हरियाणा में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई किरण चौधरी का दावा है कि भाजपा जाने और कांग्रेस आने को लेकर भूपेंद्र हुड्डा-दीपेंद्र हुड्डा ने हौव्वा बनाया है। असल में वह भी अंदरखाते सेटिंग करके चल रहे हैं ताकि जेल न जाना पड़े। कांग्रेस में तो CM बनने को लेकर बाप-बेटे ही आपस में लड़ रहे हैं। किरण चौधरी का ये भी कहना है कि जीवित रहते चौधरी बंसीलाल के खिलाफ खड़े होने वाले अनिरुद्ध चौधरी को तोशाम में उनकी बेटी श्रुति चौधरी के मुकाबले कोई फायदा नहीं मिलेगा। बंसीलाल की विरासत हमारी है। किरण ने कहा कि कुमारी सैलजा के कांग्रेस में अपमान से उन्हें दुख होता है। जिसने सैलजा के खिलाफ अपशब्द कहे, उसे कुछ कहा तक नहीं। हरियाणा चुनाव के बीच भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने दैनिक भास्कर से की विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: तोशाम सीट से आपकी बेटी चुनाव लड़ रही हैं, प्रचार कैसा चल रहा है, आपकी क्या उम्मीदें हैं?
किरण चौधरी: श्रुति तोशाम की बेटी और बहन है। सब इस बात को जानते हैं। श्रुति छोटी-सी थी, जब चौधरी बंसीलाल इसको उंगली पकड़कर सारे प्रोग्राम में लाते थे। उसके बाद पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह के साथ पूरे चुनाव प्रचार में आती थी। 20 साल से मेरा (किरण चौधरी) तो किया ही है, इसके अलावा खुद भी वह सांसद रही हैं। सांसद होने के नाते उसने इलाके के लिए बहुत काम किया है। सवाल: श्रुति के खिलाफ कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व CM बंसीलाल की विरासत का फायदा किसे मिलेगा और क्यों?किरण चौधरी: जब चौधरी बंसीलाल जी जिंदा थे, तब तक चौधरी बंसीलाल का नाम नहीं लिया और खिलाफत की। दोनों बापू और बेटा, सामने खड़े होते थे। सुरेंद्र सिंह जी के सामने खड़े होते थे। इन्होंने तो हमारे सामने इलेक्शन लड़े हुए हैं। इनकी उपलब्धि यह है कि जमानत जब्त कराई हुई है। इनके पिता ने रिकॉर्ड बनाया था, जमानत जब्त करने का। तोशाम हल्के के लोग बावले (नासमझ) नहीं हैं। काम तो कभी किया नहीं। कभी किसी के सुख-दुख में आए नहीं। अब चौधरी बंसीलाल व चौधरी सुरेद्र सिंह के फोटो लगाकर कहना कि मैं विरासत का मालिक हूं, यह तो बेकार की बात है। मैं हमेशा कहती आई हूं कि विरासत होती है काम की। ये किस मुंह से आ रहे हैं, जिन्होंने एक टोंटी (नल) तक नहीं लगाई। इनके पास जबरदस्त पैसा था, रणबीर महेंद्रा क्रिकेट बोर्ड का चेयरमैन था और अनिरुद्ध चौधरी कोषाध्यक्ष था। कहीं एक जगह पर भी एक स्टेडियम बनाया हो, इतना पैसा आता है क्रिकेट बोर्ड में। एक बच्चा खिलाया हो या क्रिकेटर बनाया हो। सवाल: इस चुनाव में भाजपा को लेकर आपको क्या उम्मीदें हैं। क्या वाकई एंटी इनकंबेंसी का नुकसान होगा? पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या मानती हैं?
किरण चौधरी: जो लोकसभा चुनाव था, उससे ज्यादा तो एंटी इनकंबेंसी नहीं हो सकती। उस समय देश में 240 सीटों पर भाजपा जीती और केंद्र में सरकार बनाई। हरियाणा में भी भाजपा एंटी इनकंबेंसी में 44 सीटों पर जीती। 42 पर कांग्रेस आई। अब तक इन्होंने जो टिकटें दी हैं, एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने के लिए सारे तैयार हो रहे हैं। सवाल: भूपेंद्र हुड्डा कह रहे हैं कि भाजपा जा रही है, कांग्रेस आ रही है, उनके दावे पर आप क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: ये चाहे कुछ भी कह लें, लेकिन सच्चाई यह है कि ये सेटिंग की राजनीति करते हैं। नीचे-नीचे ये भी हाथ मिलाकर चल रहे हैं, हम तो राजी हैं। सवाल: क्या भाजपा से हाथ मिलाया हुआ है?
किरण चौधरी: इनके सिर पर तलवार लटक रही है, इन्हें पता है। खाली हौव्वा बनाया हुआ है, ताकि वह बाहर रहें और जेल न जाए। सवाल: कुमारी सैलजा को लेकर अपशब्द कहे गए, उन्हें हुड्डा समर्थक बताया जा रहा है। आपकी पुरानी साथी रही हैं, उनकी कांग्रेस में स्थिति को लेकर क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: यह सुनकर बहुत दुख हुआ मुझे और बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इस तरह जातिसूचक शब्द उनके लिए अगर इस्तेमाल किए जा सकते हैं तो आम आदमी का क्या करेंगे। हरियाणा में इन्होंने किया क्या है। सारा पंचकूला से लेकर पूरा फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक-झज्जर-सोनीपत की सारी जमीन नाप ली। इनका कच्चा चिट्ठा अखबारों में आता है। इनके समय में रोहतक के अंदर जबरदस्त आगजनी हुई थी। 8 महीने तक इन बाप-बेटे को अंदर जाने नहीं दिया था। औरतों ने इनके घर के बाहर चूड़ियां तोड़ी थी, ये हालात इनके थे। इन्होंने हरियाणा में क्षेत्रवाद किया है। हमारे हक की जो नौकरियां थी और मैं लड़ाई लड़ती थी कि हमारे बच्चों को दे दे, लेकिन सारा कुछ रोहतक… रोहतक… रोहतक…। यह रोहतक से बाहर निकलकर तो राजी ही नहीं था। सवाल: आपकी भी काफी लंबी लड़ाई चली उनके साथ?
किरण चौधरी: मेरी कोई निजी लड़ाई नहीं थी। यह पौधा चौधरी बंसीलाल का लगाया हुआ है। चौधरी बंसीलाल जी के कारण ये आगे राजनीति में बढ़े, चौधरी सुरेंद्र सिंह के कारण बढ़े। अब उन्होंने सोचा की चौधरी बंसीलाल को पूरा खत्म ही कर दें। लेकिन मैं तो लड़ाई लड़ने वालों में से हूं। मैंने कभी घुटने टेके नहीं। ना मैने कभी सीएलयू करवाया और ना कुछ और करवाया। मैं क्यूं डरूं। मैने अपने हित की आवाज उठानी है, वह विधानसभा में भी उठाई और बाहर भी उठाई और उठाती रहूंगी। सवाल: कुमारी सैलजा के अनुसूचित जाति सीएम के दावे को भी नहीं माना, टिकट बंटवारे में भी नहीं चली? उनको कोई सलाह देना चाहेंगी?
किरण चौधरी: यह तो बाबू-बेटा पार्टी है। बाप बनेगा या बेटा बनेगा, आपस में भी लड़ाई हो रखी है। बनेगा कोई भी नहीं इन दोनों में से, पर आपस में 2 लड़ रहे हैं। सवाल: आप लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं, अब भाजपा में आ गई हैं। दोनों पार्टियों में आपको क्या अंतर दिखता है?
किरण चौधरी: मेरे को बड़ा सकून आया है। अच्छी व संगठित पार्टी है। मान-सम्मान दिया है। मेरे को सीधा राज्यसभा में भेज दिया। श्रुति यहां से चुनाव लड़ रही है, इससे ज्यादा क्या चाहिए। आने वाले समय में मैं और श्रुति दबाकर लोगों की बात उठाएंगे। सवाल: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने तो कहा कि किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता?
किरण चौधरी: फर्क पड़े या ना पड़े उसको, मैं एक बात जरूर बता दूं कि हमें भी कोई फर्क नहीं पड़ता इन बाबू-बेटे का। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें.. 1. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 2. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी हरियाणा में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई किरण चौधरी का दावा है कि भाजपा जाने और कांग्रेस आने को लेकर भूपेंद्र हुड्डा-दीपेंद्र हुड्डा ने हौव्वा बनाया है। असल में वह भी अंदरखाते सेटिंग करके चल रहे हैं ताकि जेल न जाना पड़े। कांग्रेस में तो CM बनने को लेकर बाप-बेटे ही आपस में लड़ रहे हैं। किरण चौधरी का ये भी कहना है कि जीवित रहते चौधरी बंसीलाल के खिलाफ खड़े होने वाले अनिरुद्ध चौधरी को तोशाम में उनकी बेटी श्रुति चौधरी के मुकाबले कोई फायदा नहीं मिलेगा। बंसीलाल की विरासत हमारी है। किरण ने कहा कि कुमारी सैलजा के कांग्रेस में अपमान से उन्हें दुख होता है। जिसने सैलजा के खिलाफ अपशब्द कहे, उसे कुछ कहा तक नहीं। हरियाणा चुनाव के बीच भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने दैनिक भास्कर से की विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: तोशाम सीट से आपकी बेटी चुनाव लड़ रही हैं, प्रचार कैसा चल रहा है, आपकी क्या उम्मीदें हैं?
किरण चौधरी: श्रुति तोशाम की बेटी और बहन है। सब इस बात को जानते हैं। श्रुति छोटी-सी थी, जब चौधरी बंसीलाल इसको उंगली पकड़कर सारे प्रोग्राम में लाते थे। उसके बाद पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह के साथ पूरे चुनाव प्रचार में आती थी। 20 साल से मेरा (किरण चौधरी) तो किया ही है, इसके अलावा खुद भी वह सांसद रही हैं। सांसद होने के नाते उसने इलाके के लिए बहुत काम किया है। सवाल: श्रुति के खिलाफ कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व CM बंसीलाल की विरासत का फायदा किसे मिलेगा और क्यों?किरण चौधरी: जब चौधरी बंसीलाल जी जिंदा थे, तब तक चौधरी बंसीलाल का नाम नहीं लिया और खिलाफत की। दोनों बापू और बेटा, सामने खड़े होते थे। सुरेंद्र सिंह जी के सामने खड़े होते थे। इन्होंने तो हमारे सामने इलेक्शन लड़े हुए हैं। इनकी उपलब्धि यह है कि जमानत जब्त कराई हुई है। इनके पिता ने रिकॉर्ड बनाया था, जमानत जब्त करने का। तोशाम हल्के के लोग बावले (नासमझ) नहीं हैं। काम तो कभी किया नहीं। कभी किसी के सुख-दुख में आए नहीं। अब चौधरी बंसीलाल व चौधरी सुरेद्र सिंह के फोटो लगाकर कहना कि मैं विरासत का मालिक हूं, यह तो बेकार की बात है। मैं हमेशा कहती आई हूं कि विरासत होती है काम की। ये किस मुंह से आ रहे हैं, जिन्होंने एक टोंटी (नल) तक नहीं लगाई। इनके पास जबरदस्त पैसा था, रणबीर महेंद्रा क्रिकेट बोर्ड का चेयरमैन था और अनिरुद्ध चौधरी कोषाध्यक्ष था। कहीं एक जगह पर भी एक स्टेडियम बनाया हो, इतना पैसा आता है क्रिकेट बोर्ड में। एक बच्चा खिलाया हो या क्रिकेटर बनाया हो। सवाल: इस चुनाव में भाजपा को लेकर आपको क्या उम्मीदें हैं। क्या वाकई एंटी इनकंबेंसी का नुकसान होगा? पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या मानती हैं?
किरण चौधरी: जो लोकसभा चुनाव था, उससे ज्यादा तो एंटी इनकंबेंसी नहीं हो सकती। उस समय देश में 240 सीटों पर भाजपा जीती और केंद्र में सरकार बनाई। हरियाणा में भी भाजपा एंटी इनकंबेंसी में 44 सीटों पर जीती। 42 पर कांग्रेस आई। अब तक इन्होंने जो टिकटें दी हैं, एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने के लिए सारे तैयार हो रहे हैं। सवाल: भूपेंद्र हुड्डा कह रहे हैं कि भाजपा जा रही है, कांग्रेस आ रही है, उनके दावे पर आप क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: ये चाहे कुछ भी कह लें, लेकिन सच्चाई यह है कि ये सेटिंग की राजनीति करते हैं। नीचे-नीचे ये भी हाथ मिलाकर चल रहे हैं, हम तो राजी हैं। सवाल: क्या भाजपा से हाथ मिलाया हुआ है?
किरण चौधरी: इनके सिर पर तलवार लटक रही है, इन्हें पता है। खाली हौव्वा बनाया हुआ है, ताकि वह बाहर रहें और जेल न जाए। सवाल: कुमारी सैलजा को लेकर अपशब्द कहे गए, उन्हें हुड्डा समर्थक बताया जा रहा है। आपकी पुरानी साथी रही हैं, उनकी कांग्रेस में स्थिति को लेकर क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: यह सुनकर बहुत दुख हुआ मुझे और बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इस तरह जातिसूचक शब्द उनके लिए अगर इस्तेमाल किए जा सकते हैं तो आम आदमी का क्या करेंगे। हरियाणा में इन्होंने किया क्या है। सारा पंचकूला से लेकर पूरा फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक-झज्जर-सोनीपत की सारी जमीन नाप ली। इनका कच्चा चिट्ठा अखबारों में आता है। इनके समय में रोहतक के अंदर जबरदस्त आगजनी हुई थी। 8 महीने तक इन बाप-बेटे को अंदर जाने नहीं दिया था। औरतों ने इनके घर के बाहर चूड़ियां तोड़ी थी, ये हालात इनके थे। इन्होंने हरियाणा में क्षेत्रवाद किया है। हमारे हक की जो नौकरियां थी और मैं लड़ाई लड़ती थी कि हमारे बच्चों को दे दे, लेकिन सारा कुछ रोहतक… रोहतक… रोहतक…। यह रोहतक से बाहर निकलकर तो राजी ही नहीं था। सवाल: आपकी भी काफी लंबी लड़ाई चली उनके साथ?
किरण चौधरी: मेरी कोई निजी लड़ाई नहीं थी। यह पौधा चौधरी बंसीलाल का लगाया हुआ है। चौधरी बंसीलाल जी के कारण ये आगे राजनीति में बढ़े, चौधरी सुरेंद्र सिंह के कारण बढ़े। अब उन्होंने सोचा की चौधरी बंसीलाल को पूरा खत्म ही कर दें। लेकिन मैं तो लड़ाई लड़ने वालों में से हूं। मैंने कभी घुटने टेके नहीं। ना मैने कभी सीएलयू करवाया और ना कुछ और करवाया। मैं क्यूं डरूं। मैने अपने हित की आवाज उठानी है, वह विधानसभा में भी उठाई और बाहर भी उठाई और उठाती रहूंगी। सवाल: कुमारी सैलजा के अनुसूचित जाति सीएम के दावे को भी नहीं माना, टिकट बंटवारे में भी नहीं चली? उनको कोई सलाह देना चाहेंगी?
किरण चौधरी: यह तो बाबू-बेटा पार्टी है। बाप बनेगा या बेटा बनेगा, आपस में भी लड़ाई हो रखी है। बनेगा कोई भी नहीं इन दोनों में से, पर आपस में 2 लड़ रहे हैं। सवाल: आप लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं, अब भाजपा में आ गई हैं। दोनों पार्टियों में आपको क्या अंतर दिखता है?
किरण चौधरी: मेरे को बड़ा सकून आया है। अच्छी व संगठित पार्टी है। मान-सम्मान दिया है। मेरे को सीधा राज्यसभा में भेज दिया। श्रुति यहां से चुनाव लड़ रही है, इससे ज्यादा क्या चाहिए। आने वाले समय में मैं और श्रुति दबाकर लोगों की बात उठाएंगे। सवाल: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने तो कहा कि किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता?
किरण चौधरी: फर्क पड़े या ना पड़े उसको, मैं एक बात जरूर बता दूं कि हमें भी कोई फर्क नहीं पड़ता इन बाबू-बेटे का। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें.. 1. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 2. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी हरियाणा | दैनिक भास्कर