किन्नौर जिले के पूह में वीरवार सुबह एक पिकअप गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो कर 50 फीट नीचे दूसरे सड़क पर जा गिरी। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई। जबकि चार लोग घायल है। घायलों को सीएचसी पूह में प्राथमिक उपचार के बाद क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ रेफर किया गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने घायल 4 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट करवा इंदिरा गांधी मेडिकल आयुर्विज्ञान संस्थान शिमला उपचार के लिए पहुंचाया। उन्होंने सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 3 व्यक्तियों के प्रति शोक व्यक्त किया तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। आर्मी के हेलिकॉप्टर से भेजा शिमला उन्होंने कहा कि गम्भीर रूप से घायल व्यक्तियों को समय पर बेहतर इलाज प्रदान करने की दृष्टिगत करच्छम स्थित भारतीय सेना हैलिपेड से एयरलिफ्ट किया गया। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि घायल हुए व्यक्तियों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। बेकाबू होकर 50 फीट नीचे गिरी पिकअप पुलिस के मुताबिक, सुबह एक पिकअप बजरी और मनरेगा मजदूरों को लेकर जा रही थी। जो अचानक बेकाबू होकर सड़क से नीचे जा गिरी। इस हादसे में सरिता नेगी(38) ,छवांगजागमो (40) की अस्पताल में मौत हुई। जबकि इंद्रमणी (35) की मौके पर ही मौत हुई। चालक दीपक (40), शांति देवी (35), सुरेंद्रा नेगी (32) और सनम छोकिद (40) घायल हुए हैं। सभी महिलाएं पूह की रहने वाली हैं। चालक नेपाली मूल का है। पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घटनास्थल से सामुदायिक अस्पताल पूह पहुंचाया गया। थाना प्रभारी पूह शिव कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पहुंची और शव सहित घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मृतकों व घायलों को प्रशासन ने दी सहायता राशि अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विनय मोदी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को फौरी राहत के रूप में 25-25 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई। घायल हुए लोगों को 5-5 हजार रुपए की फौरी राहत राशि प्रदान की गई। किन्नौर जिले के पूह में वीरवार सुबह एक पिकअप गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो कर 50 फीट नीचे दूसरे सड़क पर जा गिरी। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई। जबकि चार लोग घायल है। घायलों को सीएचसी पूह में प्राथमिक उपचार के बाद क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ रेफर किया गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने घायल 4 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट करवा इंदिरा गांधी मेडिकल आयुर्विज्ञान संस्थान शिमला उपचार के लिए पहुंचाया। उन्होंने सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 3 व्यक्तियों के प्रति शोक व्यक्त किया तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। आर्मी के हेलिकॉप्टर से भेजा शिमला उन्होंने कहा कि गम्भीर रूप से घायल व्यक्तियों को समय पर बेहतर इलाज प्रदान करने की दृष्टिगत करच्छम स्थित भारतीय सेना हैलिपेड से एयरलिफ्ट किया गया। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि घायल हुए व्यक्तियों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। बेकाबू होकर 50 फीट नीचे गिरी पिकअप पुलिस के मुताबिक, सुबह एक पिकअप बजरी और मनरेगा मजदूरों को लेकर जा रही थी। जो अचानक बेकाबू होकर सड़क से नीचे जा गिरी। इस हादसे में सरिता नेगी(38) ,छवांगजागमो (40) की अस्पताल में मौत हुई। जबकि इंद्रमणी (35) की मौके पर ही मौत हुई। चालक दीपक (40), शांति देवी (35), सुरेंद्रा नेगी (32) और सनम छोकिद (40) घायल हुए हैं। सभी महिलाएं पूह की रहने वाली हैं। चालक नेपाली मूल का है। पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घटनास्थल से सामुदायिक अस्पताल पूह पहुंचाया गया। थाना प्रभारी पूह शिव कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पहुंची और शव सहित घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मृतकों व घायलों को प्रशासन ने दी सहायता राशि अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विनय मोदी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को फौरी राहत के रूप में 25-25 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई। घायल हुए लोगों को 5-5 हजार रुपए की फौरी राहत राशि प्रदान की गई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में शावकों के साथ घूम रही मादा तेंदुआ:उरला रेंज का वीडियो हुआ वायरल, वन कर्मचारी कर रहे थे गस्त हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के वन परिक्षेत्र उरला के सिल्हस्वाड़ वन बीट में एक मादा तेंदुआ और उसके 4 शावक बेखौफ घूम फिर रहे हैं। बीते गुरुवार रात्रि को वन विभाग की टीम वन परिक्षेत्र अधिकारी शिवम रत्न की अगुवाई में जंगल मे रात्रि गश्त कर रही थी। इस दौरान घटासनी-बरोट राजमार्ग में सिल्हसवाड़ के पास वन विभाग की टीम का सामना मादा तेंदुआ और उसके शावक आ गए। यह सभी जंगल से सड़क की तरफ आ रहे थे। टीम की नजर जैसे ही इन पर पड़ी। उन्होंने अपनी गाड़ी रोक दी। गाड़ी की तेज लाइट को देखकर मादा तेंदुआ और उसके शावक थोड़ा घबराए। मगर आगे बढ़ने का अपना रास्ता नहीं छोड़ा और आगे बढ़ते हुए जंगल की और निकल गए। इसका वन विभाग की टीम ने वीडियो बना दिया जो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। कुछ लोग इस वीडियो को चंबा जिला के डलहौजी का बता रहे है। यह सही नहीं है। डीएफओ जोगेंद्रनगर कमल भारती ने वीडियो की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि रात्रि गश्त के दौरान एक बजे के करीब यह वीडियो बनाया। अमूमन वन कर्मियों का इस तरह के जानवरों के साथ सामना होता रहता है। यह जानवर भी हमारी प्रकृति और वन्य जीवन का एक अहम हिस्सा हैं। लोगों को इनसे घबराने की नहीं बल्कि सचेत रहने की जरूरत है, जिस प्रकार से वन कर्मी रहते हैं।
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।
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हिमाचल से नॉर्मल डेट पर विदा नहीं हुआ मानसून:अभी डेढ़ सप्ताह तक कोई संकेत नहीं; कल से 72 घंटे बारिश का अलर्ट हिमाचल से इस बार मानसून नॉर्मल डेट पर विड्रा नहीं हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश से मानसून विदा होने की नॉर्मल डेट 24 सितंबर है। मगर अभी तक इसके अलविदा कहने के कोई संकेत नहीं है। जाहिर है कि अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश हिमाचल को और भिगोएगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून कब डिपार्चर होगा, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि अभी राजस्थान के कुछ भागों से मानसून विड्रा होना शुरू हुआ है। इस वजह से हिमाचल में अभी मानसून विदा लेने में वक्त लेगा। अगले 3 दिन बारिश: कुलदीप कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कल से अगले 72 घंटे तक बारिश का अलर्ट है। 25, 26 और 27 सितंबर के बाद मौसम फिर साफ होगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में फिर से बारिश के आसार है। इससे मानसून जल्दी-जल्दी विदा लेने वाला नहीं है। 11 अक्टूबर 2019 को सबसे देरी से विदा हुआ मौसम विभाग के पास 1977 से आज तक के उपलब्ध डाटा के अनुसार, 11 अक्टूबर 2019 को सबसे देरी से मानसून विड्रा हुआ है। बीते साल भी तबाही की बारिश के बाद मानसून 6 अक्टूबर को विदा हुआ। इस बार भी 6 अक्टूबर तक मानसून विड्रा होने के संकेत नहीं है। मानसून लंबा, पर बारिश सामान्य से कम प्रदेश में बीते 4 दिन से अच्छी धूप खिल रही है। इससे तापमान में भी उछाल आया है। ज्यादातर शहरों का पारा सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक चल रहा है। मैदानी इलाकों में इससे गर्मी पढ़ रही है, जबकि शिमला, मनाली, नारकंडा, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों पर मौसम सुहावना हो गया है। बेशक, 2024 में मानसून स्पेल लंबा पर चल रहा है। मगर बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। मानसून सीजन में सामान्य से 20% कम बारिश प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक जून से 23 सितंबर के बीच 717.6 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 573.7 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। प्रदेश में शिमला इकलौता ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 16 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। वहीं बिलासपुर में सामान्य बारिश हुई है, जबकि 10 अन्य जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। बीते सप्ताह सामान्य से 68% कम बादल बरसे प्रदेश में बीते एक सप्ताह से कई जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में 16 से 23 सितंबर तक नॉर्मल बारिश 8.1 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 25.5 मिलीमीटर बादल बरसे है। यानी सामान्य से 68 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि में ऊना में 99 प्रतिशत, बिलासपुर में 95 प्रतिशत और कांगड़ा में सामान्य से 94 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं।