काशी के लोगों के घर तक एक चिट्ठी पहुंच रही है। इसमें PM नरेंद्र मोदी की तरफ से लिखा है- काशी में आपके प्यार ने मुझे बनारसी बना दिया। केवल सांसद नहीं, खुद को काशी के बेटे के रूप में पाता हूं। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से जो कुछ कर पाया हूं, अभी बहुत कुछ करना बाकी है। पूरब की पॉलिटिक्स का ऐपिसेंटर मानी जाने वाली काशी में PM की चिट्ठी चुनाव को एकतरफा बना रही है। PM का दौरा भले ही काशी में होता है, मगर पूरे पूर्वांचल का सियासी माहौल सेट होता है। 2024 में मोदी 4 बार काशी आ चुके हैं। I.N.D.I. गठबंधन से कांग्रेस पार्टी के अजय राय कैंडिडेट हैं। वह नामांकन कराने साइकिल से पहुंचे। वह कहते हैं- राहुल-प्रियंका के आने के बाद यूपी में चुनावी समीकरण बदले हैं। मोदी और उनके भक्त मैदान छोड़ने वाले हैं। अजय राय के लिए शनिवार को पहली बार प्रियंका गांधी और डिंपल यादव ने एक साथ रोड शो किया। इससे पहले प्रियंका और डिंपल ने काल भैरव के दर्शन किए। करीब 4 किमी लंबे रोड शो में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। काशी के 13% मुस्लिमों के लिए बसपा का दांव बसपा ने वाराणसी में मुस्लिम कार्ड खेला है। पूर्वांचल की राजनीति के बड़े चेहरे अतहर जमाल लारी को चुनाव लड़वा रही है। काशी के 13% मुस्लिम वोटर को साधते हुए बसपा I.N.D.I. गठबंधन को डेंट पहुंचा रही है। पोलराइजेशन रोकने के लिए अजय राय ने कांग्रेस के पुराने मुस्लिम नेताओं को एक्टिव किया है। एक फैक्ट यह भी है कि वाराणसी में कांग्रेस और भाजपा को 7-7 बार सांसद बनाने का मौका मिला है। ये अकेली सीट ऐसी है, जहां सपा या बसपा का कभी कोई कैंडिडेट नहीं जीता। एक्सपर्ट और पब्लिक से बात करके 3 बात समझ आती है… काशी के लोगों की राय… लोग बोले- हम सांसद नहीं प्रधानमंत्री चुनते हैं
काशी में क्या मोदी जीत के नए रिकॉर्ड बनाएंगे? या काशी के लोग नए विकल्प में अजय राय को चुनेंगे। ऐसे सवालों के साथ हम अस्सी घाट पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात अमूल डिस्ट्रीब्यूटर विनोद गुप्ता से हुई। वह हंसते हुए कहते हैं- काशी के लोग सांसद नहीं प्रधानमंत्री चुनते हैं। हमारा वोट सीधे पीएम को जाता है और काशी फिर देश को पीएम देने जा रही है। काशी में हर ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का माहौल है। यहां से निकलकर हम गोदौलिया मार्केट पहुंचे। बिजनेसमैन आलोक कुमार गुप्ता कहते हैं- पब्लिक का मूड भाजपा की तरफ है, क्योंकि काम अच्छे हुए हैं। बिजली सप्लाई बेहतर हुई है। पहले रातभर बिजली नहीं आती थी, सुबह दुकान खुलने के साथ जनरेटर चल जाते थे, अब ऐसा नहीं है। जनता का मूड भगवा ही है। 400 पार वाला नारा पूरा होगा। अब हम नदेसर पहुंचे। यहां हमें अखिलेश कुमार मिले। वह कहते हैं- सरकार तो भाजपा की ही बननी है। ये पक्का है। वो 400 पार होती है या नहीं, ये देखना होगा। प्रधानमंत्री सही काम कर रहे हैं, मगर कुछ लोगों की वजह से काम सही से नहीं हो पा रहे हैं। बनारस को मोदी जैसा कैंडिडेट नहीं मिलेगा। वाराणसी में सिर्फ टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। उससे व्यापार नहीं बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में अन्य उद्योगों पर भी ध्यान दिया जाएगा। कुछ दूरी पर खड़े दीपक सैनी कहते हैं- बनारस ने हमेशा अपने विकास को ध्यान में रखकर वोट दिया है। जिनसे काशी की तस्वीर बदली, अब उसको ही चुना जाएगा। हमने पहले भी 2 बार भाजपा और पीएम मोदी को वोट दिया। हालांकि सब ठीक नहीं है, महंगाई से आम आदमी परेशान है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट
वाराणसी सीट पर I.N.D.I गठबंधन कितना फाइट में दिख रहा है? राजनीतिक विश्लेषक राजेश गुप्ता कहते हैं- देश का चुनाव कई मुद्दों पर लड़ा जा रहा है। वाराणसी के चुनाव में धार्मिक और डेवलपमेंट के मुद्दे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी केवल राजनेता नहीं, वो धार्मिक राजनेता है। उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। काशी और देश की जनता उन्हें पसंद करती है, नरेंद्र मोदी की जीत पक्की है। चुनाव को बड़े अंतर से जीतेंगे, भाजपा संगठन का टारगेट सिर्फ इतना है कि उनकी जीत बड़ी हो। इसलिए भाजपा वाले लोगों के बीच पहुंच रहे हैं, उन्हें 10 साल में हुए काम गिना रहे हैं। सपा के साथ कांग्रेस इंडी गठबंधन में आ गई, दोनों दल मिल गए लेकिन दिल अभी मिलते नजर नहीं आए। सपा के कार्यकर्ता अब एक सप्ताह पहले तक सक्रिय नहीं हुए, वहीं भाजपा के आगे मुठ्ठी भर कांग्रेस कार्यकर्ता भी हर बार की तरह इस बार सक्रिय नहीं हैं। अब चुनाव वैसे नहीं हो रहे हैं, जैसे पहले होते थे। पहले गली-गली में पोस्टर लगे होते थे, बच्चे झंडे लेकर दौड़ते थे। अब वह सब तस्वीर नहीं दिखती। वोटर बहुत साइलेंट हो गया है, बहुत चुपचाप होकर वोट करके आता है। सर्वे एजेंसियों के लिए जनता का मिजाज अब भांपना कठिन हो गया है, फिर भी वाराणसी में पीएम की जीत का अंतर बढ़ेगा। मोदी बड़ी लकीर खींचने की राह पर
इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड बनाने की राह पर हैं। जीत की हैट्रिक के साथ वह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की कतार में आ जाएंगे। इन दोनों ने यूपी के निर्वाचन क्षेत्र से 3 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। प्रधानमंत्री रहते हुए नेहरू फूलपुर सीट से 3 चुनाव लगातार जीते। इंदिरा गांधी ने रायबरेली से यही रिकॉर्ड बनाया, हालांकि वह जीत की हैट्रिक नहीं लगा सकी थीं। अगर मोदी वाराणसी लगातार तीसरा चुनाव जीत जाते हैं तो नया रिकॉर्ड उनके नाम पर होगा। सबसे छोटी और बड़ी जीत का रिकॉर्ड
वाराणसी से सबसे बड़ी और सबसे छोटी दोनों जीत का रिकॉर्ड भाजपा के नाम है। 2009 में भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कड़े मुकाबले में बसपा के मुख्तार अंसारी को सिर्फ 17,211 मतों से शिकस्त दी थी। यह वाराणसी सीट पर भाजपा की सबसे छोटी जीत थी। 2019 के चुनाव में पीएम मोदी ने सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से पीछे छोड़कर जीत दर्ज की थी। यह वाराणसी में भाजपा की सबसे बड़ी जीत थी। इस रिकॉर्ड को भाजपा और बड़ा करना चाहती है। पॉलिटिकल लीडर
भाजपा का दावा : वाराणसी में देश में सबसे बड़ी जीत होगी
भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और शहर दक्षिणी विधायक डा. नीलकंठ तिवारी की मानें तो काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी जीत पक्की है। इस बार काशी ने संकल्प लिया है कि प्रधानमंत्री मोदी को रिकॉर्ड मतों से विजयी बनाएंगे। भारत में सर्वाधिक मतों से विजयी सांसद के रूप में काशी से प्रधानमंत्री जीतकर जाएं। इसके लिए हम घर-घर जा रहे हैं। बूथ स्तर पर लोगों से संपर्क हो रहा है। सपा-कांग्रेस का दावा : भाजपा हार रही है, इसलिए पीएम 3 बार काशी आए
सपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी ने कहा- कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की स्थिति बनारस में बेहतर है। जनता गठबंधन के प्रत्याशी को भरपूर समर्थन दे रही है, सपा के कार्यकर्ता जी-जान से जुटे हैं और सड़कों पर जनसंवाद कर रहे हैं। अजय राय बोले- काशी की जनता भाजपा को हराएगी
काशी को सत्ताधीशों ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। काशी अध्यात्म, धर्म और मोक्ष की नगरी है, यह बाबा विश्वनाथ और मां गंगा की नगरी है। काशी पर्यटन स्थल नहीं, जिसका व्यवसायीकरण कर दिया जाए। श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने में बाबा के दरबार में जमकर तोड़-फोड़ की गई। काशी में वटवृक्ष को आरी से काटा गया, यह महापाप जैसा ही है। कितने विनायक मंदिर और सैकड़ों शिवलिंग तोड़े गए, बाबा विश्वनाथ की कचहरी हटाई गई। काशी की जनता और हमारे भाई ही उन्हें हराएंगे। PM 2024 में 4 बार काशी आए
चुनावी साल में पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 4 बार आए। जनसभाएं कीं, खुली जीप में चले। लोगों से सीधे संवाद किए और भाजपा की पॉलिसी पहुंचाने की कोशिश की। …………………………………………………………. काशी के लोगों के घर तक एक चिट्ठी पहुंच रही है। इसमें PM नरेंद्र मोदी की तरफ से लिखा है- काशी में आपके प्यार ने मुझे बनारसी बना दिया। केवल सांसद नहीं, खुद को काशी के बेटे के रूप में पाता हूं। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से जो कुछ कर पाया हूं, अभी बहुत कुछ करना बाकी है। पूरब की पॉलिटिक्स का ऐपिसेंटर मानी जाने वाली काशी में PM की चिट्ठी चुनाव को एकतरफा बना रही है। PM का दौरा भले ही काशी में होता है, मगर पूरे पूर्वांचल का सियासी माहौल सेट होता है। 2024 में मोदी 4 बार काशी आ चुके हैं। I.N.D.I. गठबंधन से कांग्रेस पार्टी के अजय राय कैंडिडेट हैं। वह नामांकन कराने साइकिल से पहुंचे। वह कहते हैं- राहुल-प्रियंका के आने के बाद यूपी में चुनावी समीकरण बदले हैं। मोदी और उनके भक्त मैदान छोड़ने वाले हैं। अजय राय के लिए शनिवार को पहली बार प्रियंका गांधी और डिंपल यादव ने एक साथ रोड शो किया। इससे पहले प्रियंका और डिंपल ने काल भैरव के दर्शन किए। करीब 4 किमी लंबे रोड शो में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। काशी के 13% मुस्लिमों के लिए बसपा का दांव बसपा ने वाराणसी में मुस्लिम कार्ड खेला है। पूर्वांचल की राजनीति के बड़े चेहरे अतहर जमाल लारी को चुनाव लड़वा रही है। काशी के 13% मुस्लिम वोटर को साधते हुए बसपा I.N.D.I. गठबंधन को डेंट पहुंचा रही है। पोलराइजेशन रोकने के लिए अजय राय ने कांग्रेस के पुराने मुस्लिम नेताओं को एक्टिव किया है। एक फैक्ट यह भी है कि वाराणसी में कांग्रेस और भाजपा को 7-7 बार सांसद बनाने का मौका मिला है। ये अकेली सीट ऐसी है, जहां सपा या बसपा का कभी कोई कैंडिडेट नहीं जीता। एक्सपर्ट और पब्लिक से बात करके 3 बात समझ आती है… काशी के लोगों की राय… लोग बोले- हम सांसद नहीं प्रधानमंत्री चुनते हैं
काशी में क्या मोदी जीत के नए रिकॉर्ड बनाएंगे? या काशी के लोग नए विकल्प में अजय राय को चुनेंगे। ऐसे सवालों के साथ हम अस्सी घाट पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात अमूल डिस्ट्रीब्यूटर विनोद गुप्ता से हुई। वह हंसते हुए कहते हैं- काशी के लोग सांसद नहीं प्रधानमंत्री चुनते हैं। हमारा वोट सीधे पीएम को जाता है और काशी फिर देश को पीएम देने जा रही है। काशी में हर ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का माहौल है। यहां से निकलकर हम गोदौलिया मार्केट पहुंचे। बिजनेसमैन आलोक कुमार गुप्ता कहते हैं- पब्लिक का मूड भाजपा की तरफ है, क्योंकि काम अच्छे हुए हैं। बिजली सप्लाई बेहतर हुई है। पहले रातभर बिजली नहीं आती थी, सुबह दुकान खुलने के साथ जनरेटर चल जाते थे, अब ऐसा नहीं है। जनता का मूड भगवा ही है। 400 पार वाला नारा पूरा होगा। अब हम नदेसर पहुंचे। यहां हमें अखिलेश कुमार मिले। वह कहते हैं- सरकार तो भाजपा की ही बननी है। ये पक्का है। वो 400 पार होती है या नहीं, ये देखना होगा। प्रधानमंत्री सही काम कर रहे हैं, मगर कुछ लोगों की वजह से काम सही से नहीं हो पा रहे हैं। बनारस को मोदी जैसा कैंडिडेट नहीं मिलेगा। वाराणसी में सिर्फ टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। उससे व्यापार नहीं बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में अन्य उद्योगों पर भी ध्यान दिया जाएगा। कुछ दूरी पर खड़े दीपक सैनी कहते हैं- बनारस ने हमेशा अपने विकास को ध्यान में रखकर वोट दिया है। जिनसे काशी की तस्वीर बदली, अब उसको ही चुना जाएगा। हमने पहले भी 2 बार भाजपा और पीएम मोदी को वोट दिया। हालांकि सब ठीक नहीं है, महंगाई से आम आदमी परेशान है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट
वाराणसी सीट पर I.N.D.I गठबंधन कितना फाइट में दिख रहा है? राजनीतिक विश्लेषक राजेश गुप्ता कहते हैं- देश का चुनाव कई मुद्दों पर लड़ा जा रहा है। वाराणसी के चुनाव में धार्मिक और डेवलपमेंट के मुद्दे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी केवल राजनेता नहीं, वो धार्मिक राजनेता है। उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। काशी और देश की जनता उन्हें पसंद करती है, नरेंद्र मोदी की जीत पक्की है। चुनाव को बड़े अंतर से जीतेंगे, भाजपा संगठन का टारगेट सिर्फ इतना है कि उनकी जीत बड़ी हो। इसलिए भाजपा वाले लोगों के बीच पहुंच रहे हैं, उन्हें 10 साल में हुए काम गिना रहे हैं। सपा के साथ कांग्रेस इंडी गठबंधन में आ गई, दोनों दल मिल गए लेकिन दिल अभी मिलते नजर नहीं आए। सपा के कार्यकर्ता अब एक सप्ताह पहले तक सक्रिय नहीं हुए, वहीं भाजपा के आगे मुठ्ठी भर कांग्रेस कार्यकर्ता भी हर बार की तरह इस बार सक्रिय नहीं हैं। अब चुनाव वैसे नहीं हो रहे हैं, जैसे पहले होते थे। पहले गली-गली में पोस्टर लगे होते थे, बच्चे झंडे लेकर दौड़ते थे। अब वह सब तस्वीर नहीं दिखती। वोटर बहुत साइलेंट हो गया है, बहुत चुपचाप होकर वोट करके आता है। सर्वे एजेंसियों के लिए जनता का मिजाज अब भांपना कठिन हो गया है, फिर भी वाराणसी में पीएम की जीत का अंतर बढ़ेगा। मोदी बड़ी लकीर खींचने की राह पर
इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड बनाने की राह पर हैं। जीत की हैट्रिक के साथ वह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की कतार में आ जाएंगे। इन दोनों ने यूपी के निर्वाचन क्षेत्र से 3 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। प्रधानमंत्री रहते हुए नेहरू फूलपुर सीट से 3 चुनाव लगातार जीते। इंदिरा गांधी ने रायबरेली से यही रिकॉर्ड बनाया, हालांकि वह जीत की हैट्रिक नहीं लगा सकी थीं। अगर मोदी वाराणसी लगातार तीसरा चुनाव जीत जाते हैं तो नया रिकॉर्ड उनके नाम पर होगा। सबसे छोटी और बड़ी जीत का रिकॉर्ड
वाराणसी से सबसे बड़ी और सबसे छोटी दोनों जीत का रिकॉर्ड भाजपा के नाम है। 2009 में भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कड़े मुकाबले में बसपा के मुख्तार अंसारी को सिर्फ 17,211 मतों से शिकस्त दी थी। यह वाराणसी सीट पर भाजपा की सबसे छोटी जीत थी। 2019 के चुनाव में पीएम मोदी ने सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से पीछे छोड़कर जीत दर्ज की थी। यह वाराणसी में भाजपा की सबसे बड़ी जीत थी। इस रिकॉर्ड को भाजपा और बड़ा करना चाहती है। पॉलिटिकल लीडर
भाजपा का दावा : वाराणसी में देश में सबसे बड़ी जीत होगी
भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और शहर दक्षिणी विधायक डा. नीलकंठ तिवारी की मानें तो काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी जीत पक्की है। इस बार काशी ने संकल्प लिया है कि प्रधानमंत्री मोदी को रिकॉर्ड मतों से विजयी बनाएंगे। भारत में सर्वाधिक मतों से विजयी सांसद के रूप में काशी से प्रधानमंत्री जीतकर जाएं। इसके लिए हम घर-घर जा रहे हैं। बूथ स्तर पर लोगों से संपर्क हो रहा है। सपा-कांग्रेस का दावा : भाजपा हार रही है, इसलिए पीएम 3 बार काशी आए
सपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी ने कहा- कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की स्थिति बनारस में बेहतर है। जनता गठबंधन के प्रत्याशी को भरपूर समर्थन दे रही है, सपा के कार्यकर्ता जी-जान से जुटे हैं और सड़कों पर जनसंवाद कर रहे हैं। अजय राय बोले- काशी की जनता भाजपा को हराएगी
काशी को सत्ताधीशों ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। काशी अध्यात्म, धर्म और मोक्ष की नगरी है, यह बाबा विश्वनाथ और मां गंगा की नगरी है। काशी पर्यटन स्थल नहीं, जिसका व्यवसायीकरण कर दिया जाए। श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने में बाबा के दरबार में जमकर तोड़-फोड़ की गई। काशी में वटवृक्ष को आरी से काटा गया, यह महापाप जैसा ही है। कितने विनायक मंदिर और सैकड़ों शिवलिंग तोड़े गए, बाबा विश्वनाथ की कचहरी हटाई गई। काशी की जनता और हमारे भाई ही उन्हें हराएंगे। PM 2024 में 4 बार काशी आए
चुनावी साल में पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 4 बार आए। जनसभाएं कीं, खुली जीप में चले। लोगों से सीधे संवाद किए और भाजपा की पॉलिसी पहुंचाने की कोशिश की। …………………………………………………………. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर