काला रिबन बांधकर MBBS स्टूडेंट्स ने ली डिग्री:डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के बीच राज्यपाल बोलीं- धैर्य रखें; KGMU के दीक्षांत समारोह में 1152 को मिली उपाधि

काला रिबन बांधकर MBBS स्टूडेंट्स ने ली डिग्री:डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के बीच राज्यपाल बोलीं- धैर्य रखें; KGMU के दीक्षांत समारोह में 1152 को मिली उपाधि

यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का 20वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित किया गया। कन्वोकेशन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 15 मेधावियों को 51 मेडल और बुक अवॉर्ड से नवाजा। मुख्य अतिथि ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और डॉ. आशुतोष तिवारी को मानद उपाधि दी गई। कार्यक्रम में MBBS स्टूडेंट्स ने ब्लैक रिबन बांधकर डिग्री ली। उन्होंने कोलकाता में डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की घटना का विरोध जताया। राज्यपाल बोलीं- धैर्य रख कर करें इलाज राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा- कभी-कभी कुछ घटनाएं, डॉक्टर और मरीज- तीमारदारों के बीच असामान्य घटनाएं हो जाती हैं। पर उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए। डॉक्टर के प्रोटेस्ट पर कहा कि ऐसे समय में धैर्य बनाए रखने की जरूरत है, धैर्य का गुण सामान्य से विशिष्ट बनाता है। 2 बेटियों ने पूरा मेडल ले लिया। आपके हिस्से में एक-एक मेडल आए। ये नारी शक्ति का बेहतरीन उदाहरण है। महात्मा गांधी कहते थे कि सोना चांदी नहीं बल्कि स्वास्थ्य ही वास्तविक संपत्ति है। KGMU प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में खास पहचान रखता हैं। यहां के कई डॉक्टर देश दुनिया के बड़े पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। हर साल लाखों की संख्या में मरीज यहां से इलाज कराकर सुखमय और स्वास्थ्य जीवन व्यतीत करते हैं। डॉक्टर के रूप में आप प्राण रक्षक की भूमिका निभाते हैं। याद रहे… आपके पास जो मरीज आएंगे, आप उनका सहारा हैं। आप सभी पूरी संवेदना से उनका इलाज करेंगे। वैद्य नारायण हरि कहते थे- चिकित्सक ऐसा पेशा हैं जहां डॉक्टर उनका मददगार ही नहीं मित्र भी होता है। राज्यपाल ने कहा- आपने 15 अगस्त पर पीएम का उद्बोधन सुना होगा। अगले 5 वर्षों में मेडिकल में 75 सीट बढ़ाई जाएगी। 1 डॉक्टर पर 837 व्यक्ति हैं, जबकि दुनिया में ये 1 डॉक्टर पर 1 हजार है। डॉ. राजीव बहल बोले- अपने पैशन को फॉलो करें ICMR के डीजी डॉ. राजीव बहल ने कहा- आप ग्लोबल लीडर की तरह सोचे, न की सिर्फ मेडिकल करियर प्रोफेशनल की तरह। आप अपने पैशन को फॉलो करें। अपने लिए एक रास्ता बनाएं। डॉ. राजीव बहल ने कहा- मेडिसिन को करियर लिविंग नहीं जीने का एक तरीका बनाना चाहिए। AI की बदौलत आज टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव आया है। साल 2047 में जब भारत विकसित भारत बन जाएगा, तब आप अपने करियर के पीक पर होंगे। जैसे हमने खुद अपनी वैक्सीन बनाई, उससे बिलियन देशवासियों को वैक्सीन की डोज लगाई। डॉ. राजीव बहल ने कहा- आज से 35 साल पहले मैं भी आपकी ही तरह था। पर तब से आज तक मैंने 3 परमानेंट मेडिकल जॉब रिजाइन कर चुका हूं। पहली जॉब एम्स दिल्ली में रिसर्च ऑफिसर की छोड़ी। इसके बाद WHO में भी एक जॉब को रिजाइन किया। डॉ.आशुतोष बोले- संतुष्ट मत होइए, सीमित मत रहो डॉ.आशुतोष तिवारी ने कहा- 100 साल से ज्यादा पुराने संस्थान, KGMU में जो पिछले एक साल में हुआ हैं, ये बड़ी उपलब्धि है। नर्व और प्रोस्टेट रिलेटेड कैंसर के क्षेत्र में AI से साल 2000 से काम कर रहा हूं। आप सबसे यही कहना है- संतुष्ट मत होइए, सीमित मत रहो। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- मरीजों की सेवा भगवान मानकर करें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- KGMU की OPD में 9 हजार तक मरीज रोजाना आते हैं। ट्रॉमा में शाम को 4 से 6 बजे के बीच आते हैं तो लगता हैं कोई गंगा मेला या जुलूस हैं। मरीज को भगवान मानकर सेवा करें। ऐसे उनका इलाज करें जैसे वो आपके माता-पिता, बहन और परिवार के सदस्य हैं। जिससे वो आपको भगवान की तरह माने। वो आप लोगों को भगवान मानकर ही यहां इलाज कराने आते हैं। देवांशी को मिली सबसे ज्यादा मेडल MBBS छात्रा देवांशी कटियार को इस कन्वोकेशन में 15 मेडल से नवाजा गया। KGMU का सबसे प्रतिष्ठित हीवेट गोल्ड मेडल देवांशी को मिला। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑनर्स और चांसलर गोल्ड मेडल पर भी देवांशी ने कब्जा जमाया है। अकांक्षा को 6 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल मिला। वहीं, BDS स्टूडेंट मोनिका चौधरी को 3 गोल्ड, एक कैश प्राइज, दो सिलवर, एक ब्रॉन्ज मेडल मिला। 2 डॉक्टरों को मिली मानद उपाधि KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि देश के 2 प्रमुख डॉक्टरों को DHC यानी मानद उपाधि से नवाजा गया। जिसमें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और SGPGI से एमसीएच की डिग्री लेने वाले प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष तिवारी शामिल हैं। डॉ. राजीव बहल ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। देवांशी बनना चाहती हैं IAS डॉ.दिव्यांशी कटियार का जन्म कानपुर में हुआ। देहरादून से बारहवीं तक पढ़ाई लिखाई हुई। उनके पिता शिवशंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटिहार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। वहीं भाई शांतनु कटियार अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनना था। मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल 9 डॉक्टर हैं। उन्हें देखकर मेरा मन करता था कि मैं डॉक्टर बनूं। उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा से दूसरों की मदद करना काफी पसंद था और मेरे पूरे परिवार में ऐसा माहौल रहा है। मेरे ताऊ भी डॉक्टर है और परिवार में अन्य सदस्य भी डॉक्टर है तो उन्हें देखकर हमेशा मोटिवेट होती थी और बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे मरीजों की सेवा करना है और मुझे डॉक्टरी लाइन में ही आगे बढ़ाना है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी मेहनत का फल मुझे मिल रहा हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के बीच दीक्षांत समारोह KGMU में बीते सोमवार से रेजिडेंट डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। कोलकाता में हुई घटना के विरोध में उनका प्रदर्शन लगातार 5 दिनों से जारी है। इस बीच शनिवार सुबह से IMA के आह्वान पर तमाम सारे डॉक्टरों के संगठन और सीनियर डॉक्टरों ने आज इलाज से दूरी बना ली है। आज के दीक्षांत समारोह में भी विरोध देखने को मिला। यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का 20वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित किया गया। कन्वोकेशन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 15 मेधावियों को 51 मेडल और बुक अवॉर्ड से नवाजा। मुख्य अतिथि ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और डॉ. आशुतोष तिवारी को मानद उपाधि दी गई। कार्यक्रम में MBBS स्टूडेंट्स ने ब्लैक रिबन बांधकर डिग्री ली। उन्होंने कोलकाता में डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की घटना का विरोध जताया। राज्यपाल बोलीं- धैर्य रख कर करें इलाज राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा- कभी-कभी कुछ घटनाएं, डॉक्टर और मरीज- तीमारदारों के बीच असामान्य घटनाएं हो जाती हैं। पर उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए। डॉक्टर के प्रोटेस्ट पर कहा कि ऐसे समय में धैर्य बनाए रखने की जरूरत है, धैर्य का गुण सामान्य से विशिष्ट बनाता है। 2 बेटियों ने पूरा मेडल ले लिया। आपके हिस्से में एक-एक मेडल आए। ये नारी शक्ति का बेहतरीन उदाहरण है। महात्मा गांधी कहते थे कि सोना चांदी नहीं बल्कि स्वास्थ्य ही वास्तविक संपत्ति है। KGMU प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में खास पहचान रखता हैं। यहां के कई डॉक्टर देश दुनिया के बड़े पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। हर साल लाखों की संख्या में मरीज यहां से इलाज कराकर सुखमय और स्वास्थ्य जीवन व्यतीत करते हैं। डॉक्टर के रूप में आप प्राण रक्षक की भूमिका निभाते हैं। याद रहे… आपके पास जो मरीज आएंगे, आप उनका सहारा हैं। आप सभी पूरी संवेदना से उनका इलाज करेंगे। वैद्य नारायण हरि कहते थे- चिकित्सक ऐसा पेशा हैं जहां डॉक्टर उनका मददगार ही नहीं मित्र भी होता है। राज्यपाल ने कहा- आपने 15 अगस्त पर पीएम का उद्बोधन सुना होगा। अगले 5 वर्षों में मेडिकल में 75 सीट बढ़ाई जाएगी। 