किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर ऋषिकेश में चार वाहनों की आपस में टक्कर हो गई। हादसे में दो बच्चों सहित तीन लोग घायल हो गए। हादसा इतना भयानक था कि एक कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घायलों का इलाज एम्स में चल रहा है। घायलों की पहचान अयान(7), आयुष(9) और अनुज(39) निवासी जालंधर पंजाब के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक किरतपुर की ओर जा रहे एक ट्रक ने अचानक अपनी लेन बदल ली। इसके पीछे चल रही दो कारों के चालकों ने भी रफ्तार कम कर दी। लेकिन इन कारों के पीछे चल रहा ट्रक तेज रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रख सका। उसने कारों को टक्कर मार दी। इसके बाद दोनों कार आगे चल रहे ट्रक से जोर से टकरा गई। पंजाब नंबर की एक कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। उसमें सवार दो बच्चे और एक व्यक्ति घायल हो गए। इस कार में सवार एक अन्य महिला और दूसरी कार का चालक सुरक्षित बच गए। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर लगातार सड़क हादसे में हो रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले हुए फोरलेन हादसे में मध्य प्रदेश के व्यक्ति की मौत हो गई। कार पर भारी भरकम चट्टान गिर गई। उधर, डीएसपी मुख्यालय बिलासपुर मदन धीमान ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। घायलों को स्वास्थ्य संस्थान में उपचार मुहैया करवाया जा रहा है। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर ऋषिकेश में चार वाहनों की आपस में टक्कर हो गई। हादसे में दो बच्चों सहित तीन लोग घायल हो गए। हादसा इतना भयानक था कि एक कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घायलों का इलाज एम्स में चल रहा है। घायलों की पहचान अयान(7), आयुष(9) और अनुज(39) निवासी जालंधर पंजाब के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक किरतपुर की ओर जा रहे एक ट्रक ने अचानक अपनी लेन बदल ली। इसके पीछे चल रही दो कारों के चालकों ने भी रफ्तार कम कर दी। लेकिन इन कारों के पीछे चल रहा ट्रक तेज रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रख सका। उसने कारों को टक्कर मार दी। इसके बाद दोनों कार आगे चल रहे ट्रक से जोर से टकरा गई। पंजाब नंबर की एक कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। उसमें सवार दो बच्चे और एक व्यक्ति घायल हो गए। इस कार में सवार एक अन्य महिला और दूसरी कार का चालक सुरक्षित बच गए। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर लगातार सड़क हादसे में हो रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले हुए फोरलेन हादसे में मध्य प्रदेश के व्यक्ति की मौत हो गई। कार पर भारी भरकम चट्टान गिर गई। उधर, डीएसपी मुख्यालय बिलासपुर मदन धीमान ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। घायलों को स्वास्थ्य संस्थान में उपचार मुहैया करवाया जा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कंगना के संसदीय क्षेत्र में जान-जोखिम में डालकर सफर:उफनती खड्ड पार करने को बच्चे मजबूर: अर्से से पुल बनाने की मांग कर रहे ग्रामीण
कंगना के संसदीय क्षेत्र में जान-जोखिम में डालकर सफर:उफनती खड्ड पार करने को बच्चे मजबूर: अर्से से पुल बनाने की मांग कर रहे ग्रामीण हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के पधर में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते हुए नाले को पार कर रहे हैं। सांसद कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र पधर में दमेला-बटाहर-कुफरी सड़क पर दमेला खड्ड में पुल नहीं लगने की वजह से लोग परेशान है। स्थानीय लोग यहां अर्से से पुल लगाने की मांग कर रहे हैं। मगर गूंगे बहरे प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। दमेला खड्ड पर पुल नहीं लगने की वजह से आईटीआई और कालेज के बच्चे रोजाना इस उफनते नाले को इसी तरह जान जोखिम में डालकर पार करते है। यदि नाले में पानी का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है तो इन बच्चों को 15 किलोमीटर का सफर तय करके दूसरी सड़क से जाना पड़ता है। जब खड्ड में पानी कम होता है तो रोजाना इसी तरह खड्ड में उतरकर एक दूसरे के सहारे बच्चे और स्थानीय लोग खड्ड को पार करते हैं। ऐसे में खासकर छोटे बच्चों के साथ अनहोनी हो सकती है। दमेला पंचायत के बच्चे इसी खड्ड से होते हुए पधर आईटीआई, नारला कालेज के लिए जाते है। इसी तरह स्थानीय लोगों का भी अक्सर पधर आना जाना रहता है। दशकों से पुल लगाने की मांग कर रहे ग्रामीण भड़वाहण पंचायत के उप प्रधान दर्शन कटारिया, बालक राम, रांझू राम, चमन लाल, राम लाल और विजय कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से दमेला खड्ड में दशकों से मांग की जा रही है, लेकिन हर बार आश्वासन ही दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारी बारिश में यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनोट और स्थानीय विधायक से जल्द पुल लगाने का आग्रह किया है। पुल लगाने को टेंडर प्रक्रिया पूरी: SDO पीडब्ल्यूडी पधर के सहायक अभियंता (SDO) अंशुमन सोनी ने कहा कि दमेला खड्ड में पुल निर्माण को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसकी फाइनेंशियल विड भी खुल चुकी है। शीघ्र वर्क अवार्ड कर यहां पुल निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
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हिमाचल में डॉक्टरों की हड़ताल जारी:OPD में लग रही लंबी लाईनें, मरीज परेशान, कोलकाता रेप कांड पर भड़के हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल आज भी जारी है। इनकी हड़ताल का सेहत सेवाओं पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर घटना के विरोध में डॉक्टर काम पर लौटने को तैयार नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में सेवाएं देना बंद कर दिया है और केवल आपातकालीन सेवाएं ही दे रहे हैं। इससे मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ओपीडी में मरीजो को समय पर उपचार नहीं मिल रहा है। मरीजों को ओपीडी के बाहर उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों के रूटीन के ऑपरेशन भी प्रभावित हुए है। ओपीडी में 3-3 घण्टे बाद आ रहा नम्बर
मंडी जिला के सरकाघाट से उपचार को IGMC शिमला पहुंची हुसैन बेबी ने कहा कि सुबह 8:30 बजे हॉस्पिटल पहुंच गए है, लेकिन यहां बोला जा रहा है कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठेंगे। उन्हें लाइन में 2 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया। मेडिसिन ओपीडी में पहुंचे ठियोग से राम स्वरूप शर्मा ने बताया कि सुबह 9 बजे ले लाइन में खड़े हैं। 2 घंटे हो गए। अभी तक नंबर नहीं आया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीज परेशान है। सरकार को मरीजों की सुध लेनी चाहिए। शिमला के नेरी से आए राम सिंह ने कहा कि वो अपनी पत्नी को लेकर हॉस्पिटल आए हैं, लेकिन डॉक्टर हड़ताल पर है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। कंसल्टेंट डॉक्टर कर रहे इलाज
IGMC शिमला में राहत की बात यह है कि कंसल्टेंट ( सीनियर डॉक्टर) ड्यूटी पर हैं और रोजाना ओपीडी में मरीजों को देख रहे है। मगर इन पर भी बोझ अधिक बड़ गया है। प्रदेश के मेडिकल कालेज के अलावा दूसरे अस्पतालों में सेहत सेवाएं सुचारु रूप से चल रही है। IGMC शिमला के अलावा मेडिकल कॉलेज नेरचौक, नाहन, हमीरपुर, एम्स बिलासपुर और टांडा मेडिकल कालेज में भी हेल्थ सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। 9 अगस्त को मिली थी लाश
बता दें कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं। डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है।