किन्नौर के आकपा में मकान में आग लग गई। जिससे सामान जलने के कारण करीब 15 लाख रुपए का नुकसान हो गया। स्थानीय लोग और फायर बिग्रेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया। घटना बीते कल की है। पीड़ित गोविंद सिंह ने बताया कि 6 कमरों वाले पुराने मकान में अग ली है। मकान के साथ लगते दो अन्य मकानों को भी आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए पानी की भारी कमी देखी गई। आगजनी घटना अगर रात में हुई होती, तो आग पर काबू पाना काफी मुश्किल हो सकता था। जांच करने मौके पर पहुंचे अधिकारी इसके बाद सूचना मिलते ही राजस्व विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। प्रारंभिक जांच में करीब 15 लाख का नुकसान होने की बात सामने आई है। किन्नौर के आकपा में मकान में आग लग गई। जिससे सामान जलने के कारण करीब 15 लाख रुपए का नुकसान हो गया। स्थानीय लोग और फायर बिग्रेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया। घटना बीते कल की है। पीड़ित गोविंद सिंह ने बताया कि 6 कमरों वाले पुराने मकान में अग ली है। मकान के साथ लगते दो अन्य मकानों को भी आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए पानी की भारी कमी देखी गई। आगजनी घटना अगर रात में हुई होती, तो आग पर काबू पाना काफी मुश्किल हो सकता था। जांच करने मौके पर पहुंचे अधिकारी इसके बाद सूचना मिलते ही राजस्व विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। प्रारंभिक जांच में करीब 15 लाख का नुकसान होने की बात सामने आई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मुफ्त इलाज पर संकट:IGMC में रोकी ओपन-हार्ट सर्जरी, ड्रग सप्लायरों ने दवाई-उपकरणों की आपूर्ति बंद की, 310 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग हिमाचल प्रदेश में लोगों की लाइफ सेविंग एवं मुफ्त इलाज की योजना हिम-केयर और आयुष्मान पर संकट मंडरा रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार मुफ्त इलाज और निशुल्क दवाइयों की पेमेंट नहीं दे पा रही है। इससे आयुष्मान और हिम-केयर कार्ड के तहत मुफ्त में होने वाली सर्जरी रोक दी है। प्रदेश के ज्यादातर अस्पतालों में इक्का-दुक्का मरीजों की ही मुफ्त सर्जरी हो रही है। इसी तरह जन औषधि केंद्रों में मरीजों को ज्यादातर मुफ्त दवाइयां नहीं मिल रही। अस्पतालों को दवाइयां और पेस-मेकर जैसे उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों ने इनकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे मरीज दर दर की ठोकने खाने को मजबूर हो गए है और ओपन मार्केट से खरीद रहे हैं। सूचना के अनुसार, सरकार के पास लगभग 310 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पेंडिंग हो गई है। बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों ने सामान व दवाई की सप्लाई बंद कर दी है, उनकी पेमेंट चुकाने के बजाय दूसरी कंपनी को ऑर्डर देकर सामान व दवाई मंगाई जा रही है। इससे IGMC सहित प्रदेश के दूसरे हॉस्पीटल में हिम-केयर व आयुष्मान काउंटर बंद करने की नौबत आ गई है। ओपन मार्केट से स्टंट व पेस-मेकर खरीद रहे मरीज मरीजों व उनके तीमारदारों को स्टंट और पेस-मेकर जैसे उपकरण ओपन मार्केट से महंगे दाम पर खरीदने पड़ रहे हैं। प्रदेश के प्रीमियम इंस्टीट्यूट IGMC शिमला में भी हिम केयर व आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त उपचार की सुविधा ज्यादातर मरीजों को नहीं मिल पा रही है। ड्रग सप्लायर ने दवाइयों की सप्लाई बंद की जन औषधि केंद्रों को मुफ्त दवाइयां सप्लाई करने वाले ज्यादातर ड्रग सप्लायर ने आपूर्ति बंद कर दी है। प्रदेश में पिछले 10 महीने से अधिक समय से मुफ्त इलाज और निशुल्क दवाइयों के लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया जा रहा। चार महीने पहले ड्रग सप्लायर द्वारा आपूर्ति बंद करने के बाद कुछ पेमेंट का भुगतान जरूर किया गया, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। मरीज व ड्रग सप्लायर बार बार कर रहे आग्रह मरीजों के साथ साथ ड्रग सप्लायर भी कई बार पेमेंट रिलीज करने का आग्रह कर चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन भी बार-बार सरकार से पत्राचार कर रहे हैं। मगर आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार फिर भी पेमेंट नहीं दे रही। हिमाचल में 6 लाख आयुष्मान व हिमकेयर कार्ड प्रदेश में आयुष्मान और हिमकेयर योजना के तहत 6 लाख से ज्यादा कार्ड बने है। इसके तहत प्रत्येक मरीज का सरकारी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का उपचार मुफ्त होता है। हिम केयर राज्य की अपनी स्कीम है, जबकि आयुष्मान केंद्र सरकार की योजना है। मगर आयुष्मान में 50-50 फीसदी के अनुपात में केंद्र व राज्य सरकार खर्च उठाती है। राज्य सरकार आयुष्मान का भी बजट नहीं दे पा रही है। जल्द पेमेंट मिलने की उम्मीद IGMC शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि हिमकेयर और आयुष्मान में पेमेंट जरूर पेडिंग है। लेकिन मरीजों की सर्जरी रूटीन में हो रही है। सरकार से पेमेंट के लिए पत्राचार किया जा रहा है। क्या कहते हैं डिस्ट्रीब्यूटर होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर अरविंद ने बताया कि कई महीनों से उनकी पेमेंट नहीं मिल रही है। अकेले उनकी कंपनी की 7 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पेडिंग हो गई है। इसे देखते हुए उन्होंने दवाई और विभिन्न उपकरणों की सप्लाई बंद कर दी है।
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लाहौल-स्पीति में पर्वतारोहण से जुड़ी एक्टिविटी पर रोक:सारे ट्रैक-चोटियों पर नहीं जा सकेंगे टूरिस्ट, खराब मौसम और एवलांच से बचाने के लिए फैसला हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में पर्वतारोहण से जुड़ी एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई है। यह रोक तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। इस रोक के बाद अब टूरिस्ट लाहौल-स्पीति की चोटियों पर ट्रैकिंग और दूसरी गतिविधियां नहीं कर पाएंगे। लाहौल-स्पीति ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़ी दूसरी गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। टूरिस्टों को सर्दी के मौसम में अचानक मौसम बिगड़ने, भारी बर्फबारी और एवलांच के खतरे से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। सर्दी के मौसम में अचानक मौसम बिगड़ने, भारी बर्फबारी और एवलांच के खतरे के बीच टूरिस्टों के मुश्किल में फंसने की सूरत में उन्हें ढूंढने और बचाव से जुड़ा काम अत्यंत खतरनाक हो जाता है। ऐसे में एहतियात के तौर पर जिले के डीसी राहुल कुमार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 34 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जिले के सभी ट्रैक और चोटियों पर ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़ी दूसरी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी है। उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
डीसी राहुल कुमार ने सभी टूर ऑपरेटरों, गाइड और आम व्यक्तियों को इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिया है। इसका उल्लंघन करने वालों पर आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी । प्रतिबंध पर सख्ती से होगी अनुपालना
उन्होंने कहा है कि पुलिस, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस प्रतिबंध का सख्ती से अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे तथा नियमित गश्त करेंगे। उन्होंने बताया कि आपातकालीन या वैज्ञानिक अभियानों के लिए विशेष अनुमति मामले-दर-मामले आधार पर दी जा सकती हैं। यह आदेश सार्वजनिक सुरक्षा के हित में जारी किया गया है तथा अगले आदेशों तक प्रभावी रहेगा ।
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मनाली में ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ा:चार ग्रामीणों ने खाली किए अपने अपने घर, रिश्तेदारों के यहां ली शरण, भूमि कटाव शुरू कुल्लू में मनाली के ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश से ब्यास नदी और नालों का जल स्तर बढ़ गया है। जिस कारण मनाली के पास पलचान में नदी ने रुख मोड़ दिया है। पलचान गांव के पास भूमि कटाव शुरू हो गया है। जिससे यहां मौजूद 4-5 घरों को खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों ने यहां 4 घरों को खाली कर दिया है। लोगों ने अपने परिवार के साथ घर का सामान निकाल कर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले यहां अंजनी महादेव नाला में बाढ़ आ गई थी। जिस कारण क्षेत्र में तीन मकान बह गए थे। लेकिन अब लगातार ब्यास नदी का स्तर बढ़ता जा रहा हैं जिसके चलते गांव को खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी है और प्रशासन की टीम नुकसान का आकलन करने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के अनुसार गांव के छोर में नदी से हो रहे कटाव के कारण गांव के आगे भूस्खलन हुआ है। ऐसे में खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों को खाली कर दिया है।