<p style=”text-align: justify;”><strong>New Criminal Laws:</strong> भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से देश में लागू हो गए. गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी जिससे तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल सकेगा. नए कानूनों के लागू होने के बाद अब समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद डिंपल यादव ने कहा, “यह कानून बहुत गलत तरीके से संसद में पास किए गए हैं. इन कानूनों पर कोई चर्चा नहीं है. अगर कोई विदेशों में भी अपने अधिकारों को लेकर विरोध करता है तो उन पर भी ये कानून लागू होंगे. कहीं न कहीं यह कानून पूरे देशवासियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है.” तीनों कानून संसद ने पिछले साल शीतकालीन सत्र में पारित किए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>[tw]https://x.com/AHindinews/status/1807653450114904274[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-board-exam-2025-schedule-preparation-board-exams-decided-know-till-when-and-how-you-can-apply-ann-2727325″>UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों का शेड्यूल तय, जानें कब तक और कैसे कर सकते हैं आवेदन</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन धाराओं में बदलाव</strong><br />नए कानून देश में ब्रिटिश राज से चले आ रहे इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट की जगह आए हैं. नए कानून में बलात्कार के लिए धारा 375 और 376 की जगह धारा 63 होगी. सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी. हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को 20 दिसंबर और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया था. भारतीय न्याय संहिता, 2023 में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है. इसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग का भी है. इसके अलावा 41 विभिन्न अपराधों में सजा बढ़ाई गई है, 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है, 25 अपराध ऐसे हैं जिनमें न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छह अपराधों में सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में स्वीकार किया गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है. इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के अंतर्गत 170 धाराएं होंगी. कुल 24 धाराओं में बदलाव किया है. नई धाराएं और उपाधाराए जोड़ी गई हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>New Criminal Laws:</strong> भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से देश में लागू हो गए. गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी जिससे तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल सकेगा. नए कानूनों के लागू होने के बाद अब समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद डिंपल यादव ने कहा, “यह कानून बहुत गलत तरीके से संसद में पास किए गए हैं. इन कानूनों पर कोई चर्चा नहीं है. अगर कोई विदेशों में भी अपने अधिकारों को लेकर विरोध करता है तो उन पर भी ये कानून लागू होंगे. कहीं न कहीं यह कानून पूरे देशवासियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है.” तीनों कानून संसद ने पिछले साल शीतकालीन सत्र में पारित किए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>[tw]https://x.com/AHindinews/status/1807653450114904274[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-board-exam-2025-schedule-preparation-board-exams-decided-know-till-when-and-how-you-can-apply-ann-2727325″>UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों का शेड्यूल तय, जानें कब तक और कैसे कर सकते हैं आवेदन</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन धाराओं में बदलाव</strong><br />नए कानून देश में ब्रिटिश राज से चले आ रहे इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट की जगह आए हैं. नए कानून में बलात्कार के लिए धारा 375 और 376 की जगह धारा 63 होगी. सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी. हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को 20 दिसंबर और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया था. भारतीय न्याय संहिता, 2023 में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है. इसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग का भी है. इसके अलावा 41 विभिन्न अपराधों में सजा बढ़ाई गई है, 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है, 25 अपराध ऐसे हैं जिनमें न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छह अपराधों में सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में स्वीकार किया गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है. इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के अंतर्गत 170 धाराएं होंगी. कुल 24 धाराओं में बदलाव किया है. नई धाराएं और उपाधाराए जोड़ी गई हैं.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Raghav Chadha: ‘आनन फानन…’, तीन नए कानून लागू होने पर क्या बोले राघव चड्ढा?