वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती समितियों की बैठक रविवार देर शाम हुई। इसमें समस्त गंगा आरती एवं देव दीपावली समितियों का सर्वसम्मति से प्रस्ताव निकलकर सामने आया कि श्रीगंगा जी की आरती की मर्यादा, पवित्रता का उल्लंघन किसी कीमत पर नहीं बर्दाश्त किया जायेगा। समिति के सदस्यों ने कहा कि आजकल ऐसा चलन में है की कुछ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां और व्यक्ति धन लाभ प्राप्त करने हेतु श्रीगंगा आरती का कार्यक्रम शादी विवाह, पार्टीयों और अन्य कार्यों में कर रहे है जो की श्रीगंगा आरती का एक तरह से अपमान है यह सर्वथा निंदनीय है हमारी मांग है कि इस प्रकार से कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। समिति के लोगों ने कहा कि इसपर भारत सरकार एवं धर्मार्थ मंत्रालय को पत्र भेजा जाएगा। आरती के नाम पर फर्जी ऑनलाइन ठगी का उठा मुद्दा गंगा आरती समिति की बैठक में पदाधिकारी ने कहा कि – श्री गंगा जी की आरती के कार्यक्रम में भाग लेने के नाम पर कुछ ठगों ने फर्जी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है गंगा आरती में भाग लेने का बैठने का दर्शन करने का कोई चार्ज नहीं है यह कार्यक्रम पूरी तरह से नि:शुल्क है जनता के द्वारा जनता के लिए है जो भी आस्था और श्रद्धा के भाव से है देता है लिया जाता है, कोई शुल्क नही हैं। इसके नाम पर हो रही ठगी को तत्काल बंद किया जाए। घाटो और कुंडों को साफ करने की अपील देव दीपावली के आयोजन से पूर्व समस्त घाटों एव॔ कुंडो-तालाबों की साफ -सफाई, आलोक व्यवस्था, मरम्मत आदि के आवश्यक कार्य पूर्ण किया जाए। जिससे देश-विदेश से भारी मात्रा में आने वाले श्रद्धालु जनों को तथा आयोजकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, और यह महा महोत्सव अपनी ख्याति की भांति सब व्यवस्थित रूप से सुनियोजित तरीके से आयोजित हो सके। स्नान करने वाले घाटों से नाव हटाने की अपील बैठक में समिति के लोगों ने कहा कि जो गंगा के घाटों पर नावों तथा स्टीमरों की मरम्मत आदि का कार्य करते हैं उनसे निवेदन है कि वह पक्के घाटों पर जहां श्रद्धालु, स्नान, पर्यटक आवागमन करते हैं उन स्थानों पर टूटी-फूटी और जर्जर नावों को तत्काल हटाकर गंगा पार अथवा जिन घाटों का स्नान हेतु उपयोग नहीं होता है वहां रक्खे। जिससे काशी की छवि देश दुनिया में बेहतर बन सके। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती समितियों की बैठक रविवार देर शाम हुई। इसमें समस्त गंगा आरती एवं देव दीपावली समितियों का सर्वसम्मति से प्रस्ताव निकलकर सामने आया कि श्रीगंगा जी की आरती की मर्यादा, पवित्रता का उल्लंघन किसी कीमत पर नहीं बर्दाश्त किया जायेगा। समिति के सदस्यों ने कहा कि आजकल ऐसा चलन में है की कुछ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां और व्यक्ति धन लाभ प्राप्त करने हेतु श्रीगंगा आरती का कार्यक्रम शादी विवाह, पार्टीयों और अन्य कार्यों में कर रहे है जो की श्रीगंगा आरती का एक तरह से अपमान है यह सर्वथा निंदनीय है हमारी मांग है कि इस प्रकार से कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। समिति के लोगों ने कहा कि इसपर भारत सरकार एवं धर्मार्थ मंत्रालय को पत्र भेजा जाएगा। आरती के नाम पर फर्जी ऑनलाइन ठगी का उठा मुद्दा गंगा आरती समिति की बैठक में पदाधिकारी ने कहा कि – श्री गंगा जी की आरती के कार्यक्रम में भाग लेने के नाम पर कुछ ठगों ने फर्जी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है गंगा आरती में भाग लेने का बैठने का दर्शन करने का कोई चार्ज नहीं है यह कार्यक्रम पूरी तरह से नि:शुल्क है जनता के द्वारा जनता के लिए है जो भी आस्था और श्रद्धा के भाव से है देता है लिया जाता है, कोई शुल्क नही हैं। इसके नाम पर हो रही ठगी को तत्काल बंद किया जाए। घाटो और कुंडों को साफ करने की अपील देव दीपावली के आयोजन से पूर्व समस्त घाटों एव॔ कुंडो-तालाबों की साफ -सफाई, आलोक व्यवस्था, मरम्मत आदि के आवश्यक कार्य पूर्ण किया जाए। जिससे देश-विदेश से भारी मात्रा में आने वाले श्रद्धालु जनों को तथा आयोजकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, और यह महा महोत्सव अपनी ख्याति की भांति सब व्यवस्थित रूप से सुनियोजित तरीके से आयोजित हो सके। स्नान करने वाले घाटों से नाव हटाने की अपील बैठक में समिति के लोगों ने कहा कि जो गंगा के घाटों पर नावों तथा स्टीमरों की मरम्मत आदि का कार्य करते हैं उनसे निवेदन है कि वह पक्के घाटों पर जहां श्रद्धालु, स्नान, पर्यटक आवागमन करते हैं उन स्थानों पर टूटी-फूटी और जर्जर नावों को तत्काल हटाकर गंगा पार अथवा जिन घाटों का स्नान हेतु उपयोग नहीं होता है वहां रक्खे। जिससे काशी की छवि देश दुनिया में बेहतर बन सके। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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शिमला में पुलिस लाठीचार्ज पर भड़के व्यापारी:व्यापार मंडल का ऐलान- कल दोपहर 1 बजे तक बाजार बंद रखेंगे हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद में प्रदर्शकारियों पर लाठीचार्ज से शिमला व्यापर मंडल भड़क गया है। लाठीचार्ज के विरोध में व्यापार मंडल ने अगले कल यानी वीरवार को दोपहर एक बजे तक बाजार बंद करने और पुलिस के व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने कहा कि संजौली में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की पिटाई करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बेहरमी से प्रदर्शनकारियों को पीटा है। पुलिस की बर्बरता के विरोध में व्यापार मंडल ने सुबह 10 बजे से 1 बजे तक पूरे बाजार को बंद करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि शिमला के व्यापारी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और बाजार बंद रखकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस समर्थित व्यापार मंडल बंद नहीं करेगा दुकानें शिमला में दूसरे व्यापार मंडल के अध्यक्ष हरजीत बंगा ने कहा कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है और बाजार बंद का आवाहन किया है। उन्होंने कहा, लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कल तीन घंटे तक बाजार बंद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, शिमला शहर में आज जो कुछ घटा, वह उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, जो विवाद हुआ है, इसका भविष्य में शिमला के पर्यटन पर बुरा असर पड़ने वाला है। संजौली-ढली में प्रदर्शन के दौरान हुई झड़प और लाठीचार्ज बता दें कि, संजौली और ढली में मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग को लेकर आज बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान ढली से संजौली की ओर भारी भीड़ उमड़ रही थी। इसे रोकने के लिए पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच दो से तीन बार झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। इससे शिमला के कुछ व्यापारी भड़क उठे हैं।
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MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने साधु संतों और तीर्थ यात्रियों से क्यों मांगी क्षमा, जानें वजह? <p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शिप्रा तट पर लोगों और साधु संतों को संबोधित करते हुए उनसे क्षमा मांगी. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हर साल गंगा दशमी के पहले शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में ध्वज लेकर सबसे आगे चलते आए हैं. 21 साल में आज परंपरा टूट रही है क्योंकि ,उनके ऊपर काफी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें सभी जिम्मेदारियां का निर्वहन करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दर्शन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 21 साल पहले शिप्रा तीर्थ परिक्रमा की शुरुआत की थी. इस परिक्रमा के दौरान हर साल में ध्वज लेकर सबसे आगे चलते हुए दिखाई दिए हैं. दो दिनों तक चलने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा इस बार भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ध्वज फहराकर शुरू की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम मोहन यादव ने कहा कि हर साल में पूरे समय शिप्रा तीर्थ यात्रा में शामिल होते आए हैं लेकिन इस बार अधिक जिम्मेदारियां की वजह से वह प्रारंभिक दौर के साथ-साथ यात्रा के अंतिम पड़ाव में शामिल होंगे. उन्होंने इस दौरान मौजूद साधु संतों और तीर्थ यात्रियों से क्षमा मांगी. उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रा में उसी प्रकार की व्यवस्था रहेगी जिस प्रकार की व्यवस्था हर साल रहती है. यात्रा मार्ग पर भजन, कीर्तन, धर्म और आध्यात्मिक का हर पड़ाव रहेगा मगर वे आवश्यक कार्य से ग्वालियर जाएंगे और फिर वापस लौटकर यात्रा में शामिल होंगे. </p>
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पंजाब में NHAI के प्रोजेक्टों में देरी का मामला:HC में आज सरकार देगी जवाब, जमीन अधिग्रहण में देरी की वजह बताएगी पंजाब में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण की वजह से लटक रहे हैं। इस वजह से NHAI को दिक्कत उठानी पड़ रही है। इसी मामले की आज (शुक्रवार) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। जहां पर पंजाब सरकार की तरफ से हलफनामा दायर कर प्रोजेक्ट में हो रही देरी की वजह बताई जाएगी। क्योंकि यह दिक्कत गत एक साल से आ रही है। हालांकि NHAI ने साफ किया है जमीन के करोड़ों रुपए जमा करवाने के बाद भी अभी तक कब्जा नहीं मिला है। इस वजह से कांट्रेक्ट तक कैंसिल करने पड़ रहे हैं। इन प्रोजेक्टों पर पड़ा था असर NHAI ने अपनी याचिका में भारत माला परियोजना के तहत मेमदपुर (अंबाला) -बनूड़, आईटी सिटी चौक बनूड़ से खरड़ चंडीगढ़ एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। कोर्ट में यह भी बताया गया कि भूमि न मिलने से दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे, लुधियाना-रूपनगर से खरड़ हाईवे व लुधियाना बठिंडा हाईवे का काम भी लंबित है। NHAI ने हाईकोर्ट में बताया कि अदालत के आदेश के बाद भी उसे अभी तक जमीन का कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। 10 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्टों में 80 फीसदी जमीन का कब्जा अभी तक नहीं मिला है। इसके चलते ही 34193 करोड़ की लागत से के 897 किलोमीटर दूरी वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना लटकी है। जबकि 13190 करोड़ की लागत वाले 391 के प्रोजेक्टों का काम भी अधर में । वहीं, जमीन न मिलने से उन्हें कुछ कांट्रेक्टर रदद करने पड़े है। ठेकेदारों को एक फीसदी भुगतान करना पड़ा है। वहीं, जमीन के लिए 4104 करोड़ रुपए जमा करवाने के बाद जमीन का कब्जा नहीं मिला है। अक्तूबर में हाईकोर्ट के यह थे आदेश हाईकोर्ट ने गत वर्ष अक्तूबर में आदेश दिया था कि एनएचएआई संबंधित अधिकारी को अधूरी लंबित परियोजनाओं की सूची उपलब्ध करवाएं । साथ ही मुख्य सचिव सक्षम प्राधिकारी को एक सप्ताह के भीतर आदेश कार्रवाई करने के निर्देश जारी करें। वहीं, दो महीने के भीतर बाधा मुक्त कब्जा NHAI को दिलाया जाए।