उनके संघर्ष की कहानी</strong></a></p>
जापान की तर्ज पर कैप्सूल में सो सकेंगे लोग:कानपुर सेंट्रल पर सुविधा; 38 एसी स्पीलिंग पॉड लगे, 1 घंटा आराम करने के लगेंगे 150 रुपए
जापान की तर्ज पर कैप्सूल में सो सकेंगे लोग:कानपुर सेंट्रल पर सुविधा; 38 एसी स्पीलिंग पॉड लगे, 1 घंटा आराम करने के लगेंगे 150 रुपए कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर अब यात्रियों के लिए जापान की तर्ज पर कैप्सूल स्लीपिंग पॉड बनाए जा रहे हैं। यहां लोग इनको किराये पर लेकर आराम कर सकेंगे। पूरी तरह एयर कंडीशंड पॉड में लोग आराम कर अपने आगे की यात्रा को कंटीन्यू कर सकेंगे। 38 स्लीपिंग पॉड बनाए गए
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 38 कैप्सूल स्लीपिंग पॉड को लगाया जा रहा है। इस पॉड में उन यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी। जिनकी ट्रेन लेट हैं, वह इस कैप्सूल स्लीपिंग पॉड का शुल्क देकर इस पर आराम फरमा सकेंगे। प्राइवेसी का रखा गया पूरा ध्यान
इसको तैयार कर रहे इंजीनियर कीर्ति उपाध्याय ने बताया कि इस कैप्सूल स्लीपिंग पॉड में सुविधाओं की बात करें तो इसमें प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा गया है। स्लीपिंग पॉड 6 फुट का है और इसमें एक व्यक्ति आराम से लेट सकता है। पॉड के अंदर डिजिटल लाइट मिरर, चार्जिंग पॉइंट, एसी की की सुविधा भी उपलब्ध है। सुरक्षा का रखा गया है पूरा ख्याल
सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें आग से बचने वाले मैटेरियल से बनाया गया है। उत्तर प्रदेश मे कानपुर दूसरा स्टेशन होगा, जहां यह कैप्सूल स्लीपिंग पॉड बनाया जा रहा है। इससे पहले प्रयागराज में ये स्लीपिंग पॉड की सुविधा यात्रियों को मिलने लगी है। घंटे के हिसाब से तय किया गया है शुल्क
इसका शुल्क घंटे के हिसाब से रखा गया है। एक घंटे के लिए 150 रुपए और 3 घंटे के लिए 350 और 24 घंटे के लिए 1400 रुपए देने होंगे। इसमें वहीं लोग रुक सकते हैं, जो लोग ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। ये जरूरी नहीं है कि वह यात्री रिजर्वेशन से ही यात्रा कर रहे हो। जनरल टिकट से यात्रा करने वाले भी इसका लाभ उठा सकते हैं। देश में ही इन पॉड को तैयार किया गया है।