1 डॉक्टर पर 837 व्यक्ति हैं, जबकि दुनिया में ये 1 डॉक्टर पर 1 हजार है। डॉ. राजीव बहल बोले- अपने पैशन को फॉलो करें ICMR के डीजी डॉ. राजीव बहल ने कहा- आप ग्लोबल लीडर की तरह सोचे, न की सिर्फ मेडिकल करियर प्रोफेशनल की तरह। आप अपने पैशन को फॉलो करें। अपने लिए एक रास्ता बनाएं। डॉ. राजीव बहल ने कहा- मेडिसिन को करियर लिविंग नहीं जीने का एक तरीका बनाना चाहिए। AI की बदौलत आज टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव आया है। साल 2047 में जब भारत विकसित भारत बन जाएगा, तब आप अपने करियर के पीक पर होंगे। जैसे हमने खुद अपनी वैक्सीन बनाई, उससे बिलियन देशवासियों को वैक्सीन की डोज लगाई। डॉ. राजीव बहल ने कहा- आज से 35 साल पहले मैं भी आपकी ही तरह था। पर तब से आज तक मैंने 3 परमानेंट मेडिकल जॉब रिजाइन कर चुका हूं। पहली जॉब एम्स दिल्ली में रिसर्च ऑफिसर की छोड़ी। इसके बाद WHO में भी एक जॉब को रिजाइन किया। डॉ.आशुतोष बोले- संतुष्ट मत होइए, सीमित मत रहो डॉ.आशुतोष तिवारी ने कहा- 100 साल से ज्यादा पुराने संस्थान, KGMU में जो पिछले एक साल में हुआ हैं, ये बड़ी उपलब्धि है। नर्व और प्रोस्टेट रिलेटेड कैंसर के क्षेत्र में AI से साल 2000 से काम कर रहा हूं। आप सबसे यही कहना है- संतुष्ट मत होइए, सीमित मत रहो। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- मरीजों की सेवा भगवान मानकर करें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- KGMU की OPD में 9 हजार तक मरीज रोजाना आते हैं। ट्रॉमा में शाम को 4 से 6 बजे के बीच आते हैं तो लगता हैं कोई गंगा मेला या जुलूस हैं। मरीज को भगवान मानकर सेवा करें। ऐसे उनका इलाज करें जैसे वो आपके माता-पिता, बहन और परिवार के सदस्य हैं। जिससे वो आपको भगवान की तरह माने। वो आप लोगों को भगवान मानकर ही यहां इलाज कराने आते हैं। देवांशी को मिली सबसे ज्यादा मेडल MBBS छात्रा देवांशी कटियार को इस कन्वोकेशन में 15 मेडल से नवाजा गया। KGMU का सबसे प्रतिष्ठित हीवेट गोल्ड मेडल देवांशी को मिला। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑनर्स और चांसलर गोल्ड मेडल पर भी देवांशी ने कब्जा जमाया है। अकांक्षा को 6 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल मिला। वहीं, BDS स्टूडेंट मोनिका चौधरी को 3 गोल्ड, एक कैश प्राइज, दो सिलवर, एक ब्रॉन्ज मेडल मिला। 2 डॉक्टरों को मिली मानद उपाधि KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि देश के 2 प्रमुख डॉक्टरों को DHC यानी मानद उपाधि से नवाजा गया। जिसमें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और SGPGI से एमसीएच की डिग्री लेने वाले प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष तिवारी शामिल हैं। डॉ. राजीव बहल ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। देवांशी बनना चाहती हैं IAS डॉ.दिव्यांशी कटियार का जन्म कानपुर में हुआ। देहरादून से बारहवीं तक पढ़ाई लिखाई हुई। उनके पिता शिवशंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटिहार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। वहीं भाई शांतनु कटियार अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनना था। मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल 9 डॉक्टर हैं। उन्हें देखकर मेरा मन करता था कि मैं डॉक्टर बनूं। उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा से दूसरों की मदद करना काफी पसंद था और मेरे पूरे परिवार में ऐसा माहौल रहा है। मेरे ताऊ भी डॉक्टर है और परिवार में अन्य सदस्य भी डॉक्टर है तो उन्हें देखकर हमेशा मोटिवेट होती थी और बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे मरीजों की सेवा करना है और मुझे डॉक्टरी लाइन में ही आगे बढ़ाना है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी मेहनत का फल मुझे मिल रहा हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के बीच दीक्षांत समारोह KGMU में बीते सोमवार से रेजिडेंट डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। कोलकाता में हुई घटना के विरोध में उनका प्रदर्शन लगातार 5 दिनों से जारी है। इस बीच शनिवार सुबह से IMA के आह्वान पर तमाम सारे डॉक्टरों के संगठन और सीनियर डॉक्टरों ने आज इलाज से दूरी बना ली है। आज के दीक्षांत समारोह में भी विरोध देखने को मिला।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर