काशी नरेश यानि राजा विभूति नारायण के बेटे और बेटियों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महल के अलग-अलग हिस्सों में कब्जेदारी जमाए राजकुमारियों ने अधिकार के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो किले में हर दिन अनबन है। शनिवार रात काशीराज परिवार में बिजली को लेकर रार हो गया। राजकुमारी विष्णुप्रिया और कृष्णप्रिया के आवासीय हिस्से की बिजली फाल्ट के कारण चली गई। उसे ठीक करने के लिए बहनों ने लाइनमैन भेजा। आरोप है कि कुंवर अनंत नारायण सिंह के कर्मचारियों ने काम से रोक दिया, सूचना पर रात में ही पुलिस पहुंची और मामला शांत कराया। शनिवार को दोनों बहनों ने रामनगर थाने में अलग-अलग तहरीर दी। किले के जिस हिस्से में विष्णुप्रिया और कृष्णप्रिया रहती हैं, उस हिस्से में शुक्रवार रात 11 बजे बिजली चली गई। दोनों बहनों ने बताया कि काफी देर बाद बिजली नहीं आई तो लाइन मैन को बुलवाया। जब लाइनमैन किला गेट के पास आया तो उसे अनंत नारायण सिंह के कर्मचारियों ने उसे अकुशल बताते हुए काम से रोक दिया। इसके बाद बहनों ने डायल 112 पर शिकायत की। सूचना पर रामनगर पुलिस पहुंची। हस्तक्षेप कर फाल्ट दूर कराया और भोर में तीन बजे आपूर्ति चालू हुई। इसके बाद राजकुमारी विष्णुप्रिया और कृष्णप्रिया ने रामनगर थाने में अलग-अलग तहरीर दी। आरोप लगाया कि कुंवर अनंत नारायण सिंह के कहने पर साजिशन उनके आवास की बिजली कटवा दी जाती है ताकि उनके जीवन पर संकट पैदा करने का अवसर मिल सके। स्वास्थ्य खराब करने की परिस्थितियां पैदा की जा सकें। उधर किले के सुरक्षा अधिकारी राजेश शर्मा ने आरोपों को निराधार बताया। बहनों और कुंवर में चल रही मुकदमेबाजी कुंवर अनंत नारायण सिंह ने बताया कि बहनें रामनगर किले में ही रह रही हैं। पिता डॉ. विभूति नारायण सिंह ने तीनों बहनों की शादी के साथ ही उन्हें अचल संपत्तियां दी थीं। काशी नरेश की मृत्यु के बाद बहनों ने 2005 से संपत्ति विवाद को लेकर मुकदमेबाजी शुरू की। पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के तीन बेटियां विष्णु प्रिया, हरि प्रिया, कृष्ण प्रिया और एक बेटे अनंत के बीच पिछले कई सालों से किले के अंदर और बाहर की संपत्ति को लेकर विवाद है। यह सभी अभी किला परिसर में ही रहते हैं। बहनें अपने भाई और उनके कर्मचारियों पर तानाशाही का आरोप लगाती रही हैं। पिछले वर्ष बहनों पर कुंवर अनंत नारायण ने दर्ज कराया था केस 25 जून 2023 में कुंवर अनंत नारायण सिंह ने अपनी बहनों पर ताला तोड़कर चोरी करने का आरोप लगाया था। इसमें राजकुमारी विष्णु प्रिया, कृष्ण प्रिया और उनके दोनों बेटे वरद नारायण सिंह, वल्लभ नारायण सिंह को नामजद किया गया था। पूरे मामले में कृष्ण प्रिया ने पुलिस से कहा कि किले के कुछ कर्मचारी हम भाई-बहनों में झगड़ा कराने की साजिश का आरोप लगाया था। रामनगर किले के सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने शिकायत में लिखा था- 25 जून को सुबह 9 से 10 बजे के बीच किले की सुरक्षा व्यवस्था देख रहा था। तभी कर्मचारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि ड्योढ़ी कोट की तरफ कुंवर अनंत नारायण सिंह के एक कमरे का ताला तोड़कर जरूरी सामान चोरी कर लिया गया था। कमरे से महत्वपूर्ण कागजात, फर्नीचर व बेड समेत कीमती सामान चोरी हो गया है। मैं मौके पर पहुंचा, तो वहां ताला टूटा था। विष्णु प्रिया और कृष्ण प्रिया के निर्देश पर वरद नारायण सिंह, वल्लभ नारायण सिंह और उनके एक कर्मचारी ने ये सामान चोरी किया है। थाने में चोरी, तोड़फोड़ करने और साजिश रचने में धारा 380, 454 व 120बी के तहत केस दर्ज किया गया था। कार्ड में राजकीय चिह्न छपवाने पर गहराया विवाद 2018 में कुंवर अनंत नारायण सिंह की ओर से काशी स्टेट के राजकीय चिह्न (मुहर) के दुरुपयोग को लेकर बहन हरि प्रिया के खिलाफ रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। हरि प्रिया ने अपने बेटे की शादी के कार्ड में काशी स्टेट का राजकीय चिह्न छपवाया था। इसको लेकर कुंवर अनंत नारायण ने तब कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें बताया था कि काशी स्टेट के राजकीय चिह्न का गद्दीनशीन ही इस्तेमाल कर सकता है। राजकीय चिह्न को ट्रेडमार्क के तौर पर उत्तराधिकारी होने के नाते रजिस्ट्रेशन करा रखा है। हमारी अनुमति के बगैर इसका उपयोग कोई नहीं कर सकता। तब उनकी कार्रवाई के बाद दूसरी बहन कृष्ण प्रिया ने भाई पर गंभीर आरोप लगाए थे। उस दौरान कुंवर अनंत सिंह ने यह दावा भी किया था कि पिता विभूति नारायण सिंह ने 2000 में उनके नाम वसीयतनामा लिखा था। विवाद के बाद 2011 में उन्होंने बहनों से रिश्ते खत्म कर लिए थे। 2021 में जमीन की रजिस्ट्री पर भी हुआ था विवाद इसके अलावा 2021 में कोदोपुर में एक जमीन की रजिस्ट्री कर दिए जाने को लेकर भी विवाद हुआ था। तब काशीराज परिवार की बेटियों मौके पर काम रुकवाने के लिए गुहार लगाती रहीं। इसका वीडियो भी वायरल हुआ। उनकी तरफ से एक पंपलेट भी छपवाया गया था, जिसमें दुर्ग से जुड़ी किसी भी संपत्ति को न खरीदने की अपील की गई थी। काशी राज परिवार की बेटी विष्णु प्रिया की शादी के कुछ साल बाद 1971 में तलाक हो गया था। तब से वह किले में ही रह रही थी। वह कई बार आरोप लगा चुकी हैं कि पिता की मौत के बाद उनको किले से बाहर जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। काशी नरेश यानि राजा विभूति नारायण के बेटे और बेटियों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महल के अलग-अलग हिस्सों में कब्जेदारी जमाए राजकुमारियों ने अधिकार के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो किले में हर दिन अनबन है। शनिवार रात काशीराज परिवार में बिजली को लेकर रार हो गया। राजकुमारी विष्णुप्रिया और कृष्णप्रिया के आवासीय हिस्से की बिजली फाल्ट के कारण चली गई। उसे ठीक करने के लिए बहनों ने लाइनमैन भेजा। आरोप है कि कुंवर अनंत नारायण सिंह के कर्मचारियों ने काम से रोक दिया, सूचना पर रात में ही पुलिस पहुंची और मामला शांत कराया। शनिवार को दोनों बहनों ने रामनगर थाने में अलग-अलग तहरीर दी। किले के जिस हिस्से में विष्णुप्रिया और कृष्णप्रिया रहती हैं, उस हिस्से में शुक्रवार रात 11 बजे बिजली चली गई। दोनों बहनों ने बताया कि काफी देर बाद बिजली नहीं आई तो लाइन मैन को बुलवाया। जब लाइनमैन किला गेट के पास आया तो उसे अनंत नारायण सिंह के कर्मचारियों ने उसे अकुशल बताते हुए काम से रोक दिया। इसके बाद बहनों ने डायल 112 पर शिकायत की। सूचना पर रामनगर पुलिस पहुंची। हस्तक्षेप कर फाल्ट दूर कराया और भोर में तीन बजे आपूर्ति चालू हुई। इसके बाद राजकुमारी विष्णुप्रिया और कृष्णप्रिया ने रामनगर थाने में अलग-अलग तहरीर दी। आरोप लगाया कि कुंवर अनंत नारायण सिंह के कहने पर साजिशन उनके आवास की बिजली कटवा दी जाती है ताकि उनके जीवन पर संकट पैदा करने का अवसर मिल सके। स्वास्थ्य खराब करने की परिस्थितियां पैदा की जा सकें। उधर किले के सुरक्षा अधिकारी राजेश शर्मा ने आरोपों को निराधार बताया। बहनों और कुंवर में चल रही मुकदमेबाजी कुंवर अनंत नारायण सिंह ने बताया कि बहनें रामनगर किले में ही रह रही हैं। पिता डॉ. विभूति नारायण सिंह ने तीनों बहनों की शादी के साथ ही उन्हें अचल संपत्तियां दी थीं। काशी नरेश की मृत्यु के बाद बहनों ने 2005 से संपत्ति विवाद को लेकर मुकदमेबाजी शुरू की। पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के तीन बेटियां विष्णु प्रिया, हरि प्रिया, कृष्ण प्रिया और एक बेटे अनंत के बीच पिछले कई सालों से किले के अंदर और बाहर की संपत्ति को लेकर विवाद है। यह सभी अभी किला परिसर में ही रहते हैं। बहनें अपने भाई और उनके कर्मचारियों पर तानाशाही का आरोप लगाती रही हैं। पिछले वर्ष बहनों पर कुंवर अनंत नारायण ने दर्ज कराया था केस 25 जून 2023 में कुंवर अनंत नारायण सिंह ने अपनी बहनों पर ताला तोड़कर चोरी करने का आरोप लगाया था। इसमें राजकुमारी विष्णु प्रिया, कृष्ण प्रिया और उनके दोनों बेटे वरद नारायण सिंह, वल्लभ नारायण सिंह को नामजद किया गया था। पूरे मामले में कृष्ण प्रिया ने पुलिस से कहा कि किले के कुछ कर्मचारी हम भाई-बहनों में झगड़ा कराने की साजिश का आरोप लगाया था। रामनगर किले के सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने शिकायत में लिखा था- 25 जून को सुबह 9 से 10 बजे के बीच किले की सुरक्षा व्यवस्था देख रहा था। तभी कर्मचारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि ड्योढ़ी कोट की तरफ कुंवर अनंत नारायण सिंह के एक कमरे का ताला तोड़कर जरूरी सामान चोरी कर लिया गया था। कमरे से महत्वपूर्ण कागजात, फर्नीचर व बेड समेत कीमती सामान चोरी हो गया है। मैं मौके पर पहुंचा, तो वहां ताला टूटा था। विष्णु प्रिया और कृष्ण प्रिया के निर्देश पर वरद नारायण सिंह, वल्लभ नारायण सिंह और उनके एक कर्मचारी ने ये सामान चोरी किया है। थाने में चोरी, तोड़फोड़ करने और साजिश रचने में धारा 380, 454 व 120बी के तहत केस दर्ज किया गया था। कार्ड में राजकीय चिह्न छपवाने पर गहराया विवाद 2018 में कुंवर अनंत नारायण सिंह की ओर से काशी स्टेट के राजकीय चिह्न (मुहर) के दुरुपयोग को लेकर बहन हरि प्रिया के खिलाफ रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। हरि प्रिया ने अपने बेटे की शादी के कार्ड में काशी स्टेट का राजकीय चिह्न छपवाया था। इसको लेकर कुंवर अनंत नारायण ने तब कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें बताया था कि काशी स्टेट के राजकीय चिह्न का गद्दीनशीन ही इस्तेमाल कर सकता है। राजकीय चिह्न को ट्रेडमार्क के तौर पर उत्तराधिकारी होने के नाते रजिस्ट्रेशन करा रखा है। हमारी अनुमति के बगैर इसका उपयोग कोई नहीं कर सकता। तब उनकी कार्रवाई के बाद दूसरी बहन कृष्ण प्रिया ने भाई पर गंभीर आरोप लगाए थे। उस दौरान कुंवर अनंत सिंह ने यह दावा भी किया था कि पिता विभूति नारायण सिंह ने 2000 में उनके नाम वसीयतनामा लिखा था। विवाद के बाद 2011 में उन्होंने बहनों से रिश्ते खत्म कर लिए थे। 2021 में जमीन की रजिस्ट्री पर भी हुआ था विवाद इसके अलावा 2021 में कोदोपुर में एक जमीन की रजिस्ट्री कर दिए जाने को लेकर भी विवाद हुआ था। तब काशीराज परिवार की बेटियों मौके पर काम रुकवाने के लिए गुहार लगाती रहीं। इसका वीडियो भी वायरल हुआ। उनकी तरफ से एक पंपलेट भी छपवाया गया था, जिसमें दुर्ग से जुड़ी किसी भी संपत्ति को न खरीदने की अपील की गई थी। काशी राज परिवार की बेटी विष्णु प्रिया की शादी के कुछ साल बाद 1971 में तलाक हो गया था। तब से वह किले में ही रह रही थी। वह कई बार आरोप लगा चुकी हैं कि पिता की मौत के बाद उनको किले से बाहर जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